दोस्तों आज hindiamrit आपके लिए प्रमुख अंतरों की श्रृंखला में नाभिकीय विखंडन तथा नाभिकीय संलयन में अंतर || difference between nuclear fusion and nuclear fission लेकर आया है।तो आज हम आपको नाभिकीय अभिक्रियाओं के प्रकार,नाभिकीय विखंडन क्या है,नाभिकीय संलयन क्या है,nabhikiy vikhandan tatha nabhikiy sanlayan me antar,नाभिकीय संलयन की अभिक्रियाएं,difference between nuclear fusion and nuclear fission, नाभिकीय विखंडन की खोज किसने और कब की,परमाणु बम किस क्रिया पर आधारित है,अणु बम किस क्रिया पर आधारित है,आदि की जानकारी प्रदान करेंगे।

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नाभिकीय विखंडन तथा नाभिकीय संलयन में अंतर
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( What is nuclear fussion ) || नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया
किसी भारी नाभिक के दो या दो से अधिक हल्के नाभिको में टूटने की प्रक्रिया को नाभिकीय विखंडन कहते हैं। उदाहरण –
(1) यूरेनियम- 238 का विखंडन – यूरेनियम 238 के नाभिक पर जब न्यूट्रानों की बमबारी की जाती है तो यूरेनियम नाभिक 2 लगभग बराबर हल्के नाभिक बेरियम (56Ba148) और क्रिप्टन (36kr88) में टूट जाता है। और एक विखंडन में तीन न्यूट्रानों के साथ अपार ऊर्जा मुक्त होती है। इसका रसायनिक समीकरण निम्न है।
92U238 + 0n1 ——-> 56Ba148 + 36Kr88 + 3 0n1 + ऊर्जा
(2) यूरेनियम-235 का विखंडन – यूरेनियम 235 के नाभिक पर जब न्यू चरणों की बमबारी की जाती है तो यूरेनियम नाभिक दो लगभग बराबर हल्के नाभिक स्ट्रांसियम (38 Sr94) और जेनॉन (54Xe140) में टूट जाता है। और एक विखंडन में दो न्यूट्रानो के साथ अपार ऊर्जा मुक्त होती है। इसका रासायनिक समीकरण निम्न है
92U235 + 0n1 ——-> 54Xe140 + 38Sr94 + 2 0n1 + ऊर्जा
मुख्य बिंदु:
- प्रक्रिया:
- भारी नाभिक में न्यूट्रॉन प्रवेश करता है।
- नाभिक अस्थिर हो जाता है और टूट जाता है।
- टूटने पर दो या अधिक छोटे नाभिक, अतिरिक्त न्यूट्रॉन और ऊर्जा निकलती है।
- ऊर्जा रिलीज़:
- विखंडन के दौरान विशाल मात्रा में ऊष्मीय ऊर्जा मुक्त होती है, जिसका उपयोग न्यूक्लियर रिएक्टरों में बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है।
- उपयोग:
- नियंत्रित विखंडन: न्यूक्लियर रिएक्टरों में विद्युत उत्पादन के लिए।
- अनियंत्रित विखंडन: आणविक हथियारों में।
- श्रृंखला प्रतिक्रिया:
- अतिरिक्त न्यूट्रॉन अन्य नाभिकों को प्रभावित करके एक श्रृंखला प्रतिक्रिया भी उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे ऊर्जा रिलीज़ और बढ़ जाती है।
नाभिकीय विखंडन के प्रकार
(1) प्राकृतिक विखंडन – स्वतः से विघटन
(2) कृत्रिम विखंडन-कृत्रिम विधियों द्वारा विघटन
नाभिकीय विखंडन की खोज किसने और कब की? – इसकी की खोज सन 1939 में जर्मन के दो वैज्ञानिकों ऑटो हान ( otto hann) एवं स्ट्रास्मां (strassmann) ने की।
परमाणु बम किस क्रिया पर आधारित है? – परमाणु बम का सही नाम नाभिकीय बम है। परमाणु बम नाभिकीय विखंडन की नियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया पर आधारित है।
( What is nuclear fission ) || नाभिकीय संलयन अभिक्रिया
अभिक्रिया जिसमे दो हल्के नाभिक परस्पर संयुक्त होकर एक भारी नाभिक की रचना करते हैं, नाभिकीय संलयन कहलाती है। उदाहरण –
(1) भारी हाइड्रोजन अर्थात ड्यूटीरियम (1H2) के दो नाभिक संयोग करते हैं तो ट्राइटियम (1H3) प्राप्त होता है। इसका रासायनिक समीकरण निम्न है।
1H2 + 1H2 ———-> 1H3 + 1H1 + 4MeV(ऊर्जा)
(2) ड्यूटीरियम (1H2) तथा ट्राइटियम (1H3) के नाभिक संयोग से हीलियम (2He4) का नाभिक प्राप्त होता है। इसका रासायनिक समीकरण निम्न है।
1H2 + 1H3 ——–> 2H4 + 0n1 + 17.6 MeV(ऊर्जा)
हाइड्रोजन बम किस क्रिया पर आधारित है? – हाइड्रोजन बम नाभिकीय संलयन अभिक्रिया पर आधारित है।
सूर्य की ऊर्जा का स्त्रोत क्या है? – सूर्य की ऊर्जा का स्त्रोत उसमे उपस्थित गैसों में नाभिकीय संलयन की अभिक्रिया के दौरान उत्पन्न ऊर्जा है।

नाभिकीय संलयन तथा नाभिकीय विखंडन में अंतर
अंतर का आधार | नाभिकीय संलयन (Fusion) | नाभिकीय विखंडन (Fission) |
---|---|---|
परिभाषा | हल्के नाभिकों का मिलकर भारी नाभिक का निर्माण करना। | भारी नाभिक का टूटकर छोटे नाभिकों में विभाजन होना। |
ऊर्जा रिलीज़ | बहुत अधिक ऊर्जा मुक्त होती है। | उच्च मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है, परन्तु संलयन जितनी नहीं। |
तापमान एवं दाब | अत्यधिक तापमान और दाब की आवश्यकता होती है। | तापीय न्यूट्रॉन द्वारा नियंत्रित प्रक्रिया, अपेक्षाकृत कम तापमान पर संभव। |
ईंधन | हाइड्रोजन और उसके समस्थानिक (जैसे ड्यूटेरियम, ट्रिटियम)। | भारी नाभिकीय ईंधन जैसे यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239। |
उत्पाद | हीलियम और ऊर्जा। | छोटे नाभिक, न्यूट्रॉन, और ऊर्जा। |
नियंत्रण | अभी भी प्रयोगात्मक; नियंत्रित करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण है। | न्यूक्लियर रिएक्टरों में नियंत्रित रूप से किया जाता है। |
प्राकृतिक उदाहरण | सूर्य और अन्य तारे में प्राकृतिक संलयन होता है। | प्राकृतिक रूप से नहीं, मानव निर्मित रिएक्टरों में उपयोग होता है। |
तकनीकी जटिलता | अत्यधिक जटिल; प्रयोगशाला स्तर पर सफलता की दिशा में प्रयास जारी हैं। | तकनीकी रूप से विकसित; व्यावसायिक न्यूक्लियर रिएक्टरों में प्रयोग। |
ऊर्जा दक्षता | असीमित ऊर्जा उत्पादन की संभावना, यदि नियंत्रित किया जाए। | उच्च दक्षता, परन्तु रेडियोधर्मी अपशिष्ट की समस्या। |
पर्यावरणीय प्रभाव | कम रेडियोधर्मी अपशिष्ट, अपेक्षाकृत स्वच्छ ऊर्जा स्रोत। | रेडियोधर्मी अपशिष्ट की समस्या, पर्यावरणीय सुरक्षा चुनौतियाँ। |
नाभिकीय विखंडन तथा नाभिकीय संलयन में अंतर (टेबल 2)
नाभिकीय विखंडन | नाभिकीय संलयन |
इसमें बड़े परमाणु के नाभिक टूटकर छोटे परमाणु के नाभिकों में बदलते है। | छोटे परमाणु के नाभिक जुड़कर बड़ा नाभिक बनाते है। |
इसमें कम ऊर्जा उत्पन्न होती है। | अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है। |
परमाणु बम इस क्रिया पर आधारित है। | अणु बम इस क्रिया पर आधारित है। |
यह क्रिया कम खतरनाक है। | अधिक खतरनाक है क्योंकि इसमें ऊर्जा बहुत अधिक निकलती है। |
इस क्रिया में ताप संलयन की क्रिया की अपेक्षा कम बढ़ता है। | ताप बहुत अधिक बढ़ता है। |
यह भी पढ़ लीजिये
नाभिकीय संलयन और नाभिकीय विखंडन में अंतर से जुड़े 20 FAQS
- प्रश्न: नाभिकीय संलयन क्या है?
उत्तर: दो या अधिक हल्के नाभिकों का आपस में मिलकर भारी नाभिक का निर्माण करना। - प्रश्न: नाभिकीय विखंडन क्या है?
उत्तर: भारी नाभिक का टूटकर छोटे नाभिकों में विभाजन होना। - प्रश्न: संलयन में किसका निर्माण होता है?
उत्तर: हल्के नाभिक मिलकर भारी नाभिक और हीलियम जैसे उत्पाद बनाते हैं। - प्रश्न: विखंडन में किसका निर्माण होता है?
उत्तर: भारी नाभिक टूटकर छोटे-छोटे नाभिक, न्यूट्रॉन और ऊर्जा छोड़ता है। - प्रश्न: संलयन के दौरान ऊर्जा का स्तर कैसा होता है?
उत्तर: अत्यधिक ऊर्जा मुक्त होती है। - प्रश्न: विखंडन के दौरान ऊर्जा का स्तर कैसा होता है?
उत्तर: पर्याप्त ऊर्जा मुक्त होती है, लेकिन आमतौर पर संलयन जितनी नहीं। - प्रश्न: संलयन का प्राकृतिक उदाहरण कौन सा है?
उत्तर: सूर्य और अन्य तारे। - प्रश्न: विखंडन का प्राकृतिक/कृत उदाहरण कौन सा है?
उत्तर: न्यूक्लियर रिएक्टर और आणविक बम। - प्रश्न: संलयन प्रक्रिया में किस प्रकार के नाभिक शामिल होते हैं?
उत्तर: हल्के नाभिक (जैसे हाइड्रोजन, ड्यूटेरियम)। - प्रश्न: विखंडन प्रक्रिया में किस प्रकार के नाभिक शामिल होते हैं?
उत्तर: भारी नाभिक (जैसे यूरेनियम-235, प्लूटोनियम-239)। - प्रश्न: संलयन के लिए किस तरह के तापमान और दाब की आवश्यकता होती है?
उत्तर: बहुत उच्च तापमान और अत्यधिक दाब। - प्रश्न: विखंडन के लिए किस तरह की शर्तें आवश्यक होती हैं?
उत्तर: नियंत्रित न्यूट्रॉन द्वारा भारी नाभिक का संपीड़न। - प्रश्न: संलयन में रिएक्शन नियंत्रित करना कैसा है?
उत्तर: अभी भी प्रयोगात्मक और चुनौतीपूर्ण है। - प्रश्न: विखंडन में रिएक्शन नियंत्रित करना कैसा है?
उत्तर: न्यूक्लियर रिएक्टरों में सफलतापूर्वक नियंत्रित किया जाता है। - प्रश्न: संलयन में मुख्य उत्पाद कौन सा होता है?
उत्तर: हीलियम और विशाल मात्रा में ऊर्जा। - प्रश्न: विखंडन में मुख्य उत्पाद कौन से होते हैं?
उत्तर: छोटे नाभिक, न्यूट्रॉन, और ऊर्जा। - प्रश्न: संलयन ऊर्जा उत्पादन में किसका योगदान होता है?
उत्तर: सितारों की ऊर्जा और भविष्य में फ्यूजन रिएक्टरों में। - प्रश्न: विखंडन ऊर्जा उत्पादन में किसका योगदान होता है?
उत्तर: न्यूक्लियर रिएक्टरों के माध्यम से बिजली उत्पादन। - प्रश्न: संलयन में ईंधन के रूप में क्या प्रयोग होता है?
उत्तर: मुख्यतः हाइड्रोजन और उसके समस्थानिक (जैसे ड्यूटेरियम)। - प्रश्न: विखंडन में ईंधन के रूप में क्या प्रयोग होता है?
उत्तर: भारी नाभिकीय ईंधन जैसे यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239।
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