कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली / कम्प्यूटर कैसे काम करता है / working system of a computer

आज का युग कम्प्यूटर का युग है। आज के जीवन मे सभी को कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी होनी चाहिए। बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी कम्प्यूटर से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसीलिए हमारी साइट hindiamrit.com कम्प्यूटर से जुड़ी समस्त महत्वपूर्ण टॉपिक की श्रृंखला पेश करती है,जो आपके लिए अति महत्वपूर्ण साबित होगी,ऐसी हमारी आशा है। अतः आज का हमारा टॉपिक कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली / कम्प्यूटर कैसे काम करता है / working system of a computer की जानकारी प्रदान करना है।

Contents

कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली / कम्प्यूटर कैसे काम करता है / working system of a computer

कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली / कम्प्यूटर कैसे काम करता है / working of a computer system,working system of a computer
कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली / कम्प्यूटर कैसे काम करता है / working system of a computer

working system of a computer / कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली / कम्प्यूटर कैसे काम करता है

Tags – कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली,कंप्यूटर कैसे काम करता है,computer kaise kaam karta hai,computer system kaise kam karta hai,कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली / कम्प्यूटर कैसे काम करता है / working system of a computer


कम्प्यूटर प्रणाली की क्रिया पद्धति [WORKING SYSTEM OF A COMPUTER ]

किसी भी कम्प्यूटर प्रणाली में आवश्यक रूप से तीन महत्वपूर्ण भाग होते हैं- इनपुट उपकरण, सेण्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (C.P.U.) और आउटपुट उपकरण। CPU में ही मुख्य मेमोरी, एरिथमेटिक लॉजिक यूनिट तथा कण्ट्रोल यूनिट होता है। इन तीन मूल भागों के अतिरिक्त कम्प्यूटर में द्वितीयक संचयन उपकरण (इन्हें पूरक संचयन या सहायक संचयन के संदर्भ में भी लिया जाता है) भी होते हैं जिन्हें आँकड़ों के संचयन एवं दीर्घकालीन आधार पर निर्देश के लिए प्रयोग में लाया जाता है। कोई भी कम्प्यूटर प्रणाली निम्नलिखित मूल कार्य को कार्यान्वित कर सकती है-

1.इनपुट

यह एक क्रिया है जिसमें प्रयोक्ता आदेश या अनुदेश देकर आँकड़ों को कम्प्यूटर प्रणाली में संसाधित करता है।

2.संचयन (स्टोरिंग)

इस क्रिया में आँकड़ों/सूचनाओं को रिकॉर्ड कर लिया जाता है और फिर जरूरत पड़ने पर उपयोग के लिए प्राप्त किया जा सकता है।

3. संसाधित करना (प्रोसेसिंग)

यह वह क्रिया है, जिसमें आँकड़ों को अंकगणितीय या तार्किक संक्रियाओं से उपयोगी सूचना में रूपांतरित करते हैं। जोड़ना, घटाना, गुणा करना और विभाजित करना, ये सभी अंकगणितीय संक्रियाएँ होती हैं, जबकि तार्किक संक्रिया में तुलना की जाती है।

ये भी पढ़ें-  स्टार्ट मेन्यू के आइटम्स / स्टार्ट मेन्यू के उपयोग

4.आउटपुट

यह वह क्रिया है जो प्रयोक्ता को परिणाम उपलब्ध कराती है। ये दृश्य प्रदर्शन और/या मुद्रित विवरण के रूप में हो सकती है।

5. संचालन करना

यह पिछले किये गये कार्यों को अनुक्रमित करने के तरीकों के संदर्भ में होता है।

इनपुट इकाई

किसी भी संक्रिया से पहले कम्प्यूटर प्रणाली में आँकड़े और प्रोग्राम होने चाहिए। प्रोग्राम का मतलब निर्देशों के उन समुच्चयों से है जो कम्प्यूटर को करने हैं और आँकड़े वो सूचना हैं जिन पर इन निर्देशों को परिचालन करना है। आँकड़ों और निर्देशों को बाहरी परिवेश से कम्प्यूटर प्रणाली तक लाने का कार्य इनपुट इकाई करती है। निर्देश और आँकड़े किसी खास उपकरण (की-बोर्ड, स्कैनर, कार्ड रीडर आदि) द्वारा इनपुट इकाई में प्रवेश करते हैं। इन निर्देशों और आँकड़ों को बाइनरी कोड (कम्प्यूटर जिस रूप को स्वीकार करता है) में रूपांतरित के बाद फिर से संसाधन के लिए कम्प्यूटर प्रणाली में भेज दिया जाता है।

सेण्ट्रेल प्रोसिंग यूनिट (CPU) सेण्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट, कम्प्यूटर के दिमाग की तरह काम करता है। यह कण्ट्रोल यूनिट, एरिथमेटिक लॉजिक यूनिट तथा प्राथमिक स्मृति (Primary Memory) का मेल है।

1. प्राथमिक स्मृति (Primary Memory) _

कम्प्यूटर प्रणाली की मुख्य स्मृति या प्राथमिक संचयन सभी निर्देशों या आँकड़ों का संचयन करते हैं। फिर इन्हें प्रोसेसिंग के लिए एरिथमेटिक लॉजिकल इकाई में तब्दील किया जाता है। जब तक इसे आउटपुट उपकरण में नहीं भेजा जाता तब तक के लिए इसे फिर से प्राथमिक संचचन में डाल दिया जाता है।

2. एरिथमेटिक लॉजिक इकाई

ALU ना केवल अंकगणित की चार मूल संक्रियाओं, जोड़ना, घटाना, गुणा तथा विभाजन करते हैं, बल्कि तार्किक तुलनाएँ जैसे बराबर हैं, कम हैं, अधिक हैं, भी कर सकते हैं। ALU द्वारा किसी भी मध्यवर्ती परिणाम को अस्थायी रूप से प्राथमिक संचयन में संचयित किया जा सकता है। प्रोसेसिंग के पूरा होने से पहले, आँकड़े और निर्देश बार-बार ALU और प्राथमिक संचयन के बीच पलटते रहते हैं।

ये भी पढ़ें-  शैक्षिक प्रशासन का अर्थ एवं परिभाषाएं / शैक्षिक आयोजन के प्रकार

3. कण्ट्रोल इकाई–

इस इकाई का कार्य यह सुनिश्चित करना है कि संचयित निर्देशानुसार, सही आँकड़े पर सही समय पर सही संक्रिया हुई है या नहीं। कण्ट्रोल इकाई प्राथमिक स्मृति के प्रोग्राम से निर्देश व अनुदेश प्राप्त करने के बाद उन्हें प्रोसेस करके यह सुनिश्चित करती है कि अनुदेशों को, कम्प्यूटर प्रणाली के दूसरी इकाइयों द्वारा वांछित क्रम में कार्यान्वित किया गया है।

आउटपुट इकाई

कम्प्यूटर किसी भी आँकड़े को बाईनरी रूप में समझता है और प्रोसेस करने के बाद उसी रूप में आउटपुट देता है। आउटपुट इकाई का मूलतः यह कार्य है कि विभिन्न प्रकारके आउटपुट उपकरणों; जैसे-टर्मिनल, प्रिण्टर में भेजने से पहले यह बाइनरी कोड में प्राप्त परिणाम को मानव के पढ़ने योग्य भाषा में रूपांतरित कर दें।

द्वितीय संचयक

किसी कम्पयूटर के प्राथमिक संचयन की संचयन क्षमता सीमित होती है। कई बार अधिक मात्रा में आँकड़ों को संचायित करने की जरूरत होती है। इसलिए कम्प्यूटर प्रणाली में एक अतिरिक्त स्मृति, जिसे द्वितीयक संचयक या पूरक संचयन कहते हैं, का उपयोग किया जाता है। द्वितीय संचयक, प्राथमिक संचयन के अतिरिक्त एक ओर संचयन होता है। ये पेरीफेरल उपकरण होते हैं जिनको कम्प्यूटर से जोड़कर और कम्प्यूटर से ही संचालित करके इस योग्य बनाया जाता है कि ये आँकड़ों और प्रोग्राम को स्थायी रूप से संचयित कर ले। विशिष्ट रूप मैग्नेटिक टेप, मैग्नेटिक डिस्क जैसे हार्डवेयर उपकरण इस श्रेणी में आते हैं।

कम्प्यूटर के संघटकों की क्रिया पद्धति

किसी भी कम्प्यूटर की मेमोरी यूनिट में सूचना की तबदीली के लिए इनपुट उपकरणों को प्रयोग में लिया जाता है। स्मृति से कोई सूचना लेकर उसे ALU में भेजा जाता है। यहाँ तुलना व गणना करने के बाद परिणाम को फिर से स्मृति इकाई में भेज दिया जाता है। इसलिए स्मृति इकाई का प्रयोग उन निर्देशों के समुच्चय को संचयित करना है जो यह बताते हैं कि कौन-सी संक्रिया को कार्यान्वित करना है और साथ ही साथ यह भी बताते हैं कि किन सूचनाओं पर इन संक्रियाओं को कार्यान्वित करना है।

ये भी पढ़ें-  प्रिंटर के प्रकार / इम्पैक्ट और नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर / इंकजेट और लेजर प्रिन्टर

स्मृति इकाई को मुख्य स्मृति या इमेडियेट एक्सेस स्टोर (IAS) भी कहते हैं। कण्ट्रोल इकाई की एकमात्र जिम्मेदारी, कम्प्यूटर प्रणाली की संक्रियाओं का समन्वय और संचालन है।

यह निर्देश को स्वीकार करता है, संचयित करता है, उनका वर्णन करता है और उन निर्देशों की प्रोसेसिंग करता है जिससे प्रणाली के विभिन्न भाग एक सही अनुक्रम में क्रियान्वित हो सकें। कण्ट्रोल इकाई यह सुनिश्चित करता है कि संचयित निर्देशों के अनुसार, सही संक्रिया, सही आँकड़े पर सही समय पर हो रही है। जो परिणाम स्मृति में संचयित है उनको किसी आउटपुट उपकरण द्वारा प्रयोक्ता के समझने लायक रूप में तब्दील किया जाता है।


आपके लिए अन्य विषय की सम्पूर्ण श्रृंखला

टेट / सुपरटेट सम्पूर्ण हिंदी कोर्स

50 मुख्य टॉपिक पर  निबंध पढ़िए

                            ◆◆ निवेदन ◆◆

हमें आशा है कि आज के इस आर्टिकल में अपने जरूर कुछ नया सीखा होगा। आप इस टॉपिक कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली / कम्प्यूटर कैसे काम करता है / working system of a computer को अपने मित्रों के साथ जरूर शेयर करें। आपको यह आर्टिकल पढ़कर कैसा लगा इसकी जानकारी हमे कॉमेंट करके जरूर बताएं। आपका एक कॉमेंट हमारे लिए उपयोगी एवं प्रेरणादायक सिद्ध होगा।

Tags – कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली,कंप्यूटर कैसे काम करता है,computer kaise kaam karta hai,computer system kaise kam karta hai,कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली / कम्प्यूटर कैसे काम करता है / working system of a computer,

Leave a Comment