बीटीसी एवं सुपरटेट की परीक्षा में शामिल शिक्षण कौशल के विषय शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशासन में सम्मिलित चैप्टर विद्यालय में शिक्षण अधिगम सामग्री का प्रबंधन / TLM (टीएलएम) का प्रबंधन आज हमारी वेबसाइट hindiamrit.com का टॉपिक हैं।
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विद्यालय में शिक्षण अधिगम सामग्री का प्रबंधन / TLM (टीएलएम) का प्रबंधन
TLM (टीएलएम) का प्रबंधन / विद्यालय में शिक्षण अधिगम सामग्री का प्रबंधन
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शिक्षण अधिगम सामग्री प्रबन्धन
Teaching Learning Material Management
प्राचीन काल में शिक्षक द्वारा अपने छात्रों को मौखिक एवं लिखित रूप से शिक्षण प्रदान किया जाता था। व्याख्यान विधि के माध्यम से छात्र शिक्षा प्राप्त करते थे। उस समय शिक्षण अधिगम सामग्री के रूप में किसी विशेष सामग्री का उपयोग नहीं किया जाता था। धीरे-धीरे शिक्षण व्यवस्था में परिवर्तन हुआ तथा शिक्षक एवं शिक्षार्थी को समान महत्त्व दिया जाने लगा। छात्रों की रुचि पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा। इसके लिये शिक्षण अधिगम का प्रयोग करके शिक्षण अभियय प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाया जाने लगा। इसके उपरान्त शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रबन्धन को अवधारणा का उदय हुआ। शिक्षण अभिगय सामग्री के लिये प्राप्त धन के सदुपयोग की चर्चा होने लगी। अब शिक्षण अधिगम शाम के सर्वोत्तम प्रयोग के लिये इसके प्रवक्षन पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा है।
शिक्षण अधिगम सामग्री प्रबन्धन का अर्थ / Meaning of Teaching Learning Material Managament
शिक्षण अधिगम साधनों के प्रबन्धन में उन सभी तथ्यों को सम्मिलित किया जाता है जो इसके निर्माण, रख-रखाव एवं प्रयोग से सम्बन्धित होते हा शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रबंधन को विद्वानों निम्नलिखित रूप में परिभाषित किया है-
1. एस. के. दुबे के शब्दों में, “शिक्षण अधिगम सामग्री प्रबन्धन के अन्तर्गत इसके निर्माण, उपयोग एवं रख-रखाव के साधनों पर विचार किया जाता है तथा इसके लिये प्राप्त धन सदुपयोग पर प्रकाश डाला जाता है।”
2. श्रीमती आर. के. शर्मा के अनुसार, “शिक्षण अधिगम सामाग्री प्रबन्धन का आशय शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में प्रयोग की जाने वाली सामग्री के सर्वोत्तम प्रयोग से है।”
उपरोक्त परिभाषाएँ इस तथ्य को स्पष्ट करती हैं शिक्षण अधिगम सामाग्री के प्रबन्धन में इसके निर्माण, इसके लिये प्राप्त धन का सदुपयोग एवं विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों का शिक्षण अधिगम सामग्री के रूप में प्रयोग आदि पर विचार किया जाता है।
शिक्षणअधिगम सामग्री प्रबन्धन के उद्देश्य Aims of Teaching Learning Material Management
शिक्षण अधिगम सामग्री का वर्तमान समय में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण स्थान है। इसके प्रयोग के अभाव में यह प्रक्रिया प्रभावपूर्ण ढंग से सम्पन्न नहीं हो सकती। इसलिये शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रबन्धन के तथ्य को स्वीकार किया गया है। शिक्षण अधिगम सामाग्री प्रबन्धन के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
(1) शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रबन्धन द्वारा इसकी गुणवत्ता में द्धि की जाती है जिससे कि इसका प्रयोग सफलतापूर्वक किया जा सके। (2) शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रबन्धन द्वारा प्राप्त अनुदान राशि के सदुपयोग पर विचार किया जाता है कि कम धन में अधिक से अधिक प्रभावपूर्ण सामग्री निर्मित की जा सके। (3) शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रबन्धन का प्रमुख उद्देश्य रुचिपूर्ण शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का विकास करना है जिससे छात्र इस सामग्री के प्रयोग से अध्यापन में रुचि ले सकें। (4) शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रबन्धन से इस सामग्री के सर्वोत्तम प्रयोग की विधियों को विकसित किया जा सकता है जिससे इनके प्रयोग में कोई दोष न रहे।
(5) शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रबन्धन का प्रमुख उद्देश्य अधिगम को स्थायित्व प्रदान करना है। क्योंकि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रयोग से छात्रों को अधिगम प्रक्रिया में रुचि उत्पन्न होगी तथा प्राप्त ज्ञान स्थायी होगा। (6) शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रबन्धन द्वारा ऐसी शिक्षण सामग्रियों को अधिक प्रयोग में लाया जायेगा जो कि कम लागत पर निर्मित की जा सकें। (7) शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रबन्धन द्वारा यह निश्चित किया जाता है कि विद्यालय में उपलब्ध संसाधनॊ तथा प्राकृतिक वस्तुओं को शिक्षण अधिगम सामग्री के रूप में प्रयोग किया जा सके ।
अपरोक्त विवेचन से पता है कि शिक्षण अधिगम साधती का प्रवचन शिक्षण अधिगम सामग्री को प्रभावी बनाने की कड़ी है जिससे विद्यालय की छवि में सुधार होता है तथा इससे शिक्षक एवं शिक्षाची दोनों ही पा लाभान्वित होते हैं।
शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रबन्धन की प्रक्रिया
शिक्षण अधिगम सामग्री के प्राथन के लिये सर्वप्रथम उसको प्रबन्धन सम्बन्धी तथ्यों पर विचार किया जाता है जिनका प्रमधन की प्रक्रिया में सीधा योगदान होता है। अतः इन तथ्यों के आधार पर प्रमभन की प्रक्रिया को निम्नलिखित रूप में देखा जा सकता है-
1. क्रय की गयी शिक्षण अधिगम सामग्री का प्रबन्धन (Management of Purchaseed Thushing teaming Material)-क्रय की गयी शिक्षण अधिगम सामग्री को प्रबन्धन के लिये अपलिखित उपाय किये जाते हैं-
(1) इस प्रकार की शिक्षण अधिगम सामग्री के लिये नियमित रूप से उनकी सफाई का प्रबन्ध होना चाहिये जिससे समय पर उनका उपयोग किया जा सके। (2) क्रय की जाने वाली सामग्री के लिये एक रजिस्टर होना चाहिये जिसमें प्राप्त होने वाली धनराशि तथा क्रय की गयी वस्तुओं के लिये खर्च की गयी धनराशि का विवरण हो। (3) क्रय की जाने वाली शिक्षण अधिगम सामग्री के बारे में शिक्षक को सामान्य जानकारी अवश्य होनी चाहिये जिससे वह उसको खराब होने पर ठीक कर सके। (4) शिक्षण अधिगम सामग्री के रखने के लिये भण्डार कक्ष की व्यवस्था होनी चाहिये जिससे उसको प्रयोग के बाद उस स्थान पर रखा जा सके। (5) शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रयोग हेतु प्रत्येक कक्षा में इस प्रकार का प्रबन्धन होना चाहिये जिससे उसका प्रदर्शन करने में असुविधा न हो।
2. स्वनिर्मित शिक्षण अधिगम सामग्री का प्रबन्धन (Management of Selfcon:structed Teaching Learning Material)-स्वनिर्मित अधिगम सामयी शिक्षक द्वारा स्वयं तैयार की जाती है। जैसे-चार्य, मॉडल एवं फ्लैशकार्ड आदि । इस सामग्री के प्रबन्धन के लिये निम्नलिखित प्रयास करने चाहिये-
(1) शिक्षक को इस सामग्री में उन सभी वस्तुओं के प्रयोग पर विशेष ध्यान देना चाहिये जो कम लागत की हैं तथा उनका कोई प्रयोग नहीं हो रहा है। (2) इस प्रकार की शिक्षण अधिगम सामग्री के लिये शिक्षकों को धनराशि की ओर भी ध्यान देना चाहिये कि कम धनराशि में अधिक से अधिक सामग्री का निर्माण किया जा सके। (3) स्वनिर्मित शिक्षण अधिगम सामग्री में छात्रों की सहायता लेनी चाहिये जिससे कि उनमें भी इस कला का विकास हो सके। (4) शिक्षण अधिगम सामग्री के निर्माण से पूर्व यह विचार कर लेना चाहिये कि उनका प्रयोग किस स्तर के छात्रों के लिये हो रहा है ? (5) इस प्रकार की शिक्षण सामग्री को सुरक्षित बॉक्स में रखना चाहिये तथा कीटनाशक गोली भी उस बॉक्स में रखनी चाहिये जिससे कि वह दीमक एवं अन्य कीटों से सुरक्षित रहें।
3.पर्यावरणीय शिक्षण अधिगम सामग्री का प्रबन्धन (Management of Environmental Teaching Learning Material) शिक्षण अधिगम सामग्री के अन्तर्गत पत्ती, फल, फूल एवं पौधे आते हैं। इस प्रकार की सामग्री के प्रबन्धन के लिये निम्नलिखित उपाय किये जाने चाहिये-
(1) इस प्रकार की सामग्री के लिये विद्यालय प्रांगण का आकार बड़ा होना चाहिये जिससे कि उसमें वृक्षों एवं पौधों की संख्या अधिक हो। (2) विद्यालय में छात्रों को पर्यावरणीय सन्तुलन के बारे में बताया जाय जिससे छात्र अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाकर शिक्षण अधिगम सामग्री के संरक्षण में सहयोग दें। (3) इस प्रकार की शिक्षण अधिगम सामग्री को अधिक से अधिक समय तक चलाने के लिये फ्रिज आदि की व्यवस्था होनी चाहिये जिससे फूल-पत्ती सुरक्षित रहें। (4) इस प्रकार की शिक्षण सामग्री के लिये विद्यालय परिसर में विभिन्न प्रकार के फलदार पेड़-पौधे लगाने चाहिये जिससे शिक्षकों को अन्यत्र स्थान पर इन्हें खरीदने के लिये न जाना पड़े। (5) इन शिक्षण सामग्रियों का प्रयोग अधिक समय तक नहीं करना चाहिये क्योंकि इनकी गुणवत्ता धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है।
उपरोक्त विवेचन से यह स्पष्ट होता है कि शिक्षण अधिगम सामग्री का प्रबन्धन उसकी प्रकृति के आधार पर होता है। प्रत्येक सामग्री का प्रबन्धन एक समान नहीं होता। शिक्षण अधिगम सामग्री वर्तमान शिक्षण अधिगम प्रक्रिया की महत्त्वपूर्ण माँग है। इसलिये इसके प्रबन्धन की प्रक्रिया का ज्ञान प्रत्येक शिक्षक को होना चाहिये।
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