अशुद्ध वाचन या उच्चारण के कारण / अशुद्ध उच्चारण दूर करने के उपाय

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अशुद्ध वाचन या उच्चारण के कारण / अशुद्ध उच्चारण दूर करने के उपाय

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अशुद्ध वाचन या उच्चारण के कारण / अशुद्ध उच्चारण दूर करने के उपाय


Ashuddh vachan ke karan / अशुद्ध उच्चारण दूर करने के उपाय

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अशुद्ध उच्चारण के कारण

अशुद्ध उच्चारण के निम्नलिखित कारण है-

1.क्षेत्रीय प्रभाव-अशुद्ध उच्चारण के कारण में क्षेत्रीय प्रभाव भी शामिल है। पंजाब में क,ख,ग,घ के बदले का,खा,गा एव घा का उच्चारण किया जाता है। बंगाल मे व के स्थान पर हर जगह ब का उच्चारण किया जाता है। गुजरात और मारवाड़ में ए, औ और न के बदले ए ओ,ण बोला जाता है। तमिल में ध के बदले त बोला जाता है।

2. अशद्ध उच्चारण वाले व्यक्तियों के साथ सम्पर्क –अशुद्ध उच्चारण वाले व्यक्तियों के सम्पर्क में आकर शुद्ध उच्चारण करने वाला व्यक्ति भी अनुकरण द्वारा अशुद्ध उच्चारण सीख जाता है और बड़ा होने पर, डिब्बे को डिब्बा ही कहता है।

3. भौगोलिक प्रभाव-अरब के निवासी दिन-रात धूप और लू से बचने के लिये सिर पर कपड़ा लपेटे रहते हैं। यहाँ गला कसा रहने के कारण ए और अऔ बोले जाने लगे हैं। अत: भौगोलिक प्रभाव से भी स्वर यन्त्र की बनावट में अन्तर आ जाता है।

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4. अक्षरों और मात्राओं का अस्पष्ट ज्ञान-जब बालकों को अक्षरों का शुद्ध ज्ञान नहीं कराया जाता तो उच्चारण में वे अशुद्धियाँ करते ही हैं।

5. शारीरिक विकार-जब शारीरिक विकार उच्चारण यन्त्र में पैदा हो जाते हैं तो उच्चारण को अशुद्ध बना देते हैं। ये विकार कण्ठ, तालु, होंठ, दाँत आदि में होते हैं।

6. मानसिक असन्तुलन-संकोच और भय के साथ बोलने से उच्चारण गलत हो जाता है और अति शीघ्र बोलने से भी उच्चारण में दोष आ जाता है।

वाचन में अशुद्ध उच्चारण को दूर करने के उपाय

अशुद्ध उच्चारण को दूर करने लिये निम्नलिखित उपायों का प्रयोग करना चाहिये-

1. शुद्ध बोलने के लिये उपकरणों का प्रयोग-उच्चारण शिक्षा में ग्रामोफोन,टेपरिकॉर्डर, रेडियो आदि का प्रयोग किया जाना चाहिये।

2. ध्वनि तत्त्व का ज्ञान देना-प्राथमिक कक्षा के शिक्षकों को छात्रों को यह बताना चाहिये कि कौन-सी ध्वनि कहाँ पैदा होती है? किस अक्षर के बोलने में जीभ, होंठ आदि की क्या स्थिति होती है? अक्षरों का उच्चारण उनके नियत स्थान में ही होना चाहिये।

3. शब्दोच्चारण की शिक्षा अलग से नहीं देनी चाहिये-शिक्षण के साथ-साथ ही यह प्रक्रिया चलनी चाहिये।

4.अक्षरोच्चारण के नियमों की यथा-समय जानकारी देना-अध्यापक द्वारा अक्षर उच्चारण की जानकारी यथा समय देना, अच्छे शिक्षण का प्रतीक है।



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