आज का युग कम्प्यूटर का युग है। आज के जीवन मे सभी को कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी होनी चाहिए। बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी कम्प्यूटर से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसीलिए हमारी साइट hindiamrit.com कम्प्यूटर से जुड़ी समस्त महत्वपूर्ण टॉपिक की श्रृंखला पेश करती है,जो आपके लिए अति महत्वपूर्ण साबित होगी,ऐसी हमारी आशा है। अतः आज का हमारा टॉपिक MS DOS ,LINEX,UNIX क्या है / MS DOS ,LINEX,UNIX की बेसिक जानकारी की जानकारी प्रदान करना है।
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MS DOS ,LINEX,UNIX क्या है / MS DOS ,LINEX,UNIX की बेसिक जानकारी
LINEX,UNIX,MS DOS की बेसिक जानकारी / MS DOS ,LINEX,UNIX क्या है
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प्रचलित परिचालन प्रणालियाँ (Popular Operationg System)
कम्प्यूटर के युग के प्रारम्भ से अब तक अनेकों परिचालन प्रणालियाँ विकसित की गयीं व उनका प्रयोग भी विभिन्न प्रकार की कम्प्यूटर प्रणालियों पर किया गया, किन्तु उनमें से कुछ परिचालन प्रणालियाँ अत्यधिक प्रचलित हुई तथा आज उनका प्रयोग सम्पूर्ण विश्व में किया जा रहा है।
इनमें सर्वाधिक प्रचलित कुछ परिचालन प्रणालियाँ निम्नलिखित हैं-
(i) एम. एस. डॉस (MS-DOS),
(ii) विण्डोज परिचालन प्रणाली (Windows Operating System),
(iii) यूनिक्स परिचालन प्रणाली (UNIX Operating System),
(iv) लाइनेक्स परिचालन प्रणाली (LINUX Operating System)।
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS)
डॉस वर्तमान में दुनिया में सबसे ज्यादा प्रयोग किये जाने वाली परिचालन प्रणाली है। प्रत्येक कम्प्यूटर प्रयोक्ता को इसकी जानकारी होना आवश्यक है। डिस्क के संचालन हेतु डॉस इसे दो भागों में बाँटता है—प्रथम एक छोटा भाग सिस्टम हेतु तथा एक बड़ा भाग डाटा हेतु रखा जाता है। सिस्टम भाग में सिस्टम की मुख्य जानकारी रखी जाती हैं। इसे तीन भागों में बाँटा जाता है—बूट (Boot), फाइल एलोकेशन टेबल (FAT) तथा रूट डायरेक्ट्री (Root Directory)।
बूट रिकॉर्ड, डॉस का सर्वप्रथम रिकॉर्ड होता है। इसमें 100 बाइट का एक छोटा-सा प्रोग्राम होता है जो कम्प्यूटर की मैमोरी में डॉस फीड करने का कार्य करता है। कम्प्यूटर को स्टार्ट करने का कार्य बूटिंग कहलाता है। बूटिंग (Booting) का कार्य है, डॉस को डिस्क से पढ़कर मैमोरी में डाल दे।
अगला भाग फाइल एलोकेशन टेबल (File Allocation Table) कहलाता है। इसे FAT भी कहते हैं। डॉस को डाटा एरिया की सम्पूर्ण जानकारी रखनी होती है। डिस्क में क्या है तथा नया डाटा संग्रह हेतु कितना स्थान बचा है। यह प्रत्येक भाग की जानकारी रखता है। इस जानकारी को रखने के लिए डॉस डिस्क को तार्किक इकाई में विभाजित करता है। जिन्हें क्लस्टर कहते हैं। जब भी कोई फाइल डाटा एरिया में लिखी जाती है उससे सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी इन क्लस्टर्स में लिखी जाती है। क्लस्टर्स का यह विभाजन फाइल एलोकेशन टेबल द्वारा संचालित होता है। अर्थात् FAT केवल नम्बर टेबल होती है जो कि किसी क्लस्टर को दिया गया है यदि किसी कलस्टर में शून्य है अर्थात् वह क्लस्टर खाली है। डिस्क सिस्टम का अन्तिम भाग रूट डायरेक्ट्री है। यह भाग डायरेक्ट्री है जो कि प्रत्येक डिस्क में होता है।
विण्डोज (Windows)
विण्डोज भी माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी का प्रोग्राम है। यह प्रयोक्ता की सुविधा हेतु ग्राफिक्स यूजर इण्टरफेस (Graphics User Interface-GUI) प्रदान करता है। विण्डोज को चलाने हेतु पीसी 80386 एवं उससे अधिक क्षमता वाले कम्प्यूटर की आवश्यकता होती है। विण्डोज द्वारा कई विशिष्ट सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं-
1. विण्डोज लिखित सूची के साथ प्रोग्रामों को आइकन द्वारा दर्शाता है। केवल करने की आवश्यकता न के बराबर होती है।
2. प्रोग्रामों का पूरा संचालन माउस द्वारा कर सकते हैं तथा अनुदेश (निर्देश) टाइप आइकन का चयन करना होता है।
3. कुछ अन्य सुविधाएँ जैसे चित्र बनाना, कैलकुलेटर, कलैण्डर, लैटर पैड आदि विण्डोज में ही उपलब्ध होते हैं।
4. डॉस में एक समय में एक ही प्रोग्राम चल सकता है। पहले प्रोग्राम के खत्म होने पर या बीच में रोक देने पर ही दूसरा प्रोग्राम शुरू कर सकते हैं। विण्डोज में एक से अधिक प्रोग्राम एक साथ चला सकते हैं। वह एक ही पटल पर एक से अधिक खिड़कियाँ दर्शा सकता है। खिड़कियों को सुविधा हेतु छोटा या बड़ा भी किया जा सकता है।
5. विण्डोज एक मल्टी टास्किंग सिस्टम है। पेजमेकर, कोरल ड्रा, फोटोशॉप जैसे प्रोग्राम केवल विण्डोज पर ही चलते हैं। अतः प्रोग्राम खरीदने से पूर्व ही यह तय करना होता है कि उसे किस पर चलाना है डॉस पर या विण्डोज पर। जैसे—वेन्चुरा फार डॉस एवं वेन्चुरा फार विण्डोज।
यूनिक्स (Unix)
यूनिक्स एक मल्टीयूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसमें एक कम्प्यूटर पर एक साथ अलग-अलग टर्मिनल्स पर अनेक व्यक्ति एक समय में कार्य कर सकते हैं। Unix,Unics का अपभ्रंश है। इसका पूरा नाम Uniplex Information and Compound System है। इसका विकास AT & T Bell Latoratories में सन् 1960 के अंत में हुआ। इसका नाम Unix वैज्ञानिक Brain Kernighan ने किया था। यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम को ‘C’ भाषा में लिखा गया है। इसको तीन भागों में बाँटा जा सकता है- Kernel, Shell sitt Tools & Application.
लाइनेक्स (Linus)
लाइनेक्स एक सम्पूर्ण बहुकार्यां (Multi tasking) बहु-प्रयोक्ता (Multi User) परिचालन प्रणाली है तथा यह यूनिक्स के अनेक संस्करण के समान है। इसका अर्थ यह है कि लाइनेक्स परिचालन प्रणाली में अनेक प्रयोक्ता लॉग इन (Login) करके एक ही मशीन पर एक साथ अपने भिन्न-भिन्न प्रोग्राम क्रियान्वित कर सकते हैं। लाइनेक्स प्रणाली अधिकतर यूनिक्स संस्करणों के साथ सामंजस्य स्थापित करती है। लाइनेक्स का विकास स्रोत कूट (Source Code), पोर्टेबिलिटी को ध्यान में रखकर किया गया है तथा विभिन्न कम्प्यूटर प्रणालियों के वातावरण (Platform) का प्रयोग करने हेतु इसमें अनेक विशेषताएँ उपलब्ध हैं।
(linus) लाइनेक्स के सभी भागों में व अवयवों का स्रोत कूट (Source Code) बना किसी कीमत के अर्थात् पूर्णतः मुफ्त वितरित किया जाता है। मुफ्त वितरण व स्रोत कूट (Source Code) को सार्वजनिक करने के कारण लाइनेक्स में कोई भी प्रयोक्ता अपनी आवश्यकतानुसार संशोधन कर सकता है तथा नये गुणों को संलग्न कर सकता है। लाइनेक्स की ऐसी विशेषता के कारण यह भविष्य में एक सर्वोत्कृष्ट परिचालन प्रणाली के रूप में उपलब्ध होगी तथा MS-Dos के समान सर्वप्रचलित परिचालन प्रणाली के रूप में प्रयोक्ताओं की पहली पसंद होगी।
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