दोस्तों हमारा आज का टॉपिक दोहा और सोरठा में अंतर | doha aur sortha me antar है। हमे अनेक परीक्षाओं में छंदों से संबंधित प्रश्न आते हैं। जिनमे छंद के उदाहरण या उदाहरण देकर छंद का नाम पूछा जाता है। इसलिए hindiamrit.com आज आपको इस टॉपिक की विधिवत जानकारी देगा।
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दोहा और सोरठा में अंतर | doha aur sortha me antar
दोहा और सोरठा में अंतर | doha aur sortha me antar
सोरठा और छन्द छंद में निम्नलिखित प्रकार से अंतर को समझ सकते हैं –
(1) दोहे के द्वितीय और चतुर्थ चरण में 11-11 मात्राएँ तथा सोरठा के प्रथम और तृतीय चरण में 11-11 मात्राएँ होती है।
(2) दोहे के प्रथम और तृतीय चरण में 13-13 मात्राएँ और सोरठा के द्वितीय और चतुर्थ चरण में 13-13 मात्राएँ होती हैं। इस प्रकार सोरठा दोहा छन्द का उल्टा होता है।
दोहे का उदाहरण-
“चलत पयादे खात फल पिता दीन्ह तजि राजु ।
जात मनावन रघुबरहिं भरत सरिस को आजु ॥”
सोरठे का उदाहरण-
“बन्दउ गुरु पद कंज, कृपांसिन्धु नररूप हरि।
महामोह तम पुंज, जासु वचन रविकर निकर ।।”
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