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Contents
वाक्य की परिभाषा | वाक्य के प्रकार | vakya in hindi
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वाक्य की परिभाषा | वाक्य के प्रकार | vakya in hindi
इस टॉपिक में क्या क्या सम्मिलित किया गया है?
(1) वर्ण की परिभाषा
(2) शब्द की परिभाषा
(3) पद की परिभाषा
(4) वाक्य की परिभाषा
(5) वाक्य के प्रकार
(6) अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकार
(7) वाक्य का परिवर्तन
(8) अर्थ के आधार पर वाक्य परिवर्तन
(9) सरल वाक्य को संयुक्त वाक्य में बदलना
(10) सरल वाक्य को मिश्रित वाक्य में बदलना
(11) उपवाक्य क्या है तथा इनके प्रकार
(12) महत्वपूर्ण परीक्षा उपयोगी प्रश्न
हमने पिछले पोस्ट में शब्द एवं इसके प्रकार के बारे में पढ़ा लिया था। आज हम वाक्य और इसके प्रकार पाठ के बारे में विस्तार से पढ़ेगे।
वर्ण किसे कहते हैं
वर्ण भाषा की वह छोटी इकाई है, जिसके खंड नहीं किए जा सकते हैं। वर्ण को अक्षर भी कहा जाता है। और अक्षर का अर्थ होता है – अनाशवान । अतः वर्ण को खंड खंड नहीं किया जा सकता है।वर्ण के तीन प्रकार होते हैं। (1) स्वर (2) व्यंजन (3) अयोगवाह ।
शब्द किसे कहते हैं || शब्द की परिभाषा
वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं।
वर्णों का मेल अर्थवान होने पर ही वह शब्द बनता है।
जैसे तीन वर्ण हैं-स, म, र, इनके मेल से शब्द बना समर, जिसका अर्थ होता है युद्ध। यदि इन वर्णों का मेल मरस, सरम, रमस हो तो ये मेल शब्द नहीं होंगे क्योंकि इनका कोई अर्थ नहीं है।
पद किसे कहते है
शब्द जब वाक्य में प्रयुक्त होता है तब उसे पद कहा जाता है।
कुछ शब्द हैं-बच्चा, मिठाई, खाना। यहाँ ये स्वतंत्र हैं, इनका परस्पर कोई संबंध नहीं है। अब इन्हीं तीनों शब्दों के प्रयोग से जब हम वाक्य बनाते हैं –बच्चे ने मिठाई खाई।
तो ये तीनो शब्द को शब्द न कहकर पद कहते हैं। किंतु वाक्य के बाहर यह शब्द कहलाते हैं।
वाक्य किसे कहते हैं || वाक्य की परिभाषा | hindi me vakya
नीचे दिए गए शब्द समूहों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
1. नदी में आ गई बाढ़।
2. पवित्र पुस्तक हिंदुओं की गीता है।
3. रेलवे स्टेशन पर वह पहुँचा।
4. नाश्ता आप क्या करेंगे?
उपर्युक्त शब्द समूहों से कोई स्पष्ट अर्थ प्रकट नहीं हो रहा है, आओ इन्हें पुन: लिखें-
1. नदी में बाढ़ आ गई।
2. गीता हिंदुओं की पवित्र पुस्तक है।
3. वह रेलवे स्टेशन पर पहुँचा।
4. क्या आप नाश्ता करेंगे?
उपर्युक्त शब्द समूहों का एक सार्थक अर्थ है और इनके द्वारा वक्ता का स्पष्ट भाव प्रकट हो रहा है, इन शब्द समूहों को वाक्य कहते हैं।
भावों और विकारों को पूर्णतः व्यक्त करने वाले सार्थक शब्द समूहों को वाक्य कहते हैं।
अथवा
शब्दों का व्यवस्थित और सार्थक मेल वाक्य कहलाता है।
अथवा
सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे अपेक्षित अर्थ प्रकट हो उसे वाक्य कहते हैं।
वाक्य निर्माण में सबसे अधिक महत्व क्रिया और कर्ता का होता है।
वाक्य के तत्व
इसके 6 तत्व हैं।
(1) सार्थकता
(2) योग्यता
(3) आकांक्षा
(4) निकटता
(5) पदक्रम
(6) अन्वय
वाक्य के गुण || वाक्य की विशेषतायें
(1) वाक्य शब्द से मिलकर बनते हैं।
(2) वाक्यों का एक सार्थक अर्थ होता है।
(3) वाक्यों में शब्दों का एक निश्चित क्रम होता है।
(4) वाक्यों में सार्थकता एवं योग्यता का गुण पाया जाता है।
(5) वाक्य में व्याकरण के सभी नियम विद्यमान होते हैं।
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वाक्य के अंग
वाक्य के दो अंग होते हैं :–
(1) उद्देश्य
वाक्य में जिसके बारे में कुछ बताया या विधान किया जाता है,वह उद्देश्य कहलाता है। उद्देश्य में कर्ता तथा उसका विस्तार(विशेषण) होता है।
(2) विधेय
उद्देश्य के विषय में जो कुछ भी बताया जाता है, वह विधेय होता है। इसमें क्रिया कर्म तथा उनका विस्तार होता है।
उदाहरण – मेरा मित्र शशिकांत कविताएं लिखता है।
इस वाक्य में मेरा मित्र शशिकांत – उद्देश्य है, क्योंकि उसके विषय में कुछ कहा जा रहा है। कविताएँ लिखता है – विधेय है, क्योंकि इसमें वे बातें हैं, जो शशिकांत के विषय में कही गई हैं।
कर्ता का विस्तार :–
उद्देश्य में कर्ता होता है। और शेष शब्द उस कर्ता की विशेषता बताने वाले हैं,इन शब्दों को कर्ता का विस्तार कहा जाता है।
क्रिया का विस्तार :–
विधेय में क्रिया शब्दों के अतिरिक्त कर्म या क्रिया-विशेषण शब्द भी हैं,इन्हें क्रिया का विस्तार कहा जाता है।
उद्देश्य और विधेय के उदाहरण | उद्देश्य और विधेय पहचानना
(क) झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों को देश से निकालने की ठान ली।
(i) उद्देश्य – झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने
कर्ता – लक्ष्मीबाई ने
कर्ता का विस्तार – झाँसी की रानी
(ii) विधेय – अंग्रेजों को देश से निकालने की ठान ली।
क्रिया – ठान ली
क्रिया का विस्तार – ×
कर्म – अंग्रेजों को
कर्म का विस्तार – ×
क्रिया का पूरक – देश से निकालने की
(ख) शरारत करने वाले छात्रों ने अध्यापक जी से क्षमा माँगी।
(i) उद्देश्य – शरारत करने वाले छात्रों ने
कर्ता – छात्रों ने
कर्ता का विस्तार – शरारत करने वाले
(ii) विधेय – अध्यापक जी से क्षमा माँगी।
क्रिया – ×
क्रिया का विस्तार – ×
कर्म – क्षमा
कर्म का विस्तार – ×
क्रिया का पूरक – अध्यापक जी से
(ग) प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चे यहाँ आकर बैठ जाएँ।
(i) उद्देश्य – प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चे
कर्ता – बच्चे
कर्ता का विस्तार – प्रतियोगिता में भाग लेने वाले
(ii) विधेय – यहाँ आकर बैठ जाएँ।
क्रिया – आकर बैठ जाएँ
क्रिया का विस्तार – यहाँ
कर्म – ×
कर्म का विस्तार – ×
क्रिया का पूरक – ×
वाक्य के प्रकार || वाक्यों का वर्गीकरण
दोस्तों वाक्यों का वर्गीकरण, वाक्य के प्रकार अलग अलग प्रकार के आधार पर विभाजित किये गए है। वाक्यों के विभाजन,वाक्यों के वर्गीकरण के कुल 2 आधार हैं,जो निम्नलिखित हैं।
हम सबसे पहले वाक्य के प्रकार एकसाथ जान लेते हैं। उसके बाद हम उनका अलग अलग वर्णन करके पढ़ेगे।
(1) रचना के आधार पर वाक्यों के प्रकार
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्रित वाक्य
(2) अर्थ के आधार पर वाक्यों के प्रकार
(i) विधान वाचक वाक्य
(ii) निषेध वाचक वाक्य
(iii) आज्ञा वाचक वाक्य
(iv) प्रश्न वाचक वाक्य
(v) इच्छा वाचक वाक्य
(vi) संदेह वाचक वाक्य
(vii) विस्मय वाचक वाक्य
(viii) संकेत वाचक वाक्य
वाक्य कितने प्रकार के होते हैं || वाक्यों के प्रकार का वर्णन
(1) अर्थ के आधार पर वाक्यों के प्रकार
(1) विधानवाचक वाक्य
वे वाक्य जिनमें क्रिया के होने या करने का सामान्य कथन हो, उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते हैं।
विधानवाचक वाक्य के उदाहरण :–
(क) दूध वाला दूध दे गया।
(ख) वंदना ने राखी बाँधी।
(ग) सूर्य पूरब से निकलता है।
(घ) हम प्रतिदिन विद्यालय जाते हैं।
(2) निषेधवाचक वाक्य
वे वाक्य जिनमें क्रिया के न होने या न करने का बोध हो, उसे निषेधवाचक वाक्य या नकारात्मक वाक्य कहते हैं।
निषेेेधवाचक वाक्य के उदाहरण :–
(क) कक्षा में शोर मत मचाओ।
(ख) नीना स्कूल नहीं जाती है।
(ग) यहाँ पर किसी को मत बुलाओ।
(घ) आज भी स्कूल बस समय पर नहीं आईं।
(3) प्रश्नवाचक वाक्य
जिन वाक्यों में प्रश्न किया जाता है,उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।
प्रश्नवाचक वाक्य के उदाहरण :–
(क) संज्ञा के कितने भेद होते हैं?
(ख) तुम क्या खा रहे हो?
(ग) क्या वह दिल्ली जा रहा है?
(घ) नौकर कब आया?
(4) संकेतवाचक वाक्य
जिन वाक्यों में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर होता है या किसी शर्त की पूर्ति का विधान किया जाता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं।
संकेतवाचक वाक्य के उदाहरण :–
(क) यदि उसने सच बोला होता तो उसकी नौकरी न जाती।
(ख) वर्षा रुक जाती तो बाज़ार जाते।
(ग) पुस्तकें मिल जातीं तो विद्यार्थी पढ़ लेते।
(घ) यदि व्यायाम करोगे तो स्वस्थ रहोगे।
(5) संदेहवाचक वाक्य
जिन वाक्यों में संदेह या संभावना पाई जाए,उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।
संदेहवाचक वाक्य के उदाहरण :–
(क) शायद अमन ध्यान से पढ़ने लगे।
(ख) अब तक चाचा जी दिल्ली पहुँच चुके होंगे।
(ग) संभवत: रोगी इस दवा से ठीक हो जाए।
(घ) शायद आज वो घर आये।
(6) इच्छावाचक वाक्य
जिन वाक्यों में वक्ता की इच्छा, कामना, शुभकामना, आशा, आशीर्वाद आदि के भाव प्रकट हों, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।
इच्छावाचक वाक्य के उदाहरण :–
(क) ईश्वर करे, आप खूब उन्नति करें।
(ख) आपकी यात्रा मंगलमय हो।
(ग) नववर्ष कल्याणकारी हो।
(घ) ईश्वर आपकी मनोकामना पूरी करे।
(7) आज्ञावाचक वाक्य
जिन वाक्यों से आज्ञा, अनुरोध, आदेश, प्रार्थना आदि के भाव प्रकट हों, उन्हें आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं।
आज्ञावाचक वाक्य के उदाहरण :–
(क) एक गिलास पानी लाओ।
(ख) आप यहाँ बैठिए।
(ग) बच्चे यहाँ खेल सकते हैं।
(घ) कृपया आप यहाँ हस्ताक्षर कर दे।
(৪) विस्मयादिवाचक वाक्य
जिन वाक्यों में विस्मय, हर्ष, शोक, घृणा, क्रोध आदि मनोभावों का प्रकट होना पाया जाए, उन्हें विस्मयादिवाचक वाक्य कहते हैं।
विस्मयादिवाचक वाक्य के उदाहरण :–
(क) वाह! कितनी सुंदर फुलवारी है।
(ख) छि:-छिः! ऐसी गंदी बात मत बोला करो।
(ग) हाय! बेचारा ठंड से मर गया।
(घ) अरे! तुम कब आये।
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(2) रचना के आधार पर वाक्यों के प्रकार
(1) सरल वाक्य
जिन वाक्यों में केवल एक ही उद्देश्य तथा एक ही विधेय हो, उन्हें सरल वाक्य कहते हैं।
जैसे-
(क) राम विद्यालय जाता है।
(ख) सूर्य पूरब से निकलता है।
(ग) वर्षा हो रही है।
(घ) गाय घास चर रही है।
उपर्युक्त वाक्यों में एक ही करता तथा एक ही क्रिया है। अतः ये सरल वाक्य है।
अब इस वाक्य को देखिये
अमन खाना खाकर सो गया।
इस वाक्य में दो क्रियाएं हैं किंतु एक पूर्वकालिक क्रिया है। अतः यह सरल वाक्य है।
इस प्रकार सरल वाक्य के लिए एक ही कर्ता और एक मुख्य क्रिया होनी चाहिए ।
सरल वाक्य के उदाहरण :–
(1) एक क्रिया वाले सरल वाक्य
वह साधु है।
वह फुटबाल खेलता है।
(2) दो क्रिया वाले सरल वाक्य
लोग इस बात पर हँसते होंगे ।
तुम रोते हो।
(3) तीन क्रिया वाले सरल वाक्य
वह खाता जाता है।
मोहन जा रहा होगा ।
(4) चार क्रिया वाले सरल वाक्य
डाकू दौड़ता जा रहा होगा।
वह भागता जा रहा था।
(5) पांच क्रिया वाले सरल वाक्य
मोहन भोजन करता चला जा रहा था।
वह डाँटता चला जा रहा होगा।
(2) संयुक्त वाक्य
जिन वाक्यों में दो या दो से अधिक उपवाक्य और, किंतु, परंतु, तथा,अन्यथा या आदि समुच्चयबोधक अव्ययों से जुड़े हों, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं।
जैसे-
(क) घड़ी में अलार्म भर दो ताकि सवेरे उठ सको।
(ख) अंकुर मेरा छोटा भाई है परंतु मुझसे लड़ता रहता है।
(ग) दीपिका विद्यालय जाती है और मन लगाकर पढ़ती है।
(घ) दिनेश ने गेंद ली और गेंदबाजी करने लगा।
(ङ) माता जी दुखी ही नहीं बल्कि नाराज भी हैं।
उपर्युक्त वाक्य ताकि, परंतु,और, बल्कि आदि समुच्चयबोधक अवयय शब्दो से जुड़े हैं। अतः ये सभी वाक्य संयुक्त वाक्य हैं।
संयुक्त वाक्य के उदाहरण :–
(1) और, तथा, एवं से जुड़े संयुक्त वाक्य
(क) रात हुई और तारे निकले।
(ख) बरसात हुई और हम भागने लगे ।
(ग) मैं उत्तेजित हुआ और उसे पीटने लगा।
(2) इसलिए,अतः से जुड़े संयुक्त वाक्य
(क) वह सोया रहा, इसलिए गाड़ी न पकड़ सका।
(ख) मुझे गाड़ी पकड़नी थी, इसलिए सुबह उठना पड़ा।
(ग) मोहन बीमार है, इसलिए आ नहीं सका ।
(3) परंतु,किंतु से जुड़े संयुक्त वाक्य
(क) उसने तेज दौड़ लगाई किंतु गाड़ी न मिल सकी ।
(ख) सोमेश आया था किंतु बिना बोले चला गया।
(ग) आज मैच जीतने के आसार थे किंतु बारिश हो गई ।
(घ) उसने समझाया था पर्तु मैं न समझ सका।
(4) या से जुड़े संयुक्त वाक्य
(क) मैं स्कूल जाऊँगा या शादी पर जाऊँगा।
(ख) तू पढ़ ले या टी.वी. देख ले।
(ग) आप दूध पी लीजिए या खीर खा लीजिए।
(घ) वे सात सितंबर को आएँगे या नौ नवंबर को।
(5) नहीं तो अन्यथा या वरना वाले संयुक्त वाक्य
(क) बरसात आ गई वरना मैं जीत जाता।
(ख) हवा चल पड़ी बरना जीना कठिन हो जाता।
(ग) तुम मान जाओ अन्यथा पिटोगे ।
(3) मिश्रित वाक्य
जो वाक्य दो या अधिक उपवाक्यों से बना हो तथा जिसमें एक उपवाक्य प्रधान तथा दूसरा उस पर आश्रित हो, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।
मिश्र वाक्य की पहचान है कि दो उपवाक्यों में से एक उपवाक्य अवश्य ही अपूर्ण होता है। दोनों उपवाक्य मिलकर ही पूर्ण अर्थ प्रकट करते हैं।
जैसे–
जितना परिश्रम करोगे, उतनी ही सफलता प्राप्त करोगे।
उपर्युक्त वाक्य में प्रधान बात या वाक्य है-‘सफलता प्राप्त करोगे’ और यह सफलता आश्रित है-परिश्रम के परिमाण पर।
प्रधान उपवाक्य – उतनी ही सफलता प्राप्त करोगे।
आश्रित उपवाक्य – जितना परिश्रम करोगे
मिश्रित वाक्य की पहचान
प्रायः मिश्र वाक्य में कि,जो-वह,जिसे-उसे,ऐसा-जो,वही-जिसे,यदि-तो जैसे व्यधिरकण योजक होते हैं।
प्रधान और आश्रित उपवाक्यों की पहचान
1. प्रधान वाक्य में वह बात कही जाती है, जो बोलने या लिखनेवाला बताना चाहता है। आश्रित में प्राय: वह कारण, दशा, अवस्था या बात होती है।
2. मिश्र वाक्य में जो उपवाक्य जब, जो, जैसे, जितना, जिसका से प्रारंभ हों या ‘कि’ योजक के बाद हों, वे आश्रित उपवाक्य होते हैं।
3. जो उपवाक्य तब, वह, वे, वैसा, उतना से प्रारंभ हों या ‘कि’ योजक से पहले हों, वे प्रधान उपवाक्य होते हैं।
तो आइये समझते है – प्रधान उपवाक्य और आश्रित उपवाक्य की पहचान कैसे करे।
कुछ अन्य उदाहरणों की सहायता से मिश्र वाक्य को समझते हैं | उपवाक्य पहचानना
(क) जिन बच्चों ने काम नहीं किया, उन्हें दंड भोगना पड़ा।
प्रधान उपवाक्य – उन्हें दंड भोगना पड़ा।
आश्रित उपवाक्य – जिन बच्चों ने काम नहीं किया।
(ख) जैसे ही गाड़ी आई, धक्का-मुक्की होने लगी।
प्रधान उपवाक्य –धक्का-मुक्की होने लगी।
आश्रित उपवाक्य – जैसे ही गाड़ी आई।
(ग) जो हमें सही मार्ग दिखाते हैं, वे ही हमारे गुरु हैं।
प्रधान उपवाक्य – वे ही हमारे गुरु हैं।
आश्रित उपवाक्य – जो हमें सही मार्ग दिखाते हैं।
(घ) पिता जी ने कहा था कि जल्दी घर आ जाना।
प्रधान उपवाक्य – पिता जी ने कहा था।
आश्रित उपवाक्य – जल्दी घर आ जाना।
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प्रश्न-1- अर्थ के आधार पर वाक्य कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर- 8
प्रश्न-2- रचना के आधार पर वाक्य कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर- 3
प्रश्न-3- वाक्य के कितने भाग होते हैं?
उत्तर- 2 – उद्देश्य और विधेय
प्रश्न-4- वाक्यों में प्रयुक्त शब्द क्या कहलाते हैं?
उत्तर- पद
प्रश्न-5- वाक्य के कितने तत्व होते हैं?
उत्तर- 6
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