[ NCF 2009 ] राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना 2009 के उद्देश्य,आवश्यकता, महत्व,स्वरूप / NCF 2009 के उद्देश्य,आवश्यकता, महत्व,स्वरूप

बीटीसी एवं सुपरटेट की परीक्षा में शामिल शिक्षण कौशल के विषय प्रारंभिक शिक्षा के नवीन प्रयास में सम्मिलित चैप्टर राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना 2009 के उद्देश्य,आवश्यकता, महत्व,स्वरूप / NCF 2009 के उद्देश्य,आवश्यकता, महत्व,स्वरूप  आज हमारी वेबसाइट hindiamrit.com का टॉपिक हैं।

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राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना 2009 के उद्देश्य,आवश्यकता, महत्व,स्वरूप / NCF 2009 के उद्देश्य,आवश्यकता, महत्व,स्वरूप

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राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना 2009 के उद्देश्य,आवश्यकता, महत्व,स्वरूप / NCF 2009 के उद्देश्य,आवश्यकता, महत्व,स्वरूप 

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राष्ट्रीय पाठ्यक्रमसंरचना शिक्षक शिक्षा 2009 / National Curriculum Framework Teacher Education 2009

शिक्षक को सभी शिक्षाशास्त्रियों एवं बुद्धिजीवियों द्वारा राष्ट्र का भाग्य निर्माता माना गया है। इसलिये शिक्षक का सम्मान प्राचीनकाल से वर्तमान काल तक कम नहीं है। शिक्षकों के कार्य व्यवहार एवं कर्तव्यनिष्ठा में वृद्धि के लिये समय-समय पर विभिन्न आयोगों द्वारा सुझाव प्रस्तुत किये गये हैं, जिन्हें शिक्षक शिक्षा सम्बन्धी सुझावों के माध्यम से जाना गया है। प्रत्येक आयोग का मानना है कि सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था में शिक्षक वह प्रमुख भाग है जो कि विद्यालय के उत्थान में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। शिक्षक शिक्षा में सेवारत प्रशिक्षण प्रदान करना, शिक्षक शिक्षा में अनुसन्धान को प्राथमिकता देना, शिक्षक शिक्षा के नवीन विद्यालयों को मान्यता प्रदान करना, शिक्षक शिक्षा में नवाचारों का प्रयोग एवं शिक्षक शिक्षा में विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षणों की व्यवस्था आदि विभिन्न आयोग एवं शिक्षा नीतियों के सुधार के कारण सम्भव हुआ है।

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वर्तमान समय में शिक्षा का अधिकार 2009, अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा तथा शिक्षा के सार्वभौमीकरण ने शिक्षक के उत्तरदायित्वों में अभूतपूर्व वृद्धि कर दी है जिससे सम्पूर्ण उत्तरदायित्व शिक्षक पर है। एक अभिभावक यह जानने का प्रयास नहीं करता कि शिक्षा व्यवस्था में त्रुटियों के लिये कौन उत्तरदायी है वरन् वह शिक्षा व्यवस्था का सम्पूर्ण कर्ता-धर्ता शिक्षक को ही मानता है। इस स्थिति में शिक्षक का दायित्व बालकों का शिक्षण करना ही नहीं वरन् अभिभावकों एवं समाज को सन्तुष्ट करना भी है।

इस प्रकार की स्थिति में शिक्षक शिक्षा के लिये एक ऐसे पाठ्यक्रम की आवश्यकता का अनुभव हुआ जो कि बदलते हुए परिवेश में शिक्षा के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायक हो तथा शिक्षक शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बना सके। इस स्थिति में राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना शिक्षक शिक्षा 2009 का प्रस्तुतीकरण हुआ जिसमें शिक्षक शिक्षा के विषय में पूर्णत: नवीन विचारों का प्रयोग किया गया। राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना शिक्षक शिक्षा का स्वरूप वर्तमान समय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया गया है।

राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना शिक्षक शिक्षा 2009 का स्वरूप

1.बालकों का अध्ययन

2. समकालीन समाज का अध्ययन

3.शिक्षा सम्बन्धी अध्ययन

4. पाठ्यक्रम सम्बन्धित विचार

5. शिक्षणशास्त्रीय सिद्धान्त

राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना शिक्षक शिक्षा 2009 की आवश्यकता एवं महत्त्व

1.शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लिये

2. नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के लिये

3. परिवर्तित समाज के लिये

4. शैक्षिक असमानता को कम करने के लिये

5. नवीन चुनौतियों के समाधान के लिये

6. शिक्षण अधिगम प्रक्रिया की प्रभावशीलता के लिये

7. छात्रों की अन्तर्निहित क्षमताओं के विकास के लिये

8. जीवन कौशलों के विकास के लिये

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9. समाज की आवश्यकता पूर्ति के लिये

10. अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना के लिये

राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना शिक्षक शिक्षा 2009 के उद्देश्य

राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना शिक्षक शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य ऐसे शिक्षकों का निर्माण करना है जो कि राष्ट्र की प्रगति के लिये उपयोगी सिद्ध हो सकें तथा समाज के लिये अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत कर सकें। इसके लिये राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना शिक्षक शिक्षा दो प्रकार के उद्देश्यों का निर्धारण करती है जो कि प्रत्यक्ष उद्देश्य एवं अप्रत्यक्ष उद्देश्यों के अन्तर्गत आते हैं। इनका वर्णन निम्नलिखित रूप में किया जा सकता है-

(अ) राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना शिक्षक शिक्षा 2009 के प्रत्यक्ष उद्देश्य

1. शिक्षक शिक्षा के लिये उचित पाठ्यक्रम का निर्माण

2. शिक्षक शिक्षा के लिये उचित समयावधि का निर्धारण

3. शिक्षकों के लिये व्यावसायिक वृद्धि की उपलब्धता

4. शिक्षकों की योग्यता एवं गुणों का विकास करना

5. शिक्षक शिक्षा का क्रमबद्ध प्रस्तुतीकरण

6. शिक्षक का विकास एक सुगमकर्ता के रूप में

7. शिक्षक का विकास एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में

8. शिक्षक का विकास एक मनोवैज्ञानिक के रूप में

9.शिक्षक का विकास एक विचारक के रूप में

10.शिक्षक का विकास एक ज्ञान स्रोत के रूप में

11. शिक्षक का विकास एक निर्देशनकर्ता एवं परामर्शदाता के रूप में

12. शिक्षक की व्यावसायिक उन्नति का उद्देश्य

(ब) राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना शिक्षक शिक्षा 2009 के अप्रत्यक्ष उद्देश्य

1. छात्रों के सर्वांगीण विकास का उद्देश्य

2. शिक्षण अधिगम प्रक्रिया की प्रभावशीलता का उद्देश्य

3. सामाजिक अपेक्षाओं की पूर्ति का उद्देश्य

4. बाल केन्द्रित शिक्षा का उद्देश्य

5. मूल्य केन्द्रित शिक्षा का उद्देश्य

6.पोषणीय विकास का उद्देश्य

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7. उचित मूल्यांकल का उद्देश्य

8. गतिविधि आधारित शिक्षा का उद्देश्य

9. तर्क एवं चिन्तन के विकास का उद्देश्य

10. प्रभावी शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का उद्देश्य

11. अधिगम वातावरण के सृजन का उद्देश्य

12. पर्यावरणीय मूल्यों के विकास का उद्देश्य

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