पर्यावरण शिक्षण के उपागम (NCF 2005 के अनुसार) / पर्यावरण के पांच E | CTET ENVIRONMENT PEDAGOGY

दोस्तों अगर आप CTET परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो CTET में 50% प्रश्न तो सम्मिलित विषय के शिक्षणशास्त्र से ही पूछे जाते हैं। आज हमारी वेबसाइट hindiamrit.com आपके लिए पर्यावरण विषय के शिक्षणशास्त्र से सम्बंधित प्रमुख टॉपिक की श्रृंखला लेकर आई है। हमारा आज का टॉपिक पर्यावरण शिक्षण के उपागम (NCF 2005 के अनुसार) / पर्यावरण के पांच E | CTET ENVIRONMENT PEDAGOGY है।

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पर्यावरण शिक्षण के उपागम (NCF 2005 के अनुसार) / पर्यावरण के पांच E | CTET ENVIRONMENT PEDAGOGY

पर्यावरण शिक्षण के उपागम (NCF 2005 के अनुसार) / पर्यावरण के पांच E | CTET ENVIRONMENT PEDAGOGY
पर्यावरण शिक्षण के उपागम (NCF 2005 के अनुसार) / पर्यावरण के पांच E | CTET ENVIRONMENT PEDAGOGY

CTET ENVIRONMENT PEDAGOGY | पर्यावरण शिक्षण के उपागम (NCF 2005 के अनुसार) / पर्यावरण के पांच E |

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पर्यावरण शिक्षण के उपागम (NCF 2005 के अनुसार)

एन.सी.एफ.-2005 कक्षा एक और दो के लिए पर्यावरण अध्ययन विषय की सिफारिश नहीं करता है। इसलिए इस स्तर पर पर्यावरण अध्ययन की कोई पुस्तक नहीं है। परन्तु पर्यावरण अध्ययन से जुड़े मुद्दों को भाषा और गणित के माध्यम से बताए जाने की बात कहता है। इस स्तर पर औपचारिक मूल्यांकन नहीं होता है। शिक्षक को बच्चे का अवलोकन करते हुए ही मूल्यांकन करना चाहिए और इसे बच्चे के अभिभावक को भी बताना चाहिए। बच्चे के प्रगति कार्ड पर सामान्य अवलोकन से मालूम हुई उसकी अभिरुचि, क्षमता, कुशलता,स्वास्थ्य की स्थिति आदि की सूचना होनी चाहिए । कक्षा तीन से पाँच तक के सार का मूल्यांकन होना चाहिए परन्तु यह सतत मूल्यांकन आधारित होना चाहिए। इस स्तर पर निम्नलिखित अधिगम के आयामों का मूल्यांकन होना चाहिए :-

(i) भाषा की समझ
(ii) पढ़ने की क्षमता
(iii) अभिव्यक्ति की क्षमता
(iv) खुद अपने हाथों से करने से लेकर समूह में काम करने की कुशलता
(v) अवलोकन, वर्गीकरण, ड्राइंग आदि करने के कौशल

प्राथमिक शिक्षा की पूरी अवधि में किसी भी तरह की औपचारिक सावधि जाँच-परीक्षा नहीं होनी चाहिए। साथ ही अंक या ग्रेड देने, पास या फेल करने की किसी भी तरह की पहलकदमी नहीं होनी चाहिए। इस स्तर पर मेरिट कायम करने से बचना चाहिए। शिक्षक को लगातार मूल्यांकन करते रहन चाहिए, वह भी दिये गए दिशा-निर्देशों के अनुसार ही यानी बच्चे के व्यक्तित्व के विभिन्न पक्षों को जानने के लिए ही मूल्यांकन होना चाहिए।

इस स्तर के बच्चों के आकलन के लिए एन.सी.एफ.-2005 ने निम्नलिखित संकेतकों की सिफारिश की है:

1. अवलोकन और रिपोर्ट करना

इस संकेतक के द्वारा बच्चों के किसी चीज का वर्णन करना, चित्र बनाना, चित्र देखकर बताना, तालिका के द्वारा बताना/निष्कर्ष निकालना और नक्शे बनाना आदि कौशलों का आकलन होता है।
जैसे –
वस्तुओं के नाम बताना
नक्शे पर राज्यों को बताना
पत्तियों के चित्र बना, रंगोली बनाना
पोस्टरों को पढ़ना और वर्णन करना
अपने पड़ोस में जल के स्रोतों पर सर्वे करना
किसी बीज की अंकुरण की प्रक्रिया को देखना

2. चर्चा करना

इस संकेतक के द्वारा सुनना, बोलना, अपनी राय देना, दूसरों की राय पूछना जैसे कौशलों का आकलन होता है।
जैसे:-
प्रदूषण के कारकों पर चर्चा करना
भोजन की बर्बादी पर चर्चा करना
कचरा निपटारे पर चर्चा
अनुभवों के ऊपर चर्चा करना जैसे किसी जगह की यात्रा पर

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3. अभिव्यक्ति

इस संकेतक के द्वारा बच्चे के द्वारा बनाये गए चित्र द्वारा, उसके हाव-भाव से, उसके सृजनात्मक लेखन से या हाथों के द्वारा बनाई गई चीजों का आकलन होता है।
जैसे:-
अगर मैं पक्षी की तरह उड़ सकता।
जानवरों, बुजुगों आदि का आदर कैसे किया जाये ?
जल की कमी को कैसे पूरा किया जाये?

4. व्याख्या

इस संकेतक में बच्चा तर्क देता है और तर्क के आधार पर चीजों में संबंध जोड़ता है।
जैसे :–
जल को स्वच्छ करने के साधन
दो दिन की ट्रेन यात्रा के लिए कितने भोजन की आवश्यकता होगी?
अगर झुग्गियाँ उजड़ जायेंगी तो वहाँ के लोग कहाँ जायेंगे या झुग्गियों को क्यों उजाड़ दिया जाता है?
गर्मियों में भोजन सर्दियों की अपेक्षा ज्यादा खराब क्यों होता है?

5. वर्गीकरण

इस संकेतक के द्वारा बच्चों को एक विशेष समूह में चीजों के रखने एवं चीजों में तुलना (समानता और असमानता) प्रकट करने के कौशलों का आकलन होता है।
जैसे:-
गंध के आधार पर चीजों को अलग करना
चोंच या पंजों के आधार पर पक्षियों को समूह (वर्ग) में रखना
भोजन पकाने के विभिन्न तरीकों में तुलना करना
यातायात के विविध साधनों में तुलना करना

6. प्रश्न करना

इस से बच्चों की जिज्ञासा, समालोचनात्मक चिंतन और अच्छे प्रश्न बनाने के कौशलों का आकलन होता है।
जैसे:-
एक नवजात शिशु (छः महीने तक) सिर्फ दूध ही क्यों पीता है?
कौन-से फूल एक मिट्टी में अच्छी तरह से उगेगें ?
अगर ज्यादा बारिश होगी तो क्या होगा?

7. विश्लेषण

इस संकेतक के द्वारा बच्चे के पूर्वानुमान लगाना, परिकल्पना करना और निष्कर्ष निकालना जैसे कौशलों का आकलन होता है।
जैसे :–
राजाओं ने किले क्यों बनवाये?
अलग-अलग ऋतुओं में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं?
दालें पकाने से पहले दाल भिगोई क्यों जाती हैं?
अलग-अलग आकार के बर्तनों में पानी कम आयेगा या ज्यादा?

8. प्रयोग करना

इसमें बच्चा वस्तुओं का जुगाड़ कैसे करता है और प्रयोग कैसे करता है, का आकलन होता है।
जैसे :–
खाली माचिस की डिब्बियों से खिलौना रेल बनाना
जिंग साँ बनाना
पानी में कौन-सी चीज घुलती है और कौन-सी नहीं?
पानी में कौन-सी चीज तैरती है और कौन-सी नहीं?

9. न्याय और समानता के प्रति सरोकार

इस संकेतक से बच्चे के विविध, विभिन्न और वंचित लोगों के प्रति संवेदनशीलता का पता चलता है।
जैसे:-
चीजों का पुनरुपयोग करना
बचे हुए भोजन को जमीन पर नहीं फेंकना
लैंगिक और वर्ग विभेदता प्रति संवेदनशीलता दिखाना

10. सहभागिता

इससे बच्चे के जिम्मेदारी लेने, पहल करने और सहयोग जैसे कौशलों का आकलन होता है।
जैसे:-
प्रयोग में न होने पर बिजली के उपकरण बन्द करना
दूसरों की बातों को बिना रोके सुनना
त्योहारों पर पटाखे न छोड़ना
दूसरों के लिए कार्य करना

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पर्यावरण अध्ययन के पाँच ‘E’

1. व्यस्तता (Engage) – इसमें बालक गतिविधियों में व्यस्त रहता है। इससे बालक को पहले अनुभव की प्राप्ति होती है। इसमें बालक अवलोकन और रिकॉर्डिंग करता है।

2. खोज (Explore) – इसमे बाल श्रव्य-दृश्य सामग्रियों का प्रयोग करता है। इसमें बालक चीजों के कारण जाने की खोज करता है, जैसे-एक विशेष वातावरण में विशेष प्रकार के पौधे क्यों उगते हैं? इसमें बालक चीजों के बीच तुलना करता है।

3. व्याख्या (Explain) – इसमें बालक तर्क देता है और तर्क के आधार पर चीजों में संबंध स्थापित करता है। जैसे-शिकारी जानवरों की विशेषताएँ क्या-क्या होती हैं?

4. परिष्कृत वर्णन (Elaborate) – इसमें बालक चर्चा करता है, अपनी राय देता है और दूसरों की राय पूछता है, जैसे-वन नहीं होंगे तो क्या होगा?

5. मूल्यांकन (Evaluate) – इसमें बालक एक निष्कर्ष पर पहुँचता हैं। जैसे-सभी शिकारी जानवरों में लगभग एक जैसी विशेषताएँ पाई जाती हैं।

महत्वपूर्ण प्रश्न ( खुद को जाँचिए )

1. निम्न कथनों में से कौन-सा कथन गलत है?

(a) मूल्यांकन मापन के पहले होता है परन्तु मापन मूल्यांकन के बाद होता है। (b) मूल्यांकन स्थिति आधारित होता है परन्तु मापन अंक आधारित होता है। (c) मूल्यांकन का क्षेत्र व्यापक होता है परन्तु मापन किसी एक चर या गुण का होता है।
(d) मूल्यांकन में घटना या तथ्य का मूल्य ज्ञात किया जाता है परन्तु मापन में घटना या तथ्य के विभिन्न परिणामों के लिए प्रतीक निश्चित किए जाते हैं।

2. निम्नलिखित में से मूल्यांकन का कौन सा उद्देश्य नहीं है?
(a) अध्ययन-अध्यापक – को प्रभावशाली बनाना
(b) शिक्षकों की कुशलता एवं सफलता का पता लगाना
(c) उपरोक्त दोनों
(d) उपरोक्त दोनों में से कोई नहीं

3. निम्न कथनों पर विचार कीजिए:

(i) उपचारात्मक शिक्षण के पश्चात् निदानात्मक मूल्यांकन होता है।
(ii) रचनात्मक मूल्यांकन के द्वारा शिक्षक अपने शिक्षण विधि एवं शिक्षार्थी अपने संज्ञानात्मक व्यवहार में सुधार करते हैं।
(iii) संकलनात्मक मूल्यांकन के द्वारा अधिगम को प्रगति और शैक्षिक उपलब्धि का आकलन होता है।
उपरोक्त कथन में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

(a) i, ii, iii
(b) ii , iii
(c) केवल i
(d) केवल ii

4. सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन के किस विधि के द्वारा शिक्षार्थियों में सीखने की जिज्ञासा उत्पन्न किया जाता है?
(a) निरीक्षण
(b) प्रश्नोत्तर
(c) साक्षात्कार
(d) दत्त कार्य

5. पर्यावरण अध्ययन की कक्षा IV की शिक्षिका माधुरी अपने शिक्षार्थियों को निरंतर दत्त कार्य देती है। दत्त कार्य से वहः
(a) शिक्षार्थियों में सृजनात्मकता, मौलिकता, संज्ञानात्मकता आदि गुणों का पता करना चाहती है।
(b) शिक्षार्थियों में विस्तारित अधिगम के लिए चुनौतियाँ एवं उत्तेजना उत्पन्न करना चाहती है।
(c) शिक्षार्थियों को सूचना, खोजने और अपने विचारों का निर्माण करने में मदद करती है।
(d) वह बच्चे के सम्पूर्ण वृद्धि एवं विकास का आकलन करना चाहती है।

उपरोक्त कथनों में से कौन-सा कथन असत्य हैं?

6. क्विज और प्रतियोगिता के द्वारा:

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(a) शिक्षार्थियों के एक विशेष विषय की विशेष सूचना का पता चलता है। (b) बच्चे के ज्ञान, सहयोग की भावना और प्रजातान्त्रिक गुणों का आकलन होता है।
(c) बच्चे के व्यक्तित्व के विभिन्न पक्षों का मूल्यांकन होता है।
(d) बच्चे के आन्तरिक विचारों का पता चलता है।

7. एक अच्छे परीक्षण की विशेषताएँ हैं:

(i) वैधता
(ii) वस्तुनिष्ठता
(iii) विश्वसनीयता
(iv) व्यवहारिकता

कूट:
(a) i , ii              (b) ii, iii, iv
(c) i, iii, i           (d) i, ii, iii, iv

8. प्राथमिक स्तर पर भाषा के विकास पर जोर देना चाहिए क्योंकि
(a) इससे सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन में मदद मिलती है।
(b) इस से मन प्रेरक कुशलताएँ विकसित होती हैं।
(c) यह विचारों के अभिव्यक्ति देने और परिवेश के अवलोकन करने के लिए जरूरी होता है।
(d) उपरोक्त सभी।

9. एन. सी. एफ. 2005 कक्षा एक और दो के लिए पर्यावरण अध्ययन विषय की सिफारिश नहीं करता है. परन्तु शिक्षार्थियों के मूल्यांकन की बात कहता है। इस मूल्यांकन के विषय में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) मूल्यांकन औपचारिक होना चाहिए
(b) शिक्षक को बच्चे का अवलोकन करते हुए मूल्यांकन करना चाहिए
(c) शिक्षक को बच्चे के मूल्यांकन को उसके अभिभावकों को बताना चाहिए (d) बच्चे के प्रगति कार्ड पर बच्चे की अभिरुचि, क्षमता, कुशलता, स्वास्थ्य की स्थिति आदि की सूचना होनी चाहिए।

10. “ईशान ने गंध के आधार पर चीजों को अलग करना सीख लिया है। “
इस कथन के द्वारा किस कथन का आकलन होगा?
(a) प्रश्न करना
(b) वर्गीकरण करना
(c) व्याख्या
(d) विश्लेषण

11. निम्न में से कौन-सा कथन न्याय और समानता के प्रति सरोकार को दर्शाता है?
(a) दाल पकाने से पहले दालें भिगोई क्यों जाती हैं?
(b) एक नवजात शिशु सिर्फ दूध ही क्यों पीता है?
(c) बचे हुए भोजन को जमीन पर नहीं फेंकना चाहिए।
(d) दूसरों के लिए कार्य करना चाहिए

12. एक पर्यावरण अध्ययन के शिक्षक को निम्न में से क्या करना चाहिए?

(a) पुनर्बलन और सुधार के लिए बच्चों की योग्यताओं और कमजोरियों के बारे में अभिभावकों से चर्चा करनी चाहिए।
(b) बच्चों के आकलन को पूर्ण आकलन के साथ तुलना करनी चाहिए।
(c) बच्चों के कार्य से संबंधित गुणात्मक उल्लेख करना चाहिए।
(d) उपरोक्त सभी।

उत्तरमाला – 1. (a) 2. (d) 3. (b) 4. (b)
5. (d) 6. (b) 7. (d) 8. (c) 9. (a)
10. (b) 11. (c) 12. (a)


                           ◆◆◆ निवेदन ◆◆◆

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