दोस्तों आज hindiamrit आपके लिए प्रमुख अंतरों की श्रृंखला में कक्षीय वेग और पलायन वेग में अंतर लेकर आया है। तो आज हम आपको कक्षीय वेग क्या है,पलायन वेग क्या है,palayan veg kise kahte hai,kakshiy veg kise kahte hai,kakshiy veg aur palayan veg me antar, आदि की जानकारी प्रदान करेंगे।

Contents
कक्षीय वेग और पलायन वेग में अंतर || difference between orbital velocity and escape velocity
आइये जानते है पलायन वेग से क्या समझते है?,पलायन वेग का मान कितना होता है?,क्या है एस्केप वेलोसिटी समझाने?,उपग्रह का कक्षीय वेग क्या है?,पलायन वेग से क्या समझते है,पलायन वेग किसे कहते हैं,पृथ्वी का पलायन वेग का मान,पलायन वेग का सूत्र क्या है,पृथ्वी तल से पलायन वेग का मान है,पलायन वेग का मान कितना है,पलायन वेग तथा कक्षीय वेग में अंतर।।
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कक्षीय वेग किसे कहते हैं || what is orbital velocity
जब कोई उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा करता है तो उसका मार्ग वृत्तीय होता है। इस वृत्तीय मार्ग के लिए उपग्रह को एक अभिकेंद्र बल की आवश्यकता होती है। ग्रह एवं उपग्रह के मध्य कार्य करने वाला गुरुत्वाकर्षण बल ही आवश्यक अभिकेंद्र बल प्रदान करता है। उपग्रह एक निश्चित वेग से पृथ्वी की परिक्रमा करता है इस वेग को ही कक्षीय वेग कहते हैं। इसे V0 से प्रदर्शित करते है। Orbital velocity (कक्षीय वेग) उपग्रह के द्रव्यमान पर निर्भर नही करता है। यदि Me पृथ्वी का द्रव्यमान, Re पृथ्वी की त्रिज्या,h उपग्रह की पृथ्वी के तल से ऊँचाई और G गुरुत्वाकर्षण नियतांक है। तो,
कक्षीय वेग = {GMe / (Re+h)}^1/2
पलायन वेग किसे कहते हैं || what is escape velocity
यदि किसी पिंड को पृथ्वी तल से ऊपर फेंका जाता है तो उसकी गतिज ऊर्जा गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा में बदलती है। और जब संपूर्ण गतिज ऊर्जा गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा में बदल जाती है। तो पिंड वापस लौटना आरंभ कर देता है। इसके आधार पर हम कह सकते हैं कि पिंड को पलायन करने के लिए अर्थात उसे अनंत तक पहुंचाने के लिए उसकी गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा के बराबर गतिज ऊर्जा देनी चाहिए। ऊर्जा की वह मात्रा जो पिंड को पलायन करा दे पलायन ऊर्जा कहलाती है। इसी प्रकार “वह न्यूनतम वेग जिससे फेंके जाने पर वस्तु पलायन कर जाए अर्थात लौट कर वापस ना आए पलायन वेग कहलाता है।” इसे Ve से प्रदर्शित करते है। पलायन वेग उपग्रह के द्रव्यमान पर निर्भर नही करता है। यदि Me पृथ्वी का द्रव्यमान, Re पृथ्वी की त्रिज्या,h उपग्रह की पृथ्वी के तल से ऊँचाई और G गुरुत्वाकर्षण नियतांक है। तो,
पलायन वेग = {2GMe / (Re+h)}^1/2

कक्षीय वेग और पलायन वेग में सम्बन्ध || relation between orbital velocity and escape velocity
पलायन वेग = कक्षीय वेग × √2
Ve = V0 × √2
महत्वपूर्ण निष्कर्ष
- यदि कोई वस्तु कक्षीय वेग (vo) से कम गति से चलती है, तो वह ग्रह की सतह पर गिर जाएगी।
- यदि कोई वस्तु कक्षीय वेग (vo) से अधिक लेकिन पलायन वेग (ve) से कम गति से चलती है, तो वह एक दीर्घवृत्तीय कक्षा में जाएगी।
- यदि कोई वस्तु पलायन वेग (ve) से अधिक वेग प्राप्त कर लेती है, तो वह ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर निकल जाएगी और स्वतंत्र रूप से अंतरिक्ष में यात्रा करेगी।
- ग्रहों या उपग्रहों की ऊँचाई बढ़ाने पर दोनों वेग कम हो जाते हैं क्योंकि वे ग्रह की त्रिज्या (r) के व्युत्क्रमानुपाती होते हैं।
पलायन वेग और कक्षीय वेग में अंतर || difference between escape velocity and orbital velocity
अंतर का आधार | कक्षीय वेग (Orbital Velocity) | पलायन वेग (Escape Velocity) |
---|---|---|
परिभाषा | वह न्यूनतम वेग जिससे कोई वस्तु किसी ग्रह या उपग्रह की परिक्रमा कर सके। | वह न्यूनतम वेग जिससे कोई वस्तु किसी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर निकल सके। |
सूत्र | v₀ = √(GM/r) | vₑ = √(2GM/r) |
अनुप्रयोग | उपग्रहों को किसी ग्रह या तारे की कक्षा में स्थापित करने में। | किसी अंतरिक्ष यान को ग्रह के गुरुत्वाकर्षण से मुक्त करने में। |
गुरुत्वाकर्षण बल पर निर्भरता | कक्षीय वेग ग्रह के गुरुत्वाकर्षण बल पर निर्भर करता है। | पलायन वेग भी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण बल पर निर्भर करता है। |
दिशा | यह सदिश राशि (Vector Quantity) होती है और दिशा महत्वपूर्ण होती है। | यह अदिश राशि (Scalar Quantity) होती है और केवल परिमाण मायने रखता है। |
पृथ्वी के लिए मान | लगभग 7.9 km/s | लगभग 11.2 km/s |
कक्षा की ऊँचाई पर प्रभाव | ऊँचाई बढ़ने पर कक्षीय वेग घटता है। | ऊँचाई बढ़ने पर पलायन वेग भी घटता है। |
मूल्य की तुलना | कक्षीय वेग कम होता है। | पलायन वेग अधिक होता है (vₑ = √2 v₀)। |
ग्रह के द्रव्यमान पर प्रभाव | यदि ग्रह का द्रव्यमान बढ़ेगा, तो कक्षीय वेग भी बढ़ेगा। | यदि ग्रह का द्रव्यमान बढ़ेगा, तो पलायन वेग भी बढ़ेगा। |
महत्वपूर्ण उपयोग | कृत्रिम उपग्रहों और अंतरिक्ष स्टेशनों की कक्षा में बनाए रखने के लिए। | चंद्रमा, मंगल, और अन्य ग्रहों पर स्पेस मिशन भेजने के लिए। |
कक्षीय वेग और पलायन वेग में अंतर (टेबल 2)
कक्षीय वेग | पलायन वेग |
यह पृथ्वी की परिक्रमा करने के लिए उपग्रह के लिए आवश्यक वेग है। | यह पृथ्वी की कक्षा से पलायन करने के लिए उपग्रह के लिए आवश्यक वेग है। |
इसे VO से प्रदर्शित करते है। | इसे Ve से प्रदर्शित करते है। |
कक्षीय वेग = {GMe / (Re+h)}^1/2 | पलायन वेग = {2GMe / (Re+h)}^1/2 |
यदि किसी उपग्रह का कक्षीय वेग x km/h है । | तो पलायन वेग √2X km/h होगा। अर्थात यह कक्षीय वेग से अधिक होता है। |
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कक्षीय वेग और पलायन वेग में अंतर से जुड़े 15 FAQS
- कक्षीय वेग क्या होता है?
→ वह न्यूनतम वेग जिससे कोई वस्तु किसी ग्रह या उपग्रह की परिक्रमा कर सके। - पलायन वेग क्या होता है?
→ वह न्यूनतम वेग जिससे कोई वस्तु किसी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर निकल सके। - कक्षीय वेग किस पर निर्भर करता है?
→ ग्रह के द्रव्यमान (M) और कक्षा की त्रिज्या (r) पर। - पलायन वेग किस पर निर्भर करता है?
→ ग्रह के द्रव्यमान (M) और उसके त्रिज्या (r) पर। - पृथ्वी के लिए कक्षीय वेग कितना होता है?
→ लगभग 7.9 km/s। - पृथ्वी के लिए पलायन वेग कितना होता है?
→ लगभग 11.2 km/s। - कक्षीय वेग का उपयोग कहाँ किया जाता है?
→ उपग्रहों को ग्रहों की परिक्रमा कराने में। - पलायन वेग का उपयोग कहाँ किया जाता है?
→ अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर भेजने में। - क्या कक्षीय वेग ऊँचाई बढ़ने पर घटता है?
→ हाँ, ऊँचाई बढ़ने पर कक्षीय वेग कम होता है। - क्या पलायन वेग ऊँचाई बढ़ने पर घटता है?
→ हाँ, ऊँचाई बढ़ने पर पलायन वेग भी कम होता है। - चंद्रमा का पलायन वेग पृथ्वी की तुलना में अधिक है या कम?
→ कम, क्योंकि चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल कम है। - कक्षीय वेग का SI मात्रक क्या है?
→ मीटर प्रति सेकंड (m/s)। - पलायन वेग का SI मात्रक क्या है?
→ मीटर प्रति सेकंड (m/s)। - यदि किसी ग्रह का द्रव्यमान बढ़ा दिया जाए, तो कक्षीय वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
→ कक्षीय वेग बढ़ जाएगा। - यदि किसी ग्रह का द्रव्यमान बढ़ा दिया जाए, तो पलायन वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
→ पलायन वेग भी बढ़ जाएगा।
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