दोस्तों आज हम आपको विज्ञान के प्रमुख अंतर की श्रृंखला में उष्मीय वियोजन तथा विद्युत अपघटनी वियोजन में अंतर को बताएंगे।
Contents
वियोजन अभिक्रियाएं (Dissociation reactions)
वे अभिक्रियाएं जिनमें कोई यौगिक किसी विशेष परिस्थिति(ताप,दाब आदि) में दो या दो से अधिक छोटे-छोटे अणुओं में टूट जाता है और उस परिस्थिति (कारण) के हटते ही ये अणु मूल यौगिक में बदल जाते हैं, वियोजन अभिक्रियाएं कहलाती हैं।
यह उत्क्रमणीय अभिक्रिया है।
वियोजन अभिक्रियाएं दो प्रकार की होती है–
(1) उष्मीय वियोजन (thermal dissociation)
(2) विद्युत अपघटनी वियोजन (electrolytic dissociation)
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उष्मीय वियोजन / तापीय वियोजन क्या है ( thermal dissociation)
वे अभिक्रिया जिनमें यौगिकों को गर्म करने पर यौगिक दो या दो से अधिक अणुओं में विभाजित हो जाते हैं, लेकिन ठंडा करने पर अणु आपस में मिलकर पुनः मूल यौगिक बनाते हैं उष्मीय या तापीय वियोजन कहलाता है।
यह अभिक्रिया उच्च ताप पर होती हैं।
जैसे
(1) अमोनियम क्लोराइड को गर्म करने पर यह अमोनिया तथा हाइड्रोजन क्लोराइड में वियोजित हो जाता है लेकिन ठंडा करने पर पुनः अमोनियम क्लोराइड में परिवर्तित हो जाता है।
NH4Cl ⇌ NH3 + HCl
(2) फास्फोरस पेंटाक्लोराइड को गर्म करने पर यह फास्फोरस ट्राई क्लोराइड व क्लोरीन में वियोजित होता है लेकिन ठंडा करने पर पुनः फास्फोरस पेंटाक्लोराइड बनाते हैं।
PCl5 ⇌ PCl3 + Cl2
इन अंतरों को भी पढ़ लीजिये
भौतिक और रासायनिक परिवर्तन में अंतर
विद्युत अपघटनी वियोजन /आयनिक वियोजन क्या है (electrolytic dissociation)
जब विद्युत संयोजक यौगीको या विद्युत अपघट्य को जल में घोला जाता है तब ये धनायन तथा ऋणायन में विभक्त हो जाते हैं।
अभिक्रिया को विद्युत अपघटनी वियोजन या आयनिक वियोजन कहते हैं।
विलायक (जल) को हटा लेने पर धनायन और ऋणायन आपस में संयोग करके पुनः मूल यौगिक बनाते हैं।
यह क्रिया उत्क्रमणीय अभिक्रिया है।
जैसे
(1) मैग्नीशियम क्लोराइड को जल (विलायक) में घोलने पर यह मैग्नीशियम तथा कैल्सियम आयन में वियोजित हो जाता है। यदि जल को वाष्प के रूप में अलग कर दे तो हमे मैग्नीशियम क्लोराइड पुनः प्राप्त हो जाता है।
MgCl2 ⇌ Mg2+ + Cl2-
(2) सोडियम फ्लोराइड को जल में घोलने पर या सोडियम तथा कैल्सियम आयोजित हो जाता है जल को आज के रूप में अलग करने पर पुनः सोडियम क्लोराइड प्राप्त होता है
NaCl ⇌ Na+ + Cl-
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उष्मीय वियोजन तथा विद्युत अपघटनी वियोजन में अंतर
क्र०सं० | उष्मीय वियोजन | विद्युत अपघटनी वियोजन |
1 | यह ताप बढ़ाने से होता है। | आयनिक वियोजन पदार्थ को जल में घोलने से होता है। |
2 | इससे प्राप्त उत्पाद के अणु उदासीन होते हैं। | अणु आवेशित कण(आयन) प्राप्त होते है। |
3 | इस वियोजन से प्राप्त उत्पाद विसरण द्वारा पृथक किये जा सकते हैं। | प्राप्त उत्पाद विद्युत धारा द्वारा पृथक किये जा सकते है। |
4 | उष्मीय वियोजन के लिए माध्यम (जल) आवश्यक नहीं है। | आवश्यक है। |
5 | उदाहरण NH4Cl ⇌ NH3 + HCl | उदाहरण MgCl2 ⇌ Mg2+ + Cl2- |
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प्रश्न – 1 – वियोजन अभिक्रिया कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर – दो ( उष्मीय वियोजन और विद्युत अपघटनी वियोजन )
प्रश्न – 2 – किस वियोजन अभिक्रिया में प्राप्त उत्पाद के अणु उदासीन होते हैं ?
उत्तर – उष्मीय वियोजन
प्रश्न – 3 – किस वियोजन अभिक्रिया में प्राप्त उत्पाद के अणु आवेशित होते हैं ?
उत्तर – विद्युत अपघटनी वियोजन
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