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रक्त/रुधिर क्या है | what is blood
रुधिर संयोजी ऊतक का रूपांतर है तथा द्रव्य की भांति प्रवाहित हो सकने के कारण तरल संयोजी ऊतक कहलाता है। यह वाहिनिओं द्वारा शरीर के प्रत्येक अंग में बहता रहता है तथा पदार्थों के परिवहन का कार्य करता है। अतः इसे परिसंचारी ऊतक (circulatory tissue) भी कहते हैं। रक्त का प्रमुख कार्य ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के सभी भागों में पहुंचाना तथा कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर के भागों से फेफड़े तक लाना है। इसके अतिरिक्त पोषण पदार्थ,वर्ज्य पदार्थ, हार्मोन आदि भी रुधिर द्वारा शरीर के भाग से दूसरे भाग में पहुंचाए जाते हैं। मानव शरीर में रक्त की मात्रा शरीर के भार की लगभग 7 से 8% होती है। इस प्रकार एक औसत भार लगभग 70 किलोग्राम वाले स्वस्थ मनुष्य के शरीर में लगभग 5 से 5.5 लीटर रुधिर होता है। स्त्रियों में पुरुषों की अपेक्षा रक्त की मात्रा कम होती है।

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रुधिर के भाग या घटक-
इसके दो प्रमुख घटक है-
(1) प्लाज्मा और (2) रुधिर कणिकाएं
(1) प्लाज्मा (plasma)-
यह हल्के पीले रंग का तरल होता है। रुधिर का 55 से 60% भाग होता है। इसमें 90 से 92 प्रतिशत जल होता है। तथा बाकी 8 से 10% में कई प्रकार के कार्बनिक व अकार्बनिक पदार्थ होते हैं।इसमें कार्बनिक पदार्थ में सोडियम क्लोराइड तथा सोडियम बाइकार्बोनेट मुख्य रूप से होते हैं।
इसके अतिरिक्त कैल्शियम मैग्नीशियम व पोटेशियम के फास्फेट व बाइकार्बोनेट की सूक्ष्म मात्रा पाई जाती है। इसी कारण रुधिर हल्का सा क्षारीय होता है। तथा कार्बनिक पदार्थों में अमीनो अम्ल, ग्लूकोज,वसीय अम्ल,ग्लिसरॉल,प्रोटीन, अमोनिया, यूरिया तथा यूरिक अम्ल, फास्फोलिपिड, कोलेस्टेरॉल तथा कुछ विटामिन होते हैं।
(2) रुधिर कणिकाएं (Blood Corpuscles)-
यह रुधिर का 40 से 45% भाग होती है। रुधिर कणिकाएं तीन प्रकार की होती हैं – (1) लाल रुधिर कणिकाएं (2) श्वेत रुधिर कणिकाएं (3) प्लेटलेट्स
लाल रुधिर कणिकाओं में लौहयुक्त प्रोटीन पाया जाता है जिसे हीमोग्लोबिन कहते हैं। जिसमें हीमो वर्णक होता है इसका रंग लाल होता है।इसी कारण रुधिर कणिकाएं लाल होती हैं और इसी कारण रुधिर का रंग लाल होता है।
रुधिर के कार्य / रक्त के कार्य
रुधिर (रक्त) शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करता है। इसके प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
1. परिवहन (Transport) कार्य
- ऑक्सीजन का परिवहन: फेफड़ों से शरीर की सभी कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुँचाना।
- कार्बन डाइऑक्साइड का निष्कासन: कोशिकाओं से कार्बन डाइऑक्साइड को फेफड़ों तक ले जाना।
- पोषक तत्वों का परिवहन: पाचन तंत्र से अवशोषित पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुँचाना।
- हार्मोन का परिवहन: अंतःस्रावी ग्रंथियों से स्रावित हार्मोनों को लक्ष्य कोशिकाओं तक पहुँचाना।
- अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन: कोशिकाओं में बनने वाले अपशिष्ट पदार्थों को गुर्दों (किडनी) और त्वचा तक पहुँचाना।
2. प्रतिरक्षा (Immunity) कार्य
- संक्रमण से बचाव: श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC) शरीर को बैक्टीरिया, वायरस और अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों से बचाती हैं।
- एंटीबॉडी उत्पादन: प्रतिरक्षा प्रणाली के तहत रक्त एंटीबॉडी बनाकर शरीर को रोगों से सुरक्षित रखता है।
3. थक्का बनाना (Blood Clotting)
- घाव भरने में सहायक: प्लेटलेट्स और फाइब्रिनोजन रक्तस्राव रोकने के लिए थक्का बनाते हैं।
4. तापमान नियंत्रण (Regulation of Body Temperature)
- रक्त शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में सहायता करता है, जिससे अधिक गर्मी को बाहर निकाला जाता है और ठंड के समय गर्मी बनाए रखी जाती है।
5. परासरण दाब (Osmotic Pressure) बनाए रखना
- रक्त में उपस्थित प्रोटीन और अन्य घुलित तत्व कोशिकाओं और ऊतकों में तरल संतुलन बनाए रखते हैं।
6. अम्ल-क्षार संतुलन (Acid-Base Balance)
- रक्त का pH (7.35 – 7.45) बनाए रखकर शरीर में अम्ल-क्षार संतुलन बनाए रखता है।
7. ऊर्जा वितरण (Energy Distribution)
- भोजन से प्राप्त ऊर्जा को शरीर के सभी भागों में वितरित करता है।
रुधिर के ये सभी कार्य शरीर के समुचित कार्य के लिए आवश्यक हैं और जीवन को बनाए रखते हैं।
लसीका क्या है | what is lymph
यह एक रंगहीन तरल पदार्थ है। जो उतकों एवं रुधिर वाहिनियों के बीच के रिक्त स्थान में पाया जाता है। लसीका सदैव एक दिशा में बहता है ऊतकों से हृदय की ओर। यह रुधिर प्लाज्मा का ही अंश है जो रक्त केशिकाओं (Blood capillaries) की पतली दीवारों से विसरण (diffusion) द्वारा बाहर निकलने से बनता है। इसके साथ श्वेत रक्त कणिकाएं (WBC) बाहर आ जाती है।परंतु इसमें लाल रक्त कणिकाएं (RBC) नहीं होती। परंतु इसमें रुधिर के समान ही सामान लसीका कणिकाएं (lymphocytes) तथा सूक्ष्म मात्रा में कैल्शियम ,फास्फोरस के आयन पाए जाते हैं। विभिन्न अंगों के ऊतकों के संपर्क में होने के कारण लसीका में ग्लूकोज, अमीनो अम्ल,वसीय अम्ल, विटामिन,लवण तथा उत्सर्जी पदार्थ (CO2 यूरिया) भी इसमें पहुंच जाते हैं।
लसीका का कार्य | work of lymph
(1) लसीका का प्रमुख कार्य यह है कि लसीका ऊतकीय द्रव एवं उन पदार्थों को रुधिर तंत्र में वापस लाती है जो धमनी केसिका से विसरित हो जाते हैं।
(2) लसीका केशिका के मध्य भोज्य पदार्थ, गैस, हार्मोन के प्रसारण के माध्यम का कार्य करती है।
(3) लसीका घाव भरने में सहायक होती है।
(4) लसीका तंत्र रुधिर परिसंचरण तंत्र का ही एक भाग है।
रुधिर और लसीका में अंतर (टेबल 1) / difference between blood and lymph in hindi
अंतर | रुधिर (रक्त) | लसीका |
---|---|---|
1. परिभाषा | रुधिर एक तरल संयोजी ऊतक है जो शरीर में ऑक्सीजन, पोषक तत्व, हार्मोन और अपशिष्ट पदार्थों का परिवहन करता है। | लसीका एक रंगहीन द्रव है जो ऊतकों से अतिरिक्त तरल को हटाकर रक्त प्रणाली में वापस लाता है। |
2. रंग | लाल (हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण) | हल्का पीला या रंगहीन |
3. कोशिकाएँ | RBC (लाल रक्त कोशिकाएँ), WBC (श्वेत रक्त कोशिकाएँ) और प्लेटलेट्स उपस्थित होते हैं। | मुख्य रूप से WBC (श्वेत रक्त कोशिकाएँ) पाई जाती हैं, RBC अनुपस्थित होते हैं। |
4. प्रवाह | हृदय की पंपिंग क्रिया से उच्च दबाव में प्रवाहित होता है। | मांसपेशियों की गति और लसीका वाहिकाओं की संकुचन क्रिया से धीरे प्रवाहित होता है। |
5. वाहिकाएँ | धमनियाँ, शिराएँ और केशिकाएँ रक्त को संचारित करती हैं। | लसीका वाहिकाएँ लसीका का प्रवाह नियंत्रित करती हैं। |
6. कार्य | ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का परिवहन, कार्बन डाइऑक्साइड और अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन। | ऊतकों से अतिरिक्त द्रव को निकालना और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना। |
7. पंपिंग अंग | हृदय रक्त को पंप करता है। | कोई विशेष पंपिंग अंग नहीं, यह शरीर की गति और संकुचन से प्रवाहित होता है। |
8. प्लाज्मा की संरचना | 90% पानी, प्रोटीन, लवण, हार्मोन और अपशिष्ट उत्पाद होते हैं। | यह रक्त प्लाज्मा के समान होता है, लेकिन इसमें प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व कम होते हैं। |
9. थक्का बनना | रक्त में थक्का बनाने की क्षमता होती है क्योंकि इसमें प्लेटलेट्स और फाइब्रिनोजन मौजूद होते हैं। | लसीका में थक्का बनाने की क्षमता बहुत कम होती है क्योंकि इसमें प्लेटलेट्स नहीं होते। |
10. संक्रमण से रक्षा | WBC संक्रमण से बचाव करते हैं, लेकिन रक्त का मुख्य कार्य पोषण पहुंचाना होता है। | लसीका प्रणाली शरीर की प्रतिरक्षा को मजबूत करने और संक्रमण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। |
रक्त/रुधिर और लसीका में अंतर (टेबल 2)
क्र० सं० | रुधिर | लसीका |
1 | रुधिर सामान्य तरल संयोजी ऊतक है। | लसीका छना हुआ रुधिर है। |
2 | यह गहरे लाल रंग का तरल ऊतक है। | यह रंगहीन तरल ऊतक है। |
3 | RBC उपस्थित होती है। | RBC अनुपस्थित होती है। |
4 | WBC उपस्थित होती है परंतु कम मात्रा में। | WBC अधिक मात्रा में पाई जाती है। |
5 | प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। | प्रोटीन कम मात्रा में पाई जाती है। |
6 | न्यूट्रोफिल की संख्या बहुत अधिक होती है। | लिम्फोसाइट्स की संख्या बहुत अधिक होती है। |
7 | रुधिर में ऑक्सिजन व अन्य पोषक पदार्थ अधिक होते हैं। | लसीका में ऑक्सीजन व अन्य पोषक पदार्थ कम मात्रा में पाए जाते हैं। |
8 | रुधिर में कार्बन डाइऑक्साइड तथा उत्सर्जी पदार्थों की मात्रा सामान्य होती है। | लसीका में कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जित पदार्थ अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। |
लसीका और खून में अंतर
- 1. परिभाषा: रुधिर शरीर में ऑक्सीजन, पोषक तत्वों और अपशिष्ट पदार्थों का परिवहन करता है, जबकि लसीका ऊतकों से अतिरिक्त द्रव निकालकर प्रतिरक्षा में सहायक होती है।
- 2. रंग: रुधिर लाल होता है (हीमोग्लोबिन के कारण), जबकि लसीका हल्का पीला या रंगहीन होता है।
- 3. कोशिकाएँ: रुधिर में RBC, WBC और प्लेटलेट्स होते हैं, जबकि लसीका में केवल WBC पाए जाते हैं।
- 4. प्रवाह: रुधिर हृदय द्वारा उच्च दबाव में प्रवाहित होता है, जबकि लसीका कम दबाव में मांसपेशियों की गति से प्रवाहित होती है।
- 5. वाहिकाएँ: रुधिर धमनियों, शिराओं और केशिकाओं में बहता है, जबकि लसीका लसीका वाहिकाओं में प्रवाहित होती है।
- 6. कार्य: रुधिर शरीर के सभी भागों में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुँचाता है, जबकि लसीका प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और संक्रमण से बचाने का कार्य करता है।
- 7. थक्का बनना: रुधिर में थक्का जमाने की क्षमता होती है (प्लेटलेट्स के कारण), जबकि लसीका में थक्का जमाने की क्षमता नहीं होती।
- 8. पंपिंग अंग: रुधिर को हृदय पंप करता है, जबकि लसीका का संचार मांसपेशियों की गति से होता है।
- 9. प्लाज्मा की संरचना: रुधिर प्लाज्मा में प्रोटीन और पोषक तत्व अधिक होते हैं, जबकि लसीका में यह तत्व कम होते हैं।
- 10. संक्रमण से रक्षा: रुधिर में WBC संक्रमण से बचाते हैं, लेकिन लसीका प्रतिरक्षा प्रणाली का मुख्य भाग होता है।
रुधिर और लसीका सेे संबंधित परीक्षा उपयोगी प्रश्न
प्रश्न – 1 – प्लाज्मा का रंग क्या होता है ?
उत्तर – पीला
प्रश्न – 2 – रुधिर का निर्माण किससे होता है ?
उत्तर – लाल रुधिर कणिकाएं, श्वेत रुधिर कणिकाएं, प्लाज्मा,प्लेटलेट्स
प्रश्न – 3 – रुधिर में कितने प्रतिशत रुधिर कणिकाएं होती है ?
उत्तर – 40 से 45%
प्रश्न – 4 – लाल रुधिर कणिकाओं में कौन सा प्रोटीन पाया जाता है ?
उत्तर – लौह प्रोटीन जिसे होमोग्लोबिन कहा जाता है।
प्रश्न – 5 – रुधिर का PH मान कितना होता है?
उत्तर – इसका का PH का मान 7.35 – 7.45 होता है।
प्रश्न – 6 – रुधिर की खोज किसने की?
उत्तर – इसकी की खोज कार्ल लैंडस्टीनर ने की।
प्रश्न – 7- रुधिर घटक या ब्लड ग्रुप की खोज किसने की?
उत्तर – ब्लड ग्रुप की खोज कार्ल लैंडस्टीनर ने की।
प्रश्न – 8- रुधिर परिसंचरण (blood circulatory system) की खोज किसने की?
उत्तर – इसकी खोज विलियम हार्वे ने की
प्रश्न – 9 – WBC का उत्पादन तथा RBC का विनाश कहा पर होता है ?
उत्तर – यह दोनों कार्य प्लीहा में होते है।
रुधिर (रक्त) और लसीका में अंतर से जुड़े 20 महत्वपूर्ण अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Questions) नीचे दिए गए हैं:
प्रश्नोत्तर:
- रुधिर किस प्रकार का ऊतक है?
→ संयोजी ऊतक - रुधिर का रंग लाल क्यों होता है?
→ हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण - लसीका का रंग कैसा होता है?
→ हल्का पीला या रंगहीन - रुधिर और लसीका में कौन अधिक गाढ़ा होता है?
→ रुधिर - रुधिर का संचार कौन नियंत्रित करता है?
→ हृदय - लसीका का संचार किसके द्वारा होता है?
→ लसीका वाहिकाओं और मांसपेशियों के संकुचन द्वारा - रुधिर में कौन-कौन सी कोशिकाएँ पाई जाती हैं?
→ लाल रक्त कोशिकाएँ (RBC), श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC), और प्लेटलेट्स - लसीका में कौन-कौन सी कोशिकाएँ पाई जाती हैं?
→ मुख्य रूप से श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC) - रुधिर का मुख्य कार्य क्या है?
→ ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का संचार - लसीका का मुख्य कार्य क्या है?
→ ऊतकों से अतिरिक्त द्रव हटाना और प्रतिरक्षा तंत्र को समर्थन देना - रुधिर किन वाहिकाओं में प्रवाहित होता है?
→ धमनियाँ, शिराएँ और केशिकाएँ - लसीका किन वाहिकाओं में प्रवाहित होती है?
→ लसीका वाहिकाएँ - रुधिर का प्रवाह किस दबाव में होता है?
→ उच्च दबाव में - लसीका का प्रवाह किस दबाव में होता है?
→ निम्न दबाव में - रुधिर में थक्का बनने की क्षमता किसके कारण होती है?
→ प्लेटलेट्स और फाइब्रिनोजन - क्या लसीका में थक्का बनने की क्षमता होती है?
→ नहीं, क्योंकि इसमें प्लेटलेट्स नहीं होते - रुधिर में ऑक्सीजन का परिवहन कौन करता है?
→ हीमोग्लोबिन - लसीका का संचार किस प्रणाली का हिस्सा है?
→ प्रतिरक्षा प्रणाली - रुधिर शरीर में कहाँ बनता है?
→ अस्थि मज्जा (Bone Marrow) - लसीका नलिकाएँ कहाँ समाप्त होती हैं?
→ शिराओं में
ये प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं, कक्षा पाठ्यक्रम और त्वरित पुनरावृत्ति के लिए उपयोगी हैं।
दोस्तों आपको यह आर्टिकल पढ़कर कैसा लगा हमें कमेंट में जरूर बताइए तथा यह भी बताइए आपको इस आर्टिकल के द्वारा दी गई समस्त जानकारी कैसी लगी तथा आप संतुष्ट हैं या नहीं।
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