दोस्तों हमारा आज का टॉपिक हास्य रस की परिभाषा और उदाहरण | hasya ras in hindi | हास्य रस के उदाहरण है। हमे अनेक परीक्षाओं में रसों से संबंधित प्रश्न आते हैं,जिनमे रस के उदाहरण या उदाहरण देकर रस का नाम पूछा जाता है। इसलिए hindiamrit.com आज आपको इस टॉपिक की विधिवत जानकारी देगा।
Contents
हास्य रस की परिभाषा और उदाहरण | hasya ras in hindi | हास्य रस के उदाहरण
Tags – हास्य रस का परिभाषा और उदाहरण,हास्य रस की परिभाषा उदाहरण बताइए,हास्य रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखो,हास्य रस की परिभाषा व उदाहरण,hasya ras definition in hindi,hasya ras examples in hindi,हास्य रस इन हिंदी,hasya ras example in hindi simple,हास्य रस की परिभाषा और उदाहरण,hasya ras in hindi,हास्य रस के उदाहरण,hasya ras example in hindi,hasya ras ke udaharan,हास्य रस का हिंदी में उदाहरण,hasya रस के उदाहरण,hasya ras ke udaharan in hindi,हास्य रस हिंदी में,हास्य रस कविता हिंदी में,हास्य रस के अनेक उदाहरण,हास्य रस के अन्य उदाहरण,हास्य रस के आसान उदाहरण,हास्य रस के उदाहरण और परिभाषा,हास्य रस के छोटे उदाहरण,
हास्य रस की परिभाषा और उदाहरण | hasya ras in hindi | हास्य रस के उदाहरण
हमने आपको इस टॉपिक में क्या क्या पढ़ाया है?
(1) हास्य रस की परिभाषा
(2) हास्य रस के उदाहरण स्पष्टीकरण सहित
(4) हास्य रस के अन्य उदाहरण
(5) हास्य रस के परीक्षा उपयोगी प्रश्न

हास्य रस की परिभाषा | हास्य रस किसे कहते हैं
किसी वस्तु या व्यक्ति का विचित्र (असंगत) आकार अजीव ढंग की वेशभूषा, बातचीत और ऊटपटांग आभूषणों आदि को देखकर हृदय में जो विनोदपूर्ण भाव उत्पन्न हो जाता है, उसे हास कहते हैं। यही हास जब विभाव, अनुभाव तथा व्यभिचारी भावों के संयोग से रस रूप में परिणत हो तो हास्य रस होता है ।
हास्य रस के उदाहरण
(1) काहू न लखा सो चरित विशेखा । जो सरूप नृप कन्या देखा ।
मरकट बदन भयंकर देही। देखत हृदय क्रोध भा तेही ॥
जेहि दिसि बैठे नारद फूली। सो दिसि तेहि न बिलोकी भूली ॥
पुनि-पुनि उकसहिं अरु अकुलाही। देखि दसा हर-गन मुसुकाही ॥
स्पष्टीकरण-
इस पद्य में हास्य रस है।
स्थायी भाव – हास
आश्रय – शिव के गण
आलम्बन – वानर की आकृति में नारद
अनुभाव – नारद को देखना, मुस्कराना, ऊपर को उचकना आदि।
व्यभिचारी भाव – हर्ष
(2) हॅसि हॅसि भाजें देखि दूलह दिगम्बर कौं,
पाहुनी जो आवैं हिमाचल के उछाह में ।
कहे ‘पद्माकर सु काहू सो कहै सो कहाँ,
जोइ जहाँ देखे सो हँसई तहाँ राह में ।॥
स्पष्टीकरण–
इस पद्य में शिव के विवाह का वर्णन है ।
स्थायी भाव – हास।
आलम्बन – हिमालय की अतिथि-स्त्रियाँ ।
आलम्बन विभाव – शिव का विचित्र रूप।
अनुभाव – हँसते-हँसते भागना, लोट-पोट होना आदि।
व्यभिचारी भाव– हर्ष, औत्सुक्य आदि।
विशेष – हास्य रस में आलम्बन ही उद्दीपन होता है, अलग से उद्दीपन नहीं रहता ।
आप अन्य रस भी पढ़िये
» रस – परिभाषा,अंग,प्रकार » श्रृंगार रस » वीर रस
» हास्य रस » करुण रस » शांत रस » रौद्र रस
» भयानक रस » वीभत्स रस » अद्भुत रस
» शांत रस » भक्ति रस » वात्सल्य रस
हास्य रस के अन्य उदाहरण | हास्य रस के सरल उदाहरण
(1) आगे चले बहुरि रघुराई ।
पाछे लरिकन धुनी उड़ाई।।
(2) पिल्ला लीन्ही गोद में मोटर भई सवार।
अली भली घूमन चली किये समाज सुधार।।
हास्य रस के परीक्षा उपयोगी प्रश्न | हास्य रस के आसान उदाहरण
(1) शीश पर गंगा हँसै,लट में भुजंगा हँसै।
हास ही के दंगा भयो नंगा के बियाव में।।
(2) जेहि दिसि बैठे नारद फूली।
सो दिसि तेहि न बिलोकी भूली ॥
(3) काहू न लखा सो चरित विशेखा ।
जो सरूप नृप कन्या देखा ।
★ रस के अंग – विभाव,अनुभाव,संचारी भाव,स्थायी भाव आदि पढ़िये इसे टच करके।।
सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण पढ़िये ।
बाल मनोविज्ञान चैप्टरवाइज पढ़िये uptet / ctet /supertet
Uptet हिंदी का विस्तार से सिलेबस समझिए
हमारे चैनल को सब्सक्राइब करके हमसे जुड़िये और पढ़िये नीचे दी गयी लिंक को टच करके विजिट कीजिये ।
https://www.youtube.com/channel/UCybBX_v6s9-o8-3CItfA7Vg
दोस्तों आशा करता हूँ आपको यह आर्टिकल पसन्द आया होगा । हमें कॉमेंट करके बताइये की हास्य रस की परिभाषा और उदाहरण | hasya ras in hindi | हास्य रस के उदाहरण आपको कैसा लगा तथा इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कीजिये ।।
Good job
Thank u ji
Thanks you sir
Thank u
thanking you sir hood pdf
Bahut achcha han Laga hasya ras ka udaharan thanks for me
thank u
Thnk you
More examples of hasya ras
**बंदर ने कहा बंदरिया से चलो नहाने चले गंगा ।
बच्चों को छोड़े घर पर वही करेंगे हुरदंगा।।**
** हाथी जैसा देह, गेंडे जैसी चाल
तरबूजे सी खोपड़ी ,खरबूजे से गाल