अधिगम के नियम:थार्नडाइक के नियम

थार्नडाइक के नियम,थार्नडाइक के अधिगम के नियम,अधिगम के नियम-आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे अधिगम से संबंधित थार्नडाइक द्वारा दिए गए नियम जिसमे मुख्य एवं गौण नियम शामिल हैं। चलिए हम लोग इसको विस्तार से पढ़ते हैं।

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थार्नडाइक ने अपने सिद्धांत के अनुसार सीखने के कुछ नियम भी प्रतिपादित किए जिन्हें दो भागों में विभाजित किया जाता है-
(1) मुख्य नियम
(2) गौण नियम

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Contents

(1) अधिगम के मुख्य नियम-

इन नियमों को तीन भागों में बांटा है
(1) तत्परता का नियम ( tatparta ka niyam)
(2) अभ्यास का नियम ( abhyas ka niyam)
(3) प्रभाव का नियम (prabhav ka niyam)

(a) तत्परता का नियम- (law of readiness)

इस नियम के अनुसार थार्नडाइक ने बताया कि तत्परता के माध्यम से कार्य करने की इच्छा जागृत होती है और इच्छा से ध्यान केंद्रित होता है।

(b) अभ्यास का नियम-(law of exercise)

अभ्यास के नियम को थार्नडाइक ने दो भागों में बांटा है
(i)उपयोग का नियम-(law of use)
यह नियम पुनरावृत्ति पर आधारित होता है।

(ii)अनुप्रयोग का नियम-(law of exercise)
यह नियम विस्मृति पर आधारित होता है।

(c) परिणाम या प्रभाव का नियम-(law of effect)

इसे संतोष या संतोष का नियम भी कहते हैं।

थार्नडाइक का सिद्धांत एवं प्रयोग एवं सिद्धान्त का मूल्यांकन एवं आलोचना विस्तार से पढ़िए

(2) अधिगम के गौण नियम-

थार्नडाइक ने गौण नियमों को पांच भागों में बांटा है।

(a) बहुप्रतिक्रिया का नियम (Law of multiple response)

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(b) मनोवृत्ति का नियम या मानसिक विन्यास का नियम (law of disposition)

(c) आंशिक क्रिया का नियम (law of partial activity)

(d) साहचर्य परिवर्तन का नियम ( law of associative shifting)

(e) आत्मीकरण का नियम या सादृश्यता का नियम या समानता का नियम( law of assimilation)

(a) बहुप्रतिक्रिया का नियम

इस नियम के अनुसार जब प्राणी के सामने कोई परिस्थिति या समस्या उत्पन्न हो जाती है तो उसके समाधान के लिए वह अनेक प्रकार की प्रतिक्रियाएं करता है एवं तब तक करता है जब तक सही प्रतिक्रिया का समाधान या हल नहीं प्राप्त हो जाता।
थार्नडाइक का प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत इसी नियम पर आधारित है।

(b) मनोवृति का नियम-

इस नियम को मानसिक विन्यास का नियम भी कहते हैं । इस नियम के अनुसार जिस कार्य को करने के प्रति जैसी अभिवृत्ति या मनोवृत्ति होती है उसी अनुपात में हम उसे सीखते हैं। यदि हम मानसिक रूप से किसी कार्य को करने के लिए तैयार नहीं है तो हम उस कार्य को करने में असफल होते हैं या हमसे त्रुटियां हो जाती हैं या समस्या हल करने में अधिक समय लगता है।

(c) आंशिक क्रिया का नियम-

इस नियम के अनुसार किसी कार्य को छोटे-छोटे भागों में विभाजित करने से कार्य सफल एवं सुविधाजनक बन जाता है इन भागों को शीघ्रता एवं सुगमता से करके कार्य को आसानी से पूर्ण किया जा सकता है।
यह नियम अंश से पूर्व की ओर शिक्षण सूत्र पर आधारित है।

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(d) साहचर्य परिवर्तन के नियम-

इस नियम के अनुसार एक उद्दीपक के प्रति होने वाले अनुक्रिया बाद में किसी दूसरे उद्दीपक से भी होने लगती है दूसरे शब्दों में, पहले कभी की गई क्रियाओं को उसी के समान दूसरी परिस्थिति में उसी प्रकार करना साहचर्य परिवर्तन का नियम कहलाता है। इसमें क्रिया का स्वरूप तो वही रहता है परंतु इस स्थिति में परिवर्तन आ जाता है।
थार्नडाइक ने पावलव के शास्त्रीय अनुबंधन को ही साहचर्य परिवर्तन के नियम के रूप में व्यक्त किया है।

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(e) आत्मीकरण का नियम-

इस नियम को सादृश्यता का नियम तथा समानता का नियम के नाम से भी जाना जाता है। यह नियम पूर्व अनुभव पर आधारित होता है। इस नियम के अनुसार जब प्राणी के सामने कोई नवीन परिस्थिति उत्पन्न होती है तो वह उससे मिलती-जुलती समस्या का स्मरण करता है जिसका वह पूर्व में अनुभव कर चुका होता है इस प्रकार वह नवीन ज्ञान को अपने पूर्व ज्ञान का स्थाई अंग बना लेता है।

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अधिगम के नियमों की कक्षा शिक्षण में उपयोगिता

इन नियमों की कक्षा शिक्षण में निम्न उपयोगिताएं हैं-

(1) शिक्षक इस सिद्धांत द्वारा सीखते हैं कि बच्चे विभिन्न कौशलों को सीखने में गलतियां करते हैं।

(2) किसी क्रिया के बार-बार के अभ्यास से बालक की आदतों में सुधार किया जा सकता है तथा उनकी गलतियों को कम किया जा सकता है।

(3) यह सिद्धांत बताता है कि सीखने हेतु कार्य को दोहराना आवश्यक है।

(4) क्रो एवं क्रो के अनुसार-“यह सिद्धांत गणित तथा विज्ञान जैसे विषयों के लिए अधिक उपयोगी होता है।”

महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न – 1 – सीखने ( अधिगम ) के नियम किसने दिया ?

उत्तर – थार्नडाइक ने

प्रश्न – 2 – थार्नडाइक ने सीखने के कितने नियम दिए है?

उत्तर – दो ( मुख्य और गौण नियम )

प्रश्न – 3 – सीखने के मुख्य नियम कितने हैं ?

उत्तर – 3 ( प्रभाव का नियम , तत्परता का नियम , अभ्यास का नियम )

प्रश्न – 4 – सीखने के गौण नियम कितने हैं ?

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उत्तर – 5

प्रश्न – 5 – किस मनोवैज्ञानिक ने बिल्ली पर प्रयोग किया?

उत्तर – थार्नडाइक ने

प्रश्न – 6 – थार्नडाइक का कौन सा नियम सीखने में पुरस्कार और दंड के महत्व को बताता है?

उत्तर – प्रभाव का नियम

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