राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान के कार्य / NIEPA के कार्य / नीपा के कार्य

बीटीसी एवं सुपरटेट की परीक्षा में शामिल शिक्षण कौशल के विषय शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशासन में सम्मिलित चैप्टर राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान के कार्य / NIEPA के कार्य / नीपा के कार्य आज हमारी वेबसाइट hindiamrit.com का टॉपिक हैं।

Contents

राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान के कार्य / NIEPA के कार्य / नीपा के कार्य

राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान के कार्य / NIEPA के कार्य / नीपा के कार्य
राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान के कार्य / NIEPA के कार्य / नीपा के कार्य


NIEPA के कार्य / नीपा के कार्य

Tags  – राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान,National Institute of Educational Planning and Administration,राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान के कार्य / NIEPA के कार्य / नीपा के कार्य

राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान (NIEPA)

केन्द्रीय शैक्षिक आयोजना एवं प्रशासन संस्थान (नीपा) शैक्षिक आयोजना एवं प्रशासन के क्षेत्र में राष्ट्रीय शीर्षस्थ संस्था के रूप में भारत सरकार द्वारा गठित एक स्वायत्तशासी निकाय में है। यह संस्थान सन् 1962 में यूनेस्को के साथ दस-वर्षीय संविदा के अनुसार स्थापित किया गया। उस समय इसका नाम था ‘एशियन इन्स्टीट्यूट ऑफ एजूकेशनल प्लानिंग एण्ड एडमिनिस्ट्रेशन (Asian Institute of Educational Planning and Administration)। संविदा की समाप्ति के बाद भारत सरकार ने शिक्षा आयोग की अनुशंसा पर इस संस्थान को अपने हाथों में ले लिया। भारत सरकार ने उसका नाम रखा ‘नेशनल स्टॉफ कॉलेज फॉर एजूकेशनल प्लानिंग एण्ड एडमिनिस्ट्रेशन’ (National Staff College for Educational Planning and Adminis-tration)। सन् 1979 में भारत सरकार ने इस संस्थान को वर्तमान नाम ‘राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान’ (National Institute of Educational Planning and Adminis-tration-NIEPA) दिया। यह संस्थान नई दिल्ली में स्थित है।

इस संस्थान के कार्यों को व्यवस्थित करने के लिये अनेक विभाग बनाये गये हैं, जैसे-

1. शिक्षा नीति विभाग-यह विभाग शिक्षा सम्बन्धी विभिन्न नीतियों की योजना बनाता है।

2. शैक्षिक योजना विभाग-यह विभाग निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये कार्य- योजनाएँ बनाता है।

ये भी पढ़ें-  विद्यालय प्रबंधन का अर्थ एवं क्षेत्र / विद्यालय प्रबंधन की आवश्यकता,महत्व, उद्देश्य

3.शैक्षिक प्रशासन विभाग-शैक्षिक प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिये यह विभाग विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है,सर्वेक्षण करता है, अनुसन्धान करता है और योजनाओं का मूल्यांकन करता है।

4.विद्यालयी तथा अनौपचारिक शिक्षा विभाग-यह विभाग मुख्य रूप से पिछड़े वर्ग के बालकों की शिक्षा की योजना बनाता है और अनौपचारिक शिक्षा के उपायों पर विचार करता है। यह प्रधान रूप से प्रारम्भिक शिक्षा (कक्षा 1 से 8 तक के बालकों की शिक्षा) के प्रशासन पर अपना ध्यान केन्द्रित करता है।

5.शैक्षिक वित्त विभाग-यह विभाग विभिन्न राज्यों के शिक्षा विभागों, शिक्षा संस्थाओं,विश्वविद्यालयों आदि के उन अधिकारियों को प्रशिक्षण देता है जो वित्त का नियन्त्रण एवं प्रशासन करते हैं जिससे वे अपव्यय रोक सकें और वित्त पर प्रभावी नियन्त्रण कर सकें।

6. उच्चतर शिक्षा विभाग-यह विभाग महाविद्यालयी, विश्वविद्यालयी जैसी उच्चतर शिक्षा के नियोजन एवं प्रशासन से सम्बन्धित समस्याओं का अध्ययन करता है, अनुसन्धान करता है और सम्बन्धित अधिकारियों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है।

7. अन्तर-राष्ट्रीय विभाग-यह विभाग विश्व के विभिन्न भागों में चल रहे शैक्षिक प्रशासन सम्बन्धी कार्यों, अनुसन्धानों आदि की जाँच-पड़ताल करता है जिससे उनमें से अपने देश के लिये उपयोगी अनुभवों का लाभ उठाया जा सके।

NIEPA के क्या कार्य हैं / नीपा के कार्य

इस संस्थान के कार्य-क्षेत्र में शैक्षिक आयोजकों और प्रशासकों का प्रशिक्षण, अनुसन्धान, नवाचारों तथा परामर्शी सेवाओं का प्रसार आदि सम्मिलित हैं। इसके प्रमुख कार्यों का संक्षिप्त वर्णन निम्नलिखित है-

1. शिक्षा नियोजकों तथा प्रशासकों का प्रशिक्षण-यह संस्थान भारत के शैक्षिक कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करता है । यह शैक्षिक नीतियों पर विचार-विमर्श करने के लिये विभिन्न सेमीनारों तथा वर्कशॉपों का भी आयोजन करता है। इसने अब तक भारत के विभिन्न राज्यों तथा संघ प्रदेशों के हजारों अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है ।

ये भी पढ़ें-  हिंदी में संधि – परिभाषा,प्रकार,नियम,उदाहरण | sandhi in hindi

संस्थान जिला शिक्षा अधिकारियों के लिये डिप्लोमा कोर्स भी संचालित कर रहा है इनमें प्रमुखा ‘DEPA’ (Diploma in Educational Planning and Administration) हैं, जिसकी अवधि छ: माह की है । इस अवधि में तीन माह में पाठ्यक्रम कार्य कराया जाता है और शेष तीन माह में व्यवसाय से सम्बन्धित प्रोजेक्ट कार्य कराया जाता है। यह संस्थान विदेशी कर्मचारियों के लिये भी प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करता है। इस संस्थान द्वारा आयोजित सेमीनार तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम में अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश,चीन, इथोपिया, हंगरी, इण्डोनेशिया, कोरिया, मलेशिया, नेपाल, मॉरीशस, पाकिस्तान, फिलीपीन्स, श्रीलंका, थाईलैण्ड, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूगोस्लाविया आदि देशों ने भाग लिया।

2. अनुसन्धान-यह संस्थान अनुसन्धान के क्षेत्र में शैक्षिक योग्यता एवं प्रशासन के विभिन्न पक्षों में अनुसन्धान कार्य आरम्भ करता है, उन्हें सहायता प्रदान करता है, बढ़ावा देता तथा उन्हें समन्वित करता है। इसकी अनुसन्धानात्मक क्रियाएँ विभिन्न प्रकार की हैं, जिनमें सर्वेक्षण विश्लेषणात्मक अध्ययन तथा अनुसन्धान प्रायोजनाएँ प्रमुख हैं।

3. नवाचारों का प्रसार-यह संस्थान नवाचारों के प्रसार के लिये महत्त्वपूर्ण कार्य रहा है। इसके लिये सन् 1983 में इस संस्थान ने अन्तर्राज्यीय भ्रमणों का आयोजन किया। इसके साथ ही उसने विभिन्न राज्यों में प्रयुक्त नवाचारों को प्रसारित करने के लिये अन्य माध्यमों का प्रयोग किया।

4.परामर्शदात्री सेवा-यह संस्थान विभिन्न राज्यों तथा संघ शासित प्रदेशों के लिये परामर्शदात्री सेवाएं प्रदान करता है । इसने जम्मू एवं कश्मीर, सिक्किम,दादर एवं नगर हवेली,हरियाणा आदि में परामर्शदात्री सेवाएं प्रदान की हैं। संस्थान ने हरियाणा की प्रार्थना पर विद्यालयों की स्थापना तथा विद्यालयों को प्रोन्नत करने के मानकों का निर्माण किया। संस्थान ने जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम के आयोजन में भी सहायता की है। साथ ही यह केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (CABE) की विभिन्न समितियों को व्यावसायिक सहायता प्रदान करता है। संस्थान ने नौ सर्वाधिक जनसंख्या वाले प्रदेशों की सभी के लिये शिक्षा समिति के संगठन में शैक्षिक सहायता प्रदान की।

ये भी पढ़ें-  विद्यालयी अभिलेख के प्रकार / विद्यालय में कुल पंजिकाओं के प्रकार

5. प्रकाशन कार्यक्रम-संस्थान शैक्षिक नियोजन तथा प्रशासन से सम्बन्धित विभिन्न प्रकाशन सामग्रियों को प्रकाशित कर रहा है। इनमें प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं-पुस्तकें,पत्र-पत्रिकाएँ, प्रतिवेदन तथा सहयोग।

(1) पुस्तकें-(i) एजूकेशन एण्ड दी न्यू सोशल ऑर्डर (Education and the new social order)  (iii) रिवेटेलाइजिंग स्कूल कॉम्पलेक्सेज इन इण्डिया (Revitalising school complexes in India)  (2) पत्रिकाएँ-संस्थान में पत्रिका की शैक्षिक योजना और प्रकाशन प्रमुख हैं। यह हिन्दी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रकाशित होती हैं। (3) प्रतिवेदन-संस्थान ने विभिन्न प्रायोजनाओं के प्रतिवेदनों को भी प्रकाशित कराया है। (4) सहयोग-यह संस्थान विभिन्न राष्ट्रीय संगठनों विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद्, विज्ञान एवं औद्योगिकी अनुसन्धान परिषद्, योजना आयोग,इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसन्धान परिषद्, नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड मेनपॉवर रिसर्च, केन्द्रीय विद्यालय संगठन, प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय आदि से सहयोग एवं सम्बन्ध रखता है।

NIEPA का फुल फॉर्म – National Institute of Educational Planning and Administration

नीपा का फुल फॉर्म – राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान

आपके लिए महत्वपूर्ण लिंक

टेट / सुपरटेट सम्पूर्ण हिंदी कोर्स

टेट / सुपरटेट सम्पूर्ण बाल मनोविज्ञान कोर्स

50 मुख्य टॉपिक पर  निबंध पढ़िए

Final word

आपको यह टॉपिक कैसा लगा हमे कॉमेंट करके जरूर बताइए । और इस टॉपिक राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान के कार्य / NIEPA के कार्य / नीपा के कार्य को अपने मित्रों के साथ शेयर भी कीजिये ।

Tags – राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान,National Institute of Educational Planning and Administration,राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान के कार्य / NIEPA के कार्य / नीपा के कार्य

Leave a Comment