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कार्य की परिभाषा , कार्य के प्रकार / सामर्थ्य या शक्ति के मात्रक
कार्य की परिभाषा , कार्य के प्रकार / सामर्थ्य या शक्ति के मात्रक
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कार्य की परिभाषा / definition of Work
मनुष्य अपने दैनिक जीवन में अनेक क्रियाएँ करता है, जैसे साइकिल चलाना, पुस्तक पढ़ना,मैदान में खेलना, बातचीत करना, बोझ उठाना, किसी वस्तु को एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर रखना आदि। साधारण भाषा में इन सभी क्रियाओं को कार्य कहा जाता है, परन्तु भौतिक विज्ञान के अनुसार कार्य तब ही किया हुआ माना जाता है जब वस्तु पर बल लगाने से वस्तु में विस्थापन होता है। अतः “कार्य वह भौतिक क्रिया है जिसमें किसी वस्तु पर बल लगाकर उसे बल की दिशा में विस्थापित किया जाता है अर्थात् वस्तु की स्थिति में परिवर्तन किया जाता है।’ उदाहरण- किसी सतह पर रखे लकड़ी के गुटके को धकेलना, टॉली को खींचना, कुएँ से जल खींचना, साइकिल चलाना आदि।
कार्य होने के लिए आवश्यक शर्तें (Necessary Conditions for the Work Done)
कार्य होने के लिए निम्नलिखित दो शर्तों का पूरा होना आवश्यक है
(i) वस्तु पर कोई बल लगना चाहिए।
(ii) वस्तु विस्थापित होनी चाहिए।
बल द्वारा किया गया कार्य Work Done by a Force
यदि कोई बल F किसी वस्तु पर कार्य करके उसे बल की दिशा में S दूरी तक विस्थापित कर दे, तो किया गया कार्य
W= Fx S
अर्थात्
कार्य = बल x बल की दिशा में विस्थापन
यदि किसी वस्तु पर P बल लगाने से उसमें बल की दिशा के साथ θ कोण पर S विस्थापन होता है, तो किया गया कार्य
W= ( F cosθ ) x S
जहाँ F cosθ , बल (F) का विस्थापन (S) की दिशा में घटक (Component) है। किसी वस्तु पर किसी बल द्वारा किया गया कार्य एक अदिश राशि होता है।
विशिष्ट स्थितियाँ (Specific Conditions)
(i) जब वस्तु पर कार्यरत् बल (F) व विस्थापन (S) एक ही दिशा में हों, तब
θ = 0°
W = FS cos0° = FS
W= FS
अतः किया गया कार्य अधिकतम होगा।
(ii) यदि विस्थापन बल की दिशा के अभिलम्बवत् हो, तब θ = 90°
W = FS cos 90°
W=0
अतः किया गया कार्य शून्य होगा।
(iii) यदि बल लगाने पर, वस्तु में कोई विस्थापन नहीं होता, तब भी किया गया कार्य शून्य होता है।
W = F cosθ x 0 = 0
उदाहरण- कोई कुली भार को अपने सिर पर रखकर खड़ा हो, तो वह
कोई कार्य नहीं कर रहा है।
नोट – यदि बल शून्य हो तो कार्य भी शून्य होता है, चाहे वस्तु में विस्थापन हो रहा हो।
कार्य के प्रकार Types of Work
कार्य तीन प्रकार का होता है
1. धनात्मक कार्य (Positive Work)– यदि बल और विस्थापन के मध्य बन रहे कोण का मान 90° से कम हो, तो किया गया कार्य धनात्मक होगा, अर्थात् θ < 90°
उदाहरण- यदि कोई व्यक्ति किसी पिण्ड को पृथ्वी की सतह से ऊपर उठाता है, तो उसके द्वारा किया गया कार्य धनात्मक होगा।
2. ऋणात्मक कार्य (Negative Worke) – यदि बल और विस्थापन के मध्य बन रहे कोण का मान 90° से अधिक हो, तो
किया गया कार्य ऋणात्मक होगा, अर्थात् θ > 90°
उदाहरण- जब किसी वस्तु को खुरदरे धरातल पर खींचा जाता है तब घर्षण बल तथा विस्थापन परस्पर विपरीत दिशा में होते हैं। अतः घर्षण बल द्वारा किया गया कार्य ऋणात्मक होता है।
3. शून्य कार्य (Zero Work) – जब बल तथा विस्थापन लम्बवत् दिशा में होते हैं, तो बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा।
उदाहरण- यदि कोई कुली सिर पर बोझ उठाकर प्लेटफार्म पर चल रहा है, तो वह कोई कार्य नहीं करता (क्योंकि उसका कार्य गुरुत्व बल के लम्बवत् है)। इसी प्रकार वृत्ताकार पथ पर घूमते पिण्ड पर बल की दिशा सदैव पिण्ड की गति के लम्बवत् होती है। अत: वृत्ताकार पथ पर घूमते पिण्ड पर बल द्वारा किया गया कार्य सदैव शून्य होता है।
कार्य का मात्रक Unit of Work
SI पद्धति में कार्य का मात्रक जूल (Joule) होता है।
W = FxS = न्यूटन x मीटर
1 जूल = 1 न्यूटन x मीटर
अर्थात् यदि 1 न्यूटन का बल किसी वस्तु को 1 मी विस्थापित कर देता है, तो किया गया कार्य 1 जूल होता है। CGS पद्धति में कार्य का मात्रक अर्ग (erg) होता है।
जूल और अर्ग में सम्बन्ध (Relation between Joule and Erg)
1 जूल = 1 न्यूटन x 1 मीटर
= 10^5 डाइन x 10^2 सेमी = 107 अर्ग
1 जूल = 10^7 अर्ग
सामर्थ्य अथवा शक्ति की परिभाषा / definition of Power
प्रति इकाई समय में किए गए कार्य को शक्ति कहते हैं अर्थात् कार्य करने की दर ही सामर्थ्य अथवा शक्ति कहलाती है। इसे P से प्रदर्शित करते हैं।
यदि W कार्य t समय में किया जाता है, तो शक्ति या सामर्थ्य
P= कार्य/समय
P = W/t
शक्ति एक अदिश राशि है। शक्ति का SI मात्रक वाट (Watt) होता है। 1 वाट = 1 जूल/सेकण्ड
1 वाट की परिभाषा – यदि कोई निकाय 1 सेकण्ड में 1 जूल कार्य करता है, तो उसकी शक्ति 1 वाट होगी। वाट शक्ति का छोटा मात्रक है। व्यवहार में किलोवाट या मेगावाट का उपयोग करते हैं।
1 किलोवाट (kW) = 1000 वाट (W)
1 मेगावाट (MW) = 10^6 वाट
1 अश्व शक्ति (Horse Power) = 746 वाट
1 मीटरी अश्व शक्ति = 735 वाट
साधारणतया मशीनों की शक्ति को अश्व शक्ति (Horse power या HP) से प्रदर्शित किया जाता है।
ऊर्जा के अन्य मात्रक Other Units of Energy
कार्य अथवा ऊर्जा का व्यावहारिक मात्रक वाट-घण्टा या किलोवाट-घण्टा है।
1 वाट-घण्टा = 1 वाट x 1 घण्टा
= 1 जूल/सेकंड x 60 x 60 सेकण्ड
= 3.6 x 10^3 जूल
1 वाट घण्टा = 3.6 x 10^3 जूल
इससे बड़ा मात्रक, किलोवाट-घण्टा है।
1 किलोवाट घण्टा = 1 किलोवाट x 1 घण्टा
= 1000 वाट x 60 x 60 सेकण्ड
= 3.6 x 10^6 जूल
1 किलोवाट घण्टा (kWh) = 3.6 x 10^6 जूल
एक किलोवाट-घण्टा को 1 यूनिट कहते हैं।
नोट – विद्युत मीटर में व्यय ऊर्जा को किलोवाट-घण्टा में ही दर्शाते हैं। घरों में बिजली विभाग से प्राप्त बिजली के बिल इसी यूनिट में आते हैं।
सामर्थ्य एवं वेग में सम्बन्ध
Relation between Power and Velocity
यदि किसी वस्तु पर बल F लगाने पर वह S दूरी से विस्थापित होती है तथा बल t समय तक कार्य करता है, तो
बल द्वारा किया गया कार्य, W = Fx S
सामर्थ्य P = W/t = (F×S) / t ( v = s/t )
P = F × v
◆◆◆ निवेदन ◆◆◆
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