कम्प्यूटर का अर्थ एवं परिभाषा / कम्प्यूटर के विशिष्ट गुण

आज का युग कम्प्यूटर का युग है। आज के जीवन मे सभी को कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी होनी चाहिए। बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी कम्प्यूटर से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसीलिए हमारी साइट hindiamrit.com कम्प्यूटर से जुड़ी समस्त महत्वपूर्ण टॉपिक की श्रृंखला पेश करती है,जो आपके लिए अति महत्वपूर्ण साबित होगी,ऐसी हमारी आशा है। अतः आज का हमारा टॉपिक कम्प्यूटर का अर्थ एवं परिभाषा / कम्प्यूटर के विशिष्ट गुण की जानकारी प्रदान करना है।

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कम्प्यूटर का अर्थ एवं परिभाषा / कम्प्यूटर के विशिष्ट गुण

कम्प्यूटर का अर्थ एवं परिभाषा / कम्प्यूटर के विशिष्ट गुण
कम्प्यूटर का अर्थ एवं परिभाषा / कम्प्यूटर के विशिष्ट गुण

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कम्प्यूटर का अर्थ (Computer)

कम्प्यूटर एक प्रोग्रामिंग यन्त्र जो प्रयोक्ता को इस योग्य बनाता है कि वह विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को या आँकड़ों को कार्यान्वित करने के बाद उन्हें व्यवस्थित शब्दों या जटिल संख्याओं को गणना के रूप में संचित कर सकता है। इसमें आउटपुट को आसानी से समझ में आने वाले संरूप में प्रस्तुत किया जाता है।

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कम्प्यूटर शब्द लैटिन भाषा के “कम्प्यूटेअर’ (Computare)” व अंग्रेजी भाषा के शब्द “कम्प्यूट (Compute)” से बना है जिसका अर्थ होता है ‘गणना’। कम्प्यूट (Compute) शब्द को कैलकुलेट (Calculate) शब्द का पर्यायवाची भी कह सकते हैं। इस शब्द के आधार पर हम कम्प्यूटर को एक अत्यधिक तीव्र गति से गणना करने वाला यंत्र भी कह सकते हैं। सही अर्थों में कम्प्यूटर का आविष्कार एक तीव्र गति से गणना करने वाले यंत्र के रूप में ही किया गया था किन्तु आज के युग में आधुनिक कम्प्यूटर पर 80% से अधिक कार्य अंकीय अथवा अंकगणितीय प्रकृति से भिन्न होता है।

अत: कम्प्युटर को मात्र अंकगणितीय व अंकीय गणना करने वाला यंत्र कहकर परिभाषित करना उचित नहीं होगा। कम्प्यूटर में आउटपुट उत्पन्न करने के लिए प्रदत्त निर्देशों के समूह के आधार पर सूचना संशोधित होती है। कम्प्यूटर को वैज्ञानिकों ने एक ऐसे यंत्र के रूप में उन्नत किया है जो कि मात्र अंकीय गणनाओं से भी अधिक हमारे दिन-प्रतिदिन के आँकड़ों पर विभिन्न प्रक्रियाएँ कर हमें फल प्रदान करता है। यह फल (Result) या Output किसी सूचना के रूप में अथवा किसी चित्र अथवा उत्तर अथवा ध्वनि अथवा चलचित्र अथवा निर्णय अथवा सुझाव के रूप में हो सकता है।

Computer एक मशीन है अतः यह गलती नहीं करता है और न यह मनुष्य की तरह अधिक कार्य करने से थकता है। मनुष्य थकान के कारण गलती कर सकता है किन्तु कम्प्यूटर लगातार लम्बे समय तक बिना थके त्रुटिरहित कार्य करता है। यह एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र है जो विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को एकत्रित कर उनका मुद्रण कर सकता है अथवा उनकी व्याख्या तथा विश्लेषण कर आवश्यक परिणाम देता है। कम्प्यूटर में उच्चस्तरीय संगणक (Calculator), टंकण यन्त्र (Type writer),टेलीविजन (Television) तथा मैमोरी (Memory) का एक अनोखा संगम होता है। इस अद्भुत संगम के कारण कम्प्यूटर मानव मस्तिष्क से कहीं अधिक तीव्र गति से संगणना तथा विश्लेषण कर सकता है।

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कम्प्यूटर की परिभाषाएँ (Definitions of Computer)

Computer एक इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जो असंसाधित आँकड़ों (Unprocessed or Raw Data) को अर्थपूर्ण सूचना में परिवर्तित करता है। निर्देशों द्वारा नियन्त्रित किये जा सकने वाला एक ऐसा यन्त्र है जो कि कम्प्यूटर आँकड़ों को प्राप्त कर उन पर प्रक्रिया/संसाधन (Process) कर उन्हें विभिन्न प्रारूपों में दर्शा सकता है। कम्प्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो किसी भी प्रकार के आँकड़ों को व्यवस्थित व नियन्त्रित तो करता ही है, साथ ही उन आँकड़ों से सम्बन्धित गणना को भी कम-से-कम समय में पूर्ण शुद्धता के साथ कर सकता है। कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जो निर्देशों के समूह (Programme) के नियन्त्रण में डाटा या लक्ष्य पर प्रक्रिया (Process) करके सूचना (Information) जनित (Generate) करता है क्योंकि आधुनिक कम्प्यूटर मात्र गणना ही नहीं करता।

अपितु अंकों की तुलना भी कर सकता है। अत: कम्प्यूटर को निम्न प्रकार से भी परिभाषित किया जा सकता है कम्प्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक, आँकड़ों पर प्रक्रिया (Process) करने वाला यंत्र है जो कि अंकीय गणनाओं के साथ-साथ तुलना व तार्किक निर्णय करने की क्षमता भी रखता है जिसके कारण यह तीव्र गति से दिए गये निर्देशों के अनुसार सूचना, चित्र, चलचित्र व ऐनिमेशन इत्यादि जनित कर सकता है।’ -ऑक्सफोर्ड शब्दकोश

कम्प्यूटर द्वारा आँकड़ों पर प्रक्रिया करने के कारण ही इसे “डाटा प्रोसेसर (Data Processor)” भी कहा जाता है। इसी कारण हम दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि “कम्प्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र है जो आँकड़ों को प्राप्त (Input) कर उनका भण्डारण (Storage) करता है तथा दिये गये निर्देशों के अनुसार आँकड़ों पर प्रक्रिया (Processing) कर हमारी इच्छानुसार परिणाम प्रदान करता है।”

अत: उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि, “कम्प्यूटर एक ऐसी इलैक्ट्रॉनिक युक्ति है, जो प्राप्त सूचनाओं को दिये गये निर्देशों के अनुरूप विश्लेषित कर, अत्यन्त सूक्ष्म समय में सत्य एवं विश्वसनीय परिणाम प्रस्तुत करती है।” प्राण प्रक्रिया के समय कम्प्यूटर निम्न क्रियाएँ करता है-
(1) प्रयोगकर्ता से आँकड़े प्राप्त (Input) करता है।
(2) प्रयोक्ता (User) से निर्देश (Instructions) प्राप्त (Input) करता है।
(3) निर्देशानुसार प्रक्रिया कर आँकडों को सूचना में परिवर्तित करता है।
दर्शाता है।
(4) प्राप्त परिणामों (Output) अर्थात् सूचनाओं को हमें निर्गत (Output) के रूप में एक शक्तिशाली कम्प्यूटर एक मिनट में करोड़ों निर्देशों को क्रियान्वित कर सकता है।

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कम्प्यूटर के विशिष्ट गुण
(Specific Characteristics of Computer)

1. गति (Speed)

कम्प्यूटर एक अत्यधिक तीव्र गति से कार्य करने वाला यन्त्र है। यह कुछ क्षणों में ही इतना कार्य कर सकता है जितना कि एक मनुष्य पूरे एक वर्ष में कर सकता है। यह तीव्र गति के साथ जटिल से जटिल समस्याओं की व्याख्या, दुरुह कार्यों, संगणनाओं को सम्पन्न करने की क्षमता रखता है। कम्प्यूटर के कार्य करने की गति को बताने के लिए मिली सेकण्ड (10 सेकण्ड), माइक्रो सेकण्ड (10 सेकण्ड), नैनो सेकण्ड (10 सेकण्ड) अथवा पिको सेकण्ड (10 सेकण्ड) तक का प्रयोग करना पड़ सकता है।

2. शुद्धता (Accuracy)

यदि मनुष्य कम्प्यूटर को कमाण्ड देने में त्रुटि न करे तो कम्प्यूटर कभी त्रुटि नहीं करता। कम्प्यूटर में त्रुटियाँ हो सकती हैं किन्तु उनका कारण कम्प्यूटर स्वयं न होकर उस पर कार्य करने वाला मनुष्य अथवा कम्प्यूटर के डिजाइन की सीमा हो सकती है। कम्प्यूटर द्वारा त्रुटि का कारण आँकड़ों में अथवा दिए गये निर्देशों में त्रुटि होगी। कम्प्यूटर कभी गलत गणना नहीं करता।

3. स्वचालन (Automation)

प्रोग्राम के एक बार कम्प्यूटर की मेमोरी में लोड हो जाने पर, प्रोग्राम का केन्द्रीय संसाधन इकाई द्वारा कार्यान्वित होता रहता है। यह कार्यक्रम प्रोग्राम के अन्त तक चलता रहता है।

4. विश्वसनीयता (Reliability)

कम्प्यूटर द्वारा दिये गये कार्यों, गणनाओं तथा दी गयी सूचनाओं में शुद्धता अति उच्च होती है। इसलिए इनमें विश्वसनीयता भी अधिक होती है। हम बिना झिझक के कम्प्यूटर द्वारा प्रदत्त सूचनाओं पर विश्वास कर लेते हैं।

5. परिश्रमी (Diligence)

कम्प्यूटर मनुष्यों के समान अत्यधिक कार्य करने पर थकता नहीं है। विश्व की अनेक संस्थाओं में कम्प्यूटर लगातार 24 घण्टे कार्य करता है मानव जाति के विकास के लिए कम्प्यूटर निरन्तर एक परिश्रमी गुलाम की तरह बिना किस त्रुटि के कार्य करता रहता है।

6.विभिन्नता (Versatility)

एक ही कम्प्यूटर विभिन्न प्रक के कार्यों कर सकता है। किसी क्षण में कम्प्यूटर किसी परीक्षाफल को तैयार करता है तथा दूसरे क्षण में ही कम्प्यूटर बिजली के बिलों को तैयार कर सकता है तथा इसके बीच में यह किसी सहायक क्लर्क के कार्यों में सहायता कर सकता है।

7. अद्भुत स्मृति (Amazinig Memory)

कम्प्यूटर के पास अद्भुत स्मृति उपलब्ध होती है जिसके कारण वह अपनी स्मृति में संरक्षित किसी विवरण को भूलता नहीं है व सीधे ही तीव्र गति से उस विवरण का उपयोग कर सकता है।

8. विशाल भण्डारण क्षमता (Vast Storage Capacity)

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कम्प्यूटर की भण्डारण क्षमता अत्यधिक विशाल है अपितु यदि कहा जाए कि असीमित है तो भी गलत न होगा। कम्प्यूटर द्वारा अत्यधिक सूक्ष्म स्थान में हजारों-लाखों अक्षर संरक्षित किये जा सकते हैं। इसी कारण से कम्प्यूटर की एक पतले डिब्बे सी दिखने वाली 40 GB (गीगा बाइट) क्षमता वाली हार्ड डिस्क में इतने अक्षर स्थायी रूप से संरक्षित किये जा सकते हैं कि उन्हें यदि 100 पेज के रजिस्टर पर लिखा जाए तो लगभग 4 लाख से भी अधिक रजिस्टर की आवश्यकता होगी।

9. सस्ता (Economic)

कम्प्यूटर द्वारा कार्यों का निष्पादन दीर्घकाल में अत्यधिक सस्ता व आर्थिक दृष्टि से प्रयोगकर्ता के अनुकूल होता है। उपर्युक्त भण्डारण क्षमता के उदाहरण के आधार पर हम कह सकते हैं कि मानवीय प्रणाली के कार्य करने पर कार्य 4 लाख रजिस्टर (मूल्य लगभग 40 लाख रु.) हो सकता है उतना ही कार्य आज कम्प्यूटर पर 40 GB हार्ड डिस्क मूल्य लगभग 6 हजार रु. से किया जा सकता है।

10. भावनाहीन (No Feelings)

कम्प्यूटर अनेकानेक प्रकार के कार्य करने के कारण अत्यधिक सोचने-समझने की क्षमता रखने यंत्र प्रतीत है किन्तु एक यन्त्र होने के कारण इसमें किसी प्रकार की भावनाएँ नहीं होती हैं। कम्प्यूटर के पास मानव शरीर के समान स्मृति व पढ़ने, लिखने व अन्य कार्य करने के लिए अनेक अंग तो उपलब्ध हो सके हैं किन्तु उसमें मानव हृदय व आत्मा की आज भी कमी है।

11. आसूचना विहीन (No Intelligence)

कम्प्यूटर के अपनी स्वयं की बुद्धिमत्ता अथवा आसूचना नहीं होती। इसी कारण कम्प्यूटर अत्यधिक उन्नत होने के पश्चात् भी मनुष्य का सेवक बना हुआ है। अनेक कम्प्यूटर बुद्धिमत्ता से अनेक कार्य करते हुए दिखते हैं किन्तु यह बुद्धिमत्ता उन्हें मनुष्यों द्वारा कृत्रिम रूप से प्रदान की जाती है। इस विधि को ‘कृत्रिम आसूचना’ (Artificial Intelligence) कहते हैं।

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