शांत रस की परिभाषा और उदाहरण | shant ras in hindi | शांत रस के उदाहरण

दोस्तों हमारा आज का टॉपिक शांत रस की परिभाषा और उदाहरण | shant ras in hindi | शांत रस के उदाहरण है। हमे अनेक परीक्षाओं में रसों से संबंधित प्रश्न आते हैं,जिनमे रस के उदाहरण या उदाहरण देकर रस का नाम पूछा जाता है। इसलिए hindiamrit.com आज आपको इस टॉपिक की विधिवत जानकारी देगा।


Contents

शांत रस की परिभाषा और उदाहरण | shant ras in hindi | शांत रस के उदाहरण

Tags – शांत रस की परिभाषा उदाहरण सहित,शांत रस की परिभाषा उदाहरण,शांत रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए,शांत रस की परिभाषा उदाहरण सहित कीजिए,शांत रस की परिभाषा उदाहरण सहित समझाइए,शांत रस की परिभाषा बताएं उदाहरण सहित,शांत रस की परिभाषा,शांत रस की परिभाषा एवं उदाहरण,शांत रस की परिभाषा एवं उदाहरण सहित,शांत रस का परिभाषा और उदाहरण,शांत रस की परिभाषा तथा उदाहरण,शांत रस की परिभाषा व उदाहरण,

शांत रस की परिभाषा और उदाहरण | shant ras in hindi | शांत रस के उदाहरण

हमने आपको इस टॉपिक में क्या क्या पढ़ाया है?

(1) शांत रस की परिभाषा
(2) शांत रस के उदाहरण स्पष्टीकरण सहित
(3) शांत रस के अन्य उदाहरण
(4) शांत रस के परीक्षा उपयोगी प्रश्न


शांत रस की परिभाषा और उदाहरण | shant ras in hindi | शांत रस के उदाहरण




शांत रस की परिभाषा | शांत रस किसे कहते हैं

संसार की असारता तथा परमात्मा की सत्ता का ज्ञान हो जाने पर संसार तथा सांसारिक उपभोग के प्रति हृदय में एक प्रकार की ग्लानि अथवा वैराग्य-सा हो जाता है और संसार का सब-कुछ छोड़कर ईश्वर-भक्ति, ईश गुण-श्रवण, कीर्तन आदि में एक विशेष आनन्द आने लगता है।

हृदय की इस वैराग्य भावना को ही निर्वेद कहते हैं ।

यही निर्वेद जब स्थायी होकर विभाव, अनुभाव तथा संचारी भावों से संयुक्त होकर रस रूप में परिणत हो जाता है, तब शान्त रस कहलाता है।

ये भी पढ़ें-  हिंदी में वचन - परिभाषा,उदाहरण | vachan in hindi


शांत रस के उदाहरण | शांत रस के आसान उदाहरण

अब लौं नसानी, अब न नसैहौं।
राम कृपा भव-निसा सिरानी, जागै फिरि न डसैहौं ॥
पायौ नाम चारु-चिन्तामनि, उर-करते न खसैहौं।
स्याम रूप सुचि रुचिर कसौटी, उर-कंचनहि कसैहौ ॥
परबस जानि हस्यौ इन इन्द्रिन, निज बस ह्वै न हँसैहौं ।
मन-मधुकर पन करि तुलसी, रघुपति पद-कमल बसैंहौं ।।

स्पष्टीकरण-

इस वर्णन में कबि को ज्ञान हो गया है। वह अब माया के बन्धन से मुक्त होना चाहता है।

आश्रय – कवि तुलसीदास
आलम्बन – संसार की नश्वरता का ज्ञान, ईश्वरीय सत्ता का आभास
उद्दीपन – शास्त्रों का अध्ययन, साधु संगति आदि
अनुभाव – रोमांच
व्यभिचारी भाव – धैर्य, मति, विबोध, हर्ष आदि
रस – शान्त रस की व्यंजना
स्थायी भाव – निर्वेद।




आप अन्य रस भी पढ़िये

» रस – परिभाषा,अंग,प्रकार   » श्रृंगार रस  » वीर रस 
» हास्य रस  » करुण रस   » शांत रस   » रौद्र रस 
» भयानक रस   » वीभत्स रस   » अद्भुत रस
» शांत रस  » भक्ति रस   » वात्सल्य रस





शांत रस के अन्य उदाहरण

(1) अब लौं नसानी, अब न नसैहों।
      रामकृपा भव-निसा सिरानी जागे फिर न डसैहौं॥

(2) पायो नाम चारु चिंतामनि उर करतें न खसैहौं।
       स्याम रूप सुचि रुचिर कसौटी चित कंचनहिं कसैहौं॥

(3) परबस जानि हँस्यो इन इंद्रिन निज बस ह्वै न हँसैहौं।
     मन मधुपहिं प्रन करि, तुलसी रघुपति पदकमल बसैहौं॥

(4) ऐसी मूढता या मन की।
     परिहरि रामभगति-सुरसरिता, आस करत ओसकन की।।



शांत रस के परीक्षा उपयोगी प्रश्न

(1) अब लौं नसानी, अब न नसैहों।
      रामकृपा भव-निसा सिरानी जागे फिर न डसैहौं॥

ये भी पढ़ें-  स्टार्ट मेन्यू के आइटम्स / स्टार्ट मेन्यू के उपयोग

(2) धूम समूह निरखि-चातक ज्यौं, तृषित जानि मति धन की।
      नहिं तहं सीतलता न बारि, पुनि हानि होति लोचन की।।

(3) ज्यौं गज काँच बिलोकि सेन जड़ छांह आपने तन की।
      टूटत अति आतुर अहार बस, छति बिसारि आनन की।।

(4) कहं लौ कहौ कुचाल कृपानिधि, जानत हों गति मन की।
      तुलसिदास प्रभु हरहु दुसह दुख, करहु लाज निज पन की।।




★  रस के अंग – विभाव,अनुभाव,संचारी भाव,स्थायी भाव आदि      पढ़िये इसे टच करके।।





सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण पढ़िये ।

» भाषा » बोली » लिपि » वर्ण » स्वर » व्यंजन » शब्द  » वाक्य » वाक्य शुद्धि » संज्ञा » लिंग » वचन » कारक » सर्वनाम » विशेषण » क्रिया » काल » वाच्य » क्रिया विशेषण » सम्बंधबोधक अव्यय » समुच्चयबोधक अव्यय » विस्मयादिबोधक अव्यय » निपात » विराम चिन्ह » उपसर्ग » प्रत्यय » संधि » समास » रस » अलंकार » छंद » विलोम शब्द » तत्सम तत्भव शब्द » पर्यायवाची शब्द » शुद्ध अशुद्ध शब्द » विदेशी शब्द » वाक्यांश के लिए एक शब्द » समानोच्चरित शब्द » मुहावरे » लोकोक्ति » पत्र » निबंध

बाल मनोविज्ञान चैप्टरवाइज पढ़िये uptet / ctet /supertet

Uptet हिंदी का विस्तार से सिलेबस समझिए

हमारे चैनल को सब्सक्राइब करके हमसे जुड़िये और पढ़िये नीचे दी गयी लिंक को टच करके विजिट कीजिये ।

https://www.youtube.com/channel/UCybBX_v6s9-o8-3CItfA7Vg

दोस्तों आशा करता हूँ आपको यह आर्टिकल पसन्द आया होगा । हमें कॉमेंट करके बताइये की शांत रस की परिभाषा और उदाहरण | shant ras in hindi | शांत रस के उदाहरण आपको कैसा लगा तथा इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कीजिये ।।

ये भी पढ़ें-  वर्ण की परिभाषा | वर्ण के प्रकार | varn in hindi

Tags – shant ras example in hindi easy,shant ras definition in hindi,shant ras examples in hindi,shant ras kavita in hindi,shant ras ke udaharan in hindi,shant ras ka example in hindi,karun ras इन हिंदी,shant ras example,shant ras ke udaharan,shant ras ke example,shant ras ka example,shant ras hindi grammar,


Leave a Comment