बुद्धि का अर्थ और परिभाषा,बुद्धि के सिद्धान्त,बुद्धि परीक्षण,बुद्धि लब्धि,

दोस्तों बाल मनोविज्ञान में बुद्धि का अर्थ और परिभाषा,बुद्धि के सिद्धान्त,बुद्धि परीक्षण,बुद्धि लब्धि टॉपिक बहुत ही महत्वपूर्ण है इसलिए हमारी वेबसाइट hindiamrit.com का आज का टॉपिक आपको इसी विषय का विस्तृत ज्ञान कराना है।

Contents

बुद्धि का अर्थ और परिभाषा,बुद्धि के सिद्धान्त,बुद्धि परीक्षण,बुद्धि लब्धि,

बुद्धि का अर्थ और परिभाषा,बुद्धि के सिद्धान्त,बुद्धि परीक्षण,बुद्धि लब्धि,

बुद्धि का अर्थ (meaning of intelligence)

इस बुद्धि शब्द का प्रयोग सामान्यता प्रज्ञा, प्रतिभा, ज्ञान एवं समाज इत्यादि के अर्थों में किया जाता है।

यह वह शक्ति है जो हमें समस्याओं का समाधान करने एवं उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।

यद्यपि बुद्धि के संदर्भ में मनोवैज्ञानिकों में मतभेद हैं फिर भी यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है।

कि किसी के व्यक्तित्व का मुख्य निर्धारक बुद्धि है,क्योंकि इससे व्यक्ति की योग्यता का पता चलता है।

इसे व्यक्ति की जन्मजात शक्ति कहा जाता है। जिसके उचित विकास में उसके परिवेश की भूमिका प्रमुख होती है ।

मानव विकास की विभिन्न अवस्था में बुद्धि के विकास में भी अंतर होता है।

बुद्धि के मुख्य 3 पक्ष होते हैं-

> कार्यात्मक 
> क्रियात्मक
> संरचनात्मक

★★★ इसको आपको पढ़ना चाहिए

>> वैयक्तिक भिन्नता का अर्थ,परिभाषा,प्रकार,शिक्षण, महत्व, (opens in a new tab)”>>>> वैयक्तिक भिन्नता का अर्थ,परिभाषा,प्रकार,शिक्षण, महत्व,


बुद्धि ,बुद्धि की विशेषताएं ,बुद्धि के सिद्धांत ,बुद्धि के प्रकार, बुद्धि लब्धि ,बुद्धि लब्धि का वर्गीकरण, बुद्धि परीक्षण, बुद्धि परीक्षण का इतिहास, बुद्धि परीक्षण के प्रकार ,आर्मी अल्फा परीक्षण ,आर्मी बीटा परीक्षण, बिने साइमन बुद्धि परीक्षण, the a and b concept of intelligence,definition of intelligence psychology in hindi,theories of intelligence in psychology, budhi prikshan , budhi ke pramukh sidhant kon hain,बुद्धि का अर्थ हिंदी में,बुद्धि का अर्थ बताइये,बुद्धि की परिभाषा,बुद्धि लब्धि के जन्मदाता,बिने साइमन बुद्धि परीक्षण,सामाजिक बुद्धि,अमूर्त बुद्धि क्या है,बुद्धि का त्रिआयामी सिद्धान्त,बहुआयामी बुद्धि,गिलफोर्ड का बुद्धि का सिद्धांत,बुद्धि के प्रकार pdf,गैरिट के अनुसार बुद्धि के प्रकार,बुद्धि के सिद्धान्त ट्रिक,बुद्धि का महत्व,बहु बुद्धि के प्रकार,सामाजिक बुद्धि pdf,बुद्धि का अर्थ और परिभाषा,बुद्धि के सिद्धान्त,बुद्धि परीक्षण,बुद्धि लब्धि,
बुद्धि लब्धि,बुद्धि परीक्षण, बुद्धि के सिद्धांत

बुद्धि की परिभाषा (definition of intelligence)

टर्मन के अनुसार

“बुद्धि अमूर्त विचारों के संदर्भ में सोचने की योग्यता है।”

वुडवर्थ के अनुसार

“बुद्धि , कार्य करने की एक विधि है।”

वुडरों के अनुसार

“बुद्धि , ज्ञान अर्जन करने की क्षमता है।”

हेनमान के अनुसार

“बुद्धि में मुख्य तत्व होते हैं ज्ञान की क्षमता एवं निहित ज्ञान।”

थार्नडाइक के अनुसार

“सत्य तथा तथ्य के दृष्टिकोण से उत्तम प्रतिक्रियाओं की शक्ति बुद्धि है।”

रायबर्न के अनुसार

“बुद्धि वह शक्ति है जो हमें समस्याओं का समाधान करने और उद्देश्यों को प्राप्त करने की क्षमता देती है।”

वैशलर के अनुसार

“बुद्धि किसी व्यक्ति के द्वारा उद्देश्य पूर्ण ढंग से कार्य करने , तार्किक चिंतन करने तथा वातावरण के साथ प्रभावपूर्ण ढंग से क्रिया करने की सामूहिक योग्यता है।”

कॉल्विन के अनुसार

“यदि व्यक्ति ने अपने वातावरण से सामंजस्य करना सीख लिया या सीख सकता है तो उसमें बुद्धि है।”

रॉस के अनुसार

“नवीन परिस्थितियों से चेतन अनुकूलन ही बुद्धि है।

मन के अनुसार

“नवीन परिस्थितियों को झेलने की मस्तिष्क की नमनीयता  बुद्धि है।”

बर्ट के अनुसार

“बुद्धि अच्छी तरह निर्णय करने , समझने एवं तर्क करने की योग्यता है।”

बुद्धि के सिद्धान्त (principles of intelligence)

(1) एक कारक सिद्धांत (unifactor theory)

इसका प्रतिपादन  अल्फ़र्ड बिने (Binet) ने किया।

इस सिद्धांत का समर्थन कर इसको आगे बढ़ाने का श्रेय टर्मन और स्टर्न जैसे मनोवैज्ञानिकों को है।

इस प्रकार इस सिद्धांत के प्रतिपादक बिने,टर्मन और स्टर्न माने जाते है।

इन मनोवैज्ञानिकों का मत है बुद्धि एक अविभाज्य इकाई है।

स्पष्ट है कि सिद्धांत के अनुसार बुद्धि को एक शक्ति या एक कारक के रूप में माना गया है।

इन मनोवैज्ञानिकों के अनुसार बुद्धि व मानसिक शक्ति है जो व्यक्ति के समस्त कार्यों का संचालन करती है तथा व्यक्ति के समस्त व्यवहारों को प्रभावित करती है।

■■■ इन दो महत्वपूर्ण टॉपिक को पढ़ लीजिये

●●●● बाल विकास के सिद्धांत

◆◆◆ बाल विकास को प्रभावित करने वाले कारक

(2) द्वि कारक सिद्धांत (two factor theory)

इस सिद्धांत का प्रतिपादन स्पीयरमैन ने किया।

इस सिद्धांत के अनुसार बुद्धि में दो कारक हैं।

ये भी पढ़ें-  किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,समस्याएं,किशोरावस्था में शिक्षा

सभी प्रकार के मानसिक कार्यों में दो प्रकार की मानसिक योग्यताओं की आवश्यकता होती है।

★ प्रथम सामान्य मानसिक योग्यता

★ द्वितीय विशिष्ट मानसिक योग्यता

एक व्यक्ति जितने ही क्षेत्रों अथवा विषयों में कुशल होता है।उसमें उतनी ही विशिष्ट योग्यताएं पाई जाती हैं।

यदि एक व्यक्ति में एक से अधिक विशिष्ट योग्यताएं हैं तो इन विशिष्ट योग्यताओं में कोई विशेष संबंध नहीं पाया जाता है।

प्रत्येक व्यक्ति में सामान्य मानसिक योग्यता के अतिरिक्त कुछ न कुछ विशेष योग्यता पाई जाती हैं।



(3) बहुकारक सिद्धांत (multi factor theory)

सिद्धांत के मुख्य समर्थक थार्नडाइक थे।

इस सिद्धांत के अनुसार बुद्धि कई तत्वों का समूह होती है। और प्रत्येक तत्व में कोई सूक्ष्म योग्यता निहित होती है।

अतः सामान्य बुद्धि नाम की कोई चीज नहीं होती है।

बल्कि बुद्धि में कोई स्वतंत्र विशिष्ट योग्यताएं निहित रहती हैं जो विभिन्न कार्यों को संपादित करते हैं।



(4) प्रतिदर्श सिद्धांत (sampling theory)

इस सिद्धांत का प्रतिपादन थॉमसन ने किया था

थॉमसन ने अपने इस सिद्धांत का प्रतिपादन स्पीयरमैन के द्वि कारक सिद्धांत के विरोध में किया था।

प्रतिदर्श सिद्धांत के अनुसार बुद्धि कई स्वतंत्र तत्वों से बनी होती है।

कोई विशिष्ट परीक्षण या विद्यालय संबंधी क्रिया में इनमें से कुछ तत्व स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगते हैं।

यह भी हो सकता है कि दो या अधिक परीक्षाओं में एक ही प्रकार के तत्व दिखाई दें तब उनमें एक सामान्य तत्व की विद्यमानता पाई जाती है।

यह भी संभव है कि अन्य परीक्षा में विभिन्न तत्व दिखाई दें तब उनमें कोई तत्व सामान्य नहीं होगा।और प्रत्येक तत्व अपने आप में विशिष्ट होगा।

थॉमसन ने इस बात का तर्क दिया कि व्यक्ति का बौद्धिक व्यवहार अनेक स्वतंत्र योग्यताओं पर निर्भर करता है किंतु इन स्वतंत्र योग्यताओं का क्षेत्र सीमित होता है।


(5) ग्रुप तत्व सिद्धांत / समूह तत्व सिद्धांत (group factor theory)

सिद्धांत के समर्थकों में थर्स्टन का नाम प्रमुख है।

प्रारंभिक मानसिक योग्यताओं का परीक्षण करते हुए वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे। कि कुछ मानसिक क्रियाओं में एक प्रमुख तत्व  सामान्य रूप से विद्यमान होता है। जो उन क्रियाओं के कई ग्रुप होते हैं उनमें अपना एक प्रमुख तत्व होता है।

जो तत्व सभी प्रतिभात्मक योग्यताओं में तो सामान्य नहीं होते परंतु कई क्रियाओं में सामान होते हैं उन्हें ग्रुप तत्व की संज्ञा दी गई है।

ग्रुप तत्व सिद्धांत की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि यह सामान्य तत्व की धारणा का खंडन करता है।

थर्स्टन ने 7 प्राथमिक मानसिक योग्यताओं का प्रतिपादन किया

(1) प्रेक्षण योग्यता (spatial ability)

(2) अंक योग्यता ( number ability)

(3) शाब्दिक योग्यता ( verbal ability)

(4) वाक शक्ति ( word ability)

(5) स्मरण शक्ति ( memory ability)

(6) तार्किक योग्यता ( reasoning ability)

(7) पर्यवेक्षण शक्ति ( cereptual ability)



(6) पदानुक्रमित सिद्धांत / त्रि आयामी सिद्धांत / गिलफोर्ड का सिद्धांत / बहुआयामी सिद्धांत (multi dimensional theory)

जेपी गिल्फोर्ड और उसके सहयोगियों ने बुद्धि परीक्षण से संबंधित कई परीक्षणों पर कारक विश्लेषण तकनीकी का प्रयोग करते हुए मानव बुद्धि के विभिन्न तत्व या कारकों को प्रकाश में लाने वाला प्रतिमान विकसित किया ।

उन्होंने अपने अध्ययन प्रयासों के द्वारा या प्रतिपादित करने की चेष्टा की कि हमारी किसी भी मानसिक प्रक्रिया अथवा बौद्धिक कार्य को तीन आधारभूत आयामों ― संक्रिया, सूचना सामग्री या विषय वस्तु तथा उत्पादन में विभाजित किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें-  कोहलबर्ग का नैतिक विकास का सिद्धांत(moral development theory of kohlberg in hindi )

संक्रिया का अर्थ यहां हमारी इस मानसिकता तत्परता और कार्यशीलता से होता है।

जिसकी मदद से हम किसी भी सूचना सामग्री या विषय वस्तु को अपने चिंतन तथा मनन का विषय बनाते हैं।

या दूसरे शब्दों में इसे चिंतन तथा मनन का प्रयोग करते हुए अपनी बुद्धि को काम में लाने का प्रयास कहा जा सकता है।

हमारे चैनल को सब्सक्राइब करके हमसे जुड़िये और पढ़िये नीचे दी गयी लिंक को टच करके विजिट कीजिये ।

https://www.youtube.com/channel/UCybBX_v6s9-o8-3CItfA7Vg


(7) तरल ठोस सिद्धांत / फ्लूइड तथा क्रिस्टलाइज्ड सिद्धांत ( fluid and crystalized theory)

इस सिद्धांत के प्रतिपादक कैटल हैं।

तरल(फ्लूइड)  वंशानुक्रम कार्यकुशलता अथवा केंद्रीय नाड़ी संस्थान की दी हुई विशेषता पर आधारित एक सामान्य योग्यता है।

यह सामान योग्यता संस्कृति से ही प्रभावित नहीं होती बल्कि नवीन एवं विगत परिस्थितियों से भी प्रभावित होती है।

दूसरी ओर ठोस (क्रिस्टलाइज्ड) भी एक  प्रकार की सामान्य योग्यता है जो अनुभव, अधिगम तथा वातावरण संबंधी कारकों पर आधारित होती है।



बुद्धि के सिद्धांत, बुद्धि परीक्षण, बुद्धि लब्धि

बुद्धि की विशेषताएं (properties of intelligence)

(1) बुद्धि व्यक्ति की जन्मजात शक्ति है।

(2) बुद्धि व्यक्ति को अमूर्त चिंतन की योग्यता प्रदान करती है।

(3) बुद्धि व्यक्ति को विभिन्न बातों को सीखने में सहायता देती है।

(4) बुद्धि व्यक्ति को अपने गत अनुभवों से लाभ उठाने की क्षमता देती है।

(5) बुद्धि व्यक्ति को भले – बुरे ,सत्य – असत्य, नैतिक व नैतिक में अंतर करने की योग्यता प्रदान करती है।

(6) बुद्धि का विकास जन्म से किशोरावस्था तक माना जाता है।

(7) बुद्धि पर वंशानुक्रम व वातावरण का प्रभाव पड़ता है।



बुद्धि के प्रकार (types of intelligence)

(1) गैरिट के अनुसार बुद्धि के प्रकार

(i) मूर्त बुद्धि

इसे गामक या यांत्रिक बुद्धि भी कहते हैं। इसका संबंध यंत्र व मशीनों से होता है।
जैसे कारीगर, मैकेनिक, इंजीनियर तथा औद्योगिक कार्यकर्ता आदि की बुद्धि।

(ii) अमूर्त बुद्धि

इसका संबंध पुस्तक की ज्ञान से होता है।जिस व्यक्ति में यह बुद्धि होती है वह ज्ञानार्जन में विशेष रुचि लेता है।

जैसे वकील, डॉक्टर ,दार्शनिक, चित्रकार व साहित्यकार आदि।

(iii) सामाजिक बुद्धि

इस बुद्धि का संबंध व्यक्तिगत व सामाजिक कार्यों से होता है। इसके अंतर्गत आने वाले व्यक्ति मिलनसार,सामाजिक कार्यों में रूचि लेने वाले व मानव संबंध के ज्ञान से परिपूर्ण होते हैं।

जैसे व्यवसाई, कूटनीतिज्ञ व सामाजिक कार्यकर्ता आदि


(2) थार्नडाइक के अनुसार बुद्धि के प्रकार

थार्नडाइक  का विभाजन भी गैरिट की तरह ही है।
बस इन्होंने बुद्धि का नाम अलग दिया,जबकि परिभाषा व उदाहरण समान ही है।

(i) अमूर्त बुद्धि

शब्दों प्रतीकों समस्या समाधान आदि के रूप में अमूर्त बुद्धि का प्रयोग किया जाता है।

(ii) समाजिक बुद्धि

समाज में समायोजन किया जाता है।

(iii) यांत्रिक बुद्धि

व्यक्ति यंत्रों का भौतिक वस्तुओं का परिचालन करता है।



बुद्धि परीक्षण या बुद्धि का मापन ( intelligence test )

बुद्धि परीक्षण के द्वारा व्यक्ति के व्यक्तित्व की विशेषताओं का पता लगाया जाता है।

अल्फ़र्ड बिने ने 1905 में सर्वप्रथम बुद्धि परीक्षण का निर्माण किया।

इसके बाद बुद्धि को मापने के लिए अनेक परीक्षण बनाए गए व इन्हें बनाने का क्रम आज भी पूरे विश्व में चल रहा है।

बुद्धि परीक्षणों का वर्गीकरण कई आधारों पर किया जा सकता है-

ये भी पढ़ें-  मूल्यांकन के पक्ष | व्यापक मूल्यांकन के पक्ष | संज्ञानात्मक, क्रियात्मक, भावात्मक पक्ष

(1) प्रशासन या क्रियान्वयन के आधार पर

(A) वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण
(B) सामूहिक बुद्धि परीक्षण

(2) पदों या प्रश्नों के स्वरूप के आधार पर

(A) शाब्दिक बुद्धि परीक्षण
(B) अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण
(C) क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण
(D) अभाषायीबुद्धि परीक्षण

(3) अन्य आधार पर

(A) गति बुद्धि परीक्षण
(B) शक्ति बुद्धि परीक्षण


बुद्धि ,बुद्धि की विशेषताएं ,बुद्धि के सिद्धांत ,बुद्धि के प्रकार, बुद्धि लब्धि ,बुद्धि लब्धि का वर्गीकरण, बुद्धि परीक्षण, बुद्धि परीक्षण का इतिहास, बुद्धि परीक्षण के प्रकार ,आर्मी अल्फा परीक्षण ,आर्मी बीटा परीक्षण, बिने साइमन बुद्धि परीक्षण, the a and b concept of intelligence,definition of intelligence psychology in hindi,theories of intelligence in psychology, budhi prikshan , budhi ke pramukh sidhant kon hain,बुद्धि का अर्थ हिंदी में,बुद्धि का अर्थ बताइये,बुद्धि की परिभाषा,बुद्धि लब्धि के जन्मदाता,बिने साइमन बुद्धि परीक्षण,सामाजिक बुद्धि,अमूर्त बुद्धि क्या है,बुद्धि का त्रिआयामी सिद्धान्त,बहुआयामी बुद्धि,गिलफोर्ड का बुद्धि का सिद्धांत,बुद्धि के प्रकार pdf,गैरिट के अनुसार बुद्धि के प्रकार,बुद्धि के सिद्धान्त ट्रिक,बुद्धि का महत्व,बहु बुद्धि के प्रकार,सामाजिक बुद्धि pdf,बुद्धि का अर्थ और परिभाषा,बुद्धि के सिद्धान्त,बुद्धि परीक्षण,बुद्धि लब्धि,
बुद्धि का अर्थ,बुद्धि के सिद्धांत

बुद्धि लब्धि / बुद्धि लब्धांक (intelligence quotient)

पाश्चात्य मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि के प्रमाणिक मापन की विधियों की खोज की।

इस संदर्भ में सर्वप्रथम जर्मन मनोवैज्ञानिक विलियम वुण्ट का नाम आता है।

जिसने 1879 में बुद्धि के मापन के लिए मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला की स्थापना की।

फ्रांसीसी मनोवैज्ञानिक अल्फ्रेड बिने एवं उसके साथी साइमन ने सामान्य बुद्धि के मापन का आधार बच्चों के निर्णय, स्मृति, तर्क एवं आंकिक जैसे मानसिक कार्यों को माना ।

इसकी माप बुद्धि परीक्षण द्वारा की जाती है।बुद्धि परीक्षण के आधार पर बुद्धि लब्धि (intelligence quotient)  ज्ञात की जाती है।

इस बुद्धि लब्धि  (intelligence quotient) का संप्रत्यय टर्मन ने दिया जबकि जर्मनी के विलियम स्टर्न ने 1912 में इसके विषय में सुझाव रखे थे।


बुद्धि लब्धि का सूत्र  ( formula of intelligence quotient)

बुद्धि लब्धि (I.Q.) =   (मानसिक आयु ÷ वास्तविक आयु)×100

जैसे- यदि किसी बालक की मानसिक आयु 12 वर्ष है और वास्तविक आयु 10 वर्ष है तो उसकी बुद्धि लब्धि की गणना कीजिए।

I.Q.=(12÷10)×100

I.Q.=120






टरमैन 1916 में स्टैनफोर्ड बिने परीक्षण के साथ बुद्धि लब्धि के वितरण की तालिका में भी प्रस्तुत की जिनमें विभिन्न बुद्धि लब्धि गुण आंखों के लिए बालकों व व्यक्तियों की प्रतिशत संख्याएं भी दी थी 

बहुआयामी बुद्धि क्या है

केली व थर्स्टन नामक मनोवैज्ञानिकों ने बताया कि बुद्धि का निर्माण प्राथमिक मानसिक योग्यताओं द्वारा होता है।

केली के अनुसार बुद्धि का निर्माण इन योग्यताओं से होता है-

(1) वाचिक योग्यता (2) गामक योग्यता(3) सांख्यिकी योग्यता
(4) यांत्रिकी योग्यता (5) सामाजिक योग्यता (6) संगीतात्मक योग्यता (7) स्थानिक संबंधों के साथ उचित ढंग से व्यवहार करने की योग्यता (8) रुचि और शारीरिक योग्यता

वैसे तो अधिकतर मनोवैज्ञानिकों ने केली व थर्स्टन के बुद्धि सिद्धांतों की आलोचना की।

किंतु अधिकतर मनोवैज्ञानिकों ने यह भी माना कि बुद्धि का बहुआयामी होना निश्चित तौर पर संभव है।

बहुआयामी बुद्धि होने के कारण ही कुछ लोग कई तरह के कौशलों में निपुण होते हैं।


दोस्तों आपको यह आर्टिकल बुद्धि का अर्थ और परिभाषा,बुद्धि के सिद्धान्त,बुद्धि परीक्षण,बुद्धि लब्धि पढ़कर कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं तथा इसे शेयर जरूर करें।

००० आपके लिए उपयोगी लिंक

°°° अभिप्रेरणा का सम्पूर्ण विषयवस्तु एक जगह पढ़ लीजिये





बुद्धि ,बुद्धि की विशेषताएं ,बुद्धि के सिद्धांत ,बुद्धि के प्रकार, बुद्धि लब्धि ,बुद्धि लब्धि का वर्गीकरण, बुद्धि परीक्षण, बुद्धि परीक्षण का इतिहास, बुद्धि परीक्षण के प्रकार ,आर्मी अल्फा परीक्षण ,आर्मी बीटा परीक्षण, बिने साइमन बुद्धि परीक्षण, the a and b concept of intelligence,definition of intelligence psychology in hindi,theories of intelligence in psychology, budhi prikshan , budhi ke pramukh sidhant kon hain,बुद्धि का अर्थ हिंदी में,बुद्धि का अर्थ बताइये,बुद्धि की परिभाषा,बुद्धि लब्धि के जन्मदाता,बिने साइमन बुद्धि परीक्षण,सामाजिक बुद्धि,अमूर्त बुद्धि क्या है,बुद्धि का त्रिआयामी सिद्धान्त,बहुआयामी बुद्धि,गिलफोर्ड का बुद्धि का सिद्धांत,बुद्धि के प्रकार pdf,गैरिट के अनुसार बुद्धि के प्रकार,बुद्धि के सिद्धान्त ट्रिक,बुद्धि का महत्व,बहु बुद्धि के प्रकार,सामाजिक बुद्धि pdf,बुद्धि का अर्थ और परिभाषा,बुद्धि के सिद्धान्त,बुद्धि परीक्षण,बुद्धि लब्धि,

2 thoughts on “बुद्धि का अर्थ और परिभाषा,बुद्धि के सिद्धान्त,बुद्धि परीक्षण,बुद्धि लब्धि,”

    • बुद्धि कोई भौतिक राशि नहीं है इसीलिए इसका मात्रक नहीं होता है। इसकी गणना प्रयोगों द्वारा होती है। जिसे हम केवल संख्या द्वारा प्रदर्शित करते हैं।

      Reply

Leave a Comment