मेमोरी के प्रकार / रैम और रोम में अंतर / difference between RAM and ROM

आज का युग कम्प्यूटर का युग है। आज के जीवन मे सभी को कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी होनी चाहिए। बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी कम्प्यूटर से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसीलिए हमारी साइट hindiamrit.com कम्प्यूटर से जुड़ी समस्त महत्वपूर्ण टॉपिक की श्रृंखला पेश करती है,जो आपके लिए अति महत्वपूर्ण साबित होगी,ऐसी हमारी आशा है। अतः आज का हमारा टॉपिक मेमोरी के प्रकार / रैम और रोम में अंतर / difference between RAM and ROM की जानकारी प्रदान करना है।

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मेमोरी के प्रकार / रैम और रोम में अंतर / difference between RAM and ROM

मेमोरी के प्रकार / रैम और रोम में अंतर / difference between RAM and ROM
मेमोरी के प्रकार / रैम और रोम में अंतर / difference between RAM and ROM

रैम और रोम में अंतर / मेमोरी के प्रकार / difference between RAM and ROM

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स्मृति की क्षमता (Capacity of Memory)

केन्द्रीय संसाधन केन्द्रीय इकाई में होने वाली समस्त क्रियाएँ सर्वप्रथम स्मृति में जाती हैं। कम्प्यूटर की स्मृति संसाधन इकाई (CPU) का ही एक भाग होती है। स्मृति में अक्षरों को बाइट (Byte) द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। एक बाइट में 8 बिट होते हैं। प्रत्येक बिट (Bit) में बाइनरी पद्धति के अनुसार 1 अथवा 0 संचित होता है। स्मृति में संग्रहण हेतु अनेकों स्थान होते हैं जिनकी संख्या निश्चित होती है। स्मृति की क्षमता व आकार मापने की न्यूनतम इकाई बाइट (Byte) कहलाती है।

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मेमोरी का आकार निम्नांकित के अनुसार परिभाषित किया जा सकता है

● 8 बिट- 1 बाइट
● 1 निब्बल = 4 बिट
◆ 1024 बाइट = 1 किलोबाइट (KB)
◆ 1024 किलोबाइट – 1 मेगाबाइट (MB) 10,48,576 बाइट्स
● 1024 मेगाबाइट = 1 गीगाबाइट (GB) = 1,07,37,41,824 बाइट्स
● टैराबाइट = 10 बाइट = 1000 गीगा बाइट

स्मृति में अनेकों स्थान होते हैं जिन्हें सेल (Cell) कहते हैं। प्रत्येक सेल की एक विशिष्ट पहचान संख्या होती है।

मेमोरी (स्मृति) के प्रकार (Kinds of Memory)

स्मृति दो प्रकार की होती है—(1) अस्थायी स्मृति (Temporary Memory), (2) स्थायी स्मृति (Permament Memory)|

स्मृति से सूचनाओं एवं निर्देशों को संचित करने की विधि दो प्रकार की होती हैं-
(i) रैम (RAM),
(ii) रौम (ROM)

(i) रैम (RAM)

इसका पूरा नाम रैण्डम एक्सेस मैमोरी (Random Access Memory) है। रैम की मुख्य रूप से निम्न विशेषताएँ होती हैं-

(1) कम्प्यूटर में प्रविष्टि किये जाने वाले सभी आँकड़े व निर्देश सर्वप्रथम रैम में ही संग्रहित किये जाते हैं।

(2) रैम एक अस्थायी भण्डारण व्यवस्था है। विद्युत आपूर्ति रुकने अथवा कम्प्यूटर बंद होने की स्थिति में रैम में संग्रहित आँकड़े व निर्देश समाप्त हो जाते हैं इसलिए रैम को अस्थायी अथवा वालेटाइल (Volatilc) स्मृति भी कहते हैं। रैम का संग्रहण क्षमता अथवा आकार भिन्न-भिन्न होते हैं। जैसे-8 MB, 16MB, 32 MB, 64 MB, 128 MB या 256 MB इत्यादि।

(3) यह एक सेमी कण्डक्टर चिप (Semi-conductor chip) होती है।

(4) रैम में विभिन्न स्थानों पर संग्रहित आँकड़ों व निर्देशों तक सीधे ही अर्थात्रै ण्डमली (Randomly) पहुँचा जा सकता है।

(ii) रौम (ROM)

रोम का पूरा नाम रीड ओनली मैमोरी (Read Only Memory) है। इसकी मुख्य विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-

(1) यह एक स्थायी स्मृति है।
(2) रौम में काम्प्यूटर निर्माण के प्रारम्भ में ही निर्देशों के समूह (Program) संग्रहित कर दिए जाते हैं।
(3) रौम में संग्रहित निर्देश समूह (Program) परिवर्तित या नष्ट नहीं किये जा सकते हैं।
(4) यह नॉन-वोलेटाइल (Non-Volatile) अर्थात् स्थायी होता है।

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(5) विद्युत आपूर्ति बंद होने या कम्प्यूटर बंद होने की परिस्थिति में रौम में संग्रहित आँकड़े, निर्देश समाप्त नहीं होते हैं।
(6) यह सेमी कण्डक्टर चिप (Semi conductor chip) होती है।
(7) रोम में संग्रहित निर्देशों के समूह को स्थायी होने के कारण, रोम व इसमें संग्रहित निर्देश समूह के संयोजन को फर्मवेयर (Firmware) कहा जाता है।
(8) रोम में संग्रहित निर्देश समूह का प्रयोग मात्र कम्प्यूटर को प्रारम्भ करते समय ही होता है।
(9) रोम व इसमें संग्रहित निर्देश समूह व मूल्यों की सम्पूर्ण प्रणाली को बेसिक इनपुट-आउटपुट सिस्टम (Basic Input-Output System-BIOS) कहते हैं।

रौम के दो अन्य प्रकार निम्नलिखित हैं-

(a) प्रौम (PROM)- इसका पूरा नाम प्रोग्रामेबिल रीड ऑनली मैमोरी
(Programmable Read Only Memory) है। इस रोम में रिक्त स्थान होते हैं जिनमें विशेष विधि व उपकरण के माध्यम से नये निर्देश संग्रहित किये जा सकते हैं किन्तु एक बार निर्देश व मूल्य संग्रहित होने पर उन्हें मिटाया नहीं जा सकता है।

(b) इप्रौम (EPROM)— इसका पूरा नाम इरेजेबिल एण्ड प्रोग्रामेबिल रीड ऑनली मैमोरी (Erasable & Programmable Read Only Memory) है। इस प्रकार की मैमोरी में विशेष विधि व उपकरण की सहायता से निर्देश समूह व मानों को संग्राहित किया जा सकता है, मिटाया जा सकता है व आवश्यकता पड़ने पर उनमें परिवर्तन भी किया जा सकता है।

कैश मेमोरी क्या है / Cache Memory किसे कहते हैं

यह स्मृति एक विशेष प्रकार की स्मृति है जो आधुनिक कम्प्यूटर सिस्टम में प्रयुक्त होती है। यह प्रक्रिया को तेज करने के लिए मुख्य स्मृति (Main Memory) से आंतरिक मैमोरी (रजिस्टर) में अस्थायी रूप से डाटा तथा सूचनाओं को संकलित करती है तथा उनकी आपूर्ति करती है।

कैश मैमोरी छोटी तथा तेज गति वाली मैमोरी होती है, जो CPU तथा प्राथमिक मैमोरी के बीच कार्य करती है। ये मुख्य मैमोरी से तेज होती है और इनका एक्सेस टाइम केन्द्रीय संसाधन इकाई (CPU) की गति सीमा के आस-पास होता है। जबकि कैश मैमोरी बहुत तेज होती है, लेकिन बहुत मँहगी होने के कारण ये केवल कम मात्रा में प्रयुक्त की जाती है। कैश का आकार 64K, 128K होता है। ये अधिकतर PC-386 तथा PC-486 में उपलब्ध होती है, जिनके पास RAM का 1 से 8 MB या इससे ज्यादा होता है। कैश मैमोरी उच्च गति सीमा की पुर्नप्राप्ति को उपलब्ध कराने के लिए, बिना मैमोरी आकार का नुकसान किये, बनायी जाती है।




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