हिंदी में क्रिया – परिभाषा,उदाहरण | क्रिया के प्रकार || kriya in hindi

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हिंदी में क्रिया – परिभाषा,उदाहरण | क्रिया के प्रकार || kriya in hindi

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हिंदी में क्रिया – परिभाषा,उदाहरण | क्रिया के प्रकार || kriya in hindi

इस टॉपिक में हमने क्या क्या सम्मिलित किया है?

(1) पद किसे कहते हैं
(2) क्रिया की परिभाषा
(3) क्रिया के प्रकार
(4) मुख्य एवं सहायक क्रिया
(5) कर्म के आधार पर क्रिया के भेद
(6) प्रयोग या रचना के आधार पर क्रिया के भेद
(7) महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


पद किसे कहते है

शब्द जब वाक्य में स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होता है अर्थात जब वह वाक्य का अंग बन जाता है, तब उसे पद कहा जाता है। किंतु वाक्य के बाहर यह शब्द कहा जाता हैं।

जैसे – लड़का किताब पढ़ता है।

इस वाक्य में लड़का,किताब,पढ़ता,है ये सभी वाक्य के अंग बन गए है इन्ही से वाक्य बना है अतः यह सभी शब्द पद कहे जाएंगे।

पद के प्रकार | पद के प्रकार

पद के 5 प्रकार होते हैं –

(1) संज्ञा
(2) सर्वनाम
(3) क्रिया
(4) विशेषण
(5) अव्यय

अव्यय के अंतर्गत क्रिया विशेषण,संबंधबोधक अवयय,समुच्चयबोधक अव्यय,विस्मयादिबोधक अव्यय आदि आते हैं।

आज हम लोग पद के बारे में पढ़ेगे। जिसमे आज के आर्टिकल में क्रिया को विस्तर पूर्वक पढ़ेगे ।

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क्रिया किसे कहते हैं || क्रिया की परिभाषा || verb in hindi

यदि हम ‘माधुरी’ कहते हैं तो एक लड़की की छवि मानस में उभरती है।

और यदि हम कहें ‘माधुरी ने सुंदर नृत्य किया।’ तो माधुरी की नृत्य करने की क्रिया मन में चित्रित होती है।

इसी प्रकार यदि हम कहें- ‘आज खूब वर्षा हो रही है।’ इस वाक्य में वर्षा होने की क्रिया हमारे मानस में उभरेगी।

आइए, कुछ वाक्यों में क्रिया के रूप को पहचानें।

वंदना पढ़ रही है। वह पढ़कर खेलने जाएगी। खेलने के बाद वह पिता जी के साथ सैर करने जाएगी। खाना खाकर सो जाएगी।

उपर्युक्त वाक्यों में पढ़ रही है,पढ़कर खेलने जाएगी,सैर करने जाएगी,खाकर सो जाएगी। शब्द वंदना द्वारा की जाने वाली क्रियाओं का बोध करा रहे हैं, ये सब क्रिया शब्द हैं।

“अतः किसी कार्य के करने या होने का बोध कराने वाले शब्दों को ‘क्रिया’ कहते हैं।”

क्रिया वाक्य का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग होता है। वाक्य क्रिया के बिना अपूर्ण रहता है। यदि किसी वाक्य में क्रिया शब्द प्रत्यक्ष रूप से नहीं दिखाई देते, तो भी उनकी स्थिति अप्रत्यक्ष रूप से अवश्य रहती है।

आइये समझते हैं निम्न उदाहरण की सहायता से।


नेहा – तुम्हें यह चित्र कैसा लगा?
पायल – बहुत अच्छा!

उपर्युक्त वाक्यों में से प्रथम वाक्य में ‘लगा’ क्रिया प्रत्यक्ष है, किंतु दूसरे वाक्य ‘बहुत अच्छा’ में अप्रत्यक्ष है।

वास्तव में पूर्ण वाक्य इस प्रकार होगा –
“बहुत अच्छा लगा!

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मुख्य एवं सहायक क्रिया

वाक्यों में क्रिया शब्द कभी एक होता है और कभी एक से अधिक।

जैसे-

(क) माँ ने खाना बनाया।
(ख) माँ खाना बनाती है।
(ग) माँ खाना बना चुकी होगी।

उपर्युक्त वाक्यों में से प्रथम वाक्य में क्रिया केवल एक शब्द से व्यक्त हो रही है-‘बनाया’,

जबकि दूसरे और तीसरे वाक्यों में क्रिया शब्द क्रमश: दो तथा तीन हैं।

इन तीनों ही वाक्यों में मुख्य क्रिया ‘बनाना’ है जो कि अलग-अलग रूपों में है-‘बनाया’, ‘बनाती’ और ‘बना’।

दूसरे में सहायक क्रिया है- है तथा तीसरे वाक्य में है-‘चुकी होगी।

मुख्य क्रिया एवं सहायक क्रिया के उदाहरण

(क) बंदर पेड़ से कूद पड़ा।
मुख्य क्रिया – कूद
सहायक क्रिया – पड़ा

(ख) वह हमेशा समय पर जाता है।
मुख्य क्रिया – जाता
सहायक क्रिया – है

(ग) मोहित तुमसे मित्रता करना चाहता है।
मुख्य क्रिया – करना
सहायक क्रिया – चाहता है

(घ) संजय विदेश से आ गया है।
मुख्य क्रिया – आ
सहायक क्रिया – गया है

उपर्युक्त वाक्यों में सहायक क्रियाएँ मुख्य क्रिया की सहायता करने के लिए प्रयुक्त की गई हैं।

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क्रिया पदबंध किसे कहते हैं

जब क्रिया एक शब्द से अधिक शब्दों में होती है तब उसे क्रिया पदबंध कहते हैं।

धातु तथा क्रिया का सामान्य रूप

क्रिया के मूल रूप को धातु’ कहते हैं।

जैसे-आ, जा, लिख, पढ़, हँस, खेल, सो आदि।

धातु के साथ ‘ना’ जोड़ने से क्रिया का सामान्य रूप बनता है, जैसे-आना, जाना,लिखना, पढ़ना, हँसना, खेलना, सोना आदि।

क्रिया के प्रकार || क्रिया के भेद

(1) कर्म के आधार पर क्रिया के भेद

(i) सकर्मक क्रिया
(ii) अकर्मक क्रिया

(2) प्रयोग /रचना  के आधार पर क्रिया के भेद

(i) सामान्य क्रिया
(ii) संयुक्त क्रिया
(iii) नाम धातु क्रिया
(iv) प्रेरणार्थक क्रिया
(v) पूर्वकालिक क्रिया

(3) काल के आधार पर क्रिया के भेद

(i) वर्तमान क्रिया
(ii) भूत क्रिया
(iii) भविष्य क्रिया

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कर्म के आधार पर क्रिया के भेद

अकर्मक क्रिया

अकर्मक अर्थात्- ‘कर्म-रहित’।

जिस वाक्य में क्रिया का फल अलग न होकर कर्ता में ही निहित रहता है, वह क्रिया अकर्मक’ क्रिया होती है।

आइये जानते हैं अकर्मक क्रिया के उदाहरण

(क) पक्षी चहचहा रहे हैं।
(ख) तेज़ हवा चल रही हैं।
(ग) सूर्य पूर्व में उदित होता है।

उपर्युक्त सभी वाक्यों में क्रियाओं के कर्ता तो हैं, किंतु कर्म नहीं हैं, अत: ये सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं।

आप ‘कारक’ अध्याय में जान चुके हैं कि क्रिया को करने वाला ‘कर्ता’ होता है तथा जिस शब्द पर क्रिया का फल पड़े, वह ‘कर्म’ होता है। इन वाक्यों में पक्षी, हवा तथा सूर्य कर्ता हैं।

अकर्मक क्रियाएं कौन कौन होती हैं || अकर्मक क्रियाओं के नाम

जागना, सोना, रोना, हँसना, जीना, मरना, चलना,
बढ़ना, घटना, उठना, बैठना, भागना, ठहरना, लड़ना, खेलना,दौड़ना,उछलना,कूदना,अकड़ना,आदि।

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सकर्मक क्रिया

जिस वाक्य में क्रिया का फल कर्ता पर नहीं, कर्म पर पड़ता है, उस वाक्य की क्रिया ‘सकर्मक’ होती हैं।

आइये जानते है सकर्मक क्रिया के उदाहरण

(क) पक्षी फूल खा रहे हैं।
(ख) मैंने पुस्तक पढ़ी।
(ग) बिल्ली ने दूध पी लिया।

पहले वाक्य में ‘खा रहे हैं’ क्रिया का फल फल पर, दूसरे वाक्य में ‘पढ़ी’ क्रिया का फल पुस्तक पर तथा तीसरे वाक्य में ‘पी लिया’ क्रिया का फल दूध पर पड़ रहा है, इसलिए ये क्रियाएँ सकर्मक हैं।

सकर्मक क्रियाओं के दो रूप होते हैं :–

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एककर्मक

जिस सकर्मक क्रिया में एक ही कर्म होता है वो एककर्मक क्रिया होती है।

जैसे –

(क) मैं किताब पढ़ता हूँ। (एक कर्म – किताब)
(ख) वह बाजार जाता है। (एक कर्म – बाजार)
(ग) महेश मिठाई खाता है। (एक कर्म – मिठाई)

द्विकर्मक

जिस सकर्मक क्रिया में दो कर्म होते हैं वो द्विकर्मक क्रिया होती है।

जैसे –

(क) शर्माजी हमें हिंदी पढ़ाते हैं। (दो कर्म – हमें,हिंदी )
(ख) मैंने श्याम को पुस्तक दी। (दो कर्म – श्याम ,पुस्तक )
(ग) सीता ने राधा को रुपये दिए। (दो कर्म – राधा,रुपये )

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सकर्मक क्रिया की पहचान | सकर्मक और अकर्मक क्रिया पहचानने का तरीका | अकर्मक क्रिया कैसे पहचाने || अकर्मक और सकर्मक क्रिया जानने की ट्रिक

यह क्रिया का भेत ज्ञात करने का सरल तरीका है।

क्रिया के साथ ‘क्या’ या ‘किसे’ लगाकर प्रश्न पूछें। यदि वाक्य में उत्तर कोई अन्य शब्द मिले,कर्म न मिले, तो किया अकर्मक’ है।और यदि कर्म मिले, तो क्रिया सकर्मक है।

आइये सकर्मक और अकर्मक क्रिया जानने की ट्रिक के उदाहरण से समझे ।


(क) पक्षी चहचहा रहे हैं।

इस वाक्य में क्रिया ‘चहचहा रहे हैं’ के साथ ‘क्या’ लगाने से
उत्तर में क्रिया का कर्ता ही आ रहा है, कोई अन्य शब्द नहीं। इसी प्रकार ‘किसे’ का उत्तर भी प्राप्त नहीं हो रहा है। इसलिए यह वाक्य अकर्मक है।

(ख) पक्षी फल खा रहे हैं।

इस वाक्य में क्रिया ‘खा रहे हैं’ के साथ ‘क्या’ लगाने से उत्तर
प्राप्त हो रहा है-‘फल’, जो कि क्रिया का कर्म है। इसलिए यह वाक्य सकर्मक है।

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प्रयोग /रचना के आधार पर क्रिया के भेद

सामान्य क्रिया

जहां केवल एक क्रिया का प्रयोग होता है वह सामान्य क्रिया कहलाती है।

सामान्य क्रिया के उदाहरण

(क) आप आये।
(ख) वह नहाया।
(ग) तुम गए।


संयुक्त क्रिया

किसी वाक्य में जब एक से अधिक क्रिया पद होते हैं, तब वह ‘संयुक्त क्रिया होती है। ऐसे वाक्यों में दो या दो से अधिक क्रियाएँ मिलकर पूर्ण क्रिया बनाती हैं।

आइये जानते है संयुक्त क्रिया के उदाहरण

(क) वह घर आता रहता है। (आता,रहता है)
(ख) उसने काम कर लिया। (कर,लिया)
(ग) उसे जाना पड़ा।(जाना,पड़ा)

तीनों वाक्यों में दो या अधिक क्रियाएँ हैं।


नामधातु क्रिया

जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि जब कोई ‘नाम’ अर्थात संज्ञा क्रिया अर्थात् ‘धातु’ बन जाए तो वह ‘नामधातु क्रिया’ होती है।

अथवा

संज्ञा सर्वनाम अथवा विशेषण शब्दों से बनी क्रियाएं नामधातु क्रिया कहलाती है।

आइये जानते हैं नामधातु क्रिया के उदाहरण

‘हाथ’ एक संज्ञा शब्द है, इससे यदि क्रिया बनाएँ तो वह होगी- हथियाना।

इसीप्रकार अपना एक सर्वनाम है इससे क्रिया बनाये तो वह होगी – अपनाना।

इसीप्रकार चिकना एक विशेषण है इससे क्रिया बनाये तो वह होगी – चिकनाना।

नामधातु क्रिया के उदाहरण

(क) राम महेश से पैसे हथियाता है।
(ख) कुम्हार घड़े को चिकनता है।
(ग) वह उससे बतियाता है।
(घ) शिवानी ने सुधीर को जोर से फटकारा।

नामधातु क्रिया की रचना | नामधातु क्रिया बनाना | संज्ञा,सर्वनाम,विशेषण से नामधातु क्रिया बनाना

संज्ञा से नामधातु बनाना

रंग से रंगना हाथ से हथियाना शर्म से शर्माना

फ़िल्म से फिल्माना टक्कर से टकराना बात से बतियाना

झूठ से झुठलाना लज्जा से लजाना

सर्वनाम से नामधातु क्रिया बनाना

अपना से अपनाना

विशेषण से नामधातु क्रिया बनाना


गरम से गरमाना चमक से चमकाना

चिकना से चिकनाना लालच से ललचाना

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तोतला से तुतलाना लंगड़ा से लंगड़ाना

अनुकरणवाची शब्दों से नामधातु क्रिया बनाना

गड़ – गड़ से गड़गड़ाना बड़ – बड़ से बड़बड़ाना

थप – थप से थपथपाना खट – खट से खटखटाना

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पूर्वकालिक क्रिया एवं समापिका क्रिया

जब किसी वाक्य में आने वाली दो क्रियाओं में से एक पहले तथा दूसरी बाद में संपन्न हो तो पहले हो जाने वाली क्रिया ‘पूर्वकालिक’ होती है
तथा जिससे वाक्य समाप्त हो, वह ‘समापिका’ क्रिया होती है।

जानते है पूर्वकालिक क्रिया के उदाहरण

(क) उसने सोचकर जवाब दिया।

पूर्वकालिक क्रिया – सोचकर
समापिका क्रिया – जवाब दिया

(ख) दवा खाते ही दर्द कम हो गया।

पूर्वकालिक क्रिया – खाते ही
समापिका क्रिया – कम हो गया

(ग) मेरे चढ़ते ही गाड़ी चल पड़ी।

पूर्वकालिक क्रिया – चढ़ते ही
समापिका क्रिया – चल पड़ी

मूल धातु पूर्वकालिक क्रिया
पढ़ पढ़कर
गागाकर
लिखलिखकर
उठउठकर
नाचनाचकर
सुनसुनकर
पूर्वकालिक क्रिया की लिस्ट

प्रेरणार्थक क्रिया

जब कर्ता स्वयं क्रिया न करके किसी दूसरे से करवाए या करने को प्रेरित करे तो उस क्रिया को ‘प्रेरणार्थक क्रिया’ कहते हैं।

आइये जानते है प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण

(क) अध्यापिका बच्चों से पढवाती है।

इस वाक्य में अध्यापिका (कर्ता) स्वयं पढ़ने के स्थान पर
पढ़ने की क्रिया बच्चों से करवा रही है। इसलिए यह क्रिया प्रेरणार्थक है।

(ख) माँ बच्चे को सुलवाती है।
(ग) सास बहू से काम करवाती है।
(घ) गुरु जी हमसे यौगिक क्रियाएँ करवाते हैं।
(ङ) मेरे मित्र ने मुझे पुस्तक दिलवा दी।

इन वाक्यों के कर्ता (माँ, सास, गुरु जी, मित्र) स्वयं क्रियाएँ न करके किसी और से करवा रहे हैं, अत: ये प्रेरणार्थक क्रियाएँ हैं।

प्रेरणार्थक क्रिया दो प्रकार की होती है :-

(1) प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया (2) द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया

प्रेरणार्थक क्रिया की रचना | प्रेरणार्थक क्रिया बनाना

क्रियाप्रथम प्रेरणार्थक क्रियाद्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया
हँसनाहँसानाहँसवाना
चलनाचलानाचलवाना
करनाकरानाकरवाना
पढ़नापढ़ानापढ़वाना
रोनारुलानारुलवाना
डरनाडरानाडरवाना
पीनापिलानापिलवाना
खानाखिलानाखिलावाना
बननाबनानाबनवाना
प्रेरणार्थक क्रिया की टेबल,प्रेरणार्थक क्रिया की लिस्ट

हिंदी में क्रिया – परिभाषा,उदाहरण | क्रिया के प्रकार || kriya in hindi से जुड़े परीक्षा उपयोगी प्रश्न

प्रश्न-1- क्रिया के मूल रूप को क्या कहते हैं?
उत्तर- धातु

प्रश्न-2- कर्म के आधार पर क्रिया के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर- 2

प्रश्न-3- प्रयोग या रचना के आधार पर क्रिया के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर- 5

प्रश्न-4- काल के आधार पर क्रिया के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर- 3

प्रश्न-5-  वह मुझसे काम करवाता है में कौन सी क्रिया है?
उत्तर- करवाता (प्रेरणार्थक क्रिया)


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