कुछ प्रमुख सर्च इंजन,ईमेल,चैटिंग ऐप का परिचय : गूगल, बिंग, याहू,फेसबुक, ट्विटर आदि

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Introduction to some major search engines / चैटिंग ऐप का परिचय

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सर्च इंजन (Search Engine)

“सर्च इंजन’ (Search Engine) एक ऐसी तकनीक है, जिसके द्वारा किसी भी विषय से सम्बन्धित विश्वव्यापी सूचनाएं सरलता तथा शीघ्रता से प्राप्त की जा सकती हैं। भारत में सर्वप्रथम सर्च इंजन; सन् 1994 में ‘याहू’ (Yahoo) नाम से बनाया गया था। वर्तमान समय में इन्टरनेट पर लगभग 100 से भी अधिक सर्च इंजन हैं; परन्तु एक भी सर्च इंजन ऐसा नहीं है, जो सभी जानकारियाँ पूर्ण रूप से प्रदान कर सके। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सर्च इंजन एक प्रकार का प्रोग्राम होता है, जिसे समय- समय पर अद्यतन (update) किया जाना चाहिए।

सर्च इंजन को अद्यतन करने में समय लगता है तथा इस बीच की नई जानकारियों को तत्सम्बन्धित सर्च इंजन द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता। अतः कोई भी सर्च इंजन ऐसा नहीं है, जो इन्टरनेट पर उपलब्ध सभी जानकारियों को एक ही समय पर सुलभ करा सके। इन्टरनेट एक बहुत विस्तृत तथा विश्वव्यापी जाल है। इसलिए सर्च इंजन भी शक्तिशाली तथा तेज गति से काम करने वाले होने चाहिए। इन्टरनेट का एक बहुत बड़ा भाग; लगभग नियमित रूप से अद्यतन (update) किया जाता है, क्योंकि प्रतिदिन सेकड़ों की संख्या में नई वेबसाइट्स इन्टरनेट पर उदित होती हैं। इस प्रकार, इन्टरनेट को सर्च इंजन की सहायता के बिना प्रयुक्त नहीं किया जा सकता।

कुछ प्रसिद्ध सर्च इंजन (Some Famous Search Engines)

गूगल ( google )

गूगल सर्च इंजन की रूपरेखा वर्ष 1996 में दो पी. एच-डी. के छात्रों ने तैयार की थी। इसे वर्ष 1997 में रजिस्टर किया गया तथा वर्ष 1998 में एक प्रतिष्ठित कम्पनी द्वारा अधिकृत कर लिया गया। गूगल वर्तमान में एक बहुप्रतिष्ठित अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनी है। इसके द्वारा ही विश्व में सूचनाओं की खोज करने के लिए “गूगल” सर्च इंजन अधिकृत है। गूगल पर सर्च द्वारा आप चित्रों,आँकड़ों व लिखित सूचनाओं को प्राप्त कर सकते हैं। गूगल सर्च इंजन का प्रयोग विश्व के हर कार्यशील क्षेत्र में किया जा रहा है। इसके द्वारा छात्र शिक्षा सम्बन्धी गूगल सर्च एक वेब खोज इंजन की सबसे लोकप्रिय सेवा है।

वर्ष 2009 में एक शोध के अनुसार गूगल संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के बाजार में प्रमुख खोज इंजन है, जिसकी बाजार में लगभग 65-6% की हिस्सेदारी है। गूगल अरबों वेब पृष्ठों को अनुक्रमित करता है, ताकि उपयोगकर्ता, खोज पृष्ठों और ऑपरेटरों के प्रयोग के माध्यम से सही जानकारी की खोज कर सकें । इसकी लोकप्रियता के बावजूद गूगल सर्च को कई संगठनों से आलोचना मिली है। वर्ष 2003 में न्यूयार्क टाइम्स ने अनुक्रमण के बारे में शिकायत की, उसने अपने साइट से सामग्री की गूगल कैशिंग को उस सामग्री पर लागू उनके कॉपीराइट का उल्लंघन बताया। इस मामले में नेवादा के संयुक्त राज्य जिला न्यायालय ने फील्ड बनाम गूगल और पार्कर बनाम गूगल का फैसला गूगल के पक्ष में सुनाया। इसके अलावा प्रकाशन 2600 : द हैकर क्वार्टी ने उन शब्दों की एक ऐसी सूची तैयार की है जिनमें इस दिग्गज कम्पनी की नई त्वरित (instant) खोज सुविधा खोज नहीं करेगी।

गूगल वॉच ने गूगल पेजरँक एल्गोरिथम की आलोचना करते हुए कहा कि यह नई वेबसाइटों के खिलाफ भेदभाव और स्थापित साइटों के पक्ष में है और गूगल और एनएसए और सीआईए के बीच सम्बन्ध होने का आरोप लगाया । आलोचना के बावजूद बुनियादी खोज इंजन विशिष्ट सेवाओं, जैसे कि छवि खोज इंजन, गूगल समाचार खोज साइट, गूगल मैप्स और अन्य सहित फैल गया है। वर्ष 2006 की शुरुआत में कम्पनी ने गूगल वीडियो का शुभारम्भ किया। जिसका प्रयोग उपयोगकर्ता वीडियो अपलोड करने, देखने में कर सकते हैं। गूगल सर्च इंजन संचालक कम्पनी गूगल ने हाल ही में सैन फ्रांसिस्को में मुक्त वायरलेस ब्रॉडबैण्ड सेवा (इन्टरनेट सेवा) अर्थलिंक की सहायता से देने की घोषणा की है। गूगल सर्च इंजन का शिक्षा तथा अधिगम में बहुतायत उपयोग हो रहा है।

इसके माध्यम से आज छात्र अपनी शिक्षण अधिगम सामग्री की खोज सरलता से कर पाते हैं। वहीं शिक्षक अपनी शिक्षण विधियों में व्यापक सुधार कर सकते हैं। विश्व में होने वाले अनेक शैक्षिक अनुसन्धानों का विवरण भी गूगल पर उपलब्ध होता है। अमेरिका में होने वाले शैक्षिक अनुसन्धानों का विवरण भी गूगल पर उपलब्ध होता है। अमेरिका में होने वाले शैक्षिक अनुसन्धान का उपयोग भारत में बैठा हुआ शिक्षक सरलता से कर सकता है। इस प्रकार गूगल एक महत्वपूर्ण एवं उपयोगी सर्च इंजन है। इसकी प्रसिद्धि भारत सहित अनेक देशों में है। इसके द्वारा सूचनाएँ उपलब्ध कराने का कार्य हिन्दी भाषा में ही नहीं किया जाता वरन् अन्य भाषाओं में भी सूचनाएँ उपलब्ध करायी जाती हैं। इसके माध्यम से व्यावसायिक आँकड़े प्राप्त करके उद्योगपति अपने व्यापार को उपयोगी एवं विकसित करने में सहायता प्राप्त करते हैं। वर्तमान समय में इसकी सूचनाओं एवं सामग्री से सम्पूर्ण विश्व लाभान्वित हो रहा है।

वर्ष 2006 में इसका हैड क्वार्टर अमेरिका में कैलीफोर्निया में स्थापित किया गया । इस स्थान का नाम माउण्ट व्यू था तथा इस कॉम्पलैक्स का नाम गूगल कॉम्पलैक्स रखा गया। इसके पश्चात् इसके द्वारा विभिन्न प्रकार की सूचनाओं के आदान-प्रदान के कारण इसकी प्रसिद्धि गूगल सर्च इंजन के रूप में हो गयी । इसकी ऑनलाइन सेवाओं में वृद्धि हो गयी। इसके द्वारा जीमेल, सामाजिक नेटवर्किंग तथा अन्य प्रकार की कार्यालय सम्बन्धी सेवाएँ प्रारम्भ की गयीं। इसके बाद गूगल कम्पनी द्वारा वेब ब्राउजिंग का कार्य किया गया। इसके द्वारा क्रोमबुक का प्रारम्भ किया गया । वर्तमान में इसका प्रमुख ब्राउजर क्रोम है। इसके साथ-साथ ही गूगल-कम्पनी के ऑनलाइन सेवा के साथ-साथ हार्डवेयर के क्षेत्र में भी प्रेवश किया।

वर्ष 2007 तक गूगल ने लाखों की संख्या में सर्वर एवं आँकड़े केन्द्रों को अपने आप से सम्बद्ध कर लिया । गूगल के पास करोड़ों की संख्या में खोजने की सूचनाएँ आने लगीं। इसके प्रयोग कर्ताओं की संख्या में भी तीव्र गति से वृद्धि होने लगी। वर्ष 2011 तक गूगल एक ऐसा सर्च इंजन बन गया जिसके द्वारा सर्वाधिक खोज सम्बन्धी कार्यों को सम्पन्न किया जाने लगा। आज भी गूगल सर्च इन्जन का नाम कम्प्यूटर जगत् से सम्बद्ध प्रत्येक व्यक्ति की चर्चा में देखा जाता है। वर्तमान समय में इसने आय अर्जित करने के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व वृद्धि की है।

बिंग ( bing )

बिंग भी एक खोजी इंजन है। इसका प्रयोग भी गूगल की ही भाँति
आँकड़ों व सूचनाओं की खोज करने में किया जाता है। बिंग सर्च इंजन की रूपरेखा माइक्रोसाफ्ट कम्पनी द्वारा तैयार की गयी। कुछ समय पहले इसे लाइव सर्च इंजन के नाम से भी जाना जाता था। वर्ष 2012 में माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी द्वारा घोषणा की गयी कि वह एक ऐसा सर्च इन्जन तैयार करेगी जिसमें साइड बार होगा तथा उसके अन्दर ऐसी व्यवस्था होगी जिसे सभी प्रयोगकर्ता इसका उपयोग सामाजिक नेटवर्किंग के क्षेत्र में व्यापक रूप से कर सकेंगे ।

वर्तमान समय में इसके द्वारा अनेक प्रकार की व्यवस्थाओं से अपने आपको सम्बद्ध किया गया है। जैसे—इसके द्वारा फेसबुक तैयार की जा सकती है, इससे हॉटमेल प्राप्त किये जा सकते हैं, इसका उपयोग विण्डोज 8 पर किया जा सकता है एवं विविध प्रकार की सेवाएँ उपलब्ध करायी जाती हैं। वर्ष 2013 में माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी द्वारा बिंग को एक नवीन स्वरूप देकर प्रस्तुत किया। इसकी डिजायन को मैट्रो का नाम दिया गया। वर्तमान समय में यह सर्च इन्जन कार्य कर रहा है तथा इसका स्वामित्व माइक्रोसॉफ्ट कमपनी के पास माना जाता है। वर्तमान समय में यह एक वेब सर्च इन्जन के रूप में कार्य कर रहा है। इसकी वेबसाइट www.bing.com है। इसका उपयोग व्यपारिक क्षेत्र में हो रहा है। वर्तमान समय में इसके द्वारा 40 भाषाओं में प्रस्तुतीकरण की प्रक्रिया उपलब्ध है।

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याहू (yahoo)

‘याहू’ सर्च इंजन का उदय सन् 1994 में हुआ था। यह इण्टरनेट
पर उपल्ब्ध सभी वेबवाइटों का संगठित रूप है, जो छोटे-छोटे भागों में विभाजित है। इन्हें अद्यतन (update) करने के लिए कमाण्ड देने की आवश्यकता होती है। कुछ सर्च इंजन्स एक निश्चित समय के पश्चात् अपने आप ही अद्यतन (update) होते रहते हैं। याहू’ निःशुल्क ई-मेल की सुविधा भी उपलब्ध कराता है। इसके माध्यम से याहू डायरेक्ट्री, याहू न्यूज एवं याहू ग्रुप की सुविधाएँ उपलब्ध करायी जाती हैं। इन सुविधाओं में रुचि रखने वाले व्यक्ति इनसे जुड़ सकते हैं; जैसे—याहू से जुड़कर व्यक्ति के विभिन्न प्रकार की अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक सूचनाओं एवं समाचारों का ज्ञान प्राप्त कर सकता है ।

वर्तमान समय में धन की प्रत्येक कार्य में आवश्यकता होती है। याहू फाइनेन्स की सेवा के माध्यम से आर्थिक जगत् एवं आर्थिक व्यवस्था सम्बन्धी समस्त जानकारी सरलता से उपलब्ध होती है। याहू के माध्यम से ही विविध प्रकार के प्रश्नों के उत्तर भी प्राप्त किये जा सकते हैं। याहू के माध्यम से विज्ञापन का भी कार्य किया जाता है। इसका उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है। इसलिये किसी भी उत्पाद सम्बन्धी सूचना को यदि इसकी वेवसाइट पर डाल दिया जाये तो उत्पाद की व्यापक एवं उपयोगी सूचना करोड़ों लोगों तक पहुँच जायेगी । इस प्रकार याहू के विज्ञापन द्वारा उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा दिया जा सकता है। याहू के माध्यम से विविध प्रकार के मानचित्र, चित्र एवं चित्रात्मक सामग्री को प्राप्त किया जा सकता है।

ई-मेल (E-Mail)

‘ई-मेल’ का अर्थ है. ‘इलेक्ट्रॉनिक मेल’; अर्थात् ‘इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान’ । ई-मेल के द्वारा कोई भी व्यक्ति नेटवर्क से जुड़े किसी भी व्यक्ति को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सन्देश प्रेषित कर सकता है अथवा उसका सन्देश प्राप्त कर सकता है। साधारण डाक से सन्देशों के आदान-प्रदान में पर्याप्त समय व्यतीत हो जाता है तथा सन्देशों की गोपनीयतां और सुरक्षा को भी खतरा होता है। कभी-कभी सन्देशों के समय पर न पहुंचने से अथवा खो जाने से उनकी उपयोगिता भी समाप्त हो जाती है। परन्तु ई-मेल में ऐसा नहीं होता, क्योंकि इस माध्यम में सर्वप्रथम सन्देशों या सूचनाओं को, इलेक्ट्रॉनिक रूप से कम्प्यूटर पर तैयार किया जाता है। तत्पश्चात् उन्हें विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों के द्वारा स्थानान्तरित किया जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से किसी व्यक्ति द्वारा प्रेषित सन्देश, कुछ ही क्षणों में प्राप्तकर्ता तक पहुँच जाता है।

ई-मेल सिस्टम में कम्प्यूटर की स्मृति का एक भाग; ई-मेल के लिए आरक्षित किया जाता है। यह भाग; छोटे-छोटे उपभोगों में विभाजित होता है, जो भिन्न-भिन्न सन्देशकर्ताओं के लिए निश्चित एवं आरक्षित होता है। इन्हें ‘मेल बॉक्स’ कहा जाता है। प्रत्येक प्रयोगकर्ता द्वारा प्रयुक्त किए जाने वाले मेल बॉक्स का एक निश्चित पता होता है। सन्देश प्राप्तकर्ता किसी भी समय मेल बॉक्स से सम्बन्धित मेल को अथवा सन्देश को प्राप्त कर सकता है। भिन्न-भिन्न मेल बॉक्स को किसी विशेष पासवर्ड द्वारा खोला अथवा बन्द किया जा सकता है। इस पासवर्ड की जानकारी केवल उपयोगकर्ता को ही होती है; अतःसन्देशों की गोपनीयता बनी रहती है। ई-मेल के माध्यम से एक ही सन्देश को अलग-अलग स्थानों पर पहुँचाया जा सकता है।

कम्प्यूटर द्वारा ई-मेल करने की कीमत; सभी स्थानों पर एक समान होती है,चाहे वह एक शहर में, एक देश में अथवा एक विश्व में कहीं भी भेजा जा रहा हो। इन्टरनेट पर ‘फ्री ई-मेल सर्विस’ के लिए माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी द्वारा ‘ई-मेल सर्विस’ hotmail.com सर्व प्रचलित है। साथ ही ई-मेल, प्रक्रिया में अन्य सर्व प्रचलित सेवाएँ जी-मेल (G-Mail) तथा याहू मेल (Yahoo Mail) हैं।

(1) याहू मेल (Yahoo Mail)-यह भी जी-मेल के समान ही संदेशों को इस विशेष मेल आईडी द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति की मेल-आई डी तक भेजने की प्रक्रिया है। इसकी प्रायोगिक यू आर आई (URI) http://mail.yahoo.com/mail है।

(2) जी-मेल (G-Mail)-जी-मेल सेवा गूगल के द्वारा सभी को उपयोग हेतु उपलब्ध करायी गयी है । कुछ प्रमुख स्थानों पर इसे गूगल मेल भी कहा जाता है। जी मेल में व्यक्ति को हिन्दी व अंग्रेजी दोनों में लिखने की सुविधा उपलब्ध है। वर्ष 2004 में गूगल द्वारा सर्वप्रथम इस सेवा को जन साधारण हेतु स्वीकृति दी गई। वर्तमान में जी-मेल की प्रायोगिक यू आर आई (URI) http://mail.google.com/mail/ है । जी मेल के संचालन हेतु उपयोगकर्ता को सर्वप्रथम इससे यूआरएल द्वारा जी-मेल वेब पेज को ओपन करना होता है इसके पश्चात् उपयोगकर्ता को अपनी जी-मेल आई डी तथा पासवर्ड डालना होता है। उसके बाद ही वह मेल सेवा का लाभ उठा सकता है। जी-मेल सेवा में उपयोगकर्ता टाइप किये गये मेल मैसेज के साथ कोई भी सूचना सम्बन्धी फाइल को अटैच करके मेल कर सकता है। विश्व की लगभग तिहाई जनसंख्या इस सेवा का उपयोग कर रही है।

चैटिंग (Chatting)

चैटिंग दो व्यक्तियों या अधिक व्यक्तियों द्वारा इन्टरनेट वेब के माध्यम से की जाने वाली एक सतत् सम्प्रेषण प्रक्रिया है। कम्प्यूटर में इन्टरनेट द्वारा चैटिंग में मात्र सामान्य चैटिंग (प्रत्यक्ष वार्तालाप) से अन्तर इतना है कि इसमें बोलने की जगह अपनी बात को टाइप करना होता है तथा उत्तर भी टाइपिंग द्वारा ही प्राप्त होती है। प्रायः वर्तमान चैटिंग करने के लिए उपयोगकर्ता फेसबुक, एमएसएन, याहू मैसेन्जर और भी कई Apple मैसेजेस, गूगल टॉक, वेब चैट, वॉट्सअप, पॉलटॉक आदि चैटिंग सॉफ्टवेयर तथा प्रोटोकॉल्स प्रचलित हैं। हम यहाँ मात्र एमएसएन, याहू मैसेन्जर तथा फेसबुक व वॉट्सअप जैसे सॉफ्टवेयर या चैटिंग प्रोटोकॉल्स का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

(1) एम एस एम

यह एक प्रचलित चैटिंग मैसेन्जर है । इसकी शुरुआत वर्ष
1999 में एक सर्च इंजन के रूप में हुई थी। MSN 9 MSN डायल-अप इन्टरनेट प्रयोग लिए विशेष सॉफ्टवेयर का अंतिम संस्करण था। लेकिन कुछ वर्षों बाद इसे MSN. com में परिवर्तित कर दिया गया। इन्टरनेट में आयी तेजी और विकास को देखते हुए ‘MSN क्लासिक’ ने अपने एक नये संस्करण ‘MSN 20’ का आविष्कार किया। इसके द्वारा व्यक्ति कम व्यय पर चैटिंग सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। इसका प्रयोग भी “गाहू मैसेन्जर” के समान किया जाता है।

इसके संचालन के लिए व्यक्ति को कम्प्यूटर में इन्टरनेट के माध्यम से वेब पेज लिंक को ओपन किया जाता है। फिर उपयोगकर्ता द्वारा एक. विशेष पहचान (आईजी) और पासवर्ड (संख्या या शब्दों के रूप में) को डालना होता है। चैटिंग के लिए दूसरे व्यक्ति द्वारा भी इसी प्रक्रिया को दोहराया जाता है। फिर पहले या दूसरे उपयोगर्ता द्वारा एक-दूसरे को चैटिंग आप्शन में सलैक्ट किया जाता है। तत्पश्चात् चैटिंग प्रारम्भ हो जाती है। एम एस एन (MSN) में चैटिंग करने के लिए उपयोगकर्ता को अपनी बात टाइप करके लिंक्ड किये दूसरे व्यक्ति की आई-डी पर सैन्ड (Send) करनी होती है तथा उसके द्वारा पहल की गयी वार्तालाप का जवाब भी उसे टाइप के माध्यम से ही प्राप्त होता है । इस प्रकार MSN द्वारा चैटिंग प्रक्रिया सम्पूर्ण होती है। वर्तमान में इसे NET Messenger के रूप में भी जाना जाता है।

(2) याहू मैसेन्जर

याहू मैसेन्जर याहू द्वारा अधिकृत सेवा है। यह एक विज्ञापन समार्थिक प्रोटोकाम्ल है। इसे कोई भी उपयोगकर्ता निःशुल्क डाउनलोड कर सकता है । याहू का तुरन्त सूचना या संदेश भेजने का मैसेन्जर 9.0 बीटा विण्डोज है जो कि बहुत अधिक प्रचलित है। उपयोगकर्ता इसे विण्डोज XP तथा user दोनों पर उपयोग (संचालित) कर सकते हैं। इस संस्करण को विश्व भर के जो छह देश अपनी स्थानीय भाषाओं में प्रयोग कर पाएँगे वे हैं-भारत, मलेशिया, फिलीपीन्स, इण्डोनेशिया, थाईलैण्ड, वियतनाम,मलेशिया और भारत के उपभोक्ता हिन्द में चैट कर पाएंगे।

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यह एक नये अवतार में हैं और चाहें तो कई रंग के थीम भी चुन सकते हैं। अवतार और स्टेटस के मैसेज अब बायीं ओर कॉन्टैक्क्ट्स के नामों के बराबर में देखे जा सकते हैं। नये इमोटिकॉन देखने में बहुत अच्छे लगते हैं। मैसेन्जर 9.0 द्वारा वीडियो, फोटो आदान प्रदान की सुविधा जैसे यू-ट्यूब,फ्लिकर आदि में वीडियो और तस्वीरों का आदान-प्रदान सुविधाजनक किया जा सकता है । इस पर कॉल फॉरवर्ड करने का विकल्प भी है। अतः अपने कम्प्यूटर के पास न भी हों तब भी लोगों के सम्पर्क में रह सकते हैं। वॉसइ मेल, ई-मेल के जरिए एमपी 3 के अटैचमन्ट के रूप में मिल जाएँगे । इस मैसेन्जर में सिमैन्टेक के नॉर्टन एंटीवाइरस की मदद से फाइल स्थानान्तरित करना पहले से ज्यादा आसान व सुरक्षापूर्ण लगता है।

इन्टरनेट कॉलिंग (Internet Calling)

सामान्यतः आपने लोगों को मोबाइल फोन एवं लैंडलाइन के माध्यम से बातचीत करते देखा होगा। लेकिन यदि व्यक्ति द्वारा इन्टरनेट तथा कम्प्यूटर के माध्यम से किसी दूसरे सुदूर स्थित व्यक्ति से बातचीत की जाती है तो यह प्रक्रिया “इन्टरनेट कॉलिंग” कहलाती है। आज लगभग 80 से 90 प्रतिशत साक्षर व्यक्तियों द्वारा इस सेवा का लाभ उठाया जा रहा है। यह सेवा मितव्ययी है। इस प्रक्रिया के संचालन हेतु मख्यरूप से दो अवयवों की आवश्यकता होती है-कम्प्यूटर सिस्टम तथा इन्टरनेट सेवा । इन्टरनेट कॉलिंग के क्षेत्र में मुख्य रूप से स्काई-पे सॉफ्टवेयर की भूमिका कुछ इस प्रकार है-

इन्टरनेट कॉलिंग में स्काईप का प्रयोग (Use of Skype in Internet Calling)

स्काईपे सेवा द्वारा व्यक्ति को बिना किसी खर्च के वार्तालाप करने की सुविधा प्राप्त हो जाती है। यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो इन्टरनेट कॉलिंग बिना शुल्क के करने की सुविधा प्रदान करता है। यह सेवा माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी द्वारा अधिकृत है। स्काईपे की विशेषताएँ हैं-
‘स्काइपेकास्टिंग’ नामक एक स्थगित फीचर, स्काइप वॉइस ओवर IP वॉइस कॉल्स को रिकॉर्ड करने और टेलीकॉन्फ्रेंसों का प्रयोग पॉडकास्ट्स के रूप में करने की अनुमति प्रदान करता था जो ऑडियो या वीडियो सामग्री को इण्टरनेट पर संगठित करने की अनुमति प्रदान करता है।

स्काइप ने अपनी ‘स्काइपकास्ट्स वीटा’ सेवा का शुभारम्भ वर्ष 2006 में किया। यह अन्त तक अपने बीटा में ही रहा। स्काइपकास्ट्स एक बार में 100 लोगों तक के पब्लिक कॉन्फ्रेंस कॉलों की मेजबानी करता था । साधारण स्काइप pp कॉन्फ्रेंस कॉलों के विपरीत स्काइपकास्ट्स, पैनल के विचार-विमर्श, व्याख्यान और टाउन हॉल के फोरमों के लिए उपयुक्त मॉडरेशन फीचर्स का समर्थन करता था। स्काइप, सार्वजनिक स्काइपकास्ट्स की एक निर्देशिका को संचालित करता था। वर्ष 2008 को स्काइप ने घोषणा की कि स्काइपकास्ट्स वर्ष 2008 के आरम्भ में बन्द हो जायेगा। स्काइपकॉस्ट को बिना किसी ठोस विवरण के वर्ष 2008 को 12:00 UTC बजे बन्द कर दिया गया।

इन्टरनेट कॉलिंग सॉफ्टवेयर स्काईप द्वारा इन्टरनेट कॉलिंग की व्यवस्था कम्प्यूटर पर संचालित की जाती है । इसमें स्काइप सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है। इसका वास्तविक नाम स्काई पीर-से-पीर (Sky peer to peer) है। इन्टरनेट कॉलिंग सॉफ्टवेयर स्काईप द्वारा रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं को मैसेजिंग की सुविधा एवं वॉइस कॉल करने की सुविधा प्रदान करती है। इसके साथ-साथ इसके उपभोक्ता आपस में किसी भी उपयोगी एवं रुचिपूर्ण विषय पर कॉन्फ्रेन्स भी कर सकते हैं। इन्टरनेट कॉलिंग सॉफ्टवेयर स्काइप उपभोक्ता अपने कम्प्यूटर पर फोन कॉल भी प्राप्त कर सकते हैं तथा अस्थायी नम्बरों पर डायल कर सकते हैं। जो कि स्काइप से सम्बन्धित हैं ।

स्काइप में लोकल फोन नम्बर की सुविधा अनेक देशों में उपलब्ध हैं; जैसे-ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्राजील, चिली, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग,हंगरी, आयरलैण्ड एवं जापान आदि । स्काइप सेवा द्वारा एक ही समय में अधिकतम पच्चीस व्यक्तियों के साथ कॉन्फ्रेन्स सुविधा प्राप्त की जा सकती है जो कि अपने आप में एक महत्त्वपूर्ण सुविधा मानी जाती है। इसके साथ स्काइप दो लोगों के मध्य वीडियो चैट का कोई शुल्क नहीं लेता। इस प्रकार सम्पूर्ण विश्व के लिये विविध प्रकार की आकर्षक सुविधाएँ उपलब्ध करायी गयी हैं जो कि इसकी प्रसिद्धि में वृद्धि करती हैं।

इन्टरनेट कॉलिंग सॉफ्टवेयर, स्काइप द्वारा इमरजेन्सी कॉल नम्बर पर कॉल करने की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है; जैसे-स्काइप का प्रयोग करने वाला व्यक्ति यूरोप में 112 नम्बर पर, उत्तरी अमेरिका में 911 नम्बर पर, भारत एवं नेपाल में 100 नम्बर पर कॉल नहीं कर सकता। इस प्रकार के नम्बरों पर इसका कॉल प्रतिबन्धित है। इस सेवा का उपयोग शिक्षा, गृह, सरकार एवं कॉरपोरेट जगत् में प्रतिबन्धित करने की सलाह दी क्योंकि इनका मानना था कि निःशुल्क कॉलिंग एवं अन्य सुविधाओं से संसाधनों का दुरुपयोग होने की सम्भावना होती है।

सोशल नेटवर्किंग (Social Networking)

Social networking के क्षेत्र में प्रायः वह सभी क्षेत्र आता है जो एक आम आदमी का सामाजिक परिवेश होता है। व्यक्ति अब फेसबुक, ट्विटर, गूगल समूह तथा एमएसएन के माध्यम से जुड़ा होता है। तो इस प्रक्रिया को “सोशल नेटवर्किंग” कहा जाता है। वर्तमान में सामान्य तथा सेलिब्रिटी व्यक्ति द्वारा सोशल नेटवर्किंग का बहुतायत में प्रयोग किया जा रहा है। वह अपने विचार फेसबुक तथा ट्विटर के माध्यम से सम्पूर्ण समाज में फैला देते हैं। सोशल साइट्स पर व्यक्ति अपना सम्पूर्ण विवरण अथवा एक मुख्य पेज बनाकर उस पर अपलोड कर देते हैं। जिससे कि व्यक्तित्व को पहचान सकें।

सोशल नेटवर्किंग द्वारा आज समाज में कई प्रकार के संगठन कार्य कर रहे हैं जो कि समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से व्यक्ति जन-साधारण को जागरूक करने का कार्य आसानी से कर सकते हैं। प्रायः आज कम्पनियाँ भी सोशल साइट्स पर अपना पेज अपलोड कर रही हैं जिससे कि व्यक्तियों में उनकी पहचान बढ़ सके। सोशल नेटवर्किंग में कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रह गया है। सोशल नेटवर्किंग के क्षेत्र में बहु-प्रचलित साइट्स हैं-

(1) फेसबुक

फेस बुक का अर्थ होता है – चेहरे की पुस्तकें’ जिसका गूढ़ अर्थ हुआ एक ऐसा पेज जिस पर प्रत्येक उपयोगकर्ता के व्यक्तित्व का स्पष्ट प्रदर्शन हो जाए, एक खुली किताब की तरह । क्योंकि यह नेटवर्किंग साइट है, इसके जरिए दोस्त बनाने तथा उन्हें सन्देश भेजने का कार्य किया जाता है। फेसबुक का सदस्य स्वयं के फोटे व अन्य जानकारी के साथ एक वेब पेज तैयार करता है तथा अपने बारे में वर्तमान की घटनाओं से अवगत कराता है।

इसके द्वारा हम दोस्तों व परिचितों के बारे में नयी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तथा नये दोस्त भी बना सकते हैं। 13 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति इसका सदस्यता प्राप्त कर अपना एकाउन्ट बना सकता है। फेसबुक का आरम्भ वर्ष 2004 में मार्क जुकरबर्ग द्वारा किया गया तथा इसे Facebook Inc कम्पनी द्वारा चलाया व नियन्त्रित किया जाता है। फेसबुक सोशल नेटवर्किंग के क्षेत्र में बहु-प्रचलित साइट बन गयी है क्योंकि इसे व्यक्ति अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड कर अपना एकाउन्ट बड़ी आसानी से बना लेते हैं तथा किसी सूचना या संदेश को जन-सामान्य तक अपने पेज पर अपलोड करके आसानी से पहुँचा सकते हैं। फेसबुक का संचालन आप हिन्दी में भी कर सकते हैं।

(2) ट्विटर (Twitter)

ट्विटर भी एक बहु प्रचलित सोशल नेटवर्किंग साइट है। वर्तमान समय में इन नेटवर्किंग साइट क सेलिब्रिटी पर्शन्स द्वारा अधिक प्रयोग किया जा रहा है। हर दिन किसी न किसी सेलिब्रिटी द्वारा अपने ट्विटर एकाउन्टस से जन-सामान्य के लिए कोई न कोई संदेश प्रेषित किया जाता है। इसे माइक्रोब्लामिंग भी कहा जाता है । यह इन्टरनेट के जरिये दुनियाभर में अपने मित्रों, शुभचिन्तकों या फॉलोवर्स को ट्विट या सन्देश भेजने का सुविधाजनक व तीव्र जरिया है। ट्विट टैक्स्ट का छोटा सन्देश है, जिसमें अधिकतम 140 अक्षर हो सकते हैं। ट्विट को उपयोगकर्ता या ऑर्थर के ट्विटर के मुख्य पेज पर प्रदर्शित किया जाता है। किसी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उस साइट पर जाने वालों को फालोअर्स कहा जाता है।

ट्विटर का उपयोग किसी विषय पर फालोअर्स की राय जानने, उन्हें सन्देश पहुँचाने, पसंदीदा मित्र बनाने, मनोरंजन तथा विज्ञापन आदि के लिये किया जा रहा है। ट्विटर वर्तमान संसार की सर्व प्रचलित वेबसाइटों की सूची में 26वें स्थान पर है। ट्विटर संचालन की प्रक्रिया-ट्विटर संचालन हेतु उपयोगकर्ता को फेसबुक की ही भाँति अपना एक पृष्ठ पेज बनाना पड़ता है। इसमें मुख्य भूमिका वेब ब्राउजर की रहती है। केवल व्यक्ति को ब्राउजर से अपना पाठ सन्देश भेजकर अपना ट्विटर खाता अद्यतित कर सकते हैं और ईमेल या फेसबुक जैसी प्रचलित सोशल साइट्स का संचालन भी कर सकते हैं। संसार भर में कई लोग एक घण्टे में कई बार अपना ट्विटर खाता अद्यतन करते रहते हैं। इस सन्दर्भ में कई विवाद भी उठे हैं क्योंकि कई लोग इस अत्यधिक संयोजकता को, जिस कारण उन्हें लगातार अपने बारे में ताजा सूचना देते रहनी होती है, बोझ समझने लगते हैं।

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पिछले वर्ष से संसार के कई व्यवसायों में ट्विटर सेवा का प्रयोग ग्राहकों को लगातर अद्यतन करने के लिए किया जाने लगा है। कई देशों में समाजसेवी भी इसका प्रयोग करते हैं। कई देशों की सरकारों और बड़े सरकारी संस्थानों में भी इसका अच्छा प्रयोग आरम्भ हुआ है। ट्विटर समूह भी लोगों को विभिन्न आयोजनों की सूचना प्रदान करने लगा है। अमेरिका में वर्ष 2008 के राष्ट्रपति चुनावों में दोनों दलों के राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने आम जनता तक इसके माध्यम से अपनी पहुँच बनाई थी। माइक्रोब्लॉगिंग सेलिब्रिटिश को लुभा रही है इसलिए ब्लॉग अड्डा ने श्री अमिताभ बच्चन के ब्लॉग के बाद विशेषकर उनके लिए माइक्रोब्लॉगिंग की सुविधा भी चालू करने का निर्णय लिया है |

ट्विटर संचालन में समस्याएँ-कुछ समय पहले ही इसके संचालन में कुछ असुरक्षा सम्बन्धी बातें सुनने में आयी थीं। इसके संचालन में साइबर आपराधिक असुविधा भी कई बार दृष्टिगत हो चुकी है। इसीलिए जन-सामान्य को यह सुझाव दिए गए हैं कि उन्हें अपने खाते का पासवर्ड कोई कठिन शब्द रखना चाहिए और सभी जगह एक ही का प्रयोग न करें। यदि उन्हें यह महसूस होता है कि उनके ट्विटर खाते में संदिग्ध सन्देश भेजे जा रहे हैं तो अपने पासवर्ड को तुरन्त बदल लें ।

इस तरह अपने ट्विटर खाते की सेटिंग्स या कनेक्शन एरिया भी जाँचें । यदि यदि वहाँ किसी थर्ड पार्टी की ऐप्लिकेशन संदिग्ध लगती है तो खाते को संचालित करने की आज्ञा न दें। ट्विटर ने भी सुरक्षा कड़ी करने हेतु पासवर्ड के रूप में प्रयोग होने वाले 379 शब्दों को निषेध कर दिया है। उनके अनुसार पासवर्ड के इन शब्दों के बारे में अनुमान लगाना सरल है । द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार ट्विटर ने ‘0786’ और Twitter’ जैसे शब्दों के पासवर्ड के रूप में प्रयोग को रोक दिया है।

(3) गूगल समूह (Google Group)

गूगल समूह का गणक वर्ष 2001 में डेजान्यूज के अधिग्रहण को बदलकर ग्रुप्स डॉट गूगल कॉम के रूप में किया गया । गूगल समूह, इंक की एक सेवा है जो सामान्य रुचि पर आधारित कई यूजनेट समाचार समूह सहित चर्चा समूह का समर्थन करती है। इस सेवा को वर्ष 1995 में डेजा समाचार की तरह शुरू किया गया था और वर्ष 2001 में की गई खरीद के बाद गूगल समूह में परिवर्तित किया गया। किसी भी बिन्दु की खोज करने से उत्तर परिणाम पहले पृष्ठ में वापस आ जाते थे। गूगल समूह का सदस्तया शुल्क नहीं है और कई गुमनाम हैं।

उपयोगकर्ता अपनी रुचि के अनुसार चर्चा समूह को खोज सकते हैं और वेब इंटरफेस के माध्यम से या ई-मेल के द्वारा क्रमवार बातचीत में भाग ले सकते हैं। वे एक नये समूह की भी शुरुआत कर सकते हैं । गूगल समूह में यूजनेट समाचार समूह पोस्टिंग के संग्रह भी जुड़े हैं साथ-ही सूजनेट समूह को पढ़ने और पोस्टिंग करने के लिए सपोर्ट करता है। उपयोगकर्ता ई-मेल के लिए मेलिंग सूची संग्रह को भी सेट कर सकते हैं जो कि कहीं मेजबानी करता हो।

गूगल की तरफ से दो भिन्न प्रकार की समूह व्यवस्था उपलब्ध है-(i)पारम्परिक यूजनेट समूह और (ii) यूजनेट समूह जो कि मेलिंग सूची से काफी समान है। इसका जो उत्तरार्द्ध प्रकार है उसका एक्सेस केवल वेब या ई-मेल द्वारा किया जा सकता है न कि NNTP द्वारा । गूगल समूह उपयोगकर्ता इण्टरफेस और मदद के सन्देश मेलिंग सूची शैली समूह के लिए एक अला नाम का उपयोग नहीं करते हैं, दोनों प्रकार के समूहों की शैलियों के लिए गूगल समूह के रूप सन्दर्भित किया जाता है। गूगल X-No आर्काइव हैडर को मान्यता देता है और सता दिनों के सन्देशों को प्रदर्शित करता है उसके बाद प्रयोक्ताओं के लिए लेख उपलब्ध नहीं होता । साथ ही गूगल “-” यूजनेट हस्ताक्षर सीमांकक यो नी मान्यता देता है और अन्त में महत्वपूर्ण स्पेस हटा देता है।

शिक्षा सम्बन्धी ऑनलाइन लिंक्स का संचालन (ACCESSING EDUCATION RELATED ONLINE LINKS)

वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में ऑनलाइन लिंक्स; यथा वेबसाइट, फेसबुक, ट्विटर, लिंकडिन आदि ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाना प्रारम्भ कर दिया है। आज कई वेबसाइटें शिक्षा से सम्बन्धित समस्याओं के निवारण तथा शिक्षा से जुड़ी नयी सूचनाओं, योजनाओं को प्रदर्शित कर रही हैं। छात्र तथा शिक्षक अपनी शिक्षा तथा शिक्षण से जुड़ी समस्याओं के निवारण हेतु शिक्षा सम्बन्धी वेबसाइटों की सहायता ले रहे हैं। वर्तमान में मानव विकास संसाधन मंत्रालय द्वारा शिक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों, एस. सी. ई. आर. टी. के शिक्षा उधार के कदमों तथा उत्तर प्रदेश की ओर से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् भी इन्हीं वेबसाइटों के संचालन द्वारा सम्बन्धित जानकारी को जन-सामान्य तक पहुँचाने में प्रयोग कर रहे हैं |

इस प्रकार फेसबुक द्वारा भी शिक्षा के जीर्णोद्धार पर विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। आज शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हर विभाग का फेसबुक पर अपना एक शिक्षा सम्बन्धी पेज उपलब्ध है। मानव विकास मंत्रालय, डाईट, एस. सी. ई. आर. टी. सभी ने फेसबुक पर अपना एक शिक्षा सम्बन्धी पेज बना लिया है। जिसमें कि शिक्षा से सम्बन्धित नयी योजनाओं, नीतियों को अपलोड करके जन-सामान्य तक पहुँचाया जा रहा है। इन सभी ने फेसबुक का सहारा लिया है क्योंकि यह सोशल नेटवर्किंग से जुड़ी है। आज हर व्यक्ति सोशल नेटवर्किंग की साइट्स से जुड़ा रहना चाहता है । फेसबुक पेज पर व्यक्ति को शिक्षा से जुड़े नये शोध कार्य, कार्यक्रमों तथा समाचारों या किसी व्यक्ति विशेष के विचार बहुत आसानी से प्राप्त हो जाते हैं।

इसी दिशा में प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने भी कदम उठाये हैं। उन्होंने भी प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने हेतु अपने सभी उद्देश्यों सम्बन्धी जानकारी, योजनाओं तथा कार्यप्रणाली से सम्बन्धित जानकारी को अपने फेसबुक पेज पर अपलोड कर दिया है । जिससे कोई भी व्यक्ति अपनी फेसबुक आई-डी तथा पासवर्ड द्वारा उसे खोलकर उन्हें पढ़ सकता है। ट्विटर जो कि सोशल नेटवर्किंग के क्षेत्र में बहुप्रचलित सेवा है इसके द्वारा भी शिक्षा के प्रचार प्रसार पर ध्यान दिया जा रहा है। सभी प्रतिष्ठित व्यक्ति या शिक्षा सम्बन्धी विभाग तथा उससे सम्बद्ध अधिकारी अपने ट्विटर पेज के माध्यम से समय-समय पर शिक्षा के महत्व तथा उससे जुड़े हुए पहलू पर संदेश देते रहते हैं। जिन्हें प्रत्येक सामान्य व्यक्ति बहुत ही आसानी से ट्विटर एकाउन्ट के माध्यम से पढ़ सकते हैं।

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