गणतंत्र दिवस पर निबंध | छब्बीस जनवरी पर निबंध | essay on republic day in hindi 

समय समय पर हमें छोटी कक्षाओं में या बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध लिखने को दिए जाते हैं। निबंध हमारे जीवन के विचारों एवं क्रियाकलापों से जुड़े होते है। आज hindiamrit.com  आपको निबंध की श्रृंखला में  गणतंत्र दिवस पर निबंध | छब्बीस जनवरी पर निबंध | essay on republic day in hindi प्रस्तुत करता है।

Contents

गणतंत्र दिवस पर निबंध | छब्बीस जनवरी पर निबंध | essay on republic day in hindi

इस निबंध के अन्य शीर्षक / नाम

(1) राष्ट्रीय पर्व : गणतंत्र दिवस पर निबंध
(2) किसी राष्ट्रीय पर्व का वर्णन
(3) 26 जनवरी पर निबंध


Tags –

गणतंत्र दिवस पर आसान निबंध,निबंध लेखन गणतंत्र दिवस,गणतंत्र दिवस पर लेख,छब्बीस जनवरी पर निबंधessay on 26 january republic day in hindi,short essay on 26 january republic day in hindi,republic day essay in hindi 20 lines,easy and simple essay on republic day in hindi,essay on the republic day in hindi,essay on the topic republic day in hindi,,

गणतंत्र दिवस पर निबंध | छब्बीस जनवरी पर निबंध | essay on republic day in hindi

पहले जान लेते है गणतंत्र दिवस पर निबंध | छब्बीस जनवरी पर निबंध | essay on republic day in hindi की रूपरेखा ।

निबंध की रूपरेखा

(1) प्रस्तावना
(2) स्वतंत्रता प्राप्ति
(3) गणतंत्र की स्थापना
(4) देशव्यापी उत्सव
(5) राजधानी में छब्बीस जनवरी
(6) 26 जनवरी से क्या प्रेरणा मिलती है



गणतंत्र दिवस पर निबंध,छब्बीस जनवरी पर निबंध,essay on republic day in hindi,gantantra divas par nibandh,26 janvari par nibandh,26 january par nibandh, republic day essay in hindi,




गणतंत्र दिवस पर निबंध | छब्बीस जनवरी पर निबंध | essay on republic day in hindi


प्रस्तावना

यह दिन था 31 दिसम्बर सन् 1929 ई० । लाहौर में रावी नदी के तट पर विचित्र चहल-पहल थी। देश के कोने-कोने से नेतागण आये थे यह अखिल भारतीय महासभा का अधिवेशन हो रहा था ।

देश के अनेक देशभक्त युवक फाँसी का फन्दा चूम चुके थे, कुछ ने छाती में गोलियाँ खायीं थीं, कुछ लाठियों से पिट कर प्राणों की बलि चढ़ा दी थी।

अध्यक्ष पद से भाषण करते हुए राष्ट्रनायक पं० जवाहरलाल नेहरू ने घोषणा की-“पूर्ण स्वराज्य प्राप्ति ही हमारा उद्देश्य है।” अधिवेशन में उपस्थित सभी नेताओं ने प्रतिज्ञा की-“हम पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करके ही दम लेंगे ।”

ये भी पढ़ें-  हमारी ग्रामीण समस्याएँ पर निबंध हिंदी में | essay on problems of our rural society in hindi

नयी चेतना और नया उत्साह सारे देश में फैल गया। छब्बीस जनवरी 1930 ई० को प्रथम स्वतन्त्रता दिवस मनाया गया ।





स्वतन्त्रता-प्राप्ति

प्रति वर्ष 26 जनवरी को अपनी प्रतिज्ञा का स्मरण करते हुए स्वतन्त्रता के लिए संघर्ष चलता रहा। कई बार सत्याग्रह हुए। देशप्रेमियों ने जेलें भर दीं।

महात्मा गांधी की नीतियो पर चलते हुए लोगों ने अपने प्राणों की बाजी लगा दी। फलस्वरूप 15 अंगस्त 1947 को देश स्वतन्त्र हुआ। भारत माता की परतन्त्रता की जंजीरें चटाख से टूट गयी शताब्दियों की परतन्त्रता से मुक्ति मिली।





गणतन्त्र की स्थापना

देश स्वतन्त्र तो हुआ, किन्तु उस समय हमारे पास न अपना संविधान या और न अपने कानून थे। अँग्रेजों के बनाये हुए विधान और कानून के अधीन ही कार्य प्रारम्भ हुआ।

संविधान सभा बनायी गयी। संविधान का निर्माण हुआ और 26 जनवरी 1950 ई० को भारत में सम्पूर्ण प्रभुत्व गणराज्य की घोषणा हुई। हमारा संविधान लागू हुआ और डॉ० राजेन्द्र प्रसाद स्वतन्त्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने।

इस प्रकार 26 जनवरी 1930 ई० को जो प्रतिज्ञा की गयी थी, वह 20 वर्ष पश्चात 26 जनवरी संन् 1950 ई० को पूर्ण हुई। उस दिन सम्पूर्ण देश ने हर्षोल्लास के साथ उत्सव मनाया।

गाँव-गाँव और शहर-शहर में जनसभाएँ हुई, भाषण और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। दिल्ली तो उस दिन दुल्हन बनी थी। देश के कोने- कोने से लोग उत्सव देखने आये थे।

सड़कों पर भारी भीड़ लगी थी। विशाल जुलूस मुख्य सड़कों से चल रहा था। विभिन्न प्रदेशों की झाँकियाँ शोभा पा रही थीं। लाल किले पर मुख्य उत्सव था। तीनों सेनाओं ने सलामी दी।

राष्ट्रगान की धुन बजायी गयी। तिरंगा फहराया गया। ऐसा अपूर्व उत्सव सम्भवतः दिल्ली में पहली बार हुआ था। उसी दिन से 26 जनवरी हमारे देश का महान् राष्ट्रीय पर्व बन गया है।

ये भी पढ़ें-  श्रम का महत्व पर निबंध हिंदी में | कर्म ही पूजा है पर निबंध | essay on the importance of labour in hindi






देशव्यापी उत्सव

26 जनवरी हमारे राष्ट्र का सबसे महान् राष्ट्रीय उत्सव है। यह किसी विशेष मजहब, सम्प्रदाय एवं वर्ग विशेष का उत्सव नहीं, संकल भारतीयों का उत्सव है।

यह जन-जन का त्यौहार है। भारत के कोने-कोने में, गाँवों और नगरों में धूमधाम से यह उत्सव मनाया जाता है।

इस दिन सब सरकारी तथा गैर-सरकारी दफ्तरों और संस्थाओं में छुट्टी रहती है। शहरों में विशेष चहल-पहल होती है।





राजधानी में 26 जनवरी

गणतन्त्र दिवस का उत्सव राजधानी में दर्शनीय होता है। भारत की विभिन्न क्षेत्रों से लाखों की संख्या में जनता प्रति वर्ष गणतन्त्र दिवस का उत्सव देखने आती है।

इस दिन राष्ट्रपति जल सेना, स्थल सेना तथा नभ सेना की सलामी लेते हैं। इसके बाद राष्ट्रपति भवन से एक बहुत बड़ा जुलूस बड़ी- बड़ी सड़कों से होता हुआ लाल किले तक पहुँचता है।

इस जुलूस में कई तरह की सैनिक टुकड़़ियाँ, फौजी सामान तथा अस्त्र-शस्त्र होते हैं। इसके अतिरिक्त झूमते हुए मस्त हाथी, सजे हुए सुन्दर घोड़े तथा ऊँट होते हैं।

इसमें भारत के प्रायः सभी प्रान्तों की सांस्कृतिक झाँकियाँ देखने योग्य होती हैं। रात में बिजली के प्रकाश से दीवाली मनायी जाती है। इसी प्रकार दूसरे नगरों में भी जुलूस निकलते हैं, खेलकूद होते हैं तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम जुटाए जाते हैं।

सरकारी भवनों तथा कार्यालयों पर तिरंगे झण्डे फहराये जाते हैं तथा रात में बिजली की रोशनी की जाती है।




उत्सव से प्रेरणा (उपसंहार)

26 जनवरी हमारा हर्षोल्लास का त्यौहार है। यह नयी-नयी उमंगों और प्रेरणा का त्यौहार है।

इस दिन हमें एकता, देशभक्ति और जनसेवा की प्रेरणा प्राप्त करनी चाहिए तथा देश के उत्थान और सर्वांगीण विकास में सहयोग का संकल्प लेना चाहिए।

राष्ट्रपर्व छव्वीस जनवरी हमारे लिए नूतन संदेश लेकर आती है-

“नई भावना, नई कामना, नव-सन्देशा लाई।
राष्ट्रपर्व महिमा से मण्डित, सबके मन को भाई।
बने राष्ट्र एकता प्रहरी,छब्बीस जनवरी आई॥
राग-द्वेषमय कलह मिटाकर, परसेवा के भाव जगाएँ।
शोषण वैर अन्याय घटाकर, देशभक्ति का शंख बजाएँ।
यह सन्देशा लाई। छब्बीस जनवरी आई॥


अन्य निबन्ध पढ़िये

ये भी पढ़ें-  national integration essay in hindi | राष्ट्रीय एकता पर निबंध

दोस्तों हमें आशा है की आपको यह निबंध अत्यधिक पसन्द आया होगा। हमें कमेंट करके जरूर बताइयेगा आपको गणतंत्र दिवस पर निबंध | छब्बीस जनवरी पर निबंध | essay on republic day in hindi कैसा लगा ।

आप गणतंत्र दिवस पर निबंध | छब्बीस जनवरी पर निबंध | essay on republic day in hindi को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा।

सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण पढ़िये ।

» भाषा » बोली » लिपि » वर्ण » स्वर » व्यंजन » शब्द  » वाक्य » वाक्य शुद्धि » संज्ञा » लिंग » वचन » कारक » सर्वनाम » विशेषण » क्रिया » काल » वाच्य » क्रिया विशेषण » सम्बंधबोधक अव्यय » समुच्चयबोधक अव्यय » विस्मयादिबोधक अव्यय » निपात » विराम चिन्ह » उपसर्ग » प्रत्यय » संधि » समास » रस » अलंकार » छंद » विलोम शब्द » तत्सम तत्भव शब्द » पर्यायवाची शब्द » शुद्ध अशुद्ध शब्द » विदेशी शब्द » वाक्यांश के लिए एक शब्द » समानोच्चरित शब्द » मुहावरे » लोकोक्ति » पत्र » निबंध

सम्पूर्ण बाल मनोविज्ञान पढ़िये uptet / ctet /supertet

प्रेरक कहानी पढ़िये।

हमारे चैनल को सब्सक्राइब करके हमसे जुड़िये और पढ़िये नीचे दी गयी लिंक को टच करके विजिट कीजिये ।

https://www.youtube.com/channel/UCybBX_v6s9-o8-3CItfA7Vg

Tags –

भारतीय गणतंत्र दिवस पर निबंध,भारत में गणतंत्र दिवस पर निबंध,गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में,गणतंत्र दिवस पर निबंध हिन्दी में,गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखित में,गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में लिखा हुआ,हिंदी में गणतंत्र दिवस पर निबंध,गणतंत्र दिवस पर निबंध 100 word,छब्बीस जनवरी निबंध हिंदी,essay on republic day in hindi for class 7,essay on republic day in hindi for class 6,essay on republic day in hindi for class 4th,essay on republic day in hindi for class 4,एस्से व रिपब्लिक डे इन हिंदी,a short essay on republic day in hindi,एस्से रिपब्लिक डे इन हिंदी,छब्बीस जनवरी पर निबंध,

Leave a Comment