दोस्तों विज्ञान की श्रृंखला में आज हमारी वेबसाइट hindiamrit.com का टॉपिक परमाणु भार,अणु भार,तुल्यांकी भार एवं मोल अवधारणा क्या है एवं इनके सूत्र है। हम आशा करते हैं कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपकी इस टॉपिक से जुड़ी सभी समस्याएं खत्म हो जाएगी ।
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परमाणु भार,अणु भार,तुल्यांकी भार एवं मोल अवधारणा क्या है एवं इनके सूत्र
मोल अवधारणा क्या है एवं इनके सूत्र
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परमाणु तथा अणु क्रमशः किसी तत्व तथा यौगिकों के सूक्ष्मतम् कण हैं। परमाणु के भार को परमाणु भार तथा अणु के भार को अणुभार कहा जाता है जबकि इनके 1 तुल्यांक का भार तुल्यांकी भार कहलाता है। इस अध्याय में हम उपरोक्त भारों तथा उनके मोल से सम्बन्ध का अध्ययन करेंगे।
परमाणु भार Atomic Weight
चूँकि परमाणु अत्यन्त सूक्ष्म कण होते हैं अत: किसी एक परमाणु का वास्तविक द्रव्यमान ज्ञात करना अत्यधिक कठिन तथा असुविधाजनक है। इस कारण किसी परमाणु के परमाणु भार को उसके किसी अन्य तत्व के परमाणु भार के सापेक्ष भार के रूप में ज्ञात किया जाता है।
हाइड्रोजन के सबसे हल्का होने के कारण प्रारम्भ में इसे आधार (मानक) मानकर अन्य तत्वों के सापेक्ष भार ज्ञात किए गए, तत्पश्चात् कुछ वैज्ञानिकों ने प्रयोगों के आधार पर ऑक्सीजन को मानक मानकर सापेक्ष भार ज्ञात किए।
हाइड्रोजन को मानक मानकर परमाणु भार को निम्न प्रकार परिभाषित किया गया “किसी तत्व का परमाणु भार वह संख्या है, जो यह प्रदर्शित करती है कि उस तत्व का एक परमाणु हाइड्रोजन के एक परमाणु से कितने गुना भारी है। अतः
तत्व का परमाणु भार = तत्व के एक परमाणु का द्रव्यमान / हाइड्रोजन के एक परमाणु का द्रव्यमान अर्थात् यह भी कहा जा सकता है कि परमाणु भार वह संख्या है, जो किसी तत्व के एक परमाणु के द्रव्यमान तथा हाइड्रोजन के एक परमाणु के द्रव्यमान के अनुपात को निरूपित करती है।
ऑक्सीजन को मानक मानकर परमाणु भार को निम्न प्रकार परिभाषित किया गया “किसी तत्व का परमाणु भार वह संख्या है, जो यह प्रदर्शित करती है कि उस तत्व का एक परमाणु ऑक्सीजन के एक परमाणु के 1/16 भाग से कितने गुना भारी है।
अतः
तत्व का परमाणु भार = तत्व के एक परमाणु का द्रव्यमान / 1/16x एक ऑक्सीजन परमाणु का द्रव्यमान
परन्तु ऑक्सीजन का प्राप्त परमाणु भार वास्तव में इसके तीन समस्थानिकों O16,017 तथा O18 का औसत भार होता है, अतः यह मानक भी विश्वस्त नहीं रहा। वर्तमान समय में, C-12 को मानक माना गया है तथा इस आधार पर परमाणु भार की निम्न परिभाषा दी गई है।
“किसी तत्व का परमाणु भार वह संख्या होती है, जो यह दर्शाती है कि उस तत्व के परमाणु का औसत भार C-12 के एक परमाणु के बारहवें भाग (1/12) से कितने गुना भारी है।”
अर्थात् कार्बन के सापेक्ष, किसी तत्व का परमाणु भार =
तत्व के एक परमाणु का द्रव्यमान / 1/12x एक कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान
कार्बन-12 को मानक (आधार) मानने पर अधिकांश तत्वों के परमाणु भार पूर्णांक या लगभग पूर्णांक प्राप्त होते हैं तथा पुराने मानकों से प्राप्त भारों में भी अल्पतम् विचलन होता है। अतः यह मानक समस्त वैज्ञानिकों को मान्य है। परमाणु भार एक आपेक्षिक संख्या है जिसकी कोई इकाई नहीं होती है।
परमाणु द्रव्यमान इकाई Atomic Mass Unit
कार्बन-12 के एक परमाणु का द्रव्यमान स्वेच्छा से ठीक 12 माना गया है अत: कार्बन-12 के एक परमाणु के द्रव्यमान के बारहवें भाग (1/12) को परमाणु द्रव्यमान इकाई (Atomic mass unit) कहा जाता है। इसे amu या u (Unified mass या एकीकृत द्रव्यमान) के रूप में लिखा जाता है।
1 amu = 1/12 x कार्बन 12 के एक परमाणु का द्रव्यमान
C-12 के एक परमाणु का द्रव्यमान = 1.9926 x 10-23 ग्राम (प्रयोगों द्वारा) 1amu = 1.66 x 10-24 ग्राम
उदाहरण- हाइड्रोजन का परमाणु भार = 1.008 u
ऑक्सीजन का परमाणु भार = 15.995u
परमाणु भार या द्रव्यमान को सामान्यतः परमाणु द्रव्यमान इकाई के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
औसत परमाणु भार Average Atomic Weight
अधिकांश तत्व प्रकृति में अपने समस्थानिकों के रूप में पाए जाते हैं तथा उनका परमाणु भार वास्तव में उनके समस्थानिकों के परमाणु भारों का औसत भार होता है, इस कारण यह प्रायः भिन्नात्मक होता है। इसलिये इनके परमाणु भार को औसत परमाणु भार कहना अधिक उचित है।
औसत परमाणु भार की गणना निम्न प्रकार की जाती है।
तत्व का औसत परमाणु भार = (A1X1 + A2X2 + …..) / (X1 + X2 + ……)
जहाँ, A1, A2 = समस्थानिकों 1 तथा 2 के परमाणु भार तथा X1, X2 = समस्थानिकों 1 तथा 2 की प्रचुरता (उपलब्धता या प्रतिशत्ता)
ग्राम परमाणु भार Gram Atomic Weight
जब किसी तत्व के परमाणु भार को ग्राम के रूप में व्यक्त किया जाता है, तो उसे तत्व का ग्राम परमाणु भार कहते हैं। उदाहरण- ऑक्सीजन का ग्राम परमाणु भार 16 amu होता है, अत: इसे ग्राम परमाणु भार के रूप में 16 ग्राम द्वारा है, अतः इस धाम पर व्यक्त करते हैं।
परमाणु भार ज्ञात करने की विधियाँ
Methods for Determining Atomic Weight
किसी परमाणु के परमाणु भार को निम्नलिखित विधियों के द्वारा ज्ञात किया जा सकता है।
1. तुल्यांकी भार तथा संयोजकता द्वारा From Equivalent Weight and Valency
किसी तत्व का परमाणु भार, तुल्यांकी भार तथा संयोजकता ज्ञात होने पर निम्नलिखित सूत्र के द्वारा ज्ञात किया जा सकता है
परमाणु भार= तुल्यांकी भार x संयोजकता
ध्यान रखें, संयोजकता सदैव एक पूर्ण संख्या होती है।
2.ड्यूलाँ और पेती के नियम द्वारा भार
From Dulong and Petit’s Law
ड्यूला व पेती के अनुसार, किसी तत्व के परमाणु भार तथा विशिष्ट ऊष्मा (Specific heat) का गुणनफल लगभग 6.4 होता है।
तत्व का परमाणु भार x विशिष्ट ऊष्मा = 6.4 (लगभग)
परमाणु भार (लगभग) = 6.4 / विशिष्ट ऊष्मा
तत्व के परमाणु भार व विशिष्ट ऊष्मा के गुणनफल को उस तत्व की परमाणु ऊष्मा कहते हैं। इस विधि द्वारा सदैव परमाणु का लगभग परमाणु भार प्राप्त होता है। जिससे निम्न सूत्र का प्रयोग करके वास्तविक परमाणु भार ज्ञात कर लिया जाता है।
परमाणु भार = तुल्यांकी भार संयोजकता
3. क्लोराइड के वाष्प घनत्व द्वारा
From Vapour Density of Chloride
किसी गैस का वाष्प घनत्व वह संख्या है, जो यह दर्शाती है कि उस गैस की वाष्प समान ताप व दाब पर समान आयतन वाली हाइड्रोजन गैस से कितने गुना भारी है। आवोगाद्रो ने यह स्पष्ट किया कि सामान्य ताप व दाब पर अर्थात् 0°C ताप तथा 760 मिमी (या 1 वायुमण्डल) दाब पर प्रत्येक गैस के एक मोल का आयतन 22.4 लीटर होता है। अत: किसी तत्व के वाष्पशील क्लोराइड के वाष्प घनत्व से उसका परमाणु भार निम्न प्रकार ज्ञात किया जा सकता है।
(i) सर्वप्रथम तत्व के वाष्पशील क्लोराइड के वाष्प घनत्व को 2 से गुणा करके तत्व के क्लोराइड का अणुभार ज्ञात कर लेते हैं।
अणुभार = 2 x वाष्प घनत्व
(ii) तुल्यांकी भार ज्ञात करने की किसी उपयुक्त विधि द्वारा तत्व का तुल्यांकी भार ज्ञात कर लेते हैं।
(iii) तत्व की संयोजकता प्राप्त अणुभार से निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात की जा सकती है।
तत्व की संयोजकता = तत्व के क्लोराइड का अणुभार / (तत्व का तुल्यांकी भार+ 35.5)
(iv) प्राप्त संयोजकता को-तुल्यांकी भार से गुणा करने पर परमाणु भार प्राप्त हो जाता है।
4. मिशरलिक के समाकृतिक नियम द्वारा
From Mitscherlich’s Law of Isomorphism
इस नियम के अनुसार, समान क्रिस्टलीय आकृति वाले पदार्थ समाकृतिक पदार्थ (Isomorphous substance) कहलाते हैं तथा इन पदार्थों में तत्वों के परमाणुओं या आयनों की जुड़ने की व्यवस्था समान होती है अर्थात् इनकी (तत्वों के परमाणुओं या आयनों की) संख्याओं का अनुपात समान होता है।
उदाहरण- ZnSO4.7H2O तथा MgSO4.7H20 समाकृतिक हैं, अतः इनमें Zn तथा Mg दोनों की संयोजकता 2 है।
5. कैनिजारो विधि द्वारा By Cannizaro’s Method
इस विधि के द्वारा किसी तत्व के परमाणु भार की गणना निम्नलिखित पदों में की जाती है –
(i) सर्वप्रथम तत्व (जिसका परमाणु भार ज्ञात करना है) के बहुत से वाष्पशील यौगिकों के अणुभार, वाष्प घनत्व की सहायता से ज्ञात कर लेते हैं। [: अणुभार = 2 x वाष्प घनत्व ]
(ii) अब प्रत्येक यौगिक में विश्लेषण द्वारा उस तत्व की प्रतिशत्ता ज्ञात कर लेते हैं।
(iii) प्रत्येक यौगिक के 1 ग्राम अणु में उपस्थित तत्व का द्रव्यमान निम्न सूत्र की सहायता से ज्ञात करते हैं।
1 ग्राम अणु में तत्व का द्रव्यमान = तत्व की प्रतिशत्ता × यौगिक का ग्राम अणुभार / 100 = ( % x M ) / 100
(iv) सबसे कम प्राप्त द्रव्यमान तत्व के परमाणु भार को दर्शाता है।
कमियाँ (Drawbacks) यद्यपि इस विधि में निम्नलिखित कमियाँ हैं
(a) इससे लगभग परमाणु भार प्राप्त होते हैं।
(b) इसके लिए अधिक-से-अधिक यौगिकों का अध्ययन करना आवश्यक है।
(c) यह आवश्यक नहीं है कि किसी तत्व के अधिकांश यौगिक वाष्पशील हों।
अणुभार Molecular Weight
प्रत्येक अणु, सूक्ष्मतम असंख्य परमाणुओं के संगठन से बनता है। परमाणु भार के समान ही अणुभार को भी हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन तथा तुलनात्मक भार के सापेक्ष व्यक्त किया गया। परन्तु वर्तमान समय में इसे कार्बन- 12 को मानक मानकर परिभाषित किया जाता है। अतः किसी तत्व या यौगिक का अणुभार वह संख्या है, जो उस तत्व या यौगिक के 1 अणु के द्रव्यमान तथा कार्बन-12 के एक परमाणु के द्रव्यमान के 1/12 के अनुपात को प्रदर्शित करती है।
अणुभार = पदार्थ के एक अणु का भार / (1/12 x C-12 के एक परमाणु का भार)
ग्राम अणुभार Gram Molecular Weight, GMW
जब किसी पदार्थ के अणुभार को ग्राम के रूप में व्यक्त किया जाता है, तो इसे पदार्थ का ग्राम अणुभार कहते हैं। तत्व या यौगिक का 1 ग्राम अणु उस तत्व या यौगिक के ग्राम अणुभार की मात्रा को प्रदर्शित करता है।
जल (H2O) का ग्राम अणुभार = 2 x 1 + 16 × 1 = 18 ग्राम
जल का 1 ग्राम अणु = 18 ग्राम जल
ग्राम अणु आयतन Gram Molecular Volume
गैसीय अवस्था में किसी पदार्थ के एक ग्राम अणुभार का आयतन ग्राम अणु आयतन कहलाता है। STP पर इसका मान 22.4 लीटर पाया गया।
अणुभार ज्ञात करने की विधियाँ
Methods for Calculating Molecular Weight
अणुभार का निर्धारण, अणुसूत्र, वाष्प घनत्व तथा ग्राम अणु आयतन की सहायता से किया जा सकता है। चूँकि यह एक योज्य गुणधर्म (Additive property) है। अत: इसे किसी यौगिक में उपस्थित विभिन्न परमाणुओं के परमाणु भारों के योग द्वारा भी प्राप्त किया जा सकता है।
उदाहरण- H2SO4 का अणुभार
= 2 x H का परमाणु भार + S का परमाणु भार + 4 × 0 का परमाणु भार
= 2 x 1 + 32 + 4×16 = 98
इनके अतिरिक्त विक्टर मेयर विधि तथा हॉफमैन विधियों द्वारा भी किसी यौगिक का अणुभार निम्न सूत्र की सहायता से ज्ञात किया जा सकता है।
पदार्थ का अणुभार = W / V × 22400
जहाँ, W = NTP पर पदार्थ की V मिली वाष्पों का भार
नोट – विक्टर मेयर विधि वाष्पशील तथा अपने क्वथनांक पर अपघटित नहीं होने वाले पदार्थों के लिए प्रयुक्त की जाती है जबकि हॉफमैन विधि द्वारा क्वथनांक से पूर्व अपघटित होने वाले वाष्पशील पदार्थों (जैसे ग्लिसरीन) के अणुभार ज्ञात किए जाते हैं।
तुल्यांकी भार Equivalent Weighteenthet
किसी तत्व/पदार्थ का तुल्यांकी भार वह संख्या है जो यह दर्शाती है कि उस तत्व/पदार्थ के कितने भाग (भारानुसार) हाइड्रोजन के 1.008 भाग, ऑक्सीजन के 8 भाग, क्लोरीन के 35.5 भाग से संयोग करते हैं अथवा उन्हें उनके यौगिकों से विस्थापित करते हैं। उदाहरण
(i) 2H2 + O2 → 2H20
2 x 2 x 1 2×16
= 4 ग्राम 32 ग्राम
4 ग्राम H2 क्रिया करती है = 32 ग्राम ऑक्सीजन से
1 ग्राम H2, क्रिया करेगी = (32×1) /4= 8 ग्राम ऑक्सीजन से
अतः यहाँ ऑक्सीजन का तुल्यांकी भार = 8
ग्राम तुल्यांकी भार Gram Equivalent Weight
जब किसी तत्व के तुल्यांकी भार को ग्राम के रूप में व्यक्त किया जाता है, तो उसे तत्व का ग्राम तुल्यांकी भार कहते हैं। उदाहरण- ऑक्सीजन का तुल्यांकी भार 8 और ग्राम तुल्यांकी भार 8 ग्राम होता है। किसी तत्व के एक ग्राम तुल्यांक में उसके ग्राम तुल्यांकी भार की मात्रा को उसके ग्राम तुल्यांकों (या तुल्यांकों) की संख्या कहते हैं।
ग्राम तुल्यांकों की संख्या = पदार्थ का ग्राम में भार / पदार्थ का तुल्यांकी भार
रासायनिक तुल्यता का नियम
Law of Chemical Equivalence
इस नियम के अनुसार, किसी रासायनिक अभिक्रिया में प्रयुक्त पदार्थों (अर्थात् अभिकारकों) तथा निर्मित पदार्थों (अर्थात् उत्पादों) के भार (W) उनके तुल्यांकी भारों (E) के अनुपात में होते हैं अर्थात् W – E
अभिक्रिया
A+ B C +D में
A का भार/B का भार = A का तुल्यांकी भार/ B का तुल्यांकी भार = A का भार/C का भार = A का तुल्यांकी भार/ C का तुल्यांकी भार
परिवर्ती तुल्यांकी भार Variable Equivalent Weight
किसी तत्व का तुल्यांकी भार उसके यौगिक की संरचना पर निर्भर करता है। कुछ तत्वों की संयोजकता भिन्न-भिन्न यौगिकों में भिन्न-भिन्न होती है। इसी कारण उनके तुल्यांकी भार भी भिन्न-भिन्न होते हैं।
तुल्यांकी भार = परमाणु भार / संयोजकता
सभी तत्वों का परमाणु भार निश्चित होता है, यह परिवर्ती नहीं होता है।
उदाहरण- कार्बन, दो ऑक्साइड कार्बन मोनॉक्साइड (CO) तथा कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बनाता है। कार्बन मोनॉक्साइड (CO) में कार्बन का तुल्यांकी भार 6 जबकि कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) में 3 होता है।
तुल्यांकी भारों की गणना
Calculation of Equivalent Weight
1. तत्व का तुल्यांकी भार Equivalent Weight of Element
किसी तत्व के परमाणु भार को उसकी संयोजकता से विभाजित करने पर प्राप्त संख्या को उस तत्व का तुल्यांकी भार कहते हैं।
तत्व का तुल्यांकी भार = परमाणु भार / संयोजकता
उदाहरण- हाइड्रोजन का परमाणु भार 1 है तथा इसकी संयोजकता सदैव 1 होती है। अतः इसका तुल्यांकी भार 1 होगा। अधिकांश अभिक्रियाओं में ऑक्सीजन की संयोजकता 2 होती है। अतः अभिक्रियाओं में ऑक्सीजन का तुल्यांकी भार =8 होता है।
2. मूलकों का तुल्यांकी भार Equivalent Weight of Radicals
किसी आयन या मूलक के द्रव्यमान भागों की वह संख्या, जो किसी तत्व के एक तुल्यांकी भार से संयोग करती है, उस मूलक या आयन का तुल्यांकी भार कहलाती है। उदाहरण – Na2CO3 में CO3– आयन के (12 + 3 x 16) = 60 द्रव्यमान भाग सोडियम के दो द्रव्यमान भागों से संयुक्त हैं।
अतः कार्बोनेट आयन का तुल्यांकी भार (60/2) अर्थात् 30 है।
मूलक/आयन का तुल्यांकी भार = मूलक या आयन का द्रव्यमान/ मूलक या आयन का आवेश
3. अम्ल का तुल्यांकी भार Equivalent Weight of Acidehat
किसी अम्ल का तुल्यांकी भार वह संख्या है, जो यह दर्शाती है कि भार के अनुसार उसके कितने भागों में 1 भाग विस्थापनीय (जिसे विस्थापित किया जा सके) हाइड्रोजन उपस्थित है। इसकी गणना निम्न सूत्र की सहायता से की जाती है।
अम्ल का तुल्यांकी भार = अम्ल का अणुभार / अम्ल की क्षारकता
किसी अम्ल की क्षारकता (Basicity of acids) उसके एक अणु में उपस्थित विस्थापनीय (Replaceable) प्रोटॉनों (H’) की संख्या होती है। उदाहरण— HCL तथा H2SO4 की क्षारकताएँ क्रमश: 1 व 2 हैं।
4. क्षार का तुल्यांकी भार Equivalent Weight of Bases
किसी क्षार का तुल्यांकी भार वह संख्या है, जो यह दर्शाती है कि भार के अनुसार उसके कितने भागों में 1 भाग विस्थापनीय हाइड्रॉक्सिल आयन (OH) उपस्थित हैं या जो किसी अम्ल के 1 तुल्यांकी भार से पूर्णतः उदासीन हो सकती है। अत: इसे निम्न सूत्र की सहायता से परिकलित किया जा सकता है।
क्षार का तुल्यांकी भार = क्षार का अणुभार / क्षार की अम्लता
किसी क्षार की अम्लता (Acidity of base) उसके अणु में उपस्थित विस्थापनीय हाइड्रॉक्सिल आयनों (OH) की संख्या या उसके एक अणु द्वारा ग्रहण किए जा सकने वाले प्रोटॉनों (H) की संख्या होती है। उदाहरण— NaOH, Ba(OH)2 तथा Al(OH)3 की अम्लता क्रमश: 1, 2 तथा 3 है।
5. लवण या यौगिक का तुल्यांकी भार
Equivalent Weight of Salt or Compound
किसी लवण या यौगिक का तुल्यांकी भार उसके द्रव्यमान भागों की वह संख्या है, जो एक तुल्यांकी भार अम्ल के एक तुल्यांकी भार क्षार द्वारा उदासीनीकरण पर बनता है। इसकी गणना लवण में उपस्थित आयनों के आवेश के आधार पर निम्न प्रकार की जाती है।
लवण का तुल्यांकी भार = लवण का अणुभार / धनायन या ऋणायन पर कुल आवेश किसी लवण या यौगिक के तुल्यांकी भार को इसके अवयवी तत्वों (मूलक या आयन) के तुल्यांकी भारों के योग द्वारा भी प्राप्त किया जा सकता है।
उदाहरण- BaCl2 का तुल्यांकी भार = Ba+ का तुल्यांकी भार
+ Cl- का तुल्यांकी भार
तुल्यांकी भार का महत्त्व
Significance of Equivalent Weight
(i) तुल्यांकी भार से रासायनिक गणना करने में सहायता मिलती है।
(ii) इससे तत्वों के वास्तविक परमाणु भार ज्ञात किए जा सकते हैं। तत्व का वास्तविक परमाणु भार = तुल्यांकी भार संयोजकता
(iii) इसकी सहायता से अम्लों तथा क्षारों के अणुभार ज्ञात क
हैं। अम्ल/क्षार का अणु भार = उनका तुल्यांकी भार x संयोजकता
विद्युत रासायनिक तुल्यांक
Electrochemical Equivalent
किसी विद्युत अपघट्य में एक कूलॉम विद्युत प्रवाहित करने पर प्राप्त
द्रव्यमान विद्युत रासायनिक तुल्यांक कहलाता है तथा यदि 1 फैराडे
ग्राम-तुल्यांकी भार कहलाता है।
(96,500 कूलॉम) विद्युत धारा प्रवाहित की जाए, तो प्राप्त द्रव्यमान
अत: तुल्यांकी भार = 96,500 × Z; जहाँ Z विद्युत रासायनिक तुल्यांक है।
मोल अवधारणा Mole Concept
1 मोल, वह संख्या है जो कार्बन-12 के 12 ग्राम में उपस्थित कणों (परमाणुओं, आयनों, अणुओं) की संख्या के बराबर होती है।
प्रयोगों द्वारा यह ज्ञात किया गया कि कार्बन-12 के 12 ग्राम में 6.023 x 10^23 परमाणु होते हैं।
अतः 1 मोल = 6.023×10^23 कण
इसलिए मोल को हम निम्न प्रकार भी परिभाषित कर सकते हैं, पदार्थ की वह मात्रा, जिसमें उसके 6.023×1023 कण (अणु, परमाणु,इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन आदि) उपस्थित होते हैं, पदार्थ का 1 मोल कहलाती है।
उदाहरण-
(a) 1 मोल हाइड्रोजन = 6.023 × 10^23 हाइड्रोजन परमाणु
(b) 1 मोल CO2 = 6.023×10^23 अणु
(c) 1 मोल NaCl = 6.023×10^23 NaCl अणु
= 6.023×10^23 Na+ आयन
= 6.023 x 10^23 CI- आयन
मोलों की संख्या = कणों की संख्या / 6.023x 10^23
मोल अवधारणा की आवश्यकता
Necessity of Mole Concept
परमाणुओं तथा अणुओं के आकार अत्यधिक सूक्ष्म होने के कारण किसी पदार्थ की बहुत सूक्ष्म मात्रा में भी इनकी संख्या बहुत अधिक होती है तथा इतनी बड़ी संख्याओं के साथ सरलता से गणना करने हेतु एक मात्रक की आवश्यकता होती है। मोल ऐसा ही एक मात्रक है जिसका मान 6.022×1023 होता है। इसका प्रयोग करने पर गणनाएँ सरलतापूर्वक की जा सकती हैं।
आवोगाद्रो संख्या Avogadro’s Number
किसी पदार्थ के एक मोल में उपस्थित अणुओं/परमाणुओं/आयनों की संख्या आवोगाद्रो संख्या कहलाती है। इसे N द्वारा निरूपित करते हैं। यह संख्या लोश्मिट तथा अन्य कई वैज्ञानिकों के द्वारा निकाली गयी थी।
आवोगाद्रो संख्या = 6023×10^23 प्रति मोल
नोट – आदोगाद्रो संख्या को आवोगाद्रो द्वारा ज्ञात नहीं किया गया, परन्तु यह नाम आवोगाद्रो के सम्मान में दिया गया था।
मोल का द्रव्यमान Mass of Mole
किसी पदार्थ के 1 मोल का द्रव्यमान उसका मोलर द्रव्यमान M कहलाता है। अतः परमाणुओं के लिए यह परमाणु भार, अणुओं के लिए अणुभार तथा आयनों के लिए आयन भार के बराबर होता है।
उदाहरण- CH4 के लिए, अणुभार = 14+4 x 1 = 16 ग्राम
= 6.023×1023 कण
= 1 मोल
मोलों की संख्या Number of Moles
किसी पदार्थ की मात्रा को मोल में निम्न सूत्रों द्वारा परिवर्तित किया जा सकता है।
(1) परमाणुओं के लिए,
1 मोल (1 ग्राम परमाणु) का भार = ग्राम परमाणु भार
मोलो की संख्या = ग्राम में भार / परमाणु भार
(2) अणुओं के लिए,
1 मोल (1 ग्राम अणु) का भार = ग्राम अणुभार
मोलों की संख्या = ग्राम में भार / अणु भार
(3) आयनों के लिए,
1 मोल (1 ग्राम आयन) का भार = ग्राम आयन भार
मोलों की संख्या = ग्राम में भार / आयन भार
(4) गैसों के लिए,
मोलों की संख्या = आयतन (लीटर में) / 22.4
इसी प्रकार,
गैस का अणुभार = (NTP पर गैस का द्रव्यमान x 22.4) / NTP पर गैस का आयतन
इसी प्रकार
मोलों की संख्या = ग्राम में भार / मोलर द्रव्यमान
अतः किसी भी प्रकार के कणों के लिए ग्राम में मात्रा
कणों की संख्या × मोलर द्रव्यमान / आवोगाद्रो संख्या
◆◆◆ निवेदन ◆◆◆
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