उत्तल और अवतल दर्पण में अंतर || difference between convex and concave mirror

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उत्तल और अवतल दर्पण में अंतर

उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण गोलीय दर्पण के प्रकार होते हैं। तो हमें उत्तल और अवतल दर्पण में अंतर जानने से पहले यह जानना आवश्यक है की गोलीय दर्पण किसे कहते हैं उत्तल दर्पण क्या है अवतल दर्पण क्या है।

गोलीय दर्पण(spherical mirror)

यह कांच के खोखले गोले का काटा गया भाग होता है। इसके एक तल पर पारे की कलई तथा लाल ऑक्साइड का पेंट होता है दूसरा तल परावर्तक तल होता है। गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैं।

(1) अवतल दर्पण(concave mirror) (2) उत्तल दर्पण(convex mirror)

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अवतल और उत्तल दर्पण का चित्र

उत्तल दर्पण किसे कहते हैं || convex mirror

वह दर्पण जिसमें परावर्तन उभरे हुए तल से होता है अर्थात गोले का बाहरी तल परावर्तक तल होता है तथा अंदर वाले तल में कलई होती है, उत्तल दर्पण कहलाता है।

उत्तल दर्पण की प्रकृति || nature of convex mirror

इस दर्पण की प्रकृति अपसारी होती है। अर्थात जब इस पर प्रकाश की किरण या किरण पुंज पड़ता है तो यह उसको अपसरित अर्थात फैला देता है।

उत्तल दर्पण की पहचान

इसकी पहचान हम दो तरीके से कर सकते हैं-

(1) स्पर्श करके – इस विधि से छोटी वक्रता त्रिज्या वाले दर्पण पहचाने जाते हैं। इसके लिए लकड़ी का एक पैमाना दर्पण के ऊपर रखते हैं।यदि पैमाना दर्पण के बीच के भाग को स्पर्श करें तथा किनारों पर उठा रहे तो दर्पण उत्तल होता है।

(2) प्रतिबिम्ब देखकर – यदि प्रतिबिंब वस्तु की प्रत्येक स्थिति के लिए सीधा तथा वस्तु से छोटा ही बने तो दर्पण उत्तल होता है।

उत्तल दर्पण के उपयोग || uses of convex mirror

(1) इसका उपयोग गली तथा बाजारों में लगे लैंपो के ऊपर किया जाता है। क्योंकि इसकी प्रकृति अपसारी(फैलाना) होती है जिससे यह प्रकाश को गली तथा सड़क के काफी क्षेत्र में फैला देता है।

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(2) इसका उपयोग मोटर कारों में ड्राइवर की सीट के पास लगे शीशे में किया जाता है। इससे ड्राइवर पीछे से सड़क पर आने वाले सभी व्यक्तियों तथा गाड़ियों के प्रतिबिंब देख लेता है। यह प्रतिबिंब आकार में छोटे तथा सीधे होते हैं। इसका प्रयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि इसका दृष्टि क्षेत्र बहुत अधिक होता है। इसलिए या दूर से तथा काफी बड़े क्षेत्रफल में फैले गाड़ियों तथा मोटर वाहनों को शीशों में दिखा पाता है।

अवतल दर्पण किसे कहते हैं || concave mirror

वह दर्पण जिसमें परावर्तन दबे हुए तल से होता है अर्थात गोले का भीतरी तल परावर्तक तल होता है तथा बाहरी तल पर कलई होती है, अवतल दर्पण कहलाता है।

अवतल दर्पण की प्रकृति || nature of concave mirror

इसकी प्रकृति अभिसारी होती है। अर्थात जब इस पर प्रकाश की किरण या किरण पुंज पड़ता है तो यह उसको एक बिंदु पर अभिसरित अर्थात सिकोड़ देता है,संकुचित कर देता है या समेट देता है।

अवतल दर्पण की पहचान

(1) स्पर्श करके – यदि पैमाना दर्पण को किनारे पर स्पर्श करें तथा दर्पण का बीच का भाग कुछ दबा रह जाए तो दर्पण अवतल होता है।

(2) प्रतिबिम्ब देखकर – यदि वस्तु को दर्पण के समीप रखने पर प्रतिबिंब सीधा व वस्तु से बड़ा बने तथा दूर रखने पर उल्टा व वस्तु से बड़ा या छोटा बने तो दर्पण अवतल होता है।

अवतल दर्पण के उपयोग || uses of concave mirror

(1) बड़ी फोकस दूरी तथा बड़े द्वारा का अवतल दर्पण दाढ़ी बनाने के काम आता है।

(2) डॉक्टर प्रकाश की किरणें छोटे अवतल दर्पण से परिवर्तित करके आंख,दांत,नाक,गले इत्यादि में डालते हैं। इससे यह अंग भली-भांति प्रकाशित हो जाते हैं जिससे डॉक्टर साहब साफ देख लेते है।

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(3) अवतल दर्पण का उपयोग टेबल लैंप के शेडो में किया जाता है।क्योंकि इनकी प्रकृति अभिसारी(सिकोड़ना,संकुचित करना) होती है जिसे प्रकाश को एक ही जगह पर फोकस कर देते हैं। जिसे पढ़ने वाले को सिर्फ टेबल में ही दिखाई देता है और वह अधिक ध्यान लगा पाता है।

(4) दर्पण का उपयोग मोटर कारों, रेलवे इंजन,स्टिमर तथा सर्च लाइट के लैंपो में परावर्तक के रूप में किया जाता है। क्योंकि इसकी किरण पुंज बहुत दूर तक जाती है जिस से दूर तक का दिखाई देता है।

उत्तल और अवतल दर्पण में अंतर || difference between convex and concave mirror

विशेषताउत्तल दर्पणअवतल दर्पण
परिभाषाजिसकी परावर्तक सतह बाहर की ओर होती हैजिसकी परावर्तक सतह अंदर की ओर होती है
छवि का प्रकारहमेशा सीधी और छोटीवास्तविक या आभासी, वस्तु की स्थिति पर निर्भर
कहाँ प्रयोग होता है?वाहन के साइड मिरर, स्टोर्स, सुरक्षा दर्पणटॉर्च, हेडलाइट, सौर कुकर
फोकस की स्थितिकाल्पनिक फोकस, दर्पण के पीछेवास्तविक फोकस, दर्पण के सामने
किस प्रकार की किरणें परावर्तित होती हैं?बाहर की ओर फैलती हैंएक बिंदु पर केंद्रित होती हैं
छवि की विशेषताछोटी, सीधी, और आभासीवस्तु की स्थिति के अनुसार भिन्न
विस्तृत दृश्य (Field of View)बड़ा दृश्य क्षेत्र प्रदान करता हैछोटा दृश्य क्षेत्र प्रदान करता है
प्रकाश की दिशा पर प्रभावप्रकाश किरणों को दूर भेजता हैप्रकाश किरणों को केंद्रित करता है
परावर्तन का व्यवहारकिरणें अपसारी होती हैंकिरणें अभिसारी होती हैं
कौन सा फोकस वास्तविक होता है?काल्पनिक फोकसवास्तविक फोकस

convex और concave mirror में अंतर (टेबल 2)

क्र०सं०उत्तल दर्पणअवतल दर्पण
1इसमें परावर्तन उभरे वाले तल से होता है।दबे तल से होता है।
2पारे की कलई दबे हुए तल में होती है।उभरे तल पर होती है।
3इसकी प्रकृति अपसारी होती है।अभिसारी होती है।
4इसका दृष्टि परास बड़ा होता है।छोटा होता है।
5वस्तुओं का प्रतिबिंब 2 स्थितियों में बनता है।6 स्थितियों में बनता है।
6उत्तल दर्पण प्रकाश को बाहर की ओर प्रतिबिम्बित करता है।अवतल दर्पण प्रकाश को अंदर की ओर प्रतिबिम्बित करता है।
7उत्तल दर्पण में प्रत्येक दशा में प्रतिबिंब दर्पण के पीछे, उसके ध्रुवों बीच वस्तु से छोटा, सीधा एवं आभासी बनता है ।इसमें सदैव वास्तविक और उल्टा ही बनता है।
उत्तल और अवतल दर्पण में अंतर || difference between convex and concave mirror

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उत्तल और अवतल दर्पण में अंतर से जुड़े FAQS

  1. प्रश्न: उत्तल दर्पण क्या है?
    उत्तर: बाहरी सतह उभारदार दर्पण, जो प्रकाश किरणों को फैलाता है।
  2. प्रश्न: अवतल दर्पण क्या है?
    उत्तर: आंतरिक सतह उभारदार दर्पण, जो प्रकाश किरणों को केंद्रित करता है।
  3. प्रश्न: उत्तल दर्पण से प्राप्त छवि कैसी होती है?
    उत्तर: आभासी, छोटी और सीधी।
  4. प्रश्न: अवतल दर्पण से प्राप्त छवि कैसी होती है?
    उत्तर: वास्तविक (या कभी-कभी आभासी) और बढ़ी हुई या उलटी हो सकती है।
  5. प्रश्न: उत्तल दर्पण में फोकस कहाँ होता है?
    उत्तर: काल्पनिक फोकस, दर्पण के पीछे।
  6. प्रश्न: अवतल दर्पण में फोकस कहाँ होता है?
    उत्तर: वास्तविक फोकस, दर्पण के सामने।
  7. प्रश्न: उत्तल दर्पण में प्रकाश किरणों का व्यवहार कैसा होता है?
    उत्तर: किरणें फैल जाती हैं।
  8. प्रश्न: अवतल दर्पण में प्रकाश किरणों का व्यवहार कैसा होता है?
    उत्तर: किरणें केंद्रित होती हैं।
  9. प्रश्न: उत्तल दर्पण का मुख्य प्रयोग कहाँ होता है?
    उत्तर: वाहन के साइड मिरर में, जिससे विस्तृत दृश्य मिलता है।
  10. प्रश्न: अवतल दर्पण का मुख्य प्रयोग कहाँ होता है?
    उत्तर: हेडलाइट, टॉर्च और सौर उपकरणों में।
  11. प्रश्न: उत्तल दर्पण में छवि का आकार कैसा रहता है?
    उत्तर: हमेशा छोटी।
  12. प्रश्न: अवतल दर्पण में छवि का आकार किस पर निर्भर करता है?
    उत्तर: वस्तु की दूरी; निकट में बढ़ी हुई, दूर में कम।
  13. प्रश्न: उत्तल दर्पण में छवि का प्रकार?
    उत्तर: आभासी (वास्तविक नहीं)।
  14. प्रश्न: अवतल दर्पण में छवि का प्रकार?
    उत्तर: वास्तविक (यदि वस्तु फोकस से बाहर हो)।
  15. प्रश्न: उत्तल दर्पण में किरणों का प्रतिवर्तन नियम क्या है?
    उत्तर: आवेश कोण (incident angle) = परावर्तन कोण (reflection angle)।
  16. प्रश्न: अवतल दर्पण में किरणों का व्यवहार कौन से नियम पर निर्भर करता है?
    उत्तर: स्नेल के नियम के अनुसार, किरणें मुड़ती हैं।
  17. प्रश्न: उत्तल दर्पण में दृष्टि क्षेत्र कैसा होता है?
    उत्तर: विस्तृत, जिससे अधिक दृश्य दिखाई देता है।
  18. प्रश्न: अवतल दर्पण में दृष्टि क्षेत्र कैसा होता है?
    उत्तर: संकुचित, केंद्रित क्षेत्र।
  19. प्रश्न: उत्तल दर्पण में छवि विरूपण क्यों होती है?
    उत्तर: किरणों का फैलाव।
  20. प्रश्न: अवतल दर्पण में छवि विरूपण किस कारण से होती है?
    उत्तर: किरणों का केंद्रित होना।

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