क्रिया विशेषण की परिभाषा और प्रकार | kriya visheshan in hindi

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Contents

क्रिया विशेषण की परिभाषा और प्रकार | kriya visheshan in hindi

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क्रिया विशेषण की परिभाषा और प्रकार | kriya visheshan in hindi

हमने इस टॉपिक में क्या क्या पढ़ाया है?

(1) अव्यय किसे कहते हैं
(2) अव्यय के प्रकार
(3) क्रिया विशेषण किसे कहते हैं
(4) क्रिया विशेषण के प्रकार
(5) अर्थ के आधार पर क्रिया विशेषण के प्रकार
(6) प्रयोग के आधार पर क्रिया विशेषण के प्रकार
(7) रूप के आधार पर क्रिया विशेषण के प्रकार
(8) विशेषण और क्रिया विशेषण में अंतर
(9) महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


अव्यय या अविकारी शब्द की परिभाषा || अव्यय या अविकारी शब्द किसे कहते हैं

अविकारी पद को अव्यय कहते हैं। अव्यय का शाब्दिक अर्थ है, जिसका व्यय न हो अर्थात जिसमें कुछ भी घट-बढ़ न हो। व्याकरण में ऐसे शब्दों को अव्यय कहा जाता है जिनका रूप नहीं बदलता।

संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया पद लिंग, वचन, कारक, काल आदि के कारण बदलते हैं, परंतु अव्यय शब्द पदों के रूप लिंग, वचन,
कारक, काल आदि के कारण नहीं बदलते। इसलिए उन्हें अविकारी शब्द भी कहते हैं।

जिन शब्दों के रूप में लिंग, वचन, काल कारक तथा पुरुष
कारण कोई परिवर्तन नहीं होता, उन्हें अव्यय या अविकारी शब्द कहते हैं।


अव्यय या अविकारी शब्द के प्रकार || अव्यय के भेद

अविकारी शब्द को चार भागों में बाँटा जाता है-

1. क्रियाविशेषण
2. संबंधबोधक
3. समुच्चयबोधक
4. विस्मयादिबोधक

Note – वैसे तो निपात अलग शब्द हैं और ये अविकारी भी है इसीलिए कुछ लोग निपात को भी अविकरी शब्दो के भेदों में शामिल करते हैं। हम यह शामिल नही कर रहे है हम आपको इसकी अलग से जानकारी प्रदान करेंगे।

तो दोस्तों हम पिछले अर्टिकलों में विकारी शब्द -संज्ञा,सर्वनाम,क्रिया,विशेषण एकदम विस्तार पूर्वक पढ़ चुके हैं। आज हम अविकारी शब्दों के अन्तर्गत क्रिया विशेषण पढ़ेगे।

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क्रिया विशेषण की परिभाषा || क्रिया विशेषण किसे कहते हैं

क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्दों को क्रियाविशेषण कहते हैं।

अथवा

जिन शब्दों से हमें यह ज्ञात हो कि कोई क्रिया कैसे, कहाँ, कब और कितनी हुई, उन्हें ‘क्रिया-विशेषण’ कहते हैं।

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आइये देखते हैं क्रिया विशेषण के उदाहरण

(क) कछुआ धीरे-धीरे चलता है।
(ख) आप उधर जाइए।
(ग) वह बहुत बोलता है।
(घ) दीदी परसों आई थीं।


उपर्युक्त वाक्यों धीरे धीरे,उधर,बहुत,परसों शब्द क्रिया पदों की विशेषता बता रहे हैं, अत: इन्हें क्रियाविशेषण कहते हैं।

क्रियाविशेषण के प्रकार || क्रिया विशेषण के भेद

(1) अर्थ के आधार पर क्रियाविशेषण के प्रकार

(i) रीतिवाचक क्रियाविशेषण
(ii) स्थानवाचक क्रियाविशेषण
(iii) कालवाचक क्रियाविशेषण
(iv) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

(2) प्रयोग के आधार पर क्रियाविशेषण के प्रकार

(i) साधारण क्रियाविशेषण
(ii) संयोजक क्रियाविशेषण
(iii) अनुबद्ध क्रियाविशेषण

(3) रूप के आधार पर क्रियाविशेषण के प्रकार

(i) मूल क्रियाविशेषण
(ii) यौगिक क्रियाविशेषण
(iii) स्थानीय या कारण क्रियाविशेषण

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क्रिया विशेषण कितने प्रकार के होते हैं | क्रिया विशेषण के कितने भेद होते हैं

अर्थ के आधार पर क्रियाविशेषण के प्रकारों का वर्णन

(i) रीतिवाचक क्रियाविशेषण
(ii) स्थानवाचक क्रियाविशेषण
(iii) कालवाचक क्रियाविशेषण
(iv) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

रीतिवाचक क्रियाविशेषण

जिन अविकारी शब्दों (क्रियाविशेषण) से क्रिया के होने की विधि या रीति का पता लगता है, उन्हें रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

आइये देखें रीतिवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण

(क) शेर जोर से दहाड़ता है।
(ख) वे हमारी बात ध्यानपूर्वक सुन रहे हैं।
(ग) दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।
(घ) हमें धीरे-धीरे बोलना चाहिए।

उपर्युक्त वाक्यों में ‘जोर से’, ‘ध्यानपूर्वक’, ‘जल्दी-जल्दी’ और ‘धीरे-धीरे’ क्रिया के होने की रीति को बता रहे हैं, अत: ये रीतिवाचक क्रियाविशेषण हैं।


रीतिवाचक क्रिया विशेषण के प्रकार

(1) विधिवाचक-धीरे-धीरे, हाथों-हाथ, सुखपूर्वक, शीघ्र, ध्यानपूर्वक, जल्दी, सहसा, चुपके, शीघ्रतापूर्वक।

(2) निश्चयवाचक-जरूर, अवश्य, निस्संदेह, वास्तव में।

(3) अनिश्चयवाचक-शायद, अकसर, कदाचित, संभवत:, बहुधा।

(4) कारणवाचक-अतएव, इसलिए, किसलिए, क्यों।

(5) निषेधवाचक-नहीं, न, मत, कभी नहीं।

(6) प्रश्नवाचक-कैसे, क्यों।

(7) स्वीकृतिवाचक-अकस्मात्, अचानक, सहसा, एकाएक।

(8) अवधारणावाचक-भर, तक, ही, भी।

रीतिवाचक क्रियाविशेषण जानने का तरीका || क्रिया विशेषण पहचानने की ट्रिक

क्रिया से ‘कैसे’ प्रश्न पूछने पर जो उत्तर मिलता है वहाँ पर रीतिवाचक क्रियाविशेषण होता है।

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स्थानवाचक क्रियाविशेषण

जो आअव्यय शब्द किसी क्रिया के होने के स्थान का बोध कराते हैं, उन्हें स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

आइये देखें स्थानवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण

(क) दीपक काफी ऊपर बैठा है।
(ख) विद्यार्थी एकदम अंदर बैठे हैं।
(ग) भीड़ के पीछे चलना ठीक नहीं।
(घ) पार्क के चारों ओर बच्चे खेल रहे हैं।

उपर्युक्त वाक्यों में ‘ऊपर’, ‘अंदर’, ‘पीछे’ और ‘चारों ओर’ शब्द स्थान का बोध कराते हैं, अत: ये स्थानवाचक क्रियाविशेषण हैं।

स्थानवाचक क्रियाविशेषण के प्रकार

(क) स्थितिवाचक-आस-पास, बाहर, जहाँ, तहाँ, बाहर, अंदर, आगे, पीछे, चारों ओर, आर-पार, निकट।

(ख) दिशावाचक-आमने-सामने, दाएँ, बाएँ, इधर-उधर, किधर, जिधर, इस ओर।


स्थानवाचक क्रियाविशेषण जानने का तरीका || क्रिया विशेषण पहचानने की ट्रिक

क्रिया से ‘कहाँ’ प्रश्न करने पर जो उत्तर मिलता है वही शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण होता है।


कालवाचक क्रियाविशेषण

जो अव्यय शब्द किसी क्रिया के होने या घटने के समय का बोध कराते हैं, उन्हें कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

आइये देखें कालवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण

(क) पहले पढ़ो बाद में खेलने जाना।
(ख) हम प्रतिवर्ष आगरा जाते हैं।
(ग) वह अभी-अभी आया है।
(घ) प्रातःकाल घूमने जाना चाहिए।

ये भी पढ़ें-  विरोधाभास अलंकार - परिभाषा,उदाहरण | virodhabhas alankar in hindi | विरोधाभास अलंकार के उदाहरण

उपर्युक्त वाक्यों में ‘पहले’, ‘बाद में’, प्रतिवर्ष, ‘अभी-अभी’ और ‘प्रात:काल’ काल या समय का बोध करा रहे हैं, अत: ये कालवाचक क्रियाविशेषण हैं।

कालवाचक क्रियाविशेषण के प्रकार

(क) समयवाचक -आज, कल, परसों, अब, कब, जब, तक।

(ख) अवधि वाचक-सदैव, रातभर, दिनभर, लगातार, निरंतर, सुबह से शाम तक।

(ग) बारंबारता वाचक-हरदिन, रोज़, प्रतिदिन, प्रतिवर्ष, कई बार, बहुधा, अकसर।



कालवाचक क्रियाविशेषण जानने का तरीका || क्रिया विशेषण पहचानने की ट्रिक

क्रिया से ‘कब’ प्रश्न पूछने पर जो उत्तर मिलता है, वही शब्द कालवाचक क्रियाविशेषण होता है।




परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

जो अव्यय शब्द क्रिया की मात्रा अथवा उसके नाप तोल का बोध कराते हैं, उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण करते हैं।

आइये देखें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण

(क) उसके पास पर्याप्त धन है।
(ख) दीपांशु दिनभर पढ़ता रहा।
(घ) आज काफी वर्षा हुई।
(ग) पहलवान अधिक खाता है।

उपर्युक्त वाक्यों में ‘पर्याप्त’, ‘दिनभर’, ‘ अधिक’, ‘काफी’ शब्द परिमाणवाचक शब्दों का बोध करा रहे हैं, अत: ये सब परिमाणवाचक क्रियाविशेषण हैं।

परिमाणवाचक क्रियाविशेषण के प्रकार

(क) अधिकतावाचक-खूब, अधिक, ज्यादा, अत्यंत, अति।

(ख) न्यूनतावाचक-कम, थोड़ा, जरा।

(ग) पर्याप्ततावाचक-पर्याप्त, काफी।

(घ) तुलनावाचक-कितना, जितना, इतना, उतना।

(ङ) क्रमवाचक या श्रेणीवाचक -बारी-बारी से, कम से,थोड़ा-थोड़ा,तिल-तिल ।

परिमाणवाचक क्रियाविशेषण जानने का तरीका || क्रिया विशेषण पहचानने की ट्रिक

क्रिया से ‘कितना’ या ‘कितनी’ प्रश्न करने पर जो उत्तर मिलते हैं, वही शब्द क्रियाविशेषण होते हैं।

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(2) प्रयोग के आधार पर क्रियाविशेषण के प्रकारों का वर्णन

(i) साधारण क्रियाविशेषण
(ii) संयोजक क्रियाविशेषण
(iii) अनुबद्ध क्रियाविशेषण



साधारण क्रियाविशेषण

जिन क्रिया विशेषण  का प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है,उन्हें साधारण क्रिया विशेषण कहते हैं

जैसे – कब,जल्दी,वहाँ आदि।

आइये जानते है साधारण क्रियाविशेषण के उदाहरण

(i) तुम कब आओगे
(ii) तुम जल्दी आओ
(iii) वहां ना जाओ।

उपर्युक्त वाक्यों में कब,जल्दी और वहाँ साधारण क्रिया विशेषण हैं।




संयोजक क्रियाविशेषण

जिन क्रिया विशेषण का संबंध किसी अन्य कथन के संयोजन के लिए होता है। अर्थात जिस क्रिया विशेषण का संबंध किसी उपवाक्य के साथ होता है, संयोजक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।

जैसे – जहाँ-वहाँ ,जब-तक आदि।

आइये जानते है संयोजक क्रियाविशेषण के उदाहरण

(i) जहाँ जाओगे वहाँ मुझे पाओगे।
(ii) जहाँ तुम हो वहाँ हम है।
(iii) वहां ना जाओ।

उपर्युक्त वाक्यों में जहाँ-वहाँ संयोजक क्रिया विशेषण हैं।

अनुबद्ध क्रियाविशेषण

जिन क्रिया विशेषण का प्रयोग किसी निश्चय के लिए किसी शब्द भेद के साथ होता है, उन्हें अनुभव क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे – तक,तो,भी,भर आदि।

आइये जानते है अनुबद्ध क्रियाविशेषण के उदाहरण

(i) यह तो बड़ी बात है।
(ii) मैंने उसे देखा तक नहीं है।
(iii) आपके आने भर की देर है।

उपर्युक्त वाक्यों में तो,तक,भर आदि शब्द अनुबद्ध क्रियाविशेषण है।

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(3) रूप के आधार पर क्रियाविशेषण के प्रकारों का वर्णन

(i) मूल क्रियाविशेषण
(ii) यौगिक क्रियाविशेषण
(iii) स्थानीय या कारण क्रियाविशेषण


मूल क्रियाविशेषण

ऐसे क्रिया विशेषण है जो किसी दूसरे शब्द के मेल से नहीं बनते मूल क्रिया विशेषण कहलाते हैं।

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जैसे – अचानक, तेज, बहुत, ठीक, फिर, तब, पुनः आदि।

यौगिक क्रियाविशेषण

वे क्रियाविशेषण जो किसी दूसरे शब्द में प्रत्यय या पद जोड़ने से बनते हैं,यौगिक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।

जैसे – ठीक-ठाक, घर घर, देश-विदेश, चुपके से, एकसाथ, रातभर, प्रतिदिन, सुखपूर्वक, यहांतक, यथाक्रम, निःसंदेश आदि।


स्थानीय या कारण क्रियाविशेषण

वे क्रियाविशेषण जो किसी विशेष कारण या उद्देश्य से क्रिया विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं और यह बिना रूपांतर के किसी विशेष स्थान में आते हैं, स्थानीय या कारण क्रिया विशेषण कहलाते हैं।

जैसे –
(i) वह खाक पड़ेगा।
(ii) जाओगे नहीं तो सिर चाटोगे।
(iii) सिर ना खाओ।

उपर्युक्त वाक्यों में खाक, सिर आदि शब्द स्थानीय या कारण क्रियाविशेषण हैं।


विशेषण और क्रियाविशेषण में अंतर

जब शब्द संज्ञा की विशेषता बताते हैं तो विशेषण और जब क्रिया की विशेषता बताते हैं तो क्रियाविशेषण कहलाते हैं।

विशेषण                                                 क्रिया विशेषण 
                                                                                                  
1. चाकू तेज है।                                     वह तेज चलता है।
2. उसके पास पर्याप्त धन है।                   मैंने पर्याप्त खा लिया है।
3. नेहा साफ अक्षरों में लिखती है।           नेहा साफ लिखती है।
4. दीपेश अच्छा लड़का है।                     दीपेश अच्छा गाता है।

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क्रिया विशेषण की परिभाषा और प्रकार | kriya visheshan in hindi से जुड़े परीक्षा उपयोगी प्रश्न

प्रश्न-1- अर्थ के आधार पर क्रियाविशेषण के कितने भेद होते है?
उत्तर- 4 (स्थान,काल,रीति,परिमाणवाचक )

प्रश्न-2- प्रयोग के आधार पर क्रियाविशेषण के कितने भेद होते है?
उत्तर- 3 (साधारण,संयोजक,अनुबद्ध क्रियाविशेषण)

प्रश्न-3- रूप के आधार पर क्रियाविशेषण के कितने भेद होते है?
उत्तर- 3 (मूल,यौगिक,स्थानीय क्रियाविशेषण)

प्रश्न-4- क्रियाविशेषण किसकी विशेषता बताते हैं?
उत्तर- क्रिया की



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