आवृतबीजी तथा अनावृतबीजी में अंतर || difference between angiosperm and gymnosperm

आवृतबीजी तथा अनावृतबीजी में अंतर || difference between angiosperm and gymnosperm ― दोस्तों आज हम अपनी वेबसाइट hindiamrit.com में अंतरों की श्रृंखला में आपको एक नए अंतर जो जीव विज्ञान (biology) में अति महत्वपूर्ण है,की जानकारी प्रदान करेगे।

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difference between angiosperm and gymnosperm || आवृतबीजी तथा अनावृतबीजी में अंतर

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नग्नबीजी /आवृतबीजी पौधे किसे कहते है || आवृतबीजी पौधे के लक्षण/गुण || जिम्नोस्पर्म के सामान्य लक्षण || जिम्नोस्पर्म पौधे (gymnosperm)

इन पौधों में फल नहीं बनते हैं। ये पौधे का काष्ठीय तथा बहु वर्षीय होते हैं।

पुष्पक्रम के स्थान पर शंकु(cones) होते हैं। जिनमें विशेष पत्तियां (बीजाणुपर्ण) समूह में लगी होती हैं।

मादा एवं नर शंकु अलग-अलग होते हैं।इनमें परागण सदैव वायु द्वारा होता है।

बीज नग्न अवस्था में बीजाणुपर्णपर पर लगे होते हैं इसीलिए इन्हें नग्नबीजी अथवा अनावृतबीजी पौधे कहते हैं।


अनावृतबीजी / नग्नबीजी पौधों के नाम/plants of gymnosperm

(1) साइकस (Cycas)

(2) पाइनस (pinus)

(3)देवदार (cedrus)

(4) जिंगो (zingo)

आवृतबीजी पौधे ||  एंजियोस्पर्म || आवृतबीजी पौधों के लक्षण/गुण || एंजियोस्पर्म के सामान्य लक्षण  (angiosperm)

वर्तमान में आवृत्तबीजी पौधे की सबसे अधिक जातियां पाई जाती हैं।

यह पौधे पादप जगत में सबसे अधिक विकसित हैं।

ये एकवर्षीय द्विवर्षीय बहुवर्षीय तथा शाकीय अथवा काष्ठीय सभी प्रकार के होते हैं।

इनमें पुष्प एकलिंगी अथवा द्विलिंगी स्पष्ट होते है।

इन पौधों में बीज सदैव फल के अंदर बनते हैं,इसीलिए यह आवृतबीजी पौधे कहलाते हैं।

इनको दो उपवर्गों में बांटा गया है–  (1) एकबीजपत्री (2) द्विबीजपत्री

आवृतबीजी पौधों के नाम/plants of angiosperm

(1)मक्का,गेहूँ,गन्ना

(2)घास,अंगूर

(3)सेब,सरसों,आम

(4)मटर,सेम,चना,

(5)पीपल,अमरूद


आवृतबीजी तथा अनावृतबीजी में अंतर|| आवृतबीजी तथा नग्नबीजी में अंतर || difference between angiosperm and gymnosperm

आवृतबीजी पौधेअनावृतबीजी पौधे
इनके पुष्प में बाह्यदल तथा दल पाए जाते हैं पौधे पुष्पधारी कहलाते है।बाह्यदल तथा दल नहीं होते।
इनमें निषेचन दोहरा होता है। एकल निषेचन होता है।
बीज फलावरण के अंदर बनते हैं अतः यह आवृतबीजी कहलाते हैं।इनमें बीज नग्न होते है,अतः इन्हें नग्नबीजी भी कहते है।
भ्रूणपोष दोहरे निषेचन के बाद विकसित होता है। भ्रूणपोष त्रिगुणित होता है।इनमें भ्रूणपोष का विकास निषेचन से पहले होता है। भ्रूणपोष अगुणित होता है।
सूर्यमुखी, सरसों, गुड़हल, मटर, गेहूँ, गन्ना आदि आवृतबीजी पौधे है।पाइनस,जिंगो,साइकस आदि अनावृतबीजी पौधे है।

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महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न – 1 – आवृतबीजी में कैसा निषेचन होता है ?

उत्तर – दोहरा निषेचन

प्रश्न – 2 – आवृतबीजी पौधों के उदाहरण बताइए ?

उत्तर – मटर,गेहूं, सरसों, गन्ना ।

प्रश्न – 3 – अनावृतबीजी पौधों के उदाहरण बताइए ?

उत्तर – पाइनस,जिंगो,साइकस।

प्रश्न – 4 – अनावृतबीजी पौधे के बीज कैसे होते हैं ?

उत्तर – इनके बीज नग्न होते हैं ।

प्रश्न – 5 – आवृतबीजी पौधे के बीज कैसे होते हैं ?

उत्तर – इनके बीज में एक आवरण पाया जाता है।

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