NPEGEL के कार्य एवं उद्देश्य / एन.पी.ई.जी.ई.एल. कार्यक्रम / प्रारम्भिक स्तरीय राष्ट्रीय बालिका शिक्षा परियोजना कार्यक्रम

बीटीसी एवं सुपरटेट की परीक्षा में शामिल शिक्षण कौशल के विषय प्रारंभिक शिक्षा के नवीन प्रयास में सम्मिलित चैप्टर NPEGEL के कार्य एवं उद्देश्य / एन.पी.ई.जी.ई.एल. कार्यक्रम / प्रारम्भिक स्तरीय राष्ट्रीय बालिका शिक्षा परियोजना कार्यक्रम आज हमारी वेबसाइट hindiamrit.com का टॉपिक हैं।

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NPEGEL के कार्य एवं उद्देश्य / एन.पी.ई.जी.ई.एल. कार्यक्रम / प्रारम्भिक स्तरीय राष्ट्रीय बालिका शिक्षा परियोजना कार्यक्रम

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9. प्रारम्भिक स्तरीय राष्ट्रीय बालिका शिक्षापरियोजना (एन.पी.ई.जी.ई.एल.)
National Project of Elementary Girls Education Level

प्रारम्भिक स्तरीय राष्ट्रीय बालिका शिक्षा परियोजना की संकल्पना सर्व शिक्षा अभियान के संशोधन के रूप में की गयी है। इसकी एक विशिष्ट पहचान है। इस परियोजना के द्वारा बालिका शिक्षा के लिये अतिरिक्त सुविधाएँ दी गयी हैं और इस परियोजना का लक्ष्य कक्षा 1 से कक्षा 8 तक की अपवंचित वर्ग की लड़कियों को प्रारम्भिक शिक्षा उपलब्ध कराना है।

एन.पी.ई.जी.ई.एल. का कार्यक्षेत्र निम्नलिखित प्रकार है-

आइए अब जानते है NPEGEL के कार्य एवं उद्देश्य

(1) शैक्षिक आधार पर पिछड़े हुए विकास खण्डों में। (2) जहाँ ग्रामीण स्त्री साक्षरता दर कम तथा लैंगिक अन्तराल (जैण्डर गैप) अधिक है। (3) उन विकास खण्डों में जहाँ कम से कम 5 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति की आबादी है और महिला साक्षरता दर 10 प्रतिशत से कम है। (4) चयनित मलिन बस्तियों में भी यह परियोजना संचालित है।

प्रारम्भिक स्तरीय राष्ट्रीय बालिका शिक्षा परियोजना की आवश्यकता

(1) जन समुदाय को बालिकाओं की शिक्षा के प्रति संवेदनशील तथा जागरूक बनाना। (2) प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को बालिका शिक्षा के उन्नयन तथा संवेदीकरण हेतु प्रशिक्षण
देना। (3) नामांकन तथा ठहराव में वृद्धि हेतु 3-6 वय वर्ग के बच्चों के लिये शिशु देख-रेख केन्द्र को विद्यालय परिसर में स्थापित करना।

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एन.पी.ई.जी.ई.एल. के उद्देश्य (Aims of National Project of Elementary Girls Education Level)

NPEGEL के कार्य एवं उद्देश्य इस प्रकार से हैं –

(1) प्रारम्भिक शिक्षा में लैंगिक अन्तराल को कम/दूर करना।

(2) प्रत्येक जनपद के निम्न महिला साक्षरता दर वाले विकास खण्ड/न्याय पंचायत स्तर पर एक विद्यालय को आदर्श संकुल विद्यालय (मॉडल क्लस्टर स्कूल) के रूप में विकसित किया जाय।

(3) चयनित आदर्श संकुल विद्यालय में शत-प्रतिशत नामांकन, ठहराव एवं गुणवत्ता में वृद्धि हेतु विशेष प्रयास करना।

(4) उच्च प्राथमिक स्तर पर बालिकाओं के लिये व्यावसायिक शिक्षा को विकसित करना।

(5) मुक्त विद्यालय के माध्यम से उच्च प्राथमिक स्तरीय शिक्षा हेतु प्रयास करना।

(6) शालात्यागी छात्रों विशेषकर बालिकाओं को ग्रीष्मकालीन शिविर के माध्यम से शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ना।

(7) चिह्नित छात्र/छात्राओं के लिये गणित, अंग्रेजी तथा विज्ञान आदि विषयों के लिये उपचारात्मक शिविर का संचालन करना।

(8) असेवित क्षेत्रों/बस्तियों की शिक्षा से वंचित बालिकाओं को सेतु शिविर (ब्रिज कैम्प) संचालित कर शिक्षित करना।

प्रारम्भिक स्तरीय राष्ट्रीयबालिका शिक्षा परियोजना की क्रियान्वयन इकाई

प्रारम्भिक स्तरीय राष्ट्रीय बालिका शिक्षा परियोजना के संचालन की क्रियान्वयन इकाई अग्रलिखित है-

1. जनपद स्तर पर प्रारम्भिक स्तरीय राष्ट्रीय बालिका शिक्षा परियोजना


अध्यक्ष – प्राचार्य डायट
सचिव – बेसिक शिक्षा अधिकारी

समन्वयक जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा)
सदस्य – सरकारी/गैर-सरकारी संस्थाओं के सक्रिय प्रतिनिधि जिनमें     महिला समाख्या के प्रतिनिधि को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाय। (कुल 20 सदस्य)।

2. ब्लाक स्तर पर प्रारम्भिक स्तरीय राष्ट्रीय बालिका शिक्षा परियोजना

जेण्डर को आर्डिनेटर – सहायक समन्वयक, बी.एस.ए. द्वारा नामित
सदस्य – सरकारी/गैर-सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि

जिन विकास खण्डों में महिला समाख्या कार्यरत हैं, वहाँ ब्लाक क्रियान्वयन समिति में महिला समाख्या को भी सम्मिलित किया जायेगा।
प्रारम्भिक स्तरीय राष्ट्रीय बालिका शिक्षा परियोजना की प्रमुख निर्धारित बैठकें निम्नलिखित रूप में होती हैं-
(1) जिला जेण्डर यूनिट-प्रत्येक माह की 10 तारीख
(2) ब्लॉक स्तरीय क्रियान्वयन समिति-प्रत्येक माह की 4 तारीख
(3) ग्राम स्तर पर ग्राम शिक्षा समिति की बैठक एम.टी.ए./पी.टी.ए. डब्ल्यू. एम. जी. के साथ-प्रत्येक माह के अन्तिम सप्ताह, अवकाश होने पर अगले कार्य दिवस को।


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