कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के प्रकार / सिस्टम और एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर

आज का युग कम्प्यूटर का युग है। आज के जीवन मे सभी को कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी होनी चाहिए। बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी कम्प्यूटर से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसीलिए हमारी साइट hindiamrit.com कम्प्यूटर से जुड़ी समस्त महत्वपूर्ण टॉपिक की श्रृंखला पेश करती है,जो आपके लिए अति महत्वपूर्ण साबित होगी,ऐसी हमारी आशा है। अतः आज का हमारा टॉपिक कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के प्रकार / सिस्टम और एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर की जानकारी प्रदान करना है।

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कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के प्रकार / सिस्टम और एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर

कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के प्रकार / सिस्टम और एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर
कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के प्रकार / सिस्टम और एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर

सिस्टम और एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर / कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के प्रकार

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सॉफ्टवेयर [SOFTWARE IN HINDI]

कम्प्यूटर अपने आप कोई कार्य नहीं करता है। इनको कुछ प्रोग्राम के द्वारा संचालित किया जाता है । कम्प्यूटर में बहुत से प्रोग्राम होते हैं जो अलग-अलग कार्यों का सम्पादन करते हैं। इस प्रोग्रामों के एक सम्पूर्ण को सॉफ्टवेयर कहते हैं। कम्प्यूटर में किसी निश्चित कार्य को सम्पन्न करने के लिए कम्प्यूटर को दिये जाने वाले निर्देशों के समूह को प्रोग्राम करते हैं।

किसी समस्या को हल करने के लिए अनेक पदों की एक प्रक्रिया होती है जिसमें समस्या के हल करने की विधि को निर्देशों द्वारा व्यक्त किया जाता है। प्रोग्राम लिखने के लिए प्रोग्रामिंग भाषा का चयन किया जाता है। प्रोग्रामिंग भाषा कम्प्यूटर समझ सकता है। कम्प्यूटर एक जड़ मशीन है। सॉफ्टवेयर उसमें काम करने की क्षमता प्रदान करता है और सॉफ्टवेयर की सहायता से कम्प्यूटर विभिन्न कार्य करता है।

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कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के बिना कम्प्यूटर हार्डवेयर महत्त्वहीन है। कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर वास्तव में कम्प्यूटर पर विभिन्न प्रकार के कार्य को सम्पन्न करने के लिए प्रोग्रामों का समूह होता है और प्रोग्राम कम्प्यूटर भाषा में क्रमबद्ध लिखे गये निर्देशों की श्रृंखला होती है। अर्थात् “सॉफ्टवेयर, कम्प्यूटर हार्डवेयर की सम्पूर्ण क्रिया विधि को संचालित करता है।” चूंकि कम्प्यूटर एक विद्युत प्रेषित उपकरण है। कम्प्यूटर का यूजर (व्यक्ति) के साथ बेहतर तालमेल के लिए आवश्यक है कि दोनों के मध्य एक सम्पर्क माध्यम स्थापित हो, यह कार्य सॉफ्टवेयर द्वारा किया जाता है। अर्थात् सॉफ्टवेयर, कम्प्यूटर हार्डवेयर और यूजर के मध्य सेतु (Bridge) का कार्य करता है।

कम्प्यूटर में सॉफ्टवेयर की भूमिका-एक निश्चित कार्य को सम्पन्न करने के लिए निर्देशों का समूह प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर कहलाता है। प्रोग्राम के निर्देश कम्प्यूटर को इनपुट क्रिया, डाटा-प्रक्रिया और परिणामों को प्रदान करने का निर्देशन करता है।

सॉफ्टवेयर के प्रकार (Type of Software in hindi)

सॉफ्टवेयर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं –

(1) सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software),

(2) अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर (Application Softwere)

(1) सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)–

सिस्टम सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों के उस समूह को कहते हैं जो कम्प्यूटर को चलाने, उसकी देखभाल करने तथा उस पर नियन्त्रण रखने का कार्य करता है। यह कम्प्यूटर के साथ ही निर्माता द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। हम कम्प्यूटर को अनुदेश सिस्टम सॉफटवेयर द्वारा ही देते हैं। यह निम्न प्रकार के होते हैं-

(i) परिचालन प्रणाली (Operating System)—

परिचालन प्रणाली सिस्टम सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भाग है। यह प्रयोगकर्ता तथा कम्प्यूटर के बीच सम्पर्क स्थापित करता है। यह कम्प्यूटर का अनिवार्य अंग है तथा इसके बिना कम्प्यूटर के संचालन की कल्पना नहीं की जा सकती है।

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(ii) भाषा अनुवादक (Lanugage Translater)

ये वे प्रोग्राम होते हैं जो हप्रिंटर के प्रकार / इम्पैक्ट और नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर / इंकजेट और लेजर प्रिन्टरमारे द्वारा लिखे गये प्रोग्रामों को कम्प्यूटर की भाषा में बदल देते हैं। कम्प्यूटर इनको समझकर इनका पालन करता है। असेम्बलर, कम्पाइलर आदिभाषा अनुवादक ही हैं।

(iii) यूटीलिटी प्रोग्राम (Utilities Programme)

ये वे उपयोगी प्रोग्राम हैं जो हमें डाटा प्रोसेसिंग में मदद करते हैं। ये कम्प्यूटर निर्माता द्वारा ही उपलब्ध कराये जाते हैं। ये फाइलों को छाँटना, नकल करना,बैकअप आदि का कार्य सम्पन्न करते हैं।

सिस्टम साफ्टवेयर के कार्य-

(1) अन्य सभी सॉफ्टवेयरों को कम्प्यूटरों में चलाना।

(ii) सभी पेरीफेरल डिवाइसों; जैसे-प्रिण्टर,डिस्क,टप,मॉनीटर आदि में परस्पर सम्पर्क स्थापित करना।

(iii) अन्य सॉफ्टवेयरों को तैयार करना।

(2) अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर (Application Software)

अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर उन प्रोग्रामों को कहते हैं, जो प्रयोगकर्ता के द्वारा स्वयं ही लिखे जाते हैं। कार्यालय का वेतन तैयार करना, रिपोर्ट छापना, स्टॉक का विवेचन करना आदि विभिन्न कार्य सम्पन्न कराने के लिए यह सॉफ्टवेयर बनाया जाता है।

अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर को दी श्रेणियों में बाँटा गया है-

(i) सामान्य उद्देश्य के सॉफ्टवेयर (General Purpose Software),

(ii) विशिष्ट उद्देश्य के सॉफ्टवेयर (Specific Purpose Software)

(i) सामान्य उद्देश्य के सॉफ्टवेयर (General Purpose Software)-

ऐसे प्रोग्रामों का समूह जिन्हें यूजर अपनी आवश्यकतानुसार सामान्य उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रयोग में लाते हैं, सामान्य उद्देश्य के सॉफ्टवेयर कहलाते हैं। उदाहरणार्थ-दस्तावेज, रिपोर्ट,गणनाएँ और ग्राफ तैयार करना। सामान्य उद्देश्य के सॉफ्टवेयर निम्नलिखित क्षेत्रों से सम्बन्धित हो सकते हैं- (i) ऑफिस कार्य, (ii) शैक्षिक कार्य, (iii) कम्प्यूटर आधारित डिजाइन, (iv) वित्तीय और डाटा प्रक्रिया, (v) डाटाबेस प्रबन्धन, (vi) सूचना संचार, (vii) ग्राफिक्स कार्य आदि

सामान्य उद्देश्य के सॉफ्टवेयर के उदाहरण– (1) वर्ड प्रोसेसिंग (Word Processing)-Star Writer, MS-Word, Word Star (2) स्प्रेडशीट (Spread Sheet)-MS-Excel, Lotus-1-2-3, Star Cate, VP-Planner (3) ग्राफिक्स (Graphics)-MS-Power Point, Harvard Graphics (4) डेस्कटॉप पब्लिशिंग (Desktop Publishing)-Page Maker, Ventura (5) डिजाइनिंग (Designing)-Corel Draw, Photoshop, Auto Cad (6) मल्टीमीडिया (Multimedia)-Director, Flash, 3D-Animation.

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(ii) विशिष्ट उद्देश्य के सॉफ्टवेयर (Specific Purpose Software)-

ऐसे प्रोग्रामों का समूह जो यूजर के विशिष्ट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विशेष तौर पर तैयार किये जाते हैं, विशिष्ट उद्देश्य के सॉफ्वेयर कहलाते हैं। अर्थात् “किसी संस्थान से सम्बन्धित मेनुअल (Manual) कार्य को कम्प्यूटराज्ड (Computerised) करने में प्रयुक्त प्रोग्रामों का समूह, ” विशिष्ट उद्देश्य के सॉफ्टवेयर कहलाते हैं।” इन्हें पैकेज (Package) भी कहते हैं। उदाहरण- (1) पे-रॉल पैकेज (Payroll Package), (2) एकाउन्टिंग पैकेज (Accounting Package), (3) होटल मैनेजमेंट सिस्टम (Hotel Management System), (4) लाइब्रेरी मैनेजमेंट सिस्टम (Library Management System), (5) रेलवे-रिजर्वेशन (Railway Reservation), (6) इन्वेन्ट्री पैकेज (Inventory Package)।





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