पर्यावरण अध्ययन की शिक्षण सामग्री | CTET ENVIRONMENT PEDAGOGY

दोस्तों अगर आप CTET परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो CTET में 50% प्रश्न तो सम्मिलित विषय के शिक्षणशास्त्र से ही पूछे जाते हैं। आज हमारी वेबसाइट hindiamrit.com आपके लिए पर्यावरण विषय के शिक्षणशास्त्र से सम्बंधित प्रमुख टॉपिक की श्रृंखला लेकर आई है। हमारा आज का टॉपिक पर्यावरण अध्ययन की शिक्षण सामग्री | CTET ENVIRONMENT PEDAGOGY है।

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पर्यावरण अध्ययन की शिक्षण सामग्री | CTET ENVIRONMENT PEDAGOGY

पर्यावरण अध्ययन की शिक्षण सामग्री | CTET ENVIRONMENT PEDAGOGY
पर्यावरण अध्ययन की शिक्षण सामग्री | CTET ENVIRONMENT PEDAGOGY

CTET ENVIRONMENT PEDAGOGY

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पर्यावरण शिक्षण सहायक सामग्री क्या होती है?

शिक्षा का मुख्य उद्देश्य बालकों को अधिगम (सीखाना) होता है ।अधिगम की प्रक्रिया में शिक्षक विविध एवं विभिन्न शिक्षण के सिद्धान्त, शिक्षण पद्धतियों एवं विधियों द्वारा अधिगम कराता है। इस कार्य हेतु शिक्षण सहायक सामग्री अत्यन्त उपयोगी होती हैं। अतः हम कह सकते हैं कि शिक्षण सहायक सामग्री शिक्षण का वह साधन है, जिससे शिक्षार्थियों को किसी विषय का अधिगम कराना बहुत आसान हो जाता है।

पर्यावरण में शिक्षण सहायक सामग्री का महत्व

शिक्षण सहायक सामग्री के महत्व निम्नलिखित हैं:
(1) ये ज्ञान को प्रभावशाली बनाती हैं।
(2) इनके उपयोग से कक्षा की नीरसता खत्म हो जाती है।
(3) इनके उपयोग से जटिल और सूक्ष्म ज्ञान को सरलता से समझा जा सकता है।
(4) इससे शिक्षार्थी अधिगम की प्रक्रिया में सक्रिय रहते हैं।
(5) इनके उपयोग से शिक्षार्थियों को अनुभव प्राप्त होता है जो ज्ञान को स्थाई बनाने में मदद करता है।
(6) इससे शिक्षार्थियों की ज्ञानेन्द्रियों का विकास होता है।
(7) इससे शिक्षार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
(8) इससे शिक्षार्थियों में स्वयं कार्य करने एवं आत्म-निर्भर बनने की क्षमता का विकास होता है।
(9) ये शिक्षार्थियों में उत्सुकता उत्पन्न करती हैं।

पर्यावरण शिक्षण सहायक सामग्री के प्रकार

शिक्षण सहायक सामग्री मुख्य रूप से निम्न चार प्रकार की होती है-
1. दृश्य सामग्री
2. श्रव्य सामग्री
3. दृश्य-श्रव्य सामग्री
4. क्रिया-सहायक सामग्री

(1) दृश्य सामग्री

इस सामग्री द्वारा आँखों से देखकर वस्तु के वास्तविक गुणों की पहचान की जाती है। दृश्य सामग्री के अन्तर्गत निम्न सामग्रियाँ आती हैं:

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(i) श्याम पट्ट/बोर्ड
• बोर्ड पर लिखी गई चीजों को बच्चा ध्यान से अवलोकन करता है।
• इस से विषय-वस्तु को स्पष्ट किया जा सकता है।

(ii) चित्र
• इस से बच्चे को किसी चीज के वास्तविक रूप, आकार का पता चलता है।
•छात्रों के ज्ञान को स्थाई बनाने में मदद करते हैं।
• छात्रों की कल्पना शक्ति का विकास करने में मदद करते हैं।

(iii) चार्ट, ग्राफ
• इस के द्वारा बच्चा तुलनात्मक अध्ययन करना सीखाता है।
◆ अनेक नियमों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जा सकता है।
• तथ्यों को आसानी से और जल्दी से याद किया जा सकता है।

(iv) पत्र-पत्रिकाएँ/समाचार-पत्र
• ये विभिन्न विषयों का ज्ञान कराने में मदद करती है।
• इनसे बच्चों को विभिन्न प्रकार के ज्वलंत मुद्दों का ज्ञान होता है।

(v) मैप / नक्शा
इससे बच्चे में स्थान दूरी और दिशाओं की स्थिति को समझने की योग्यता विकसित होती है।
इससे बच्चा विभिन्न संकेतों का उपयोग करना सीखता है और अपने परिवेश की आस पास की स्थितियों के सापेक्ष स्थिति का ज्ञान अर्जित करता है।

(vi) मॉडल/प्रदर्शन
मॉडल किसी वस्तु का प्रतिरूप होता है।
यह किसी वस्तु के वास्तविक रूप, आकार आदि को प्रस्तुत करता है जिससे बच्चे का ज्ञान स्थाई हो जाता है।
जैसे-ग्लोब के द्वारा पृथ्वी के वास्तविक रूप, आकार को समझा जा सकता है।

(vii) स्लाइड/फिल्म

● इनके द्वारा किसी वस्तु को हू-ब-हू दिखाया जा सकता है।
● इनके द्वारा उन वस्तुओं को दिखाया जा सकता है जिन्हें हम प्रत्यक्ष रूप में नहीं देख सकते हैं।
विभिन्न प्रकार के जानवर, उनका परिवेश, ईंधनों के प्रकार, वनों के प्रकार, भूकंप या ज्वालामुखी से हुई हानि आदि को दिखाया जा सकता है।

(viii) टिकट/समय सारणी (टाइम टेबल)

• इस से बच्चों को वास्तविक जानकारी मिलती है।
● इससे बच्चों में अवलोकन कौशल का विकास होता है।
• इससे सैद्धांतिक तथ्यों को व्यावहारिक रूप से समझाया जा सकता है।

(2) श्रव्य सामग्री

• इन सामग्रियों के द्वारा कानों से सूचना ग्रहण की जाती है।
◆ इस से बच्चा कहीं भी बैठा-बैठा ज्ञान प्राप्त कर सकता है।
• इस सामग्री के उदाहरण हैं-रेडियो, ग्रामोफान, टेप रिकॉर्डर आदि।

(3) दृश्य-श्रव्य सामग्री

इन सामग्रियों से बच्चे की अधिकतम इन्द्रियों का उपयोग होता है और बेहतर ज्ञान हासिल करने के लिए सभी इन्द्रियों का उपयोग आवश्यक है।
ये सामग्रियाँ बहु-आयामी बुद्धि आधारित कक्षा के लिए अत्यन्त उपयोगी होती हैं।
• इनके उपयोग से किसी भी विषय-वस्तु को रोचक, सरल एवं बोध-गम्य बनाया जा सकता है।
◆ इस से बच्चों का मनोरंजन भी होता है और ज्ञान स्थाई बन जाता है।
• उदाहरण: टेलीविजन, फिल्म प्रोजेक्टर आदि।

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क्रिया-सहायक सामग्री

• इस के द्वारा प्राप्त ज्ञान वास्तविक होता है।
◆ इनके द्वारा नई-नई चीजों का अध्ययन किया जाता है।
• इससे बालकों को व्यक्तिगत अनुभव की प्राप्ति होती है।

उदाहरण – किसी ऐतिहासिक स्थान का भ्रमण, किसी संग्रहालय का भ्रमण, किसी उद्यान का भ्रमण

उपरोक्त सामग्रियों के अलावा बच्चा अपने परिवार और समुदाय से भी सीख सकता है। समाज में किस-किस तरह के परिवर्तन हुए हैं या पुराने समय में यातायात के क्या साधन थे या घरों में खाने-पीने चीजों को कैसे सुरक्षित रखा जाता है या पहले मकान/घर किन-किन चीजों से बनते थे आदि के विषय में बालक अपने परिवार/समुदाय से जानकारी हासिल कर सकता है। इससे प्राप्त जानकारी स्थाई होती है।

महत्वपूर्ण प्रश्न (खुद को जांचिए )

1. निम्न में से शिक्षण सहायक सामग्री का कौन सा महत्व नहीं है ?
(a) इनके उपयोग से जटिल और सूक्ष्म ज्ञान को सरलता से समझा जा सकता है।
(b) इनके उपयोग से विद्यार्थी अधिगम की प्रक्रिया में सक्रिय रहते हैं।
(c) इससे शिक्षार्थियों केवल श्रवण एवं अवलोकन कौशलों का विकास होता है।
(d) इससे शिक्षार्थियों को व्यक्तिगत अनुभव की प्राप्ति होती है।

2. निम्न में से कौन दृश्य सामग्री नहीं है?
(a) चार्ट
(b) ग्राम
(c) नक्शा
(d) समाचार-पत्र

3. प्रदर्शन की सहायता से शिक्षार्थियों को महत्वपूर्ण अधिगम अनुभव की प्राप्ति होती है। इससे उनमें ……. का विकास होता है:
(a) बुद्धि का
(b) निरीक्षण शक्ति का
(c) क्षमता का
(d) उपरोक्त सभी

4. ग्लोब पृथ्वी का प्रतिरूप है, इसका उपयोग किया जाता है:
(a) पृथ्वी पर जल और थल को दिखाने के लिए
(b) विश्व में अपना शहर ढूँढ़ने के लिए
(c) पृथ्वी के वास्तविक रूप और आकार समझाने के लिए
(d) उपरोक्त सभी के लिए

5. पर्यावरण अध्ययन की कक्षा IV के विद्यार्थियों को उद्यान भ्रमण पर ले जाया गया। इस भ्रमण का उद्देश्य होना चाहिए:
(a) उद्यान में खूल खेलें
(b) प्राकृतिक वातावरण का मजा लें
(c) स्कूल की दिनचर्या से छुट्टी मिले
(d) उद्यान में मौजूद वस्तओं, फूल पौधों आदि का अवलोकन करें एवं आपस में उन पर चर्चा

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6. चित्र –
(a) विषय-वस्तु को पढ़ाने में सहायक होते हैं।
(b) चित्र लिखित बातों को प्रतिबिंबित करते हैं।
(c) शिक्षार्थियों को चुनौतीपूर्ण रूप से सीखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
(d) उपरोक्त सभी

7. पर्यावरण अध्ययन की कक्षा में एक शिक्षक चित्र, मानचित्र, ग्राफ, मॉडल आदि का प्रयोग करता है। ये ……….शिक्षण सहायक सामग्री हैं:
(a) श्यामपट्ट
(b) दृश्य
(c) श्रव्य-दृश्य
(d) क्रियात्मक

8. पर्यावरण अध्ययन की एक शिक्षिका अपने शिक्षार्थियों को आगरा का ताजमहल दिखाने ले गई। इस भ्रमण हेतु उसका उद्देश्य होगा:
(a) ताजमहल के इतिहास की जानकारी प्राप्त करना
(b) ताजमहल की खूबसूरती का अवलोकन करना
(c) ताजमहल में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों का आनन्द लेना
(d) ताजमहल की अन्य ऐतिहासिक इमारतों से तुलना करने की क्षमता का विकास करना

9. पर्यावरण अध्यययन की कक्षा में रेलवे समय-सारणी (टाइम-टेबल) को बताने के पीछे उद्देश्य है:
(a) सैद्धांतिक तथ्यों को व्यवहारिक रूप से समझाना
(b) देश के विभिन्न भागों के विषय में जानकारी देना
(c) रास्ते में आने वाले विभिन्न स्टेशनों के विषय में जानकारी देना
(d) उपरोक्त सभी

10. मानचित्र से बच्चों में स्थान, दूरी और दिशाओं की सापेक्ष स्थिति को समझने की योग्यता विकसित होती है। मानचित्र की कला समझाने में बच्चों को सर्वप्रथम किस बात का ज्ञान करना चाहिए?

(a) दूरी
(b) दिशा
(c) रंग
(d) प्रतीक

उत्तरमाला – 1. (c)     2.(b)    3. (d)    4. (c)        5. (d) 6. (d)         7. (b)     8. (d)          9. (a)       10. (b)

                              ◆◆◆ निवेदन ◆◆◆

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