किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,समस्याएं,किशोरावस्था में शिक्षा

आज hindiamrit का टॉपिक किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,समस्याएं,किशोरावस्था में शिक्षा
है।दोस्तों बाल मनोविज्ञान में बाल विकास की अवस्थाएँ सबसे महत्वपूर्ण है।

प्रतिवर्ष uptet,ctet,stet,kvs,dssb,btc आदि सभी एग्जाम में इससे प्रश्न पूछे जाते है।

जिसके अंतर्गत हम आज किशोरावस्था की परिभाषाएं, किशोरावस्था का अर्थ,किशोरावस्था में शिक्षा किस प्रकार होनी चाहिए,किशोरावस्था की समस्याएं, किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं आदि सारी बातों की जानकारी देगे।

Contents

किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,समस्याएं,किशोरावस्था में शिक्षा

meaning and definition of adolescence,kishoravastha ka arth aur pribhasha,    किशोरावस्था में शिक्षा का स्वरूप,किशोरावस्था में शिक्षक की भूमिका,किशोरावस्था में शिक्षा की भूमिका,किशोरावस्था का परिभाषा,किशोरावस्था की समस्या pdf,किशोरावस्था को प्रभावित करने वाले कारक,किशोरावस्था में मानसिक विकास,किशोरावस्था में तनाव,किशोरावस्था की समस्या और समाधान,किशोरावस्था में शारीरिक विकास का वर्णन कीजिए,किशोरावस्था की प्रमुख समस्या,किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषा,किशोरावस्था में शिक्षा का स्वरूप,किशोरावस्था में शिक्षक की भूमिका,किशोरावस्था में शिक्षा की भूमिका,किशोरावस्था का परिभाषा,किशोरावस्था की समस्या pdf,किशोरावस्था को प्रभावित करने वाले कारक,किशोरावस्था में मानसिक विकास,किशोरावस्था में तनाव,किशोरावस्था की समस्या और समाधान,

शिक्षा विकास की प्रक्रिया है। मानव एक विकासशील प्राणी के रूप में जन्म लेता है।

बालक का विकास गर्भावस्था से लेकर जीवन के अन्त तक होता है।

इसके अन्तर्गत शारीरिक मानसिक, संवेगात्मक एवं सामाजिक विकास होता है।

शिक्षा मनोविज्ञान की दृष्टि से बाल विकास को विभिन्न अवस्थाओं में विभाजित करके प्रत्येक अवस्था का अलग अलग अध्ययन करना आवश्यक समझा गया है।

मनोवैज्ञानिकों ने शैक्षिक दृष्टि से बाल विकास को निम्नलिखित तीन अवस्थाओं में बाँटा है-

(1)शैशवावस्था
(2)बाल्यावस्था
(3)किशोरावस्था

किशोरावस्था का अर्थ और परिभाषा,किशोरावस्था किसे कहते हैं || meaning of adolescence

किशोरावस्था जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण समय है।

यह अवस्था 13 से 18 वर्ष तक मानी जाती है। इस अवस्था को दो भागों में बांटा गया है।

प्रथम 13 से 15 वर्ष की अवस्था को पूर्व किशोरावस्था तथा 15 से 18 वर्ष की अवस्था को उत्तर किशोरावस्था कहते हैं।

इस अवस्था को तूफान और संवेगों की अवस्था कहा गया है।

11 – 12 वर्ष की आयु में बालक के नसों में ज्वार उठना आरंभ होता है इसे किशोरावस्था के नाम से पुकारा जाता है।

इस अवस्था में बच्चा बाल्यावस्था से परिपक्वता की ओर होता है। यह बच्चे का सबसे जटिल काल है। क्योंकि इस अवस्था में किशोर को नये ढंग से समायोजन करना पड़ता है।

बाल अपराधों की सख्या सबसे अधिक इसी काल में होती है।

बालक बाल्यकाल से किशोरावस्था में प्रवेश करता है तो उसमें शारीरिक, मानसिक,सामाजिक तथा सर्वगात्मक परिवर्तन होते हैं।

ये परिवर्तन शरीर तथा मन दोनों को ही प्रभावित करे हैं।

पश्चिमी विद्वानों ने इसे “टीन एज” भी कहा है। यह विकास की सबसे जटिल अवस्था मानी गयी है। इस अवस्था में शारीरिक विकास बड़ी तेजी से होता है।

किशोरावस्था की परिभाषाएं || definition of adolescene

क्रो एंड क्रो के अनुसार

“किशोर ही वर्तमान की शक्ति और भावी आशा को प्रस्तुत करता है।”

जरशिल्ड के अनुसार

“किशोरावस्था वह समय है,जिसमें विचारशील व्यक्ति बाल्यावस्था से परिपक्वता की ओर संक्रमण करता है।”

स्टैनले हॉल के अनुसार

“किशोरावस्था तनाव ,तूफान ,संघर्ष तथा विरोध की अवस्था हैं।”

किलपैट्रिक के अनुसार

” किशोरावस्था जीवन का सबसे कठिन काल है।”

ब्लेयर जोंस एवं सिम्पसन के अनुसार

“किशोरावस्था प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का वह काल है। जो बाल्यावस्था के अंत में होता है।और प्रौढ़ावस्था के आरंभ में समाप्त होता है।”

रॉस के अनुसार

“किशोरावस्था शैशवावस्था की पुनरावृत्ति है।”

कुल्हन के अनुसार

“किशोरावस्था बाल्यावस्था और प्रौढ़ावस्था के बीच का संक्रांति काल है।”

meaning and definition of adolescence,kishoravastha ka arth aur pribhasha,किशोरावस्था में शिक्षा का स्वरूप,किशोरावस्था में शिक्षक की भूमिका,किशोरावस्था में शिक्षा की भूमिका,किशोरावस्था का परिभाषा,किशोरावस्था की समस्या pdf,किशोरावस्था को प्रभावित करने वाले कारक,किशोरावस्था में मानसिक विकास,किशोरावस्था में तनाव,किशोरावस्था की समस्या और समाधान,किशोरावस्था में शारीरिक विकास का वर्णन कीजिए,किशोरावस्था की प्रमुख समस्या,किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषा,किशोरावस्था में शिक्षा का स्वरूप,किशोरावस्था में शिक्षक की भूमिका,किशोरावस्था में शिक्षा की भूमिका,किशोरावस्था का परिभाषा,किशोरावस्था की समस्या pdf,किशोरावस्था को प्रभावित करने वाले कारक,किशोरावस्था में मानसिक विकास,किशोरावस्था में तनाव,किशोरावस्था की समस्या और समाधान,किशोरावस्था में शारीरिक विकास का वर्णन कीजिए,किशोरावस्था की प्रमुख समस्या,किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषा,किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं

ये भी पढ़ें-  बुद्धि का अर्थ और परिभाषा,बुद्धि के सिद्धान्त,बुद्धि परीक्षण,बुद्धि लब्धि,

किशोर उम्र क्या है?,किशोरावस्था परिभाषा पीडीएफ,किशोरावस्था में शिक्षा का स्वरूप,किशोरावस्था की समस्या और समाधान,किशोरावस्था की समस्या का समाधान,किशोरावस्था में शिक्षा का महत्व,किशोरावस्था की समस्या का समाधान pdf,किशोरावस्था की समस्या pdf,किशोरावस्था की प्रमुख समस्या,किशोरावस्था से आप क्या समझते हैं,किशोरावस्था कब से शुरू होती है?,किशोरावस्था के बाद कौन सी अवस्था आती है?,meaning and definition of adolescence,kishoravastha ka arth aur pribhasha,kishoravastha ki samsyayen,बाल विकास की अवस्थाएं pdf,

meaning and definition of adolescence,kishoravastha ka arth aur pribhasha,    किशोरावस्था में शिक्षा का स्वरूप,किशोरावस्था में शिक्षक की भूमिका,किशोरावस्था में शिक्षा की भूमिका,किशोरावस्था का परिभाषा,किशोरावस्था की समस्या pdf,किशोरावस्था को प्रभावित करने वाले कारक,किशोरावस्था में मानसिक विकास,किशोरावस्था में तनाव,किशोरावस्था की समस्या और समाधान,किशोरावस्था में शारीरिक विकास का वर्णन कीजिए,किशोरावस्था की प्रमुख समस्या,किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषा,किशोरावस्था में शिक्षा का स्वरूप,किशोरावस्था में शिक्षक की भूमिका,किशोरावस्था में शिक्षा की भूमिका,किशोरावस्था का परिभाषा,किशोरावस्था की समस्या pdf,किशोरावस्था को प्रभावित करने वाले कारक,किशोरावस्था में मानसिक विकास,किशोरावस्था में तनाव,किशोरावस्था की समस्या और समाधान,

किशोरावस्था की विशेषताएँ || किशोरावस्था के गुण || properties of adolescene || characteristics of adolescene

किशोरावस्था की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

(1) किशोरावस्था में शारीरिक विकास बड़ी तेजी से होता है।

(2) किशोर के मस्तिष्क का लगभग सभी दिशाओं में परिवर्तन तीव्रता से होता है।

इस अवस्था में बुद्धि, कल्पना तथा तर्क शक्तियाँ पर्याप्त विकसित हो जाती है।

(3) इस अवस्था तक उनमें आत्मसम्मान की भावना का पर्याप्त विकास हो जाता है।

और वह अपने को बच्चा न मानकर वयस्क मानने लगते हैं। किसी प्रकार की उपेक्षा सहन करना उसके लिये कठिन होता है।

(4) किशोर में स्थायित्व और समायोजन का अभाव रहता है। उसका मन शिशु के समान स्थिर नहीं रहता। वातावरण से वह समायोजन नहीं कर पाता।

(5) इस अवस्था में कल्पना की प्रधानता रहती है। इस अवस्था में कल्पनाशक्ति का पर्याप्त विकास हो जाता है।

(6) किशोरों में घनिष्ट मित्र बनाने की सबसे अधिक प्रवृत्ति होती है। घनिष्ठ मित्र से अपने मन की कहने, बातें करने में उनको विशेष आत्मसन्तोष प्राप्त होता है।

(7) किशोर एवं किशोरियों की रुचि में समानता भी होती है और विषमता भी होती है।

(8) इस अवस्था में संवेगों की प्रबलता होती है। किशोर भावुकता, अस्थिरता, उत्साह तथा उत्साहहीनता से ग्रसित होता है।

ये भी पढ़ें-  पियाजे के संज्ञानात्मक विकास की अवस्थाएं या पियाजे के मानसिक विकास की अवस्थाएं

वह कभी एकदम उत्साहित हो जाता है और कभी एकदम निरुत्साहित।

(9) दिवा स्वप्न देखने के कारण बच्चों में अपराध प्रवृत्ति का विकास होता है।

(10) किशोर स्वभाव से परम्पराओं और रूढ़ियों के विरोधी तथा स्वतन्त्रता प्रेमी होते हैं।

ये परम्पराओं, अन्धविश्वासों और रूढ़ियों के बन्धन में न रहकर स्वतन्त्र जीवन व्यतीत करना पसन्द करते हैं।

(11) किशोरावस्था में विषमलिंगीय प्रेम को भावना उत्पन्न होती है।

(12) किशोरों में सामाजिक सेवा की भावना का तीव्रता से
विकास होता है।

समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिये भी वे समाज सेवा में विशेष रुचि लेते हैं।

किशोरावस्था की समस्याएं || किशोर बालक की समस्याएं || किशोरावस्था में समस्याएं || problems in adolescence || problems in adolescence

किशोरावस्था में बालक के अंदर निम्नलिखित समस्याएं देखी गई है।

(1) मानसिक उलझनें

(2) शारीरिक परिवर्तन संबंधी समस्या

(3) स्वतंत्रता संबंधी समस्या

(4) आत्म सम्मान व स्वयं को सिद्ध करने की समस्या

(5) समायोजन की समस्या

(6) धार्मिक रीति-रिवाजों में अअविश्वास

(7) असुरक्षा की भावना

(8) यौन संबंधों से संबंधित समस्या

(9) व्यवसाय संबंधी समस्या

meaning and definition of adolescence,kishoravastha ka arth aur pribhasha,    किशोरावस्था में शिक्षा का स्वरूप,किशोरावस्था में शिक्षक की भूमिका,किशोरावस्था में शिक्षा की भूमिका,किशोरावस्था का परिभाषा,किशोरावस्था की समस्या pdf,किशोरावस्था को प्रभावित करने वाले कारक,किशोरावस्था में मानसिक विकास,किशोरावस्था में तनाव,किशोरावस्था की समस्या और समाधान,किशोरावस्था में शारीरिक विकास का वर्णन कीजिए,किशोरावस्था की प्रमुख समस्या,किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषा,किशोरावस्था में शिक्षा का स्वरूप,किशोरावस्था में शिक्षक की भूमिका,किशोरावस्था में शिक्षा की भूमिका,किशोरावस्था का परिभाषा,किशोरावस्था की समस्या pdf,किशोरावस्था को प्रभावित करने वाले कारक,किशोरावस्था में मानसिक विकास,किशोरावस्था में तनाव,किशोरावस्था की समस्या और समाधान,

किशोरावस्था में बालक की शिक्षा हेतु ध्यान देने योग्य बिंदु || किशोरावस्था में शिक्षा || किशोरावस्था में शिक्षा का आयोजन या स्वरूप

किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं में जानते है किशोरावस्था की विशेषताएं।

इस अवस्था में शिक्षा के निर्धारण में निम्नालखित बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिये-

(1) किशोरावस्था में शरीर में अनेक परिवर्तन होते हैं। अत: उचित शिक्षण प्रदान करके शरीर को सबल तथा सुडौल बनाया जाता है।

(2) किशोरों की मानसिक शक्तियों का सर्वोत्तम और अधिकतम विकास करने के लिये शिक्षा का स्वरूप उनकी रुचियों, रुझानों, दृष्टिकोणों और योग्यताओं के अनुरूप होना चाहिये।

(3) किशोर अनेक प्रकार के संवेगों से संघर्ष करता है। इन संवेगों में से कुछ उत्तम और कुछ निकृष्ट होते हैं।

अत: शिक्षा में इस प्रकार के विषयों और पाठ्य सहगामी क्रियाओं को स्थान दिया जाना चाहिये जो निकृष्ट संवेगों का दमन या मार्गान्तरण और उत्तम संवेगों का विकास करें।

(4) किशोर अपने समूह को अत्यधिक महत्त्व देता है और उसमें आचार व्यवहार की अनेक बातें सीखता है।

ये भी पढ़ें-  बुद्धि परीक्षण और उनके प्रकार

विद्यालय में सामूहिक क्रियाओं का संगठन किया जाना चाहिये। इन क्रियाओं में भाग लेकर वह सामाजिकता की शिक्षा स्वाभाविक ढंग से प्राप्त कर सकता है।

(5) किशोरावस्था तक दृष्टिकोणों, भावनाओं और रुचियों में भिन्नता विकसित हो जाती है।

अत: शिक्षा की योजना इस प्रकार की होनी चाहिये कि किशोरों की रुचियों और भावनाओं की सन्तुष्टि हो सके।

(6) ऐसी विधियों का प्रयोग किया जाना चाहिये जिनसे किशोरों को आत्म निरीक्षण,विचार,तर्क करने के अवसर प्राप्त हो सके।

(7) इस अवस्था में मानसिक द्वन्द होता है।उसको समाप्त करने के लिये नैतिक तथा धार्मिक शिक्षा ऐसी हो जिससे वे उचित और अनुचित के मध्य अन्तर करना सीख सकें।

(8) किशोरों को उत्तरदायित्वपूर्ण कार्य सौंपे जाने चाहिये तथा उत्तर- दायित्व पूर्ण करने पर उनकी प्रशंसा की जानी चाहिये।

विद्यालय अनुशासन स्थापना में भी बच्चों का सहयोग लिया जाना चाहिये।

हमारे यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करके हमसे जुड़िये और पढ़िये नीचे दी गयी लिंक को टच करके विजिट कीजिये ।

https://www.youtube.com/channel/UCybBX_v6s9-o8-3CItfA7Vg

Next read || उपयोगी लिंक

बाल्यावस्था का अर्थ और परिभाषा

बालक की अवस्थाओं का वर्गीकरण विस्तार से

मनोविज्ञान का अर्थ और परिभाषा

बालक का भाषायी या अभिव्यक्ति का विकास

मोटिवेशनल स्टोरी पढ़िये।

दोस्तों आपको यह आर्टिकल किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,समस्याएं,किशोरावस्था में शिक्षा पसन्द आया होगा।हमें कमेंट करके बताये तथा इसे शेयर जरूर करे।

Tags- meaning and definition of adolescence,kishoravastha ka arth aur pribhasha, किशोरावस्था में शिक्षा का स्वरूप,किशोरावस्था में शिक्षक की भूमिका,किशोरावस्था में शिक्षा की भूमिका,किशोरावस्था का परिभाषा,किशोरावस्था की समस्या pdf,किशोरावस्था को प्रभावित करने वाले कारक,किशोरावस्था में मानसिक विकास,किशोरावस्था में तनाव,किशोरावस्था की समस्या और समाधान,किशोरावस्था में शारीरिक विकास का वर्णन कीजिए,किशोरावस्था की प्रमुख समस्या,किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषा,किशोरावस्था में शिक्षा का स्वरूप,किशोरावस्था में शिक्षक की भूमिका,किशोरावस्था में शिक्षा की भूमिका,किशोरावस्था का परिभाषा,किशोरावस्था की समस्या pdf,किशोरावस्था को प्रभावित करने वाले कारक,किशोरावस्था में मानसिक विकास,किशोरावस्था में तनाव,किशोरावस्था की समस्या और समाधान,

MEaning adolescent,किशोरावस्था में शारीरिक विकास का वर्णन कीजिए,किशोरावस्था की प्रमुख समस्या,किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषा,किशोर उम्र क्या है?,किशोरावस्था परिभाषा पीडीएफ,किशोरावस्था में शिक्षा का स्वरूप,किशोरावस्था की समस्या और समाधान,किशोरावस्था की समस्या का समाधान,किशोरावस्था में शिक्षा का महत्व,किशोरावस्था की समस्या का समाधान pdf,किशोरावस्था की समस्या pdf,किशोरावस्था की प्रमुख समस्या,किशोरावस्था से आप क्या समझते हैं,किशोरावस्था कब से शुरू होती है?,किशोरावस्था के बाद कौन सी अवस्था आती है?,meaning and definition of adolescence,kishoravastha ka arth aur pribhasha,kishoravastha ki samsyayen,बाल विकास की अवस्थाएं pdf,

Leave a Comment