गणित विषय की शिक्षण सामग्री एवं प्रयोगशाला | CTET MATH PEDAGOGY

दोस्तों अगर आप CTET परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो CTET में 50% प्रश्न तो सम्मिलित विषय के शिक्षणशास्त्र से ही पूछे जाते हैं। आज हमारी वेबसाइट hindiamrit.com आपके लिए गणित विषय के शिक्षणशास्त्र से सम्बंधित प्रमुख टॉपिक की श्रृंखला लेकर आई है। हमारा आज का टॉपिक गणित विषय की शिक्षण सामग्री एवं प्रयोगशाला | CTET MATH PEDAGOGY है।

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गणित विषय की शिक्षण सामग्री एवं प्रयोगशाला | CTET MATH PEDAGOGY

गणित विषय की शिक्षण सामग्री एवं प्रयोगशाला | CTET MATH PEDAGOGY
गणित विषय की शिक्षण सामग्री एवं प्रयोगशाला | CTET MATH PEDAGOGY

CTET MATH PEDAGOGY

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शिक्षण सहायक सामग्री का महत्व

गणित शिक्षण में अनुदेशनात्मक परिस्थितियाँ ऐसी होनी चाहिए जो छात्रों में चिन्तन स्तर की अधिगम परिस्थितियों को प्रोत्साहित करें। ऐसी परिस्थितियों में मानवीयता अन्तः प्रक्रिया से उच्च ज्ञानात्मक योग्याताओं एवं क्षमताओं का विकास होता है। ऐसी परिस्थितियाँ शिक्षण सामग्री एवं गतिविधियों के उपयुक्त प्रयोग से निर्मित होती हैं।

(1) शिक्षण सहायक सामग्री विषय-वस्तु को सरल, रुचिकर, स्पष्ट, प्रभावशाली तथा स्थायी बनाती है। (2) शिक्षण सहायक सामग्रियों से अभिप्रेरणा मिलती है। ये कठिन से कठिन विषय-वस्तु को सरल, स्पष्ट, रुचिकर एवं सार्थक बना देती है।
ये पठन-पाठन में नवीनता लाती है।
(3) ये शिक्षक के कार्य को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में सहायक होती है।
(4) इनके प्रयोग से समय और शक्ति की बचत होती है।
(5) ये रटने की प्रवृत्ति को कम करती है।
(6) ये विद्यार्थियों को पुनर्बलन प्रदान करती है।
(7) ये विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देती हैं।
(8) ये विद्यार्थियों में कल्पनाशक्ति, निरीक्षण तर्कशक्ति एवं विचार शक्ति का विकास करती है।
(9) ये छात्रों की व्यक्तिगत विभिन्नताओं की पूर्ति करती हैं।
(10) ये ज्ञानेन्द्रियों के अधिकतम उपयोग पर बल देती हैं।
(11) ये कक्षा में अनुशासन बनाये रखती हैं क्योंकि ये बच्चों में रुचि पैदा करती है।

शिक्षण सहायक सामग्री का वर्गीकरण

शिक्षण सहायक सामग्रियों को मुख्य रूप से दो वर्गों में विभाजित किया जाता है।
(1) इन्द्रियाँ आधारित
(2) तकनीकी आधारित

(1) इन्द्रियाँ आधारित शिक्षण सहायक सामग्री

ये चार प्रकार की होती हैं

(i) श्रव्य सामग्री
रेडियो
• टेपरिकॉर्डर
• ग्रामोफोन
लाऊडस्पीकर
फोनोग्राफ लिंग्वाफोन

(ii) दृश्य सामग्री
चित्र
चार्ट
ग्राफ
मानचित्र
प्रतिमान
ग्लोब
पोस्टर
पाठ्य-पुस्तक
संग्रहालय
फिल्म-पट्टियाँ
एपिडायस्कोप
सूक्ष्म प्रक्षेपी
एपिस्कोप
चॉक बोर्ड
लैनल बोर्ड
बुलेटिन बोर्ड
शिरोपरी प्रक्षेपी

(iii) श्रव्य – दृश्य सामग्री
टेलिविजन
कठपुतली
बोलते चलचित्र
कम्प्यूटर

(iv) क्रियात्मक साधन
रोल प्ले
मेले
प्रदर्शनियाँ
भ्रमण
प्रयोगशाला

(2) तकनीक आधारित शिक्षण सहायक सामग्री

ये तीन प्रकार के होते हैं :

(i) सरल हार्डवेयर
एपिस्कोप
स्लाइड प्रक्षेपी
शिरोपरी प्रक्षेपी
मायादीप
फिल्म पट्टी प्रोजेक्टर

(ii) जटिल हार्डवेयर
रेडियो
टेलिविजन
टेपरिकार्डर
कम्प्यूटर

(iii) सॉफ्टवेयर
स्लाईड
फिल्म पट्टियाँ चित्र, चार्ट .
मानचित्र, फोटोग्राफ ग्राफ

गणित शिक्षण में करायी जाने वाली शैक्षिक गतिविधियाँ

शिक्षण गतिविधियाँ किसी विषय वस्तु को सरल, रुचिकर एवं बाल केन्द्रित बनाती हैं। अधिगम को उपयोगी बनाने हेतु शिक्षण गतिविधियों का होना आवश्यक है। प्रभावशाली शिक्षण के लिए निम्न गतिविधियाँ करवाई जा सकती है :

(i) गणित क्लब

(i) गणित क्लब में छात्र अपना समय आनन्दपूर्वक गणित करते हुए बिताते हैं।
(ii) इसमें छात्र छोटी-से-छोटी तथा बड़ी से बड़ी समस्या को आसानी से सुलझा लेते हैं।
(iii) गणित क्लब छात्रों को गणित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
(iv) गणित क्लब उन छात्रों के लिए अत्यन्त उपयोगी होते हैं जो गणित अध्ययन, अन्वेषण, सिद्धान्तों और विश्लेषण में रुचि रखते हैं।

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(ii) गणित संग्रहालय का भ्रमण

(i) गणित संग्रहालय गणित शिक्षण को सजीव एवं रोचक बनाते है।
(ii) गणित संग्रहालय में विभिन्न प्रकार की आकृतियों के मॉडल रखे जा सकते हैं।
(iii) इसमें महान गणितज्ञों के विषयों में जानकारी प्रदान की जा सकती है।
(iv) संग्रहालय में गणित सम्बन्धित उपकरण रखे जाने चाहिए।

नोट – गणित का जीवन की वास्तविक समस्याओं से सम्बन्ध स्थापित करने के लिए छात्रों को बैंक डाकघर, बाजार, स्टेशन आदि का भी भ्रमण कराना चाहिए, जिससे वे विभिन्न समस्याओं का ज्ञान कर उनका हल निकालने के लिए प्रेरित हों।

(iii) प्रतियोगिता / क्विज का आयोजन

(i) इससे विद्यार्थियों में स्मरण शक्ति, चिन्तन, कल्पनाशक्ति आदि का विकास होता है।
(ii) इससे छात्रों में सामूहिक भावना, सामाजिक गुणों आदि का विकास होता है।
(iii) इससे शिक्षार्थियों में गणित के स्रोतों, जैसे- प्रयोगशाला, पुस्तकालय आदि से ज्ञान अर्जित करने की प्रेरणा मिलती है।
(iv) इससे विद्यार्थियों में गहन अध्ययन की प्रवृत्ति बढ़ती है।

(iv) गणित मेला

NCERT के अनुसार गणित मेलों को आयोजित करने के निम्न उद्देश्य होने चाहिए :

(i) युवाओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करके उनमें गणित विज्ञान तथा तकनीक की परस्पर आत्मनिर्भरता की समझ उत्पन्न करना।
(ii) अपने विचारों को क्रियान्वित करने के लिए विद्यार्थियों को उपयुक्त अवसर और प्रोत्साहन प्रदान करना।
(iii) विद्यार्थियों को विज्ञान संबंधी कामों के प्रति आकर्षण उत्पन्न कर उन्हें आगे भी इसमें सहयोग देने के लिए तैयार करना ।
(iv) भारत के भावी गणितज्ञों को पहचानने तथा उन्हें अपने पथ पर बढ़ते रहने का अवसर प्रदान करना।
(v) गणित के विशेष मेधावी तथा प्रतिभावान छात्रों को प्रकाश में आने का अवसर प्रदान कर उनके उत्साह में वृद्धि करना।
(vi) विभिन्न क्लबों द्वारा किये जाने वाले कार्यक्रमों तथा उपलब्धियों के तुलनात्मक अध्ययन के लिए उपयुक्त अवसर प्रदान करना।
(vii) जन साधारण तथा विद्यार्थियों के अभिभावकों को स्कूल द्वारा आयोजित विभिन्न गणितीय मेलों से परिचित कराना।

गणित मेलों में निम्न वस्तुओं को प्रस्तुत किया जा सकता है.-

(i) गणितज्ञों की प्रेरक जीवनियां तथा मुख्य-मुख्य घटना चक्रों का प्रस्तुतीकरण।
(ii) विद्यार्थियों द्वारा बनाये गये गणित के चार्ट, चित्र तथा रेखाचित्रों का प्रस्तुतीकरण ।
(iii) गणित के क्षेत्र में हुए विभिन्न खोजों व आविष्कारों का प्रस्तुतीकरण । विद्यार्थियों द्वारा निर्मित विभिन्न मॉडलों का प्रस्तुतीकरण ।
(iv) विद्यार्थियों द्वारा संगृहीत किये गये विभिन्न पदार्थों एवं संसाधनों का प्रस्तुतीकरण ।
(v) गणितीय सिद्धांतों पर आधारित गणितीय खेल व खिलौनों का प्रस्तुतीकरण।
(vi) अध्यापकों द्वारा स्वयं निर्मित गणितीय उपकरण तथा सामग्री का प्रस्तुतीकरण ।
(vii) पुराने व वर्तमान उपकरणों में आवश्यक सुधार करके बनाए गए उन्नत उपकरणों का प्रस्तुतीकरण ।

(v) गणित प्रयोगशाला

(i) गणित एक तकनीकी विषय है जिसमें शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करना ही नहीं होता, बल्कि प्राप्त ज्ञान का उपयोग कैसे किया जाए, यह ज्ञान प्राप्त करने से अधिक महत्वपूर्ण होता है।
(ii) प्रयोगशाला में प्रत्यक्ष अनुभवों तथा उपकरणों द्वारा छात्रों को जटिल प्रत्ययों, सिद्धान्तों एवं अमूर्त सम्बन्धों का प्रत्यक्ष ज्ञान दिया जा सकता है।
(iii) क्षेत्रफल, ब्याज और बीजगणित तथ रेखागणित के विभिन्न सिद्धान्तों का निर्माण करने में आगमन तथा प्रयोगशाला विधि की सहायता लेनी पड़ती है।

प्रयोगशाला का महत्व

(i) प्रयोगशाला में बालक स्वयं करके सीखते हैं, जिससे उनका ज्ञान अधिक स्थायी हो जाता है।
(ii) छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित होता है।
(iii) इसके द्वारा बालक क्रियात्मक एवं व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करते हैं।
(iv) छात्रों में आगमनात्मक चिन्तन का विकास होता है। प्रयोगशाला के द्वारा छात्रों में रचनात्मक एवं अनुसंधानात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है।
(v) छात्रों में आत्मविश्वास, आत्म-निर्भरता, परिश्रम तथा प्रयोग करने की योग्यता का विकास होता है।

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(vi) मनोरंजक क्रियाएँ

(i) मनोरंजक क्रियाएँ गणित में रुचि उत्पन्न करती हैं। मनोरंजक क्रियाएँ कक्षा वातावरण में स्वस्थ परिवर्तन लाती हैं।
(ii) मनोरंजक क्रियाएँ छात्रों के अवकाश के क्षणों को सदुपयोग के लिए तैयार करती हैं।
(iii) मनोरंजक क्रियाएँ बुद्धि को तीव्र करती है तथा सोचने को बढ़ावा देती हैं।
(iv) ये क्रियाएँ खेल भावना विकसित करती हैं तथा पारस्परिक सहयोग एवं स्वस्थ प्रतिस्पर्धाको प्रोत्साहित करती हैं।
(v) मनोरंजन क्रियाएँ हैं जादुई कैलेंडर, संख्या का खेल, सुडोकू, क्रॉस वर्ड, पहेलियाँ आदि।

(vii) सेमिनार

इसके द्वारा शिक्षकों में निम्न गुण विकसित करने की कोशिश की जाती है:
(i) विश्लेषण एवं आलोचनात्मक गुणों का विकास
(ii) संश्लेषण एवं मूल्यांकन की योग्यता का विकास
(iii) विचारों की स्वच्छन्दता का विकास
(iv) दूसरों के प्रति सम्मान की भावना का विकास
(v) दूसरों से सहयोग की भावना का विकास
(vi) निरीक्षण एवं प्रस्तुतीकरण गुणों का विकास

(viii) कार्यशाला

(i) इसमें शिक्षक शिक्षण की समस्याओं पर विचार-विमर्श करते हुए सामूहिक रूप से रचनात्मक कार्य भी करते हैं।
(ii) इससे शिक्षकों में विशिष्ट व्यावसायिक क्षमताओं का विकास होता है।
(iii) इससे शिक्षकों को नये उपागमों का प्रशिक्षण मिलता है।
(iv) इसमें शिक्षक समस्याओं को ढूँढ़ने एवं उनके हल निकालने का प्रयास करते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न (खुद को जांचिए) –

1. कक्षा IV में ‘सममिति’ और ‘परावर्तन’ की ज्यामितीय संकल्पनाओं की वृद्धि के लिए निम्नलिखित में से कौन-से व्यवहार कौशल उपकरणों की आवश्यकता है?

(a) मोतियों की माला
(b) बिन्दु शीट (डॉट पेपर)
(c) गिनतारा
(d) द्विमुखी पटल (काउण्टर)

2. कक्षा में गणितीय मनोरंजनात्मक क्रियाकलाप तथा चुनौतीपूर्ण ज्यामितीय पहेलियाँ सम्बन्धी क्रियाकलाप महत्वपूर्ण है क्योंकि

(a) वे प्रत्येक शिक्षार्थी की स्थानिक व विश्लेषणात्मक योग्यता के संवर्द्धन में सहायक हैं।
(b) वे गणित में कम सफल शिक्षार्थियों तथा मंद गति से सोखने वाले शिक्षार्थियों में रुचि उत्पन्न करने में सहायक होते हैं।
(c) वे विद्यार्थियों को उनकी गणित कक्षा की एकरूपता तथा दैनिकचर्या के कारण होने वाली ऊब से बाहर लाते हैं।
(d) वे प्रतिभाशाली शिक्षार्थियों को उचित अवसर प्रदान करते हैं।

3. एक अध्यापिका अपनी कक्षा में गुणा को बार-बार किए जाने वाले जोड़ के रूप में बता रही है। उसके बाद समान संख्या की वस्तुओं का समूहन कर गुणा के रूप में बताती है। तत्पश्चात् चिन्ह ‘x’ से परिचित कराती है तथा अन्त में गुणनफल पता करने के लिए आड़ी-तिरछी रेखाओं अथवा माचिस की तीलियों की सहायता से एक छोटा क्रियाकलाप कराती है। यहाँ अध्यापिका कर रही है

(a) विभिन्न अधिगम शैलियों वाले शिक्षार्थियों का ध्यान रखना
(b) गणित में कम सफल बच्चों के लिए उपचारात्मक युक्तियाँ प्रदान करना
(c) कक्षा को आनन्ददायी बनाने के लिए तरह-तरह के प्रस्तुतीकरण (d) मूर्त से अमूर्त संप्रत्यय की ओर’ के रूप में एक पाठ का विकास

4. जियो बोर्ड (Geo Board) किसके शिक्षण का एक प्रभावी साधन है ?

(a) द्विविम और त्रिविम आकृतियों में अन्तर करना
(b) सममिति की अवधारणाएँ
(c) आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएं जैसे किरणें, रेखाएँ और कोण
(d) ज्यामितीय आकृतियों और उनको विशेषताएँ

5. मानसिक गणित सम्बन्धी गतिविधियाँ महत्वपूर्ण क्योंकि यह निम्नलिखित में से किसी एक के अवसर उपलब्ध कराती हैं:

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(a) कलन विधि (एल्गोरिथ्म) को सीखने में निपुणता प्राप्त करना और कम समय में अधिक संख्या में समस्याओं का अभ्यास करना
(b) परिकलन में परिशुद्धता के साथ उनकी गति को बढ़ाने और परीक्षाओं में उनके निष्पादन में सुधार करने में मदद करना
(c) मानसिक संगणना सम्बन्धी प्रक्रियाओं का विकास क्योंकि शिक्षार्थी तेज गति से संख्याओं के परिकलन के बीच सम्बन्धों की पहचान करने की कोशिश करते हैं
(d) पेपर पेंसिल का उपयोग करते हुए कक्षा में प्रक्रियाओं को सीखने में निपुणता प्राप्त करना

6. नीचे दिया गया कौन-सा क्रियाकलाप कक्षा III के छात्रों की समस्याओं को हल करने की कुशलता में वृद्धि के लिए है?

(a) कोई वर्ग-पहली जिसमें सीखे गए सभी मुख्य पदों जैसे सम संख्या, विषम संख्या, भाज्य संख्या, अभाज्य संख्या आदि के संकेत (सुराग) दिए गए हों।
(b) कोई सामूहिक परियोजना : प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों को समान रूप से चार सदनों (स्कूलों की सदन प्रणाली) में किस प्रकार विभाजित किया जाए ताकि हर सदन में खेल, कला, सांस्कृतिक और शैक्षिक क्रियाकलाप के प्रतिभाशाली छात्र हों
(c) कक्षा में ‘संख्या और प्रचलन’ विषय पर अन्तरावर्ग पहेली प्रतियोगिता आयोजित करना
(d) कोई कार्यपत्रक जिसमें चार मूल प्रचालनों पर समस्याएँ जैसे ज्ञात कीजिए 25×34, 451 ÷ 11 आदि दी गई हैं।

7. कक्षा II के शिक्षार्थियों का सरल आकृतियों, उसके लंबों और किनारों से परिचय कराने का सबसे उत्तम उपकरण है

(a) जियो-बोर्ड
(b) 3D सोलिड्स के नेट्स
(c) क्यूब्स
(d) श्याम पट का तल

8. एक शिक्षक शिक्षार्थियों को ‘दैनिक जीवन में गणित का अनुप्रयोग विषय के साथ गणितीय जरनल (पत्रिका) तैयार करने के लिए बढ़ावा देता है। यह गतिविधि है।

(a) शिक्षार्थियों की गणितीय संकल्पनाओं की परीक्षा करना
(b) अपने ज्ञान और समझ को साक्ष करने के लिए शिक्षार्थियों को अवसर उपलब्ध कराना
(c) गणित की समझ में शिक्षार्थियों की सहायता करना
(d) गणितीय संकल्पनाओं और उनके अनुप्रयोगों में संबंध बैठाने और अपने ज्ञान तथा विचारों को साझा करने में शिक्षार्थियों की सहायता करना

8. एक गणित अध्यपक बच्चों में गणना करने की शक्ति को निम्नलिखित द्वारा बढ़ा सकता है।

(a) संकल्पनाओं को स्पष्ट करते हुए काफी अभ्यास करवाना
(b) शिक्षण के दौरान कक्षा में क्रियाशील गतिविधियों का आयोजन करके
(c) केवल एल्गोरिथ्म का प्रयोग करके
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं

9. कक्षा में एक छात्र बोलने में कठिनाई महससू करता है। स्वयं की अभिव्यक्ति के लिए आप उसे कैसे प्रोत्साहित करेंगे ?

(a) परिचर्चा का आयोजन करके
(b) ऐसे खेलों का आयोजन करके, जिसमें बच्चे बोलना पसन्द करें (c) जो स्वयं की अभिव्यक्ति अच्छे ढंग से करे उसे अधिक अंक देकर
(d) बच्चों को कक्षा की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करके

उत्तरमाला –

1. (b)   2. (a)   3. (d)   4. (d)   5. (c)
6. (b)  7. (a)   8. (d)    9.(b)   10.(b)

                            ◆◆◆ निवेदन ◆◆◆

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