दोस्तों आज hindiamrit.com आपके लिए जीव विज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक जीवाणु तथा विषाणु में अंतर लाया है। हम आपको इसकी विधिवत जानकारी प्रदान करेंगे। तथा साथ ही साथ आपको जीवाणु की परिभाषा,जीवाणु की खोज, विषाणु की परिभाषा, विषाणु की खोज, जीवाणु तथा विषाणु की खोज किसने की, आदि बातों की जानकारी भी प्रदान करेंगे।
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जीवाणु तथा विषाणु में अंतर || बैक्टीरिया और वायरस के बीच अंतर || difference between bacteria and virus

बैक्टीरिया / जीवाणु क्या है || जीवाणु का परिचय
जीवाणु शब्द को अंग्रेजी भाषा में बैक्टीरिया कहते हैं। बैक्टीरिया शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के शब्द bacterion से हुई है जिसका शाब्दिक अर्थ छड़ी होता है। बैक्टीरिया क्लोरोफिल रहित एक कोशिकीय अथवा बहुकोशिकीय एवं सूक्ष्म प्रोकैरियोटिक जीवधारी हैं।
जीवाणु की खोज किसने की
बैक्टीरिया या जीवाणु की खोज 1676 में एंटोनी वॉन ल्यूवेनहॉक (antony van leeuwenhoek) ने की थी। इसीलिए एंटोनी वॉन ल्यूवेनहॉक को जीवाणु विज्ञान का जनक भी कहा जाता है। जीवाणु के लिए बैक्टीरिया शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम एहरेनबर्ग ने 1838 में किया।
जीवाणु की विशेषताएँ:
- कोशिका संरचना: जीवाणु प्रोकैरियोटिक होते हैं और इनमें केन्द्रक झिल्ली (nuclear membrane) नहीं होती।
- आकार: जीवाणु गोल (Coccus), छड़ी के आकार के (Bacillus), सर्पिल (Spirillum) और अल्पवक्र (Vibrio) रूप में पाए जाते हैं।
- प्रजनन: जीवाणु मुख्य रूप से द्वि-विभाजन (Binary Fission) द्वारा वृद्धि करते हैं।
- आवरण: इनमें एक मजबूत कोशिका भित्ति (Cell Wall) होती है, जो पेप्टिडोग्लाइकेन से बनी होती है।
- वातावरण में अनुकूलन: जीवाणु अत्यधिक गर्मी, ठंड, अम्लीय और क्षारीय स्थितियों में भी जीवित रह सकते हैं।
- ऊर्जा उत्पादन: कुछ जीवाणु स्वपोषी (Autotrophic) होते हैं और प्रकाश संश्लेषण कर सकते हैं, जबकि कुछ परपोषी (Heterotrophic) होते हैं और अन्य जीवों पर निर्भर होते हैं।
- रोगजनक और लाभकारी प्रकार: कुछ जीवाणु बीमारियाँ फैलाते हैं, जबकि कुछ खाद्य पदार्थों और औषधियों के निर्माण में सहायक होते हैं।
जीवाणु के प्रकार:
- आकार के आधार पर:
- गोलाकार (Coccus): जैसे स्टैफिलोकोकस (Staphylococcus)
- दण्डाकार (Bacillus): जैसे ई.कोलाई (E. coli)
- सर्पिल (Spirillum): जैसे ट्रेपोनिमा पैलिडम (Treponema pallidum)
- अल्पवक्र (Vibrio): जैसे हैजा का जीवाणु (Vibrio cholerae)
- पोषण के आधार पर:
- स्वपोषी (Autotrophic): जो स्वयं भोजन बनाते हैं, जैसे नील-हरित शैवाल (Cyanobacteria)।
- परपोषी (Heterotrophic): जो अन्य जीवों पर निर्भर होते हैं, जैसे क्लोस्ट्रीडियम।
- ऑक्सीजन की आवश्यकता के आधार पर:
- वातापेक्षी (Aerobic Bacteria): जिन्हें जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
- वातानुकूलनहीन (Anaerobic Bacteria): जो बिना ऑक्सीजन के जीवित रह सकते हैं।
जीवाणु के उपयोग:
(1) खाद्य उद्योग: दही, पनीर, शराब और किण्वित खाद्य पदार्थ बनाने में।
(2) चिकित्सा क्षेत्र: एंटीबायोटिक्स जैसे पेनिसिलिन का उत्पादन।
(3) पर्यावरणीय महत्व: नाइट्रोजन स्थिरीकरण, जैविक कचरे का अपघटन।
जीवाणु से होने वाले रोग:
(1) टाइफाइड (Salmonella typhi)
(2) क्षय रोग (Tuberculosis – Mycobacterium tuberculosis)
(3) हैजा (Cholera – Vibrio cholerae)
(4) प्लेग (Yersinia pestis)
विषाणु क्या है || विषाणु का परिचय || definition of virus
वायरस या विषाणु के केंद्रक न्यूक्लिक अम्ल के एक अणु के बने रहते है। तथा इनके चारों ओर का शरीर में प्रोटीन के खोल से घिरा होता है।ये कोशिका से बाहर निर्जीव पदार्थ की तरह व्यवहार करते हैं,किंतु जीवित कोशिका के संपर्क में आने पर ही सजीव हो जाते हैं। वायरस सजीव व निर्जीव के मध्य की अवस्था को प्रदर्शित करते हैं। अतः विषाणु को सजीव व निर्जीव के बीच की कड़ी कहा जाता है। विषाणु परजीवी की तरह व्यवहार करते हैं तथा विभिन्न जीवों रोग में उत्पन्न करते है।
विषाणु की खोज किसने की
इसकी खोज 1892 में रूसी वैज्ञानिक आइवानोवस्की(iwanowski) ने तम्बाकू की पत्तियों में चितेरी रोग (tobacoo mosaic disease) के अध्ययन के समय की थी। उन्होंने बताया की रोगग्रस्त पौधों के रस को स्वस्थ पौधों की पत्तियों पर रगड़ने से स्वस्थ पौधों में भी यह रोग उत्पन्न हो जाता है। 1935 में स्टैनले ने इन विषाणुओं को रवों के रूप में अलग किया जिसके लिए इनको 1946 में नोबेल पुरस्कार मिला।
विषाणु की विशेषताएँ:
- अकार्बनिक और कार्बनिक गुण: जीवित कोशिका के बाहर विषाणु अक्रिय (Inert) होते हैं, लेकिन कोशिका के अंदर प्रवेश करते ही वे गुणन करने लगते हैं।
- आकार: ये बैक्टीरिया से भी छोटे होते हैं, सामान्यतः 20 से 300 नैनोमीटर के बीच होते हैं।
- संरचना: विषाणु में केवल एक आनुवंशिक पदार्थ (DNA या RNA) और एक प्रोटीन खोल (Capsid) होता है।
- कोशिका नहीं होती: इनके पास कोई कोशिका झिल्ली, कोशिका द्रव्य या अन्य कोशिकीय अंगक नहीं होते।
- गुणन (Reproduction): ये स्वयं विभाजन नहीं करते, बल्कि मेज़बान कोशिका के अंदर प्रवेश करके उसका उपयोग करके अपनी संख्या बढ़ाते हैं।
- रोगजनक: अधिकांश विषाणु मनुष्यों, पशुओं और पौधों में घातक बीमारियाँ उत्पन्न करते हैं।
विषाणु की संरचना:
- आनुवंशिक पदार्थ (Genetic Material): यह DNA या RNA में से कोई एक होता है।
- कैप्सिड (Capsid): प्रोटीन से बनी सुरक्षा परत, जो विषाणु को सुरक्षित रखती है।
- लिपिड परत (कुछ विषाणुओं में): कुछ विषाणुओं में बाहरी लिपिड परत होती है, जो उन्हें सुरक्षा प्रदान करती है।
विषाणु के प्रकार:
- आनुवंशिक पदार्थ के आधार पर:
- DNA विषाणु: जैसे चेचक (Smallpox) और हर्पीस (Herpes) का विषाणु।
- RNA विषाणु: जैसे कोरोना वायरस (Coronavirus), इन्फ्लूएंजा (Influenza) और एड्स (HIV)।
- मेजबान के आधार पर:
- पशु विषाणु: जो मनुष्यों और जानवरों को संक्रमित करते हैं, जैसे रेबीज और पोलियो।
- पादप विषाणु: जो पौधों को संक्रमित करते हैं, जैसे तंबाकू मोज़ेक वायरस (TMV)।
- जीवाणु विषाणु (Bacteriophage): जो बैक्टीरिया को संक्रमित करते हैं।
विषाणु जनित बीमारियाँ:
❌ मनुष्यों में:
- कोरोना वायरस (COVID-19)
- एड्स (HIV/AIDS)
- डेंगू
- हेपेटाइटिस (Hepatitis B & C)
- पोलियो
- रेबीज
❌ पौधों में:
- तंबाकू मोज़ेक रोग (TMV)
- आलू वायरस रोग
- पीला मोज़ेक रोग (Yellow Mosaic Disease)
विषाणु से बचाव:
✔ टीकाकरण (Vaccination): कोरोना, पोलियो, हेपेटाइटिस, रेबीज जैसी बीमारियों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं।
✔ स्वच्छता: हाथ धोना, मास्क पहनना, संक्रमित लोगों से दूरी बनाए रखना।
✔ मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली: संतुलित आहार और व्यायाम से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना।

जीवाणु तथा विषाणु में अंतर || difference between bacteria and virus
अंतर का आधार | जीवाणु (Bacteria) | विषाणु (Virus) |
---|---|---|
परिभाषा | एककोशिकीय सूक्ष्मजीव जो स्वतंत्र रूप से जीवित रह सकते हैं। | अजीवित कण जो जीवित कोशिकाओं के अंदर ही पनपते हैं। |
कोशिका संरचना | इनमें कोशिका झिल्ली, कोशिका भित्ति, साइटोप्लाज्म और DNA/RNA होता है। | इनमें कोई कोशिकीय संरचना नहीं होती, केवल DNA या RNA से बने होते हैं। |
आकार | 0.1 से 5 माइक्रोमीटर तक। | 20 से 300 नैनोमीटर तक, जीवाणु से बहुत छोटे होते हैं। |
जीवित/अजीवित | स्वतंत्र रूप से जीवित रह सकते हैं। | अकेले अजीवित होते हैं, लेकिन जीवित कोशिका में प्रवेश करने पर सक्रिय हो जाते हैं। |
प्रजनन | द्वि-विभाजन (Binary Fission) द्वारा स्वयं विभाजित होते हैं। | मेज़बान कोशिका में प्रवेश कर उसे नियंत्रित करके अपनी संख्या बढ़ाते हैं। |
रचना | DNA और RNA दोनों होते हैं। | केवल DNA या केवल RNA होता है। |
संक्रमण | एंटीबायोटिक्स से नियंत्रित किया जा सकता है। | एंटीबायोटिक्स का असर नहीं होता, वैक्सीन और एंटीवायरल से रोका जाता है। |
रोगों के उदाहरण | निमोनिया, क्षय रोग (टीबी), टायफाइड, प्लेग। | कोरोना वायरस, एड्स (HIV), इन्फ्लूएंजा, चिकनपॉक्स। |
जीवन चक्र | स्वतंत्र रूप से विभाजित होकर बढ़ते हैं। | मेज़बान कोशिका के बिना जीवित नहीं रह सकते। |
महत्व | कुछ लाभदायक होते हैं (जैसे दही में लैक्टोबैसिलस)। | सभी हानिकारक होते हैं और बीमारियाँ फैलाते हैं। |
बैक्टीरिया और वायरस के बीच अंतर (टेबल 2)
क्र०सं० | जीवाणु (bacteria) | विषाणु(virus) |
1 | ये अति प्राचीन जीव जगत के सदस्य है। | वायरस सजीव व निर्जीव के बीच की कड़ी है। |
2 | इनके शरीर मे कोशकीय संरचना होती है।अतः कोशिका भित्ति उपस्थित होती है। | कोशकीय संरचना नही होती है अतः कोशिका भित्ति अनुपस्थित होती है। |
3 | फिल्टर पेपर में छन जाते है। | ये फिल्टर पेपर के आर पार निकल जाते है। |
4 | सजीवों के सभी लक्षण पाए जाते है। | केवल सजीव कोशिका के अंदर ही सक्रिय है बाकी बाहर निर्जीव है। |
5 | ये स्वयंपोषी,परजीवी व मृतोपजीवी होते है। | परपोषी होते है। |
6 | क्रिस्टल के रूप में संग्रह नहीं किया जा सकता है। | किया जा सकता है। |
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जीवाणु तथा विषाणु में अंतर से जुड़े 20 अति लघुउत्तरीय प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1: जीवाणु क्या होते हैं?
उत्तर: जीवाणु एककोशिकीय सूक्ष्मजीव होते हैं जो स्वतंत्र रूप से जीवित रह सकते हैं।
प्रश्न 2: विषाणु क्या होते हैं?
उत्तर: विषाणु अजीवित कण होते हैं जो केवल जीवित कोशिका के अंदर ही पनपते हैं।
प्रश्न 3: जीवाणु का आकार कितना होता है?
उत्तर: 0.1 से 5 माइक्रोमीटर तक।
प्रश्न 4: विषाणु का आकार कितना होता है?
उत्तर: 20 से 300 नैनोमीटर तक।
प्रश्न 5: क्या जीवाणु स्वतंत्र रूप से जीवित रह सकते हैं?
उत्तर: हाँ, जीवाणु स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं।
प्रश्न 6: क्या विषाणु स्वतंत्र रूप से जीवित रह सकते हैं?
उत्तर: नहीं, विषाणु केवल मेज़बान कोशिका में ही सक्रिय होते हैं।
प्रश्न 7: जीवाणु किस विधि से विभाजित होते हैं?
उत्तर: द्वि-विभाजन (Binary Fission) द्वारा।
प्रश्न 8: विषाणु कैसे विभाजित होते हैं?
उत्तर: वे मेज़बान कोशिका का उपयोग करके संख्या बढ़ाते हैं।
प्रश्न 9: क्या जीवाणु में DNA और RNA दोनों होते हैं?
उत्तर: हाँ, जीवाणु में DNA और RNA दोनों होते हैं।
प्रश्न 10: विषाणु में कौन-सा आनुवंशिक पदार्थ होता है?
उत्तर: विषाणु में केवल DNA या केवल RNA होता है।
प्रश्न 11: क्या जीवाणु में कोशिका झिल्ली होती है?
उत्तर: हाँ, जीवाणु में कोशिका झिल्ली होती है।
प्रश्न 12: क्या विषाणु में कोशिका झिल्ली होती है?
उत्तर: नहीं, विषाणु में कोई कोशिकीय संरचना नहीं होती।
प्रश्न 13: जीवाणु से कौन-कौन सी बीमारियाँ होती हैं?
उत्तर: निमोनिया, टाइफाइड, टीबी, प्लेग।
प्रश्न 14: विषाणु से कौन-कौन सी बीमारियाँ होती हैं?
उत्तर: कोरोना, एड्स, इन्फ्लूएंजा, चिकनपॉक्स।
प्रश्न 15: जीवाणु को नष्ट करने के लिए क्या प्रयोग किया जाता है?
उत्तर: एंटीबायोटिक्स।
प्रश्न 16: विषाणु को नष्ट करने के लिए क्या प्रयोग किया जाता है?
उत्तर: वैक्सीन और एंटीवायरल दवाएँ।
प्रश्न 17: क्या सभी जीवाणु हानिकारक होते हैं?
उत्तर: नहीं, कुछ लाभकारी होते हैं जैसे लैक्टोबैसिलस।
प्रश्न 18: क्या सभी विषाणु हानिकारक होते हैं?
उत्तर: हाँ, सभी विषाणु रोगजनक होते हैं।
प्रश्न 19: जीवाणु किस प्रकार की कोशिका होते हैं?
उत्तर: प्रोकैरियोटिक कोशिका।
प्रश्न 20: विषाणु को किस वर्ग में रखा जाता है – जीवित या अजीवित?
उत्तर: विषाणु संक्रमण के बाहर अजीवित और मेज़बान कोशिका में जीवित माने जाते हैं।
प्रश्न – 21 – विषाणु की खोज किसने की ?
उत्तर – आइवानोवस्की
प्रश्न – 22 – विषाणु की खोज किससे हुई ?
उत्तर – तम्बाकू की पत्तियों में चितेरी रोग के अध्ययन में ।
प्रश्न – 23 – जीवाणु की खोज किसने की ?
उत्तर – ल्यूवेनहॉक
प्रश्न – 24 – जीवाणु के लिए बैक्टीरिया शब्द किसने दिया ?
उत्तर – एहरेनबर्ग
प्रश्न – 25 – किसे सजीव और निर्जीव के बीच की कड़ी कहा गया है ?
उत्तर – विषाणु
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