मृदूतक और स्थूलकोण ऊतक में अंतर || difference between parenchyma and collenchyma

दोस्तों आज हम आपको मृदूतक और स्थूलकोण ऊतक में अंतर बताएंगे।

जब बात पौधों के ऊतकों की होती है तो आपको सरल और जटिल ऊतकों को पढ़ना पड़ता है।

अतः आज हम आपको सरल ऊतक के अंतर्गत स्थूलकोण,मृदूतक की जानकारी उलब्ध कराएंगे।

साथ ही साथ hindiamrit.com आपको ऊतकों के विषय में अन्य जानकारी भी उपलब्ध कराएगा।

Contents

मृदूतक और स्थूलकोण ऊतक में अंतर

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साधारण या सरल ऊतक(simple tissue)

ऊतकों का निर्माण केवल एक ही प्रकार की कोशिकाओं से होता है।

साधारण पौधे में निम्नलिखित तीन प्रकार के सरल ऊतक होते हैं-

(1) स्थूलकोण ऊतक (collenchyma)

(2) मृदूतक (parenchyma)

(3) दृढ़ोतक (sclerenchyma)

स्थूलकोण ऊतक किसे कहते है (collenchyma)

ये कोसाएँ मृदूतक कोसायों से कुछ लंबी एवं जीवित होती हैं।
इनके बीच में अंतराकोसीय स्थान नहीं होता है।

अंतरा कोशीय स्थानों में कोशिकाओं के कोनों पर कोशिका भित्ति पर सैलूलोज की परत पाई जाती है। जिससे कोसा दृढ़ व मोटी दिखाई देती है।

स्थूलकोण ऊतक के कार्य

(1) यह ऊतक पौधों को दृढ़ता तथा लचीलापन प्रदान करता है।

(2) सेल्युलोज तथा पैक्टिन की उपस्थिति के कारण ये कोशिकाएं जल संचय करती है।

(3) इनमें हरित लवक होते हैं तो यह प्रकाश संश्लेषण द्वारा खाद्य पदार्थ बनाते हैं।

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मृदूतक किसे कहते है (parenchyma)

मृदूतक की कोशिकाएं सघन कोशिका द्रव्य युक्त एवं सेल्युलोज की बनी होती है।

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ये जीवित कोशिकाएं है जो पतली भित्ति युक्त,गोलाकार,अंडाकार होती है।

मृदूतक के कार्य

(1) इनका मुख्य कार्य जल तथा खाद्य पदार्थों को संचित करना है अर्थात इनका मुख्य कार्य भोजन का भंडारण करना है।

(2) यह कोमल भागों को यांत्रिक शक्ति देते हैं अर्थात पेड़ को सहारा देते हैं।

(3) विभाजन की क्षमता लौटने पर यह द्वितीयक वृद्धि तथा घाव भरने आदि के काम में भी आते हैं।

दृढ़ोतक किसे कहते है (sclerenchyma)

यीशु तक की कोशिकाएं लंबी पतली तथा मृत होती हैं।
इनमें अंतराकोशिकीय स्थान नहीं होता है।
इसकी कोशिकाएं पौधों में बहुतायत  होती है।

दृढ़ोतक का कार्य

इसका मुख्य कार्य पेड़ को मजबूती प्रदान करना है।

मृदूतक और स्थूलकोण ऊतक में अंतर || difference between parenchyma and collenchyma

स्थूलकोणमृदूतक
इसकी कोशिकाएं समूह में होती हैं तथा कोनों पर मोटी होती हैं। इसकी कोशिकाएं पतली भित्ति वाली व सजीव होती है।
इनमें बहुत कम अन्तराकोशीय स्थान होते है।थोड़े अधिक होते है।
यह पौधे को यांत्रिक सहायता व लचीलापन प्रदान करता है। ये पौधे को सहायता प्रदान करते हैं और भोजन का भंडारण करते हैं।

महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न – 1- स्थूलकोण ऊतक के क्या कार्य हैं ?

उत्तर – पौधे को यांत्रिक सहायता व लचीलापन प्रदान करना ।

प्रश्न – 2 – मृदूतक के क्या कार्य है ?

उत्तर – पौधे के कोमल भागो को यांत्रिक सहायता कर भोजन का भंडारण करना ।

दोस्तों आपको यह आर्टिकल मृदूतक और स्थूलकोण ऊतक में अंतर कैसा लगा हमें कमेंट करके बताएं तथा इसे शेयर जरूर करें।

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