समास हिंदी में – परिभाषा,प्रकार,उदाहरण,पहचान | samas in hindi

नमस्कार साथियों 🙏 आपका स्वागत है। आज हम आपको हिंदी विषय के अति महत्वपूर्ण पाठ समास हिंदी में – परिभाषा,प्रकार,उदाहरण,पहचान | samas in hindi | समास के प्रकार से परिचित कराएंगे।

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Contents

समास हिंदी में – परिभाषा,प्रकार,उदाहरण,पहचान | samas in hindi

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समास हिंदी में – परिभाषा,प्रकार,उदाहरण,पहचान | samas in hindi

हमने इस टॉपिक में क्या क्या पढ़ाया है?

(1) समास की परिभाषा
(2) समास के प्रकार
(3) समास के प्रकारों का वर्णन
(4) समास के उदाहरण
(5)  समास में अंतर
(6) संधि और समास में अंतर
(7) महत्वपूर्ण प्रश्न


समास की परिभाषा || समास किसे कहते हैं | समास PDF

समास शब्द का अर्थ है – संक्षिप्त करने की विधि ।

शब्दों को संक्षिप्त करने की प्रक्रिया समास कहलाती है।

इसको हम निम्न उदाहरण की सहायता से समझ सकते हैं–

      (क)                                                         (ख)
     
घोड़े पर सवार                                                घुड़सवार
चंद्र जैसा मुख                                                 चंद्रमुख
लंबा है उदर जिसका                                        लम्बोदर
रात और दिन                                                   रातदिन
विद्या का आलय                                               विद्यालय
गंगा का जल                                                     गंगाजल

‘क’ वर्ग में दिए गए शब्दों को मिलाकर बने शब्द वर्ग ‘ख’ में हैं।

लिखते या बोलते समय हम वर्ग ‘ख’ के शब्द का प्रयोग करते हैं।

इसे आप वाक्यों के प्रयोग द्वारा समझ सकते हैं।

जैसे-

‘हमारे लिए हरिद्वार से गंगा का जल ले आना ।’

इसके स्थान पर हम कहते हैं-

‘ हमारे लिए हरिद्वार से गंगाजल ले आना।

आप जान चुके हैं कि दो शब्दों के मेल को समास कहते हैं।

“जब दो या दो से अधिक शब्दों का मेल हो तो उसे ‘समास’ कहते हैं।”

ऊपर दिए गए उदाहरणों में आपने देखा कि ‘ख’ वर्ग के सभी शब्द दो शब्दों के मेल से बने हैं ।

इस प्रकार,

“दो या दो से अधिक शब्दों को परस्पर मिलाकर एक नया एवं सार्थक शब्द बनाने की प्रक्रिया समास कहलाती है।”



समास विग्रह किसे कहते हैं || समास विग्रह क्या है

जब समस्त पद के सभी पद अलग-अलग किए जाते हैं तो इसे समास विग्रह कहते हैं।

उदाहरण :–

रात- दिन = रात और दिन
सर्वप्रिय   = सभी को प्रिय
जन्मांध    = जन्म से अंधा

“हरफनमौला”,में कौन सा समास है?  –अधिकरण तत्पुरुष समास

काली मिर्च का समास विग्रह  – कर्मधारय समास



सामासिक पद या समस्त पद किसे कहते हैं

समास बनाने में दो या दो से अधिक पद होते हैं, इन पदों का मेल करके जो नए पद बनते हैं, इन्हें समस्त पद कहते हैं। इन्हें सामासिक पद भी कहा जाता है।

उदाहरण :–

राजा और रानी का समास राजा-रानी है अतः राजा-रानी समस्त पद है।

इसीप्रकार जन्मांध,सर्वप्रिय आदि समस्त पद है।

पूर्व पद और उत्तर पद किसे कहते हैं

समास बनाने में जो पद होते हैं उनमें प्रथम पद को पूर्व पद तथा द्वितीय पद को उत्तर पद कहते हैं।

उदाहरण :–

राजा-रानी में राजा पूर्वपद तथा रानी उत्तरपद है।

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समास के प्रकार || समास के भेद | समास PDF

मूल प्रकार हिंदी में

(1) अव्ययीभाव समास

(2) तत्पुरुष समास

(3) कर्मधारय समास

(4) द्विगु समास

(5) द्वंद्व समास

(6) बहुब्रीहि समास

Note –

विस्तृत रूप में कर्मधारय और द्विगु समास तत्पुरुष समास के ही उपभेद माने जाते हैं।

प्रयोग की दृष्टि से समास के प्रकार या भेद

(1) संयोगमूलक समास

(2) आश्रयमूलक समास

(3) वर्णनमूलक समास

ये भी पढ़ें-  उल्लाला छंद की परिभाषा और उदाहरण | ullala chhand in hindi | उल्लाला छंद के उदाहरण

पद प्रधानता के आधार पर समास के प्रकार

(1) पूर्व पद प्रधान समास – अव्ययीभाव समास

(2) उत्तर पद प्रधान समास – तत्पुरुष,द्विगु,कर्मधारय समास

(3) दोनों पद प्रधान समास – द्वंद्व समास

(4) दोनों पद अप्रधान समास – बहुब्रीहि

संस्कृत में समास कितने प्रकार के होते हैं

(1) केवल समास
(2) तत्पुरुष समास
(3) द्विगु समास
(4) द्वंद्व समास
(5)  बहुब्रीहि समास

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समास के प्रकार || समास के उदाहरण || समास के कितने भेद होते हैं | समास PDF

अव्ययीभाव समास

ऐसे शब्दों का मेल, जिसका पूर्व शब्द प्रधान हो तथा अव्यय हो तथा दोनों शब्द मिलकर क्रिया-विशेषण (अव्यय) का काम करे, उसे ‘अव्ययीभाव समास’ कहते हैं।

इस समास में अव्यय के रूप में मुख्य रूप से प्रति,आ,यथा,उप,बे, आदि आते है।

समस्त पद                                       विग्रह

रातों-रात                                       रात-ही-रात में

हाथों-हाथ                                       हाथ-ही-हाथ में

हर रोज़                                          रोज़-रोज़

कानों-कान                                     कान-ही-कान में

प्रतिक्षण                                         क्षण-क्षण में

प्रतिदिन                                         दिन-दिन

यथाशक्ति                                       शक्ति के अनुसार

यथाविधि                                       विधि के अनुसार

आजीवन                                       जीवन-भर

भरपेट                                           पेट भर कर

अनजाने                                        बिना जाने हुए

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तत्पुरुष समास

जिस समास का उत्तर पद प्रधान तथा पूर्वपद गौण होता है,और पूर्व पद विशेषण का कार्य करता है, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।

अथवा

जब दो शब्दों के बीच कारक की विभक्ति को हटाकर उन्हें मिलाया जाता है, तब वह तत्पुरुष समास कहलाता है।

समस्त पद                                       समास विग्रह

गिरहकट                                     गिरह को काटने वाला

शरणागत                                      शरण में आया हुआ

आ्रामगन                                      ग्राम को गया हुआ

लोकप्रिय                                       लोक में प्रिय


तत्पुरुष समास के प्रकार | तत्पुरुष समास के भेद

इस समास में कारक की विभक्तियों – को, से,के द्वारा, के लिए, को, का, के, में, पर आदि का लोप हो जाता है।

विभक्तियों के लोप के आधार पर तत्पुरुष समास के छह भेद होते हैं-

(1) कर्म तत्पुरुष समास
(2) करण तत्पुरुष समास
(3) सम्प्रदान तत्पुरुष समास
(4) अपादान तत्पुरुष समास
(5) संबंध तत्पुरुष समास
(6) अधिकरण तत्पुरुष समास


(1) कर्म तत्पुरुष समास

जिस तत्पुरुष समास में विभक्ति ‘को’ का लोप होता है,कर्म तत्पुरुष समास कहलाता है।

कर्म तत्पुरुष समास के उदाहरण :–

समस्त पद                                विग्रह

स्वर्गत                                    स्वर्ग को गया हुआ

सर्वप्रिय                                 सर्व को प्रिय

शिखरचुंबो                             शिखर को चूमने वाला

यशप्राप्त                                यश को प्राप्त



(2) करण तत्पुरुष समास

जिस तत्पुरुष समास में विभक्ति ‘से’ या ‘के द्वारा’  का लोप होता है,करण तत्पुरुष समास कहलाता है।

करण तत्पुरुष समास के उदाहरण :–

समस्त पद                                 विग्रह

रेखांकित                                  रेखा से अंकित

हस्तलिखित                               हाथ से लिखित

शोकाकुल                                शोक से व्याकुल

अकालपीड़ित                           अकाल से पीड़ित

तुलसीकृत                               तुलसी द्वारा कृत

जन्मांध                                     जन्म से अंधा



(3) सम्प्रदान तत्पुरुष समास

जिस तत्पुरुष समास में विभक्ति ‘के लिए’ का लोप होता है,सम्प्रदान तत्पुरुष समास कहलाता है।

सम्प्रदान तत्पुरुष समास के उदाहरण :–

समस्त पद                                 विग्रह

हवनसामग्री                               हवन के लिए सामग्री

परीक्षाभवन                               परीक्षा के लिए भवन

देशभक्ति                                     देश के लिए भक्ति

सत्याग्रह                                    सत्य के लिए आग्रह

प्रयोगशाला                                प्रयोग के लिए शाला

गुरुदक्षिणा                                 गुरु के लिए दक्षिणा


(4) अपादान तत्पुरुष समास

जिस तत्पुरुष समास में विभक्ति ‘से’ का लोप होता है,अपादान तत्पुरुष समास कहलाता है।

अपादान तत्पुरुष समास के उदाहरण :–

समस्त पद                                 विग्रह

धनहीन                                    धन से हीन

देशनिकाला                               देश से निकाला

ऋणमुक्त                                  ऋण से मुक्त

रोगमुक्त                                    रोग से मुक्त



(5) संबंध तत्पुरुष समास

जिस तत्पुरुष समास में विभक्ति ‘का,की,के’ का लोप होता है,संबंध तत्पुरुष समास कहलाता है।

संबंध तत्पुरुष समास के उदाहरण :–

समस्त पद                                    विग्रह

सेनापति                                     सेना का पति

राजपुत्र                                      राजा का पुत्र

बैलगाड़ी                                    बैल की गाड़ी

लखपति                                    लाखों (रुपयों का) का पति

ये भी पढ़ें-  क्रिया विशेषण की परिभाषा और प्रकार | kriya visheshan in hindi

समयानुसार                               समय के अनुसार

देवमूर्ति                                     देव की मूर्ति



(6) अधिकरण तत्पुरुष समास

जिस तत्पुरुष समास में विभक्ति ‘में,पर,पे का लोप होता है,कर्म तत्पुरुष समास कहलाता है।

अधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण :–

समस्त पद                                    विग्रह

कार्यकुशल                               कार्य में कुशल

वनवास                                    वन में वास

नगरवास                                  नगर में वास

आपबीती                                 आप पर बीती

घुड़सवार                                 घोड़े पर सवार

प्रेममग्न                                    प्रेम में मग्न

समास के प्रकार उदाहरण सहित,समास के भेद का चार्ट,समास की परिभाषा और उसके प्रकार,बहुव्रीहिसमास के उदाहरण,समास किसे कहते हैं परिभाषा,समास कितने प्रकार के होते हैं नाम बताइए,समास PDF,समास का चार्ट,समास हिंदी में – परिभाषा,प्रकार,उदाहरण,पहचान,samas in hindi,हिंदी में समास,samas hindi grammar,hindi me samas,समास के प्रकार और उदाहरण,

कर्मधारय समास

जहाँ उत्तर पद प्रधान हो तथा ऐसे शब्दों का मेल हो, जिनमें से एक विशेष्य तथा दूसरा विशेषण होता है, या एक उपमेय तथा दूसरा उपमान होता है तो उसे कर्मधारय समास कहते हैं।

उपमेय -जिसके लिए उपमा दी जाए, अर्थात् संज्ञा (विशेष्य) शब्द।

उपमान -जिससे उपमा दी जाए, अर्थात् विशेषण शब्द।

कर्मधारय समास के उदाहरण :–

समस्त पद              समास विग्रह             विशेषण        विशेष्य

कमलनयन           कमल के समान नयन          कमल            नयन

नीलकमल           नीला है जो कमल              नीला               कमल

पीतांबर              पीत (पीला) है                        पीत             अंबर
                           जो अंबर (वस्त्र)     

महात्मा              महान है जो आत्मा             महान             आत्मा

घनश्याम           घन (बादल) के समान             घन               श्याम
                          श्याम (काला) 
                                            

काली मिर्च        काली है जो मिर्च               काली             मिर्च

ग्रंथरत्न             रत्न है जो ग्रंथ                     ग्रंथ               रत्न

सज्जन           सत् (सच्चा) है जो जन            सत्             जन

लालटोपी      लाल है जो टोपी                        लाल           टोपी

महाराज         महान है जो राजा                     महान           राजा




द्विगु समास

जहाँ उत्तर पद प्रधान हो तथा  एक शब्द विशेषण तथा दूसरा विशेष्य होता है, किंतु कर्मधारय से इतना अंतर होता है कि इसमें विशेषण शब्द संख्यावाचक होता है। इसे द्विगु समास कहते हैं।
इसका विग्रह करने की विधि भी अलग होती है।

द्विगु समास के उदाहरण :–

समस्त पद                     विग्रह                  विशेषण         विशेष्य

त्रिकोण           तीन कोणों का समाहार           तीन           कोण

चौराहा            चार राहों का समाहार             चार             राहें

त्रिफला।          तीन फलों का समाहार          तीन              फल

चौमासा           चार मासों का समूह              चार              मास

सप्ताह           सप्त अहों (दिनों) का समूह      सप्त           अह

त्रिवेणी          तीन वेणियों (नदियों)                तीन        वेणियाँ
                           का समाहार

सप्त सिंधु       सात सिंधुओं का समूह            सात            सिंधु

सप्तर्षि           सप्त ऋषियों का समूह           सप्त             ऋषि

पंचतंत्र           पाँच तंत्रों का समूह                 पाँच                तंत्र

चतुर्भुज        चार भुजाओं (रेखाओं)              चार               भुज
                             का समाहार

नवग्रह         नौ ग्रहों का समूह                       नव(नौ)           ग्रह

द्विगु समास के अपवाद-

त्रिनेत्र, त्रिलोचन, चतुर्भुज (विष्णु), एकदंत (गणेश)
चतुरानन (ब्रह्मा), दशानन(रावण) , त्रिशूल ये सभी संख्यावाची होते हुए भी बहुब्रीहि समास है।



द्वद्व समास

जिस समास में दोनो पद प्रधान होते हैं,द्वंद्व समास कहलाता है।

इस समास के विग्रह में शब्दों के बीच से योजक चिन्ह हटाकर और जोड़ा जाता है।

द्वंद्व समास के उदाहरण :–

समस्त पद                                      समास विग्रह

राजा-रानी                                      राजा और रानी

पाप-पुण्य                                       पाप और पुण्य

रात-दिन                                         रात और दिन

माता-पिता                                     माता और पिता

गंगा-यमुना                                     गंगा और यमुना

अपना-पराया                                अपना और पराया

सीता-राम                                      सीता और राम

सुख-दुख                                      सुख और दुख

ऊँच-नीच                                      ऊँच और नीच

दाल-रोटी                                      दाल और रोटी




बहुब्रीहि समास

ऐसे शब्दों का मेल,जिनमें दोनो पद प्रधान हो अर्थात  जिसमें प्रयुक्त शब्द स्वयं प्रधान न रहकर किसी तीसरे शब्द की ओर संकेत करें या दोनों शब्द मिलकर एक विशेष संज्ञा का अर्थ दें, तो उसे ‘बहुब्रीहि समास’ कहते हैं।  ये ‘योगरूढ़’ शब्द होते हैं।

बहुब्रीहि समास के उदाहरण :–

समस्त पद                               समास विग्रह

चक्रधर              चक्र को जो धारण करे जो अर्थात विष्णु

गजानन            गज (हाथी) का (मुख) है जिसका अर्थात गणेश जी

चंद्रशेखर           चंद्र है जिसके शिखर (माथा) पर अर्थात शिव जी

चारपाई            चार पायों वाली है जो अर्थात खाट

लंबोदर              लंबा है उदर (पेट) जिसका अर्थात गणेश जी

पीतांबर             पीत (पीले) हैं अंबर (वस्त्र) जिसके अर्थात कृष्ण जी

चतुरानन           चतुर (चार) हैं आनन (मुख) जिसके अर्थात ब्रह्मा जी

दशानन              दश हैं आनन (मुख) जिसके अर्थात  रावण

नीलकंठ             नीला है कंठ जिसका अर्थात ( शिव जी /मोर )

मयूरवाहन          मयूर है जिसका वाहन अर्थात  कार्तिकेय

त्रिलोचन            तीन लोचन(आंखे) है जिसकी अर्थात शिव जी

एकदंत              एक है दांत जिसका अर्थात गणेश जी

पवनपुत्र             पवन का है पुत्र जो अर्थात हनुमान जी

मूषकवाहन         मूषक है जिसका वाहन अर्थात गणेश जी

समास के प्रकार उदाहरण सहित,समास के भेद का चार्ट,समास की परिभाषा और उसके प्रकार,बहुव्रीहिसमास के उदाहरण,समास किसे कहते हैं परिभाषा,समास कितने प्रकार के होते हैं नाम बताइए,समास PDF,समास का चार्ट,समास हिंदी में – परिभाषा,प्रकार,उदाहरण,पहचान,samas in hindi,हिंदी में समास,samas hindi grammar,hindi me samas,समास के प्रकार और उदाहरण,

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बहुब्रीहि तथा कर्मधारय समास में अंतर

दोस्तों समास में अंतर की श्रृंखला में ये दो अंतर बहुब्रीहि तथा कर्मधारय समास में अंतर,द्विगु समास और बहुव्रीहि समास में अंतर, बहुत पूछे जाते है तो आइए जानते हैं।

बहुत-से शब्द ऐसे हैं, जो बहुब्रीहि भी हो सकते हैं तथा कर्मधारय भी। यह संदर्भ या वाक्य पर निर्भर करता है कि उस स्थान पर वह किस रूप में प्रयुक्त है।

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उदाहरण द्वारा समझिए।

‘पीतांबर’ शब्द का प्रयोग दोनों समासों में होता है,

जैसे-

कर्मधारय – पीत हैं जो अंबर (पीला वस्त्र) -पूजा करते समय में पीतांबर धारण करता हूँ।

बहुब्रीहि – पीत हैं अंबर जिसके (कृष्ण)-मीरा अपने पीतांबर की भक्ति में खोई रहती थीं।

उपर्युक्त उदाहरणों द्वारा आप समझ गए होंगे कि जब दोनों शब्द अपना ही अर्थ दें, वहाँ वह शब्द’कर्मधारय’ होगा तथा जहाँ वे दोनों शब्द मिलकर किसी तीसरे की ओर संकेत करें, वहाँ ‘बहुब्रीहि समास’ होगा।

पहले वाक्य में पीला वस्त्र का अर्थ है-‘पीतांबर’, जबकि दूसरे वाक्य में पीतांबर, पीले वस्त्र के अर्थ में नहीं, बल्कि’ श्री कृष्ण’ के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है।

इसी प्रकार ‘श्वेतांबर’ श्वेत अंबर है जो (कर्मधारय)
तथा श्वेत अंबर धारण करते हैं जो (जैन धर्मावलंबी) बहुब्रीहि समास होगा। इस प्रकार समस्त-पद के विग्रह से उस समास के भेद को जाना जा सकता है।



द्विगु समास और बहुव्रीहि समास में अंतर

आप ऊपर समास का अध्ययन करके अंतर स्वयं स्पष्ट कर चुके होंगे पर हम आपको फिर भी बहुब्रीहि तथा कर्मधारय समास में अंतर,द्विगु समास और बहुव्रीहि समास में अंतर, बताएंगे।

द्विंगु समास का प्रथम पद संख्यावाची विशेषण होता है और दूसरा पद विशेष्य होता है और समूह का बोध होता है।

जबकि बहुव्रीहि समास में दोनों पदों के अलावा अन्य पद प्रधान होता है।

उदाहरण से समझिए :–

द्विगु समास –   चतुर्मुख चार मुखों का समूह

बहुव्रीहि समास   – चतुर्मुख चार है मुख जिसके अर्थात ब्रह्मा


संधि और समास में अंतर | समास और संधि में क्या अंतर है

संधि और समास में निम्नलिखित अंतर है :–

(1) संधि और समास में मुख्य रूप से यह अंतर है कि संधि दो वर्णों के बीच होती है, जबकि समास दो या दो से अधिक शब्दों में होता है।

(2) संधि वाले शब्दों को तोड़ने की क्रिया को विच्छेद कहते हैं, और समस्त पदों को तोड़ने की क्रिया को भी विग्रह कहते हैं।

(3) संधि में विभक्ति या पद का लोप नहीं होता, जबकि समास में विभक्ति और पद का लोप होता है।

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समास के प्रश्न

प्रश्न-1- “हरफनमौला”,में कौन सा समास है? 
उत्तर- तत्पुरुष समास

प्रश्न-2- काली मिर्च का समास विग्रह
उत्तर- तत्पुरुष समास

प्रश्न-3- शरणागत में कौन सा समास है?
उत्तर- तत्पुरुष समास

प्रश्न-4- दाल – चावल में कौन सा समास है?
उत्तर- द्वंद्व समास

प्रश्न-5- समास से तात्पर्य क्या है?
उत्तर- संक्षिप्त करना ।

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