दोस्तों विज्ञान विषय में जीव विज्ञान के अंतर्गत हमें पेशी तंत्र पढ़ने को मिलता है।जिसमें हमे रेखित,अरेखित तथा हृदयी(कार्डियक) पेशियों में अंतर | पेशियों के प्रकार,रेखित पेशी, अरेखित पेशी, तथा हृदीय पेशी आदि के कार्य,ये कहाँ पाई जाती है इनमें क्या अंतर है आदि पड़ने को मिलता है। तो आज hindiamrit.com आपको इसके बारे में भी जानकारी प्रदान करेगी।

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पेशियां क्या है | what is muscles
हमारे शरीर में अस्थि तंत्र तथा बाह्य त्वचा के बीच का अधिकांश भाग मांसपेशियों (muscles) से निर्मित होता है। पेशियां पेशी कोशिकाओं द्वारा निर्मित होती हैं। यह एक संकुचनशील ऊतक है। मनुष्य में कुल 639 पेशियां पाई जाती हैं जिसमें सर्वाधिक पेशियां पीठ पर पाई जाती है। जिनकी संख्या 180 होती है।
पेशियों के कार्य (Functions of Muscles)
पेशियाँ शरीर की गति और कार्यों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक होती हैं। इनके मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:
- गति (Movement):
- शरीर के विभिन्न अंगों को हिलाने-डुलाने में सहायता करती हैं।
- चलना, दौड़ना, कूदना आदि कार्य मांसपेशियों की वजह से संभव होते हैं।
- शरीर का संतुलन और मुद्रा (Posture and Stability):
- रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने और शरीर के उचित संतुलन में मदद करती हैं।
- लंबे समय तक खड़े रहने और बैठने में सहायता करती हैं।
- श्वसन (Respiration):
- डायफ्राम (Diaphragm) नामक पेशी श्वसन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- पाचन (Digestion):
- आंतों की पेशियाँ भोजन को पाचन नली में आगे बढ़ाने का कार्य करती हैं (पेरिस्टालिसिस क्रिया)।
- रक्त संचार (Blood Circulation):
- हृदय एक पेशीय अंग है जो रक्त को पूरे शरीर में पंप करता है।
- रक्त वाहिकाओं की मांसपेशियाँ रक्त प्रवाह को नियंत्रित करती हैं।
- ऊर्जा उत्पादन (Heat Generation):
- जब मांसपेशियाँ संकुचित होती हैं तो शरीर में ऊष्मा उत्पन्न होती है, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है।
- संरक्षण (Protection):
- मांसपेशियाँ आंतरिक अंगों को बाहरी आघात से बचाती हैं।
- पेट की पेशियाँ आंतरिक अंगों को सुरक्षा प्रदान करती हैं।
- मूत्र और मल त्याग (Excretion):
- मूत्राशय और मलाशय की पेशियाँ मूत्र और मल के त्याग में सहायता करती हैं।
- प्रसूति (Childbirth):
- गर्भाशय की पेशियाँ संकुचित होकर बच्चे को जन्म देने में सहायता करती हैं।
- नेत्र गति (Eye Movement):
- आँखों की पेशियाँ आँखों को विभिन्न दिशाओं में घुमाने में मदद करती हैं।
पेशियाँ शरीर के संपूर्ण संचालन के लिए आवश्यक होती हैं और इनकी सही देखभाल करने से शरीर स्वस्थ और सक्रिय बना रहता है।
पेशियों के प्रकार | types of muscles
यह तीन प्रकार की होती हैं-
(1) रेखित पेशियां (striated muscles)
(2) अरेखित पेशियां (Unstriated muscles)-
(3) हृदयी पेशियां (Cardiac muscles)

(1) रेखित पेशियां /ऐच्छिक पेशियां (striated muscles)-
शरीर के अधिकांश पेशियां रेखीय होती हैं। यह मुख्य रूप से अग्रपाद,पश्चपाद तथा पीठ पर पाई जाती है। शरीर में 400 रेखीय पेशियां पाई जाती हैं। यह प्रायः तंत्रिका तंत्र के चेतन नियंत्रण में मनुष्य की इच्छा अनुसार कार्य करती हैं।अतः इन्हें ऐच्छिक पेशियां (voluntary muscles) कहते हैं। यह पेशियां अस्थियों से जुड़ी होती हैं अतः इनको कंकालीय पेशियां (skeleton muscles ) भी कहते है। इन पेशियों में थकान होती है।
रेखित पेशियों के कार्य (Functions of Skeletal Muscles)
रेखित पेशियाँ (Skeletal Muscles) वे पेशियाँ होती हैं जो हड्डियों से जुड़ी होती हैं और शरीर की गति तथा गतिविधियों को नियंत्रित करती हैं। इनके मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:
- शरीर की गति (Body Movement):
- ये पेशियाँ हड्डियों से जुड़ी होती हैं और शरीर को हिलाने-डुलाने में मदद करती हैं।
- चलने, दौड़ने, कूदने, उठने, बैठने आदि कार्य इन्हीं पेशियों के कारण संभव होते हैं।
- शरीर की मुद्रा बनाए रखना (Maintaining Posture):
- रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने और शरीर को संतुलित रखने में सहायक होती हैं।
- लंबे समय तक खड़े रहने और बैठने में मदद करती हैं।
- बल और शक्ति प्रदान करना (Providing Strength and Power):
- भारी वस्तुओं को उठाने और जोर लगाने में सहायता करती हैं।
- मांसपेशियों का संकुचन शरीर को बल और सहनशक्ति प्रदान करता है।
- संरक्षण (Protection):
- ये पेशियाँ आंतरिक अंगों, हड्डियों और जोड़ों को बाहरी आघात से बचाने में मदद करती हैं।
- ऊष्मा उत्पादन (Heat Production):
- जब रेखित पेशियाँ संकुचित होती हैं, तो शरीर में ऊष्मा उत्पन्न होती है, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है।
- श्वसन प्रक्रिया में सहायता (Assisting in Respiration):
- डायफ्राम और इंटरकॉस्टल मांसपेशियाँ (rib cage muscles) श्वसन प्रक्रिया में सहायता करती हैं।
- चोटों से उबरने में मदद (Aid in Recovery from Injuries):
- ये पेशियाँ शरीर की मरम्मत प्रक्रिया में भी मदद करती हैं और चोट लगने पर जल्दी ठीक होने में सहायक होती हैं।
- स्वैच्छिक नियंत्रण (Voluntary Control):
- रेखित पेशियाँ मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होती हैं और व्यक्ति अपनी इच्छा से इन्हें हिला सकता है।
- ये पेशियाँ अनैच्छिक पेशियों (Involuntary Muscles) की तरह स्वतः कार्य नहीं करतीं।
- समान्य गति संचालन (Coordinated Movement):
- ये पेशियाँ शरीर के विभिन्न भागों के बीच समन्वय बनाती हैं, जिससे हाथ, पैर और अन्य अंग सुचारू रूप से कार्य कर पाते हैं।
- जोड़ों को स्थिरता प्रदान करना (Stabilizing Joints):
- हड्डियों के जोड़ों के चारों ओर मौजूद मांसपेशियाँ स्थिरता बनाए रखने में मदद करती हैं, जिससे जोड़ों की चोटों का खतरा कम होता है।
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(2) अरेखित पेशियां /अनैच्छिक पेशियां(Unstriated muscles)
यह पेशियां आहार नाल,मूत्राशय, पित्ताशय,श्वासनाओं, गर्भाशय, योनि, जनन एवं रुधिर वाहिनियों आदि की दीवारों तथा शिश्न, प्लीहा, नेत्रों, त्वचा की डर्मिस आदि में होती हैं। इनका अस्थियों से कोई संबंध नहीं होता अर्थात ये अनैच्छिक पेशियां (involuntory muscles) होती हैं। अनैच्छिक होने के कारण इनमें थकान नहीं होता है।
अरेखित पेशियों के कार्य (Functions of Smooth Muscles)
अरेखित पेशियाँ (Smooth Muscles) वे पेशियाँ होती हैं जो स्वत: संचालित (Involuntary) होती हैं और शरीर के आंतरिक अंगों, रक्त वाहिकाओं और ग्रंथियों में पाई जाती हैं। ये पेशियाँ मस्तिष्क के सीधे नियंत्रण में नहीं होतीं और स्वतः कार्य करती हैं। इनके मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:
- 1. पाचन प्रक्रिया में सहायता (Aiding in Digestion)
- अन्न नलिका (Esophagus), पेट और आँतों की मांसपेशियाँ भोजन को नीचे की ओर धकेलने में मदद करती हैं।
- पेरिस्टालिसिस (Peristalsis) नामक क्रिया के द्वारा भोजन को पाचन तंत्र में आगे बढ़ाया जाता है।
- 2. रक्त संचार नियंत्रित करना (Regulating Blood Circulation)
- धमनियों (Arteries) और शिराओं (Veins) की दीवारों में मौजूद मांसपेशियाँ रक्त प्रवाह को नियंत्रित करती हैं।
- रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
- 3. श्वसन तंत्र में सहायता (Helping in Respiration)
- ब्रोंकाई (Bronchi) और फेफड़ों (Lungs) की मांसपेशियाँ श्वसन प्रक्रिया को नियंत्रित करती हैं।
- साँस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को नियंत्रित करती हैं।
- 4. मूत्र उत्सर्जन (Urination Control)
- मूत्राशय (Bladder) की मांसपेशियाँ मूत्र संग्रह और उत्सर्जन को नियंत्रित करती हैं।
- जब मूत्राशय भर जाता है, तो उसकी मांसपेशियाँ संकुचित होकर मूत्र त्याग की प्रक्रिया को शुरू करती हैं।
- 5. जनन प्रणाली में भूमिका (Role in Reproductive System)
- गर्भाशय (Uterus) की मांसपेशियाँ संकुचित होकर प्रसव के दौरान बच्चे को बाहर निकालने में मदद करती हैं।
- महिलाओं में मासिक धर्म चक्र के दौरान गर्भाशय की पेशियाँ संकुचित होकर रक्त प्रवाह को नियंत्रित करती हैं।
- 6. नेत्र गतिविधियों को नियंत्रित करना (Controlling Eye Movements)
- आंखों की पुतलियों की मांसपेशियाँ (Iris Muscles) प्रकाश के अनुसार पुतली के आकार को बड़ा या छोटा करती हैं।
- आँखों के फोकस को सही बनाए रखती हैं।
- 7. ग्रंथियों के स्राव को नियंत्रित करना (Regulating Secretions of Glands)
- लार ग्रंथियाँ, पसीने की ग्रंथियाँ और पाचन ग्रंथियाँ अरेखित मांसपेशियों द्वारा नियंत्रित होती हैं।
- इन ग्रंथियों के स्राव शरीर की विभिन्न क्रियाओं को सुचारू रूप से संचालित करते हैं।
- 8. शरीर के तापमान को नियंत्रित करना (Maintaining Body Temperature)
- त्वचा की रक्त वाहिकाओं की मांसपेशियाँ संकुचित और फैलकर शरीर के तापमान को नियंत्रित करती हैं।
- 9. विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना (Removing Waste from the Body)
- आंतों की मांसपेशियाँ मल त्याग (Defecation) में सहायता करती हैं।
- शरीर से अवांछित पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती हैं।
- 10. संकुचन और विश्राम (Contraction and Relaxation)
- ये पेशियाँ धीरे-धीरे संकुचित और विश्रांत होती हैं, जिससे अंगों के कार्य करने की गति नियंत्रित रहती है।
- थकान महसूस नहीं होती क्योंकि ये पेशियाँ लगातार कार्य कर सकती हैं।
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(3) हृदयी पेशियां (Cardiac muscles)
ये पेशियां केवल हृदय की मांसल भित्तियों में पाई जाती हैं। और शाखान्वित होती है। यह शाखाएं आपस में मिलकर एक जाल का निर्माण करती हैं। इन पेशियों में रेखित व अरेखित पेशियों के गुण पाए जाते हैं।
यह पेशियां अनैच्छिक एवं कभी ना थकने वाली होती है। ये जन्म से मृत्यु तक निरंतर कार्य करती हैं।
हृद पेशियों के कार्य (Functions of Cardiac Muscles)
हृद पेशियाँ (Cardiac Muscles) वे विशेष प्रकार की मांसपेशियाँ होती हैं जो केवल हृदय (Heart) में पाई जाती हैं। ये स्वैच्छिक (Voluntary) और अ-स्वैच्छिक (Involuntary) पेशियों के बीच का एक प्रकार होती हैं, क्योंकि ये स्वत: संकुचित (Automatic Contraction) होती हैं, लेकिन इनके कार्य का नियंत्रण नर्वस सिस्टम द्वारा प्रभावित किया जा सकता है।
हृद पेशियों के मुख्य कार्य:
- हृदय को धड़काना (Pumping the Heart):
- हृद पेशियाँ सतत संकुचन और प्रसार (Contraction & Relaxation) द्वारा हृदय को धड़काने में मदद करती हैं।
- यह संकुचन रक्त को पूरे शरीर में प्रवाहित करने के लिए आवश्यक होता है।
- रक्त परिसंचरण (Blood Circulation):
- हृद पेशियाँ शरीर की धमनियों (Arteries) और शिराओं (Veins) के माध्यम से रक्त को फेंकने और वापस खींचने में मदद करती हैं।
- यह ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुँचाने में सहायक होती हैं।
- स्वचालित संकुचन (Automatic Contraction):
- हृद पेशियाँ बिना किसी बाहरी उत्तेजना के स्वयं संकुचित और विस्तारित होती रहती हैं।
- यह प्रक्रिया सिनोएट्रियल नोड (SA Node) द्वारा नियंत्रित होती है, जिसे हृदय का प्राकृतिक पेसमेकर (Natural Pacemaker) कहा जाता है।
- रक्तचाप को बनाए रखना (Maintaining Blood Pressure):
- हृद पेशियाँ सही दबाव (Pressure) से रक्त प्रवाह बनाए रखती हैं, जिससे शरीर के सभी अंगों को उचित रक्त आपूर्ति मिलती है।
- थकान रहित कार्य (Fatigue Resistance):
- अन्य मांसपेशियों की तुलना में, हृद पेशियाँ थकान महसूस नहीं करतीं और बिना रुके जीवनभर कार्य करती रहती हैं।
- यह विशेषता इन्हें माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) की अधिक संख्या और सतत ऑक्सीजन आपूर्ति के कारण मिलती है।
- ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का प्रवाह (Oxygen & CO₂ Exchange):
- हृद पेशियाँ शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रक्त को फेफड़ों तक पहुंचाती हैं और ऑक्सीजन युक्त रक्त को पूरे शरीर में भेजती हैं।
- अनुकूलन क्षमता (Adaptability):
- हृदय की मांसपेशियाँ शरीर की जरूरतों के अनुसार धड़कन की गति (Heart Rate) को नियंत्रित कर सकती हैं।
- जैसे व्यायाम या तनाव की स्थिति में हृदय तेजी से धड़कता है, जबकि विश्राम की स्थिति में धीरे हो जाता है।
- हृदय के चारों कक्षों का समन्वय (Coordinated Functioning of Heart Chambers):
- हृद पेशियाँ हृदय के चार कक्षों (दो अलिंद – Atria और दो निलय – Ventricles) के समन्वित संकुचन को सुनिश्चित करती हैं, जिससे रक्त सही दिशा में प्रवाहित होता है।
- रक्त को फेफड़ों और शरीर में भेजना (Pumping Blood to Lungs & Body):
- हृद पेशियाँ शुद्ध और अशुद्ध रक्त को सही दिशा में प्रवाहित करती हैं।
- दाएँ भाग की पेशियाँ अशुद्ध रक्त को फेफड़ों तक भेजती हैं, जबकि बाएँ भाग की पेशियाँ ऑक्सीजन युक्त रक्त को पूरे शरीर में पहुंचाती हैं।
- अनैच्छिक लेकिन नियंत्रित (Involuntary but Regulated):
- हृद पेशियाँ अनैच्छिक होती हैं, लेकिन इनकी गति स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (Autonomic Nervous System) और हार्मोन (Hormones) के द्वारा नियंत्रित होती है।
- जैसे एड्रेनालाईन हार्मोन (Adrenaline) हृदय गति को बढ़ा सकता है।
रेखित,अरेखित तथा हृद पेशियों में अंतर | difference between striated,unstriated and cardiac muscles
क्र०सं० | रेखित पेशियां (striated muscles) | अरेखित पेशियां (Unstriated muscles) | हृदयी पेशियां (Cardiac muscles) |
1 | अस्थियों के साथ जुड़ी रहती हैं। | ये आंतरांगो में पाई जाती है। | हृदय में पाई जाती है। |
2 | ये ऐच्छिक पेशियां हैं। | यह अनैच्छिक पेशियों हैं | यह अनैच्छिक पेशियां है। |
3 | इनके पेशीय तंतु लंबे व बेलनाकार होते हैं। | इसके पेशीय तंतु लंबे व तर्कवाकार होते है। | इनके तंतु लंबे,बेलनाकार व शाखान्वित होते है। |
4 | प्रत्येक पेशी तंतु में अनेके केंद्रक पाए जाते हैं। | केवल एक केन्द्रक पाया जाता है। | इसमे एक केन्द्रक पाया जाता है। |
5 | इनमें धारियां पाई जाती है। | इसमे धारियां नही पाई जाती है। | इसमे धारिया उपस्थित होती है। |
6 | थकान महसूस करती हैं। | महसूस नही करती है। | ये भी महसूस नही करती है। |
रेखित और अरेखित पेशियों में अंतर
क्रम संख्या | रेखित पेशियाँ (Skeletal Muscles) | अरेखित पेशियाँ (Smooth Muscles) |
---|---|---|
1 | ये पेशियाँ हड्डियों से जुड़ी होती हैं। | ये पेशियाँ आंतरिक अंगों जैसे आँत, रक्त वाहिकाएँ और पाचन तंत्र में पाई जाती हैं। |
2 | ये स्वैच्छिक (Voluntary) होती हैं, यानी इन्हें हम अपनी इच्छा से नियंत्रित कर सकते हैं। | ये अनैच्छिक (Involuntary) होती हैं और स्वतः कार्य करती हैं। |
3 | इन पेशियों में रेखाएं (Striations) पाई जाती हैं, जिससे ये धारियों वाली दिखती हैं। | इनमें रेखाएं नहीं पाई जातीं, इसलिए इन्हें अरेखित पेशियाँ कहा जाता है। |
4 | ये तेज गति से संकुचित और विश्रांत होती हैं। | ये धीरे-धीरे संकुचित और विश्रांत होती हैं। |
5 | ये जल्दी थक जाती हैं और विश्राम की आवश्यकता होती है। | ये लगातार काम कर सकती हैं और जल्दी नहीं थकतीं। |
6 | शरीर की गति, दौड़ना, कूदना और वस्तुएँ उठाने में सहायक होती हैं। | ये पाचन, रक्त संचार, श्वसन और मूत्र त्याग जैसी आंतरिक क्रियाओं को नियंत्रित करती हैं। |
7 | इनका नियंत्रण मस्तिष्क के सोमैटिक नर्वस सिस्टम द्वारा किया जाता है। | इनका नियंत्रण स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (Autonomic Nervous System) द्वारा किया जाता है। |
8 | ये पेशियाँ मल्टीन्यूक्लियेटेड (बहु-नाभिकीय) होती हैं, यानी एक कोशिका में कई नाभिक होते हैं। | ये पेशियाँ मोनो-न्यूक्लियेटेड (एक नाभिक वाली) होती हैं। |
9 | ये मुख्य रूप से हाथ, पैर, चेहरा और धड़ में पाई जाती हैं। | ये पाचन तंत्र, रक्त वाहिकाओं, मूत्राशय, गर्भाशय और अन्य आंतरिक अंगों में पाई जाती हैं। |
10 | इन पेशियों का रंग हल्का लाल या गुलाबी होता है। | इन पेशियों का रंग हल्का सफेद या हल्का गुलाबी होता है। |
ऐच्छिक तथा अनैच्छिक पेशियों में अंतर
क्र०सं० | ऐच्छिक पेशियां | अनैच्छिक पेशियां |
1 | इन पेशियों में अनेक केंद्रक पाए जाते हैं। | इन पेशियों में केवल एक केंद्रक पाया जाता है। |
2 | यह थकान महसूस करती हैं । | यह थकान महसूस नहीं करती हैं। |
3 | इसमें धारियां पाई जाती हैं। | धारियां नहीं पाई जाती हैं। |
4 | यह पेशियां लंबी व बेलना कार होती हैं। | यह पेशियां लंबी व तर्कवाकार होती हैं। |
5 | यह पेशियां शाखान्वित नही होती है। | पेशियां शाखान्वित होती है। |
रेखित, अरेखित और हृद पेशियों में अंतर
क्रम संख्या | रेखित पेशियाँ (Skeletal Muscles) | अरेखित पेशियाँ (Smooth Muscles) | हृद पेशियाँ (Cardiac Muscles) |
---|---|---|---|
1 | ये पेशियाँ हड्डियों से जुड़ी होती हैं। | ये आंतरिक अंगों की दीवारों में पाई जाती हैं। | ये केवल हृदय में पाई जाती हैं। |
2 | स्वैच्छिक (Voluntary) होती हैं, यानी इन्हें हम अपनी इच्छा से नियंत्रित कर सकते हैं। | अनैच्छिक (Involuntary) होती हैं, यानी स्वतः कार्य करती हैं। | अर्ध-स्वैच्छिक (Semi-voluntary) होती हैं, यानी स्वतः चलती हैं लेकिन तंत्रिका तंत्र से प्रभावित हो सकती हैं। |
3 | इनमें रेखाएं (Striations) पाई जाती हैं, जिससे ये धारियों वाली दिखती हैं। | इनमें रेखाएं नहीं पाई जातीं, इसलिए ये अरेखित कहलाती हैं। | इनमें हल्की रेखाएं (Striations) पाई जाती हैं। |
4 | ये तेजी से संकुचित और विश्रांत होती हैं। | ये धीरे-धीरे संकुचित और विश्रांत होती हैं। | ये निरंतर गति से काम करती हैं और नियमित संकुचन करती हैं। |
5 | ये जल्दी थक जाती हैं और आराम की जरूरत होती है। | ये लगातार कार्य कर सकती हैं और जल्दी नहीं थकतीं। | ये जीवनभर बिना थके कार्य करती रहती हैं। |
6 | शरीर की गति, दौड़ना, कूदना और वस्तुएँ उठाने में सहायक होती हैं। | ये पाचन, रक्त संचार, मूत्र त्याग और आंतरिक अंगों की गतिविधियों को नियंत्रित करती हैं। | हृदय की धड़कन को नियंत्रित कर रक्त संचार को सुचारू रूप से बनाए रखती हैं। |
7 | इनका नियंत्रण मस्तिष्क के सोमैटिक नर्वस सिस्टम द्वारा किया जाता है। | इनका नियंत्रण स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (Autonomic Nervous System) द्वारा किया जाता है। | ये सिनोएट्रियल नोड (SA Node) द्वारा नियंत्रित होती हैं, जिसे हृदय का प्राकृतिक पेसमेकर कहा जाता है। |
8 | ये मल्टीन्यूक्लियेटेड (बहु-नाभिकीय) होती हैं, यानी एक कोशिका में कई नाभिक होते हैं। | ये मोनो-न्यूक्लियेटेड (एक नाभिक वाली) होती हैं। | ये भी मोनो-न्यूक्लियेटेड होती हैं। |
9 | ये मुख्य रूप से हाथ, पैर, चेहरा और धड़ में पाई जाती हैं। | ये पाचन तंत्र, रक्त वाहिकाओं, मूत्राशय, गर्भाशय और अन्य आंतरिक अंगों में पाई जाती हैं। | ये केवल हृदय की दीवारों में पाई जाती हैं। |
10 | इन पेशियों का रंग हल्का लाल या गुलाबी होता है। | इन पेशियों का रंग हल्का सफेद या हल्का गुलाबी होता है। | इनका रंग गहरा लाल होता है, क्योंकि इसमें भरपूर रक्त संचार होता है। |
रेखित, अरेखित और हृद पेशियों में अंतर से जुड़े 20 अति लघुउत्तरीय प्रश्न-उत्तर
- रेखित पेशियाँ किससे जुड़ी होती हैं?
- हड्डियों से जुड़ी होती हैं।
- अरेखित पेशियाँ कहाँ पाई जाती हैं?
- आंतरिक अंगों जैसे आँत, रक्त वाहिकाएँ, मूत्राशय, श्वसन तंत्र आदि में।
- हृद पेशियाँ मुख्य रूप से किस अंग में पाई जाती हैं?
- केवल हृदय में।
- कौन-सी पेशियाँ स्वैच्छिक (Voluntary) होती हैं?
- रेखित पेशियाँ।
- अरेखित पेशियाँ स्वैच्छिक होती हैं या अनैच्छिक?
- अनैच्छिक।
- हृद पेशियाँ स्वैच्छिक हैं या अनैच्छिक?
- अर्ध-स्वैच्छिक (मुख्यतः अनैच्छिक)।
- रेखित पेशियों में कौन-सी विशेषता पाई जाती है जिससे ये धारियों वाली दिखती हैं?
- इनमें प्रोटीन फिलामेंट्स के कारण रेखाएं (Striations) पाई जाती हैं।
- अरेखित पेशियों में धारियाँ क्यों नहीं होतीं?
- क्योंकि इनमें प्रोटीन फिलामेंट्स व्यवस्थित रूप से नहीं होते।
- हृद पेशियाँ किस प्रकार की धारियों वाली होती हैं?
- हल्की रेखाओं वाली होती हैं।
- रेखित पेशियाँ जल्दी थकती हैं या नहीं?
- हाँ, ये जल्दी थक जाती हैं।
- अरेखित पेशियाँ जल्दी थकती हैं या नहीं?
- नहीं, ये निरंतर कार्य कर सकती हैं।
- हृद पेशियाँ जीवनभर कैसे काम करती हैं?
- स्वचालित संकुचन और विश्रांति से बिना रुके कार्य करती हैं।
- रेखित पेशियाँ किस गति से संकुचित होती हैं?
- बहुत तेजी से।
- अरेखित पेशियाँ किस गति से संकुचित होती हैं?
- बहुत धीरे-धीरे।
- हृद पेशियाँ किस गति से संकुचित होती हैं?
- नियमित रूप से नियंत्रित गति से।
- रेखित पेशियों का रंग कैसा होता है?
- हल्का गुलाबी या लाल।
- अरेखित पेशियों का रंग कैसा होता है?
- हल्का सफेद या गुलाबी।
- हृद पेशियों का रंग कैसा होता है?
- गहरा लाल, क्योंकि इनमें अधिक रक्त प्रवाह होता है।
- रेखित पेशियाँ कितने नाभिक (Nucleus) वाली होती हैं?
- बहु-नाभिकीय (Multinucleated)।
- हृद पेशियाँ कितने नाभिक (Nucleus) वाली होती हैं?
- एक या दो नाभिक वाली (Mono or Bi-nucleated)।
दोस्तों आपको यह आर्टिकल पढ़कर कैसा लगा हमे कमेंट करके बताये तथा सबके साथ शेयर जरूर करे।
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