बेसिक शिक्षा-परिषद् के कार्य / जिला बेसिक शिक्षा-परिषद् समितियां

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बेसिक शिक्षा-परिषद् के कार्य / जिला बेसिक शिक्षा-परिषद् समितियां

बेसिक शिक्षा-परिषद् के कार्य / जिला बेसिक शिक्षा-परिषद् समितियां
बेसिक शिक्षा-परिषद् के कार्य / जिला बेसिक शिक्षा-परिषद् समितियां


जिला बेसिक शिक्षा-परिषद् समितियां / बेसिक शिक्षा-परिषद् के कार्य

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बेसिक शिक्षा-परिषद् क्या है
Basic Education Council

इस अधिनियम के अन्तर्गत राज्यीय स्तर पर एक स्वायत्तशासी बेसिक शिक्षा-परिषद् की स्थापना की गयी। भारत में प्राथमिक शिक्षा को समुन्नत बनाने हेतु तथा प्राथमिक शिक्षा के गुणात्मक उन्नयन हेतु स्वतन्त्रता के पश्चात् निरन्तर प्रयास किये जाते रहे हैं। बेसिक शिक्षा की मूल्यांकन समिति, 1956 ने अनुरोध किया था कि राज्य सरकारें प्राथमिक शिक्षा को बेसिक रूप में बदल दें तथा इसकी जिम्मेदारी अपने हाथों में ले लें। 10 जुलाई 1972 को एक अध्यादेश द्वारा राज्य सरकार ने प्राथमिक शिक्षा को सीधे अपने हाथ में ले लिया। इसके तुरन्त बाद सरकार ने इस अध्यादेश को कानून का रूप दे दिया।

इस एक्ट के अनुसार प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था के लिये राज्य स्तर पर बेसिक शिक्षा परिषद् का गठन किया गया। प्रदेश के अन्तर्गत वर्तमान में एक लाख से अधिक परिषदीय प्राथमिक विद्यालय तथा लगभग 35000 से अधिक उच्च प्राथमिक विद्यालय उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद् द्वारा संचालित किये जा रहे हैं जिसमें प्रतिवर्ष बढ़ोत्तरी हो रही है। लगभग 3 लाख शिक्षक विद्यालयों में कार्यरत है। विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती एवं पदोन्नति की प्रक्रिया निरन्तर जनपदों में चलती रहती है। अध्यापकों के अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण एवं नव प्रशिक्षित अध्यापकों की नियुक्ति की कार्यवाही भी परिषद् अथवा जनपद स्तर पर गतिमान रहती है। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अधिनियम 1992 को भारत के संविधान के अनुच्छेद 200 के अन्तर्गत राज्यपाल ने दिनांक 17 अगस्त, 1972 को स्वीकृति प्रदान की तथा उत्तर प्रदेशीय सरकारी असाधारण गजट में दिनांक 19 अगस्त, 1972 को प्रकाशित हुआ।

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उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद् के कार्य / Functions of Uttar Pradesh Basic Education Council

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद् की शक्तियों का वर्णन निम्नलिखित प्रकार है-(1) राज्य सरकार से अनुदान, आर्थिक सहायता और ऋण प्राप्त करना । (2) जिले या राज्य से बेसिक शिक्षा के विकास, प्रसार तथा सुधार एवं उसमें अनुसन्धान के लिये योजनाएँ तैयार करना। (3) बेसिक विद्यालयों, सामान्य विद्यालयों, बेसिक प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र इकाइयों तथा राज्य शिक्षा संस्थान का पर्यवेक्षण करना एवं उन पर नियन्त्रण रखना। (4) बेसिक शिक्षा तथा उसके लिये शिक्षक प्रशिक्षण की व्यवस्था करना एवं पुस्तकें प्रस्तावित करना । (5) जूनियर हाईस्कूल तथा बेसिक प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र परीक्षा तथा ऐसी अन्य परीक्षाओं का संचालन एवं निरीक्षण करना, जिन्हें राज्य सरकार समय-समय पर उस सामान्य या विशेष आदेश द्वारा अधिकार प्रदान करे।

जिला बेसिक शिक्षा-समितियाँ
District Basic Education Committees

प्रत्येक जिले में एक समिति स्थापित की जायेगी, जो जिला बेसिक शिक्षा समिति के नाम से जानी जायेगी। इसमें निम्नलिखित को सदस्यता प्राप्त होगी-

(1) जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी-इसका अध्यक्ष होगा। (2) तीन व्यक्ति-जिला परिषद् या अन्तरिम जिला परिषद् के यदि कोई हो। राज्य सरकार द्वारा नाम निर्दिष्ट किये जायेंगे। (3) तीन व्यक्ति-जिले में स्थित नगर महापालिकाओं, नगरपालिकाओं, नोटिफाइड एरिया कमेटियों तथा टाउन एरिया कमेटियों के सदस्यों में से। राज्य सरकार द्वारा नाम निर्दिष्ट किये जायेंगे। (4) एक व्यक्ति-जो निदेशक द्वारा जिले में, निम्नांकित में प्रत्येक से-(अ) बालकों के इण्टरमीडिएट कॉलेजों के प्रधानाध्यापकों में से। (ब) बालिकाओं के इण्टरमीडिएट कॉलेजों के प्रधानाध्यापकों में से। (स) बालकों के राजकीय नॉर्मल विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों में से। (द) बालिकाओं केराजकीयसामान्य विद्यालयों की प्रधानाध्यापिकाओं में से निर्दिष्ट किया गया नाम। (5) तीन शिक्षाविद्-राज्य सरकार द्वारा तीन शिक्षाविदों के नाम निर्दिष्ट किये जायेंगे। (6) विद्यालय उप-निरीक्षक, जो समिति का सदस्य-सचिव होगा।

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बेसिक शिक्षा परिषद् के प्रमुख कार्य
Main Functions of Basic Education Board

बेसिक शिक्षा परिषद् के कार्य निम्नलिखित हैं-
(1)शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों पर नियन्त्रणरखना। (2) शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों के चयन, नियुक्ति, स्थानान्तरण, दण्ड देने तथा सेवा-सम्बन्धी मामलों पर निर्णय लेना। (3) विभिन्न स्तरों की परीक्षाओं की व्यवस्था करना। (4) पाठ्यक्रमों का निर्धारण करना । (5) शिक्षकों के लिये प्रशिक्षण की व्यवस्था करना। (6) विद्यालयों की स्थापना एवं प्राथमिक शिक्षा-स्तर के संस्थान को मान्यता प्रदान करना। शैक्षिक शोध व्यवस्था करना आदि।

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